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महंगाई से बचाव

महंगाई से बचाव
Photo:PTI Shaktikant das

महंगाई से बचाव को मुख्य साधन बचत

महंगाई से बचाव को मुख्य साधन बचत

जिला सहायक बचत अधिकारी मनसा श्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर संचायिका दिवस समारोह का शुभारंभ किया। छात्र-छात्राओं ने 'बचत कैसे करें' शीर्षक पर लघु नाटक प्रस्तुत कर बचत करने के प्रति प्रेरित किया, जिसकी खूब सराहना की गई। छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। मुख्य अतिथि सहायक बचत अधिकारी मनसा श्री ने कहा कि बचत ही एक ऐसा माध्यम है, जो बढ़ती महंगाई से मुकाबला कर सकता है। बच्चों को बचपन से ही बचत की आदत डालनी चाहिए। इसमें अभिभावक भी अपनी भूमिका निभाएं। स्कूलों में संचायिका का प्राविधान बच्चों में बचत की आदत को प्रोत्साहित करता है। एसएन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य इकबाल हसन खां ने कहा कि बचत का उद्देश्य परिवार की आर्थिक सहायता करने के साथ-साथ राष्ट्र विकास में भी महंगाई से बचाव मददगार है। बच्चों को आज से ही गोलक बनाकर बचत की आदत डालनी चाहिए। सर्वाधिक बचत करने के लिए छात्रा लुत्फी को पुरस्कृत किया गया। प्रधानाचार्य अखलाक हसन खां ने अतिथियों का आभार जताया। इस मौके पर इरफान सागर, डॉ.एमके मलिक, नसीम खां, फुरकान हाशमी, अयाज अहमद खां, वसीमउद्दीन खां, कमाल शम्सी, शारिक अली, सखावत उल्ला खां, मुमताज अहमद, अफसार अहमद, रजिया, मधु सक्सेना आदि मौजूद रहे।

RBI की इस देरी ने किया आपका भला नहीं तो चुकानी पड़ती भारी कीमत: दास

भारतीय रिजर्व बैंक इस समय चौतरफा मुश्किलों से घिरा है। एक ओर रुपया गिर रहा है वहीं महंगाई बढ़ रही है। आरबीआई हर मोर्चे पर फेल होता दिख रहा है। लेकिन शक्तिकांत दास ने इसका बचाव किया है।

Sachin Chaturvedi

Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: November 02, 2022 14:20 IST

Shaktikant das- India TV Hindi

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'दुर्घटना से देर भली', भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास आज जब एक कार्यक्रम में बोलने आए तब उनकी बातों का फलसफा यही था। बैंकरों के वार्षिक एफआईबीएसी सम्मेलन में बोलते हुए शक्तिकांत दास ने महंगाई के मामले में फेल हुए रिजर्व बैंक के प्रयासों का बचाव किया और कहा यदि रिजर्व बैंक मई से पहले ही ब्याज दरें बढ़ा देता तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती।

महंगाई के मामले में क्यों फेल हुआ आरबीआई

रिजर्व बैंक गवर्नर ने मुद्रास्फीति की स्थिति से निपटने के रिजर्व बैंक के तरीके का बचाव किया है। बीते दिनों में कई अर्थशास्त्रियों ने रिजर्व बैंक के देरी से उठाए गए कदमों की आलोचना की थी। लेकिन दास ने कहा कि समय से पहले सख्त कदम उठाने से अर्थव्यवस्था और नागरिकों को भारी कीमत चुकानी पड़ती। यह स्वीकार करते हुए कि मुद्रास्फीति का लक्ष्य चूक गया है, दास ने कहा कि आरबीआई ने महंगाई दर में वृद्धि के कारण ब्याज दरों में आक्रामक रूप से वृद्धि नहीं करके अर्थव्यवस्था का समर्थन करने का फैसला किया।

ब्याज दरों में क्यों नहीं की आक्रामक वृद्धि

हमने ब्याज दरों को आक्रामक रूप नहीं बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से प्रभावित होने से रोका और समय महंगाई से बचाव से पहले सख्त कदम उठाने से दूर रहे।’’ दास ने कहा कि जल्दी सख्त या आक्रामक रुख अपनाने से अर्थव्यवस्था और लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ती।

कल सरकार को जवाब देगा रिजर्व बैंक

रिजर्व बैंक महंगाई रोकने में क्यों नाकाम रहा है, अब रिजर्व बैंक सरकार को इस बारे में विस्तृत जवाब देगा। सरकार को जवाब तैयार करने के लिए ब्याज दर तय करने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बृहस्पतिवार को बैठक कर रही है। महंगाई से बचाव आरबीआई गवर्नर ने साथ ही सरकार को लिखे जाने वाले पत्र को सार्वजनिक न करने के आरबीआई के कदम का भी बचाव किया।

रुपये की गिरावट पर क्या बोले दास

रुपये के मूल्यह्रास पर चल रही बहस के बीच दास ने सभी से स्थिति को भावनात्मक रूप से नहीं देखने को कहा और जोर दिया कि घरेलू मुद्रा ने व्यवस्थित तरीके से प्रदर्शन किया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की शुरुआत महंगाई से बचाव देश की मुद्रा के इतिहास में ऐतिहासिक क्षण है और यह व्यापार करने के तरीके को बदल देगा।

RBI देगी सरकार को सफाई, भारत में महंगाई काबू में नहीं आने के पीछे हो सकती है ये बड़ी वजहें

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई के आंकड़े हाथ से निकलते देखकर रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं करने की नीति का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि अगर समय से पहले ब्याज दर में वृद्धि शुरू हो जाती तो अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट घट जाती.

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर महंगाई से बचाव महंगाई से बचाव शक्तिकांत दास का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की वजह से दुनिया भर में महंगाई बढ़ी है. 24 फरवरी के बाद से दुनिया भर में महंगाई महंगाई से बचाव में तेज वृद्धि देखी गई है. फरवरी में रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले के बाद बैंक ऑफ जापान से लेकर यूरोपीय सेंट्रल बैंक तक महंगाई पर काबू पाने में विफल रहे हैं. जब महंगाई की चोट शुरू हो गई तब उन्होंने बचाव के उपाय करने शुरू किए हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई के आंकड़े हाथ से निकलते देखकर रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं करने की नीति का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि अगर समय से पहले ब्याज दर में वृद्धि शुरू हो जाती तो अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट घट जाती. इससे इकनोमी और लोगों पर भारी बोझ महंगाई से बचाव पड़ता. दास ने बैंकरों के वार्षिक एफआईबीएसी सम्मेलन में यह बात कही है.

आरबीआई की इस बात के लिए आलोचना हो रही है कि वह महंगाई को काबू में रखने में नाकाम रहा है. केंद्रीय बैंक को भारत में महंगाई की दर को चार फीसदी तक रखने का लक्ष्य दिया गया है, यह दो फीसदी तक ऊपर नीचे हो सकती है. इस साल महंगाई की दर लगातार छह फीसदी के ऊपर बनी हुई है.

जानकारों का कहना है कि अगर आरबीआई ने समय पर रेपो रेट में वृद्धि की होती तो महंगाई पर काबू पाया जा सकता था. आरबीआई इस साल मई से अब तक चार बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुका है. चार किस्तों में रेपो रेट में 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

नालंदा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय का किया घेराव: बढ़ती महंगाई और अपने नेता के बचाव में निकाला पैदल मार्च

नालन्दा जिला के जिला मुख्यालय महंगाई से बचाव बिहार शरीफ में शुक्रवार को जिला कांग्रेस कमिटी नालंदा के अध्यक्ष दिलीप कुमार की अध्यक्षता में एक विशाल शांतिपूर्ण पैदल मार्च का आयोजन किया गया। जो जिला कांग्रेस कार्यालय राजेंद्र आश्रम बिहार शरीफ से चलकर नालंदा समाहरणालय तक पहुँचा। पैदल मार्च करते हुए कांग्रेसियों ने मोदी सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की साथ ही समाहरणालय पहुंचने के बाद कांग्रेसियों ने केंद्र सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार में शामिल बिहार सरकार के विरुद्ध भी जमकर नारेबाजी की।

इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा की वर्तमान की केंद्र सरकार पहले से तो गरीब मजदूर किसान और व्यवसाई की विरोधी थी ही आज केंद्र सरकार ने जिस तरह से घरेलू उपभोक्ता बच्चों के दूध अन्य सामग्री पर भी 5% जीएसटी लगाया है इससे यह साफ जाहिर होता है कि यह सरकार पूरी तरह से पाँच दस घरानों को छोड़कर जनता विरोधी सरकार है। सोचने वाली बात है कि पूर्व से ही खाद्य सामग्री पर होटलों में 5% जीएसटी लिया जाता था। अब उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त 5% का महंगाई से बचाव भार दिया जा रहा है। जिससे कहीं ना कहीं अंतिम उपभोक्ता पर ही इस जीएसटी का प्रभाव पड़ने वाला है और सभी लोग जानते हैं की अंतिम उपभोक्ता गरीब निरीह असहाय जनता ही होती है।

बेरोजगारी की चर्चा करते हुए कहा कि जिस तरह से एक एक करके सभी सरकारी संस्थाओं का निजीकरण किया जा रहा है इससे देश में सरकारी नौकरी की वैकेंसी लगभग समाप्ति की ओर है नौजवान बेरोजगारी की ओर अग्रसर हैं। आज देश में चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है कहीं बेरोजगारी का आलम है कहीं महंगाई के चलते गरीबी और भुखमरी का आलम है। व्यवसायियों के समक्ष व्यवसाय नहीं चलने की परेशानी से जूझ रहे हैं। छोटे-छोटे व्यवसाय करने वाले पर एका एक केंद्र सरकार का एवं राज्य सरकार का तुगलकी फरमान नए तरह तरह से आ जाता है जिससे उनकी छोटी-छोटी कल कारखाना बंद हो चुकी है।

उनके सामने अलग भुखमरी की समस्या है और यह केंद्र सरकार इन सब मुद्दों से भटकाने के लिए कांग्रेस पार्टी के वरीय नेताओं पर राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर जानबूझकर ईडी के द्वारा परेशान करवा कर जनता का ध्यान बांटने में लगी है। जबकि सभी जानते हैं कि जिस नेशनल हेराल्ड मुकदमे को बीजेपी की सरकार हाईलाइट करना चाहती है। वह मुकदमा कहीं से भी प्रवर्तन निदेशालय के क्षेत्र में नहीं आता है।

जानबूझकर जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए इस तरह का नौटंकी जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है तब से करते आ रही है। जनता भी जान चुकी है कि अब भाजपा के पास सिर्फ धार्मिक मुद्दा के अलावा कोई मुद्दा नहीं बचा हुआ है। समाहरणालय पहुँच जिला कांग्रेस की पाँच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने ज़िलाधिकारी नालन्दा को महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम लिखा हुआ ज्ञापन भी सौंपा।

इस पैदल मार्च में जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद सिंह, महानगर अध्यक्ष महताब आलम गुड्डु, नव प्रभात, प्रशांत, श्यामदेव राजवंशी, सेवा दल अध्यक्ष बच्चू सिंह, मो.ऊष्मान गनी, उदयशंकर कुशवाहा, महंगाई से बचाव मुन्ना पांडे, नंदू पासवान, संजू पांडे फ़वाद अंसारी, ताराचंद मेहता, सौरभ कुमार, राहुल कुमार के अलावे सभी प्रखंड अध्यक्ष मोर्चा संगठन के अध्यक्ष एवं जिला कांग्रेस के सभी पदाधिकारी मौजूद थे ॥

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