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कोट करेंसियां

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बिट क्वाइन या डिजिटल करेंसी को वैसे भी खतरा माना जाता है। यह किसी रेगुलेटर के दायरे में नहीं है। इसकी टैक्स की देनदारी नहीं होती है। यह किसी जरूरी सामानों के लिए उपयोग में नहीं लाई जा सकती है। कई देश पहले ही मान चुके हैं कि रिश्वत देने और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए इसका उपयोग किया जाएगा। यह ब्लैकमनी और मनी लांड्रिंग के लिए सबसे उपयुक्त तरीका है।

Confusion On Crypto: भारत में क्रिप्टो करेंसी से जुड़े नियम आने में लगेगा समय, वित्त कोट करेंसियां मंत्री सीतारमण ने बताया कारण

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: April 27, 2022 20:43 IST

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Photo:PTI

Confusion On Crypto: भारत में क्रिप्टो करेंसी के नियमन को कोट करेंसियां लेकर असमंजस की स्थिति जारी है। इस साल बजट में क्रिप्टो पर 30 प्रतिशत के कोट करेंसियां टैक्स के बाद भी क्रिप्टो में निवेश की वैधता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। हालांकि सरकार इसे लेकर किसी भी तरह की जल्दी में नहीं दिख रही है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए कहा कि भारत इस डिजिटल मुद्रा के नियमन को लेकर सोच-विचार कर निर्णय करेगा। उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान बातचीत में कहा कोट करेंसियां कि क्रिप्टो पर निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा।

क्रिप्टो को लेकर खुली सोच

सीतारमण ने कहा, ‘‘ हमें यह सुनिश्चित करना है कोट करेंसियां कि जो भी उपलब्ध जानकारी है, उसके आधार पर उचित निर्णय लिया जाए। इसमें जल्दबाजी नहीं की जा सकती। इसमें समय लगेगा।’’ मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ‘ब्लॉकचेन’ से जुड़ी नकनीत में इनोवेशन और उसे आगे बढ़ाने को लेकर पूरी तरह से तैयार है। सीतारमण ने कहा कि हमारा इरादा किसी भी तरह से इसे (क्रिप्टो से जुड़े इनोवेशन) प्रभावित करना नहीं है।

क्रिप्टो के गलत इस्तेमाल को लेकर वित्तमंत्री ने कहा कि मनी लांड्रिंग या आतंकवादियों के वित्तपोषण को लेकर क्रिप्टोकरेंसी में हेराफेरी भी की जा सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कि ये कुछ चिंताएं हैं। ये चिंताएं केवल भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों की हैं। इस पर विभिन्न मंचों पर चर्चा भी हुई है।

भारत लाएगा डिजिटल करेंसी

उल्लेखनीय है कि भारत केंद्रीय बैंक के समर्थन वाली डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) पेश करने की योजना बना रहा है। सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि भारतीय रिजर्व बैंक 2022-23 में डिजिटल रुपया या सीबीडीसी जारी करेगा।

एचडीएफसी लि.और एचडीएफसी बैंक के विलय के बारे में सीतारमण ने कहा कि यह अच्छा कदम है क्योंकि भारत को बुनियादी ढांचे के लिये बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए कई बड़े बैंकों की जरूरत है।

डिजिटल करेंसी से खतरे की आशंका: फेसबुक की डिजिटल करेंसी लिब्रा को जी-7 देशों ने रोकने की मांग की, जल्द ही हो सकता है फैसला

फेसबुक का डिजिटल करेंसी प्रोजेक्ट पिछले साल लांच किया गया था। अभी यह शुरू नहीं हो पाया है। इसे एक खतरे के रूप में देखा जा रहा है। 15 अक्टूबर को यूरोपोल ने डिजिटल करेंसी में मनी लांड्रिंग के मामले में 16 देशों में 20 लोगों को गिरफ्तार किया था - Dainik Bhaskar

फेसबुक का डिजिटल करेंसी प्रोजेक्ट पिछले साल लांच किया गया था। अभी यह शुरू नहीं हो पाया है। इसे एक खतरे के रूप में देखा जा रहा है। 15 अक्टूबर को यूरोपोल ने डिजिटल करेंसी में मनी लांड्रिंग के मामले में 16 देशों में 20 लोगों को गिरफ्तार किया था

  • पिछले हफ्ते जी-7 देशों के सदस्यों ने वर्तमान फॉर्म में लिब्रा को लांच करने पर रोक लगाने की मांग की थी
  • डिजिटल करेंसी को खतरा माना जाता है। भारत में आरबीआई ने इस पर रोक लगाई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे मंजूरी दे दी है

अमेरिका ने करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट से हटाया भारत का नाम

अमेरिका ने करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट से हटाया भारत का नाम |_40.1

अमेरिका के वित्त विभाग ने इटली, मेक्सिको, थाईलैंड, वियतनाम के साथ भारत को प्रमुख व्यापारिक भागीदारों की मुद्रा निगरानी सूची (कोट करेंसियां Currency Monitoring list) से हटा दिया है। भारत पिछले दो साल से इस सूची में था। इस व्यवस्था के तहत प्रमुख व्यापार भागीदारों के मुद्रा को लेकर गतिविधियों तथा वृहत आर्थिक नीतियों पर करीबी नजर रखी जाती है। अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन (Janet Yellen) ने अपनी भारत यात्रा के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक की। इसी दिन अमेरिका के वित्त विभाग ने यह कदम उठाया है।

वित्त विभाग ने संसद को अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान सात देश हैं, जो मौजूदा निगरानी सूची में हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन देशों को सूची से हटाया गया है, उन्होंने लगातार दो रिपोर्ट में तीन में से सिर्फ एक मानदंड पूरा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपने विदेशी विनिमय हस्तक्षेप को प्रकाशित करने में विफल रहने और अपनी विनिमय दर तंत्र में पारदर्शिता की कमी के चलते वित्त विभाग की नजदीकी निगरानी में है।

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