शेयर बाजार और क्रिप्टो मार्केट में अंतर

एक्सपर्ट की मानें तो दोनों को एक साथ आना भी नहीं चाहिए. इससे निवेशक को फायदा होगा. क्रिप्टो और स्टॉक में अंतर है, तो यह निवेश के लिए सही है. दरअसल, स्टॉक किसी कंपनी में इक्विटी होता है. जब आप किसी कंपनी में शेयर खरीदते हैं तो उस कंपनी का कुछ हिस्सा आपके नाम हो जाता है. कंपनी की कुछ प्रोपर्टी आपके खाते में चली जाती है. क्रिप्टोकरंसी के साथ ऐसा नहीं है.
स्टॉक मार्केट से कितना अलग है Cryptocurrency का बाजार, कम पैसे में कहां मिल रहा ज्यादा रिटर्न
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी
Updated on: May 25, 2021 | 9:25 AM
यह सवाल आज हर उस आदमी के मन में उठ रहा है जो बिटकॉइन (Bitcoin), इथीरियम (Ethereum) और डोजकॉइन (Dogecoin) जैसी क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) में निवेश कर रहे हैं. लोग अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में क्रिप्टोकरंसी को शामिल करना चाहते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि दोनों का अस्तित्व अलग है और बाजार भी. खरीदने-बेचने का तरीका भी एक दूसरे से भिन्न है. दोनों का एसेट क्लास भी अलग है और बाजार में इनका बर्ताव देखें तो दोनों के बीच 36 का आंकड़ा होता है. ऐसे में स्टॉक में क्रिप्टोकरंसी को शामिल करना कितना जायज है?
दोनों को समझना जरूरी
स्टॉक और क्रिप्टोकरंसी में निवेश के लिए दोनों को समझना जरूरी है. स्टॉक के जरिये किसी कंपनी में शेयर खरीदने के साथ ही कुछ अधिकार आपके हाथ में आ जाता है. हो सकता है कि कंपनी के ऑपरेशन पर आपका हक नहीं है, लेकिन उस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में कौन बैठेगा, इसके लिए जब वोटिंग होगी तो आप उसमें हिस्सा ले सकते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कंपनी की प्रोपर्टी के आप भी हकदार हैं. जैसे ही कोई और व्यक्ति उस कंपनी का सामान खरीदता है, आपके शेयर में कुछ और प्रोपर्टी जुड़ जाती है. स्टॉक का सारा खेल इसी आधार पर चलता है.
कोई कॉरपोरेशन स्टॉक बेचता है और कंपनी का कुछ कंट्रोल दूसरे को दे देता है ताकि फंड जुटाया जा सके. इस फंड से कंपनी का बिजनेस बढ़ता है. कंपनी बिकती है तो कर्मचारी भी बाहर हो सकते हैं. इन कर्मचारियों को कंपनी की तरफ से कुछ शेयर दिए जा शेयर बाजार और क्रिप्टो मार्केट में अंतर सकते हैं. कैश दिए जाने से बचा जाता है क्योंकि वह कैश कंपनी के बिजनेस में इस्तेमाल हो सकता है. कोई कंपनी पब्लिक स्टॉक ऑफरिंग लाती है ताकि और फंड जुटाया जा सके. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कंपनी अपने पुराने शेयरहोल्डर्स को शेयर बेचती है और उसके बदले कैश लेती है.
क्रिप्टो का बाजार क्या है
क्रिप्टोकरंसी में ऐसी बात नहीं होती. क्रिप्टोकरंसी का सीधा मतलब है डिजिटल करंसी. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है. यह टेक्नोलॉजी शेयर बाजार और क्रिप्टो मार्केट में अंतर खरीदारों को सिक्योर पेमेंट की सुविधा देती है. क्रिप्टोकरंसी कभी भी सेंट्रल बैंक के सहारे नहीं चलती बल्कि इसका धंधा कंप्यूटर के नेटवर्क के जरिये चलता है और उसी के माध्यम से ट्रांजेक्शन होता है. आप जो भी ब्लॉकचेन इस्तेमाल करेंगे, उससे क्रिप्टोकरंसी खरीद सकते हैं.
उदाहरण के लिए बिटकॉइन का ब्लॉकचेन कुछ सिक्के खरीदारों के लिए जारी करता है. ब्लॉकचेन पर ये सिक्के एक ही बार में जारी नहीं होते बल्कि कुछ-कुछ की मात्रा में एक खास ब्लॉक में जारी किया जाता है. जब उस ब्लॉक के सिक्के की बिक्री हो जाती है तो दूसरे ब्लॉक में सिक्के उतारे जाते हैं. ब्लॉकचेन पर क्रिप्टो की खरीदारी के लिए ट्रांजेक्शन के रूप में क्रिप्टोकरंसी ही दी जाती है. इथीरियम क्रिप्टोकरंसी इथीरियम ब्लॉकचेन पर चलती है. लेकिन इस ब्लॉकचेन का अन्य क्रिप्टो कॉइन भी इस्तेमाल करती हैं. यूनीस्वैप (uniswap) नाम का प्रोजेक्ट इथीरियम ब्लॉकचेन पर चलता है. इसका अपना कोई एक्सचेंज नहीं है, इसलिए यह इथीरियम के ब्लॉकचेन का उपयोग करता है.
टोकन में भी लगा सकते हैं पैसा
इसका मतलब यह हुआ कि शेयर बाजार और क्रिप्टो मार्केट में अंतर यूनिस्वैप यूजर को इथीरियम के ब्लॉकचेन के अंतर्गत ही खरीदारी करनी होगी. आप चाहें तो क्रिप्टोकरंसी के टोकन डायरेक्ट खरीद सकते हैं. यूनीस्वैप की तरह डेफी प्रोजेक्ट के टोकन भी बेचे जाते हैं जो यूटिलिटी टोकन होते हैं. इसी तरह कुछ गवर्नेंस टोकन भी होते हैं. यूनीस्वैप पूरी तरह से गवर्नेंस टोकन है. अब आप जब भी निवेश करने चलें तो ध्यान दें कि स्टॉक में या क्रिप्टो में पैसा लगाने जा रहे हैं. आप टोकन में भी लगा सकते हैं, लेकिन सबका प्रोफिट देने का तरीका अलग-अलग होता है.
सवाल ये भी उठते हैं कि क्या क्रिप्टो और स्टॉक में कोई सीधा संबंध है? जानकार बताते हैं कि सीधा संबंध नहीं है बल्कि ऐसा देखा जाता है कि जब क्रिप्टो का बाजार गिरता है तो स्टॉक चढ़ता है. यह भी जानना होगा कि स्टॉक की तुलना में क्रिप्टो के बाजार में ज्यादा उथल-पुथल होती है. क्रिप्टो जब चढ़ता है तो लगातार उसके भाव चढ़ते हैं और जब गिरता है तो लगातार दाम गिरते हैं. स्टॉक से इसका सीधा संबंध नहीं है. इसलिए जब भी अपना पोर्टफोलिया बनाएं, यह सोच कर बनाएं कि क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं तो भारी उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए.
फीचर आर्टिकल: क्रिप्टो मार्केट बनाम स्टॉक मार्केट; दोनों ही मार्केट के अपने अपने फायदे-नुकसान
क्या मुझे क्रिप्टो मार्केट मैं इन्वेस्ट करना चाहिए? क्या क्रिप्टो मार्केट शेयर मार्केट से ज्यादा विश्वसनीय है? और इसी तरह के ढेरों सवालों की सूची है जो हम में से अधिकांश लोगों के मन में हैं और जिनका उत्तर हम चाहते हैं। क्रिप्टो मार्केट और स्टॉक मार्केट दोनों ही मार्केट के अपने अपने फायदे-नुकसान हैं, लेकिन इससे पहले कि आप इनमें से किसी में निवेश करें, आपको यह जानना होगा कि आखिर ये दोनों मार्केट क्या हैं; इन दोनों में क्या समानताएं और क्या अंतर हैं, वे कौन सी बातें हैं जो उनकी कीमतों को और मार्केट में प्रवेश को तय करती हैं।
मुझे कहां निवेश करना चाहिए – क्रिप्टो या शेयर?
स्मार्ट निवेशक वही है जो इस बात शेयर बाजार और क्रिप्टो मार्केट में अंतर को बखूबी जानता है कि वह किसमें निवेश कर रहा है और उसके पास अपने निवेश से संबंधित ठोस जानकारी होनी चाहिए। निवेश के जोखिम और पुरस्कार को पहले से आंकना उसकी सफलता की कुंजी है। किसी निवेशक के प्राथमिक लक्ष्यों में से एक अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना होता है; अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टो और स्टॉक को शामिल करने से आपका पोर्टफोलियो मजबूत होता है।
Transaction Fees
स्टॉक मार्केट या क्रिप्टोकुरेंसी आपके पैसे लगाने के लिए सबसे अच्छी जगह है या नहीं, यह तय करते समय यह सोचना एक और महत्वपूर्ण बात है। जब शेयर बाजार और क्रिप्टो मार्केट में अंतर कोई ग्राहक किसी व्यवसाय का भुगतान करता है, तो व्यवसाय को “transaction शुल्क” नामक शुल्क का भुगतान करना होगा। आप किस प्रदाता को चुनते हैं, इसके आधार पर लेनदेन शुल्क अलग होगा।
- शेयर बाजार के कुछ हिस्से ऐसे होते हैं जिनके लिए आपको शुल्क देना होगा। भले ही यह बहुत कम राशि हो, फिर भी आपको किसी न किसी रूप में फीस का भुगतान करना होगा।
- साथ ही, यदि आप कोई बड़ा निवेश करते हैं, तो सरकार आपकी निवेश पूंजी और आपके लाभ दोनों पर एक ही समय में tax लगाएगी।
- जब आप किसी भी प्रकार का क्रिप्टो ट्रेड करते हैं, तो आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आपको ट्रेडिंग शुल्क में केवल न्यूनतम भुगतान करना होगा।
अस्थिरता
Finance में, अस्थिरता एक माप है कि समय के साथ ट्रेडिक कीमतों की एक श्रृंखला कितनी बदल जाती है। यदि आप क्रिप्टोकरेंसी और शेयर बाजार के बीच निर्णय लेने की कोशिश कर रहे हैं, तो आपके लिए कौन सा बेहतर है? फिर सोचें कि चीजें कैसे बदलती हैं। ऐतिहासिक अस्थिरता का पता लगाने के लिए, पिछली बाजार कीमतों की एक समय श्रृंखला का उपयोग किया जाता है।
- अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए, आपको यह स्वीकार करना होगा कि क्रिप्टो संपत्ति बाजार पर सबसे अधिक अस्थिर है।
- अगर निवेशक सावधान नहीं हैं तो इससे निवेशक को बाजार में बहुत सारा पैसा गंवाना पड़ सकता है।
- मूल्य परिवर्तन जो गलत हैं, वे तब भी हो सकते हैं जब पर्याप्त बाजार अनुसंधान न हो।
- क्रिप्टो Assets की तुलना में स्टॉक समग्र रूप से कम अस्थिर होते हैं।
- क्रिप्टोक्यूरेंसी Assets के संदर्भ में, ऐसे समय होते हैं जब वे अधिक स्मार्ट और अधिक स्थिर निवेश होंगे।
Encryption
एक या अधिक Mathematical algorithms का उपयोग करते हुए, Encryption डिजिटल डेटा की सुरक्षा का एक तरीका है। यह जानकारी या डेटा को कोड में बदलने की प्रक्रिया है, शेयर बाजार और क्रिप्टो मार्केट में अंतर आमतौर पर लोगों को बिना अनुमति के प्रवेश करने से रोकता है । आइए डेटा Encryption के आधार पर पता करें कि स्टॉक मार्केट या क्रिप्टोकरेंसी आपके पैसे लगाने के लिए सबसे अच्छी जगह है या नहीं।
- एक नए ट्रेडर के रूप में, आपको यह याद रखने की आवश्यकता है कि स्टॉक Hackers से सुरक्षित हैं क्योंकि वे सरकार द्वारा Regulated होते हैं।
- चूंकि इस तरह से सुरक्षा का कोई दावा नहीं है, इसलिए Hackers के लिए क्रिप्टो संपत्ति तक पहुंचना आसान हो जाता है।
- इस मामले में, Hackers के पास बाजार में घोटालों तक आसान पहुंच भी होती है।
क्या आप एक्सचेंज ट्रेडेड फंड का मतलब जानते हैं?
निवेश के कई विकल्पों में एक हैं एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ. इन दिनों इनमें निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है. क्या हैं ETF और क्यों बढ़ रही है इनकी लोकप्रियता? आइए इन सवालों का जवाब जानते हैं.
कैसा होता है रिटर्न
ईटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के पोर्टफोलियो में तमाम तरह की प्रतिभूतियां होती हैं. इनका रिटर्न इंडेक्स जैसा होता है. ये शेयर बाजार पर लिस्ट होते हैं. वहां इन्हें खरीदा-बेचा जा सकता है.
रिटर्न पर किसका असर दिखता है?
जिस तरह दूध के दाम बढ़ जाने से पनीर और घी महंगे हो जाते हैं. ठीक वैसे ही ईटीएफ में भी इंडेक्स के चढ़ने-उतरने का असर होता है. यानी ईटीएफ का रिटर्न और रिस्क बीएसई सेंसेक्स जैसे इंडेक्स या सोने जैसे एसेट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है.