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प्लेटफार्म के नुकसान

प्लेटफार्म के नुकसान
लॉकडाउन हटने के बाद दिल्ली के सात रेलवे स्टेशन और मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री शुरू कर दी है। रेलवे के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के इन आठ रेलवे स्टेशनों पर अब प्लेटफॉर्म टिकट 30 रुपये का मिल रहा है। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया है कि स्टेशनों पर भीड़ कम करने के लिए यह व्यवस्था की गई है। कीमत इसलिए ज्यादा रखी गई है, जिससे लोग बेवजह रेलवे स्टेशनों पर जाने से बचें। इसका मकसद कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर रेलवे स्टेशन पर भीड़ को काबू करना है।

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यात्रीगण ध्यान दें! Platform Tickets से भी हो सकता है ट्रेन का सफर, जान लीजिए क्या हैं इसके नफा नुकसान

Platform Tickets Rules: अगर आपको इमरजेंसी में सफर करना हो और ट्रेन का रिजर्वेशन नहीं मिला हो, तो प्लेटफॉर्म टिकट आपके काम आ सकता है. आइए जानते हैं क्या है नियम.

Platform Tickets Rules: आम आदमी के लिए रेलवे सफर का एक बहुत महत्वपूर्ण साधन है. फेस्टिव सीजन में तो ट्रेन में सफर करने के लिए आपको कई महीने पहले से ही रिजर्वेशन कराना होता है. ऐसे में अगर आपको कहीं इमरजेंसी में सफर करना हो और आपके पास ट्रेन में रिजर्वेशन भी न हो, तो प्लेटफॉर्म टिकट आपके बहुत काम आ सकता है.

जी हां, तो आज हम आपको भारतीय रेल (Indian Railway) का एक ऐसा रूल बताने जा रहे हैं, जो आपकी टेंशन को कम कर देगा. ये नियम आपको बिना रिजर्वेशन (Reservation) के भी यात्रा करने का ऑप्शन देता है.

देना होगा इतना शुल्क

Platform Tickets से सफर करने पर आपको 250 रुपये का शुल्क देना होगा. वहीं TTE आपके प्लेटफॉर्म टिकट के हिसाब से आपका टिकट बनाता है. यदि आपने खुद से जाकर टिकट नहीं बनवाया है और आप बिना टिकट के पाए जाते हैं, टिकट चेकर आपसे उस प्लेटफॉर्म जहां से ट्रेन ने अपना सफर शुरू किया है और जहां तक ट्रेन जाएगी वहां तक के लिए शुल्क चार्ज कर सकता है. ऐसे में आपको प्लेटफॉर्म टिकट से यात्रा करते वक्त सावधान रहने की आवश्यकता है. इसे परंपरागत टिकट के विकल्प के रूप में हमेशा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

अगर ट्रेन में कोई सीट खाली नहीं है तो टिकट चेकर आपको सीट को अलॉट नहीं कर सकता है लेकिन यात्रा करने से नहीं रोक सकता. अगर आपके पास रिजर्वेशन नहीं है तो ऐसी स्थिति में यात्री से 250 रुपए पेनाल्टी चार्ज के साथ आप यात्रा का कुल किराया देकर टिकट कटवा सकते हैं.

Indian Railways: प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री बंद होने से रेलवे को भारी नुकसान

प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री बंद होने से रेलवे को भारी नुकसान

मार्च 2020 में लाकडाउन का एलान किए जाने से पहले रेलवे ने स्टेशनों पर भीड़ कम करने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया था। मंडल रेलवे प्रबंधकों को प्लेटफार्म टिकट की दर तय करने और प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना है या नहीं इस पर निर्णय लेने का अधिकार था।

नई दिल्ली, प्रेट्र। 2020-21 के दौरान रेलवे को प्लेटफार्म टिकट की बिक्री से होने वाली आमदनी में पिछले साल की तुलना में लगभग 94 फीसद का नुकसान हुआ। कोरोना वायरस संकट के कारण स्टेशनों पर प्रवेश को लेकर लगाए गए प्रतिबंध के कारण रेलवे को यह घाटा उठाना पड़ा। रेलवे ने मध्य प्रदेश निवासी चंद्रशेखर गौड़ को सूचना का अधिकार कानून (आरटीआइ) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में बताया कि 2020-21 में फरवरी तक इसने प्लेटफार्म टिकट की बिक्री से 10 करोड़ रुपये कमाए। जबकि 2019-20 में प्लेटफार्म टिकट की बिक्री से उसे 160.67 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे ज्यादा थी।

रेलवे चूहों को मारने पर खर्च कर रहा ढाई लाख..फिर भी कम नहीं हो रहा आतंक

Jhansi Bureau

झांसी ब्यूरो
Updated Thu, 16 Dec 2021 01:40 AM IST

Rs 2.5 lakhs spent on killing railway rats . even less terror

झांसी। रेलवे स्टेशन को चूहे खोखला कर रहे हैं। चूहों ने स्टेशन के प्लेटफार्म समेत कार्यालयों तक को खोद डाला है। हालात यह हैं कि रेलवे हर साल करीब ढाई लाख रुपये चूहों को मारने पर खर्च करता है, लेकिन फिर भी चूहों का आतंक चरम पर है। चूहे बिजली वायरिंग, फर्नीचर समेत कई चीजों को नुकसान पहुंचा चुके हैं। इतना ही नहीं ट्रेनों में भी सामान को कुतर देते हैं।
आपने यात्रा करते समय अक्सर रेलवे स्टेशन पर चूहों को उछलकूद करते देखा होगा। चूहे पटरियों व प्लेटफार्मों पर फेंकी गईं खानपान की वस्तुओं को खाकर इतने मोटे हो जाते हैं कि उनको देखकर बच्चे तक डर जाते हैं। कई बार तो चूहे देखते ही देखते आपके छोटे मोटे सामान या खाने पीने की चीजों को उठा ले जाते हैं।
यही हाल झांसी प्लेटफार्म के नुकसान रेलवे स्टेशन का है। प्लेटफार्म एक से पांच, छह और सात नंबर की पटरियों के पास चूहों ने जगह-जगह सुराख बना रखे हैं। दिन के वक्त चूहे पटरियों के पास ही घूमते रहते हैं। रात होते ही चूहे प्लेटफार्म एक पर बने कार्यालयों, फूड प्लाजा, खानपान स्टॉलों के आसपास पहुंच जाते हैं। पिछले डेढ़ साल से प्लेटफार्म एक पर बंद चल रहे भोजनालय का चूहों ने अंदर से बुरा हाल कर दिया है। चूहों ने भोजनालय की दीवारों तक को खोद डाला। भोजनालय की नाली में असीमित चूहे एकत्रित हो गए हैं।
हालांकि, रेलवे ने प्लेटफार्म, कार्यालयों, शौचालय, पुलिया नंबर नौ से सीपरी पुल तक पटरियों व कीट नियंत्रण के लिए लखनऊ की किंग सिक्योरिटी सर्विस कंपनी को ठेका दे रखा है। चार प्लेटफार्म के नुकसान साल का ठेका नौ करोड़ रुपये में दिया गया है। इसमें दस लाख से अधिक रुपये केवल चूहे और कॉकरोच मारने के लिए दिए जा रहे हैं। इसके बाद भी प्लेटफार्म के नुकसान स्टेशन पर चूहों का आतंक है। कंपनी अधिकारियों का दावा है कि वह चूहों को कीटनाशक दवा खिलाकर उनका निस्तारण कर रहे हैं। लेकिन यह पता नहीं चलता कि चूहे कब पकड़े जाते हैं और उनका निस्तारण कहां होता है।
- कंपनी द्वारा चूहों को पकड़ने का अभियान लगातार जारी रहता है। चूहों को पकड़ने के बाद उनका उचित निस्तारण किया जाता है। ताकि वह दोबारा प्लेटफार्म पर न आ सकें।
मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी।

कोरोना की वजह से भारतीय रेलवे को लगा बड़ा झटका, हुआ 150 करोड़ का नुकसान: RTI

कोरोना की वजह से भारतीय रेलवे को लगा बड़ा झटका, हुआ 150 करोड़ का नुकसान: RTI

कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन से भारतीय रेलवे (Indian Railway) को काफी नुकसान हुआ है। कोरोना संकट के दौरान रेलवे ने बिना टिकट प्लेटफार्म पर रहने वाले लोगों की एंट्री को बंद कर प्लेटफार्म के नुकसान दिया था। प्लेटफॉर्म टिकटों से भारतीय रेलवे की कमाई वित्तीय वर्ष 2020-21 में गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। प्लेटफॉर्म टिकटों से होने वाला रेवेन्यू पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 94% कम हो गया।

एक आरटीआई के अनुसार, COVID-19 संकट के कारण रेलवे स्टेशनों में प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण प्लेटफॉर्म टिकट से कम कमाई हुई है। मध्य प्रदेश प्लेटफार्म के नुकसान के चंद्र शेखर गौर ने रेलवे में इससे जुड़ी आरटीआई दायर की थी. इसके जवाब में में रेलवे ने बताया कि साल 2020-21 के फरवरी तक प्लेटफॉर्म टिकट बिक्री से उसे 10 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।

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वित्तीय वर्ष 2019-2020 में हुई थी प्लेटफार्म टिकट से सबसे ज्यादा कमाई
वित्तीय वर्ष 2019-2020 में, भारतीय रेलवे ने 160.87 करोड़ रुपये कमाए जो पिछले पांच वर्षों में प्लेटफॉर्म टिकट से सबसे अधिक कमाई थी। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2020 में पीएम मोदी द्वारा देशव्यापी तालाबंदी की घोषणा से पहले ही भारतीय रेलवे ने स्टेशनों पर भीड़भाड़ को प्रतिबंधित कर दिया था।

50 रुपये तक किया गया था प्लेटफार्म टिकट
लोगों को स्टेशन आने से रोकने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत दाम 10 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये और यहां तक कि कुछ जोन में 50 रुपये करने का फैसला किया गया था। हालांकि रेलवे का कहना है कि टिकट की कीमतें कुछ समय तक के लिए ही बढ़ाई गई हैं। बाद में इसे पहले की तरह किया जाएगा।

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फिर शुरू हुई प्लेटफार्म टिकट की बिक्री

अब एक बार फिर से रेलवे ने दिल्ली डिवीजन के सभी 8 बड़े स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट जारी करने की सुविधा शुरू कर दी है। प्लेटफार्म के नुकसान हालांकि टिकट की कीमत 30 रुपए रहेगी। जिन 8 स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट मिलेंगे उसमें नई दिल्ली, दिल्ली जंक्शन, हजरत निजामुद्दीन, आनंद विहार, मेरठ सिटी, गाजियाबाद, दिल्ली सराय रोहिल्ला और दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन को शामिल किया गया है।

Corona virus effect in Madhya Pradesh : ट्रेन-प्लेटफार्म पर प्लेटफार्म के नुकसान भीड़ घटी, 10 दिन में 4 करोड़ 35 लाख का नुकसान

Corona virus effect in Madhya Pradesh : ट्रेन-प्लेटफार्म पर भीड़ घटी, 10 दिन में 4 करोड़ 35 लाख का नुकसान

भोपाल। नवदुनिया प्रतिनिधि। Corona virus effect in Madhya Pradesh कोरोना के डर के कारण भोपाल, हबीबगंज समेत मंडल के 96 स्टेशन और ट्रेनों में यात्रियों का दबाव तेजी से कम हुआ है। इसके चलते बीते 10 दिन में 4 करोड़ 35 लाख रुपये का नुकसान रेलवे को हुआ है। यह नुकसान प्लेटफार्म के नुकसान ऐसे समय में हुआ है, जब होली के त्यौहार में एक से दूसरे शहरों में आने-जाने वाले यात्रियों की जबरदस्त भीड़ थी। फिर भी रिजर्वेशन टिकट की बिक्री फरवरी की तुलना में मार्च में घट गई है।

यह नुकसान अकेले रिजर्वेशन रेल टिकट की बिक्री में हुआ है। प्लेटफार्म टिकट व कैंसिलेशन का नुकसान अलग है। इसी तरह जनरल कोचों में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में भी कमी आई है। हालत यह है कि कुछ ट्रेनों को 50 फीसदी भी यात्री नहीं मिल रहे हैं। स्टेशनों पर भी यात्री कम नजर आ रहे हैं। कोरोना के कारण ज्यादातर यात्रियों ने ट्रेनों में सफर को ना कह दिया है।

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