लिक्विडिटी रेशियो क्या है?

पूरी लोनअवधि में 1.77 लाख रुपए का बोझ बढ़ जाएगा
यदि 20 साल के पूरे लोन अवधि की बात की जाए तो पहले के ब्याज दर के हिसाब से ग्राहक को 20 साल में कुल 28,00,271 रुपए ब्याज के रूप में अदा करना पड़ता। लेकिन अब रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद ब्याज दर बढ़ाए जाने से कुल ब्याज देनदारी 29,77,636 रुपये हो जाएगी। इस तरह नई ब्याज दर के आधार पर पर कुल 1,77,365 रुपये का बोझ बढ़ जाएगा।
पर्सनल फाइनेंस: इमरजेंसी फंड रेशियो से समझें कोरोना क्राइसिस से निपटने के लिए आपके पास पर्याप्त पैसों की व्यवस्था है या नहीं
कोरोनावायरस के कारण बाजार में मंदी का दौर जारी है ऐसे में कई लोगों को नौकरी जाने का डर भी सता रहा है। विपरीत समय से निपटने के लिए जरूरी है कि आपका मनी मैनेटमेंट सही हो। इस विपरीत समय लिक्विडिटी रेशियो क्या है? में लोगों की इमरजेंसी फंड ने बहुत मदद की है। आप भी इस कठिन समय में सही मनी मैनेजमेंट अपनाकर इससे निपट सकते हैं। इसके लिए इमरजेंसी फंड रेशियो का ध्यान रखना जरूरी है। हम आपको इस बारे में बता रहे हैं।
क्या है इमरजेंसी फंड रेशियो?
इमरजेंसी फंड रेशियो को लिक्विडिटी रेशियो भी कहा जाता है। यह एक तरह का पर्सनल फाइनेंस रेशियो है जो यह बताता है कि कोई घर खर्चों को पूरा करने के लिए अपने मौजूदा एसेट को कितनी आसानी से कैश में बदल सकता है। इससे आप अपनी वित्तीय स्थिति का सही अनुमान लगा सकते हैं।
क्या होता है रेपो रेट, सीआरआर और मॉनिटरी पॉलिसी? क्या हैं इसके घटने-बढ़ने के मायने
बुधवार को रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की आरबीआई की घोषणा के बाद तीन सरकारी और एक निजी बैंक ने होम सहित दूसरे लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी है। अन्य बैंक भी ब्याज दरों को बढ़ाने की तैयारी में जुटी है। रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, सीआरआर, मॉनिटरी पॉलिसी सहित बिजनेस और बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ी अन्य टर्म की जानकारी आम लोगों को कम ही होती है। यहां जानिए इन टर्मों के बारे में।
Published: May 06, 2022 12:37:34 pm
Repo Rate: बीते बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी का ऐलान किया था। आरबीआई की इस घोषणा के बाद 24 घंटे बाद भी तीन सरकारी और एक लिक्विडिटी रेशियो क्या है? निजी बैंक ने होम सहित दूसरे लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी है। जाहिर है कि बैंकों का ब्याज दर बढ़ने के साथ ही ईएमआई भी बढ़ेगी। हालांकि रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, सीआरआर, मॉनिटरी पॉलिसी सहित बिजनेस और बैंकिग क्षेत्र से जुड़े अन्य टर्म की जानकारी आम लोगों को कम ही होती है। इसलिए यहां उदाहरण के साथ सामान्य बोलचाल की भाषा में जानिए रेपो रेट बढ़ाए जाने का आपपर क्या प्रभाव पड़ेगा?
RBI MPC Meeting: बैंक नहीं चाहते हैं फिर से लगे 90 हजार करोड़ का झटका, रिजर्व बैंक से CRR नहीं बढ़ाने की अपील
TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर
Updated on: Jun 07, लिक्विडिटी रेशियो क्या है? 2022 | 3:20 PM
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (RBI MPC meeting) की अहम बैठक जारी है. 8 जून को इस बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी गवर्नर शक्तिकांत दास देंगे. इधर बैंकों ने सेंट्रल बैंक से अपील की है कि वह कैश रिजर्व रेशियो (Cash reserve ratio) को नहीं बढ़ाए. उनका कहना है कि इससे उनकी लिक्विडिटी पर असर होगा. इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने बैंकों की तरफ से रिजर्व बैंक से यह अपील की है. बैंकों के पास सरप्लस लिक्विडिटी घटकर 3.5 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है जो पूर्व में 6 लाख करोड़ के करीब था. मई में हुई आपात बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने कैश रिजर्व रेशियो को बढ़ाने का फैसला किया था.
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ETF नाम तो सुना ही होगा! आखिर क्या बला है जिस पर निवेशक लट्टू हुए जा रहे, एक बेहतर ईटीएफ का चुनाव कैसे करें?
भारत में कुल एयूएम में ETF की हिस्सेदारी 10 फीसदी से ज्यादा पहुंच गई है.
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ में निवेश आजकल काफी लोकप्रिय हो रहा है. इसमें किसी स्टॉक की तुलना में काफी कम जोखिम रहता है और एक्सपेंस रेशियो कम होने की वजह से यह किफायती निवेश विकल्प बन जाता है. एक सही ETF का चुनाव करना भी कई मायनों में समझदारी का काम है.
- News18Hindi
- Last Updated : May 06, 2022, 15:05 IST
नई दिल्ली. शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों ने अक्सर ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के बारे में सुना होगा. आजकल यह काफी लोकप्रिय हो रहा है और म्यूचुअल फंड कंपनियां भी लगातार नए-नए ETF बाजार में लांच कर रही लिक्विडिटी रेशियो क्या है? हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ETF है क्या और यह कैसे काम करता है.
जैसा कि नाम से ही जाहिर होता है ETF किसी एक्सचेंज के साथ ट्रेडिंग करने की सुविधा देता है. वैसे तो यह एक तरह का म्यूचुअल लिक्विडिटी रेशियो क्या है? फंड ही है, जिसमें कई तरह के डेट विकल्पों और बांड का बंच होता है. लेकिन म्यूचुअल फंड और ETF में बेसिक अंतर ये है कि इसे सिर्फ स्टॉक एक्सचेंज से ही खरीदा या बेचा जा सकता है. एक निवेशक के रूप में जैसे आप एक्सचेंज पर कारोबार के दौरान शेयरों की खरीद-फरोख्त करते हैं, उसी तरह ETF में भी कारोबारी घंटों के दौरान ही ट्रेडिंग हो सकती है.
रेपो रेट, रिवर्स रेपो और सीआरआर होता क्या है, जानिए
नई दिल्ली (जेएनएन)। मौद्रिक नीति समिति की बैठक में नीतिगत ब्याज दरों को 6.25 फीसद पर बरकरार रखा गया है। ब्याज दरों में बदलाव न किए जाने को लेकर एमपीसी के पांच सदस्यों ने सहमति जताई है। लिक्विडिटी रेशियो क्या है? एमपीसी की अगली बैठक 1 और 2 अगस्त को होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर मौद्रिक नीति समिति की बैठक के दौरान सुनाई पड़ने वाले भारी भरकम शब्द रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर का मतलब क्या होता है। हम लिक्विडिटी रेशियो क्या है? अपनी खबर के माध्यम से आपको इन्हीं शब्दों का मतलब बताने की कोशिश करेंगे।
क्या होती है रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। मसलन, गृह ऋण, वाहन ऋण आदि।