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डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?
cryptocurrency में bitcoin सबसे ज्यादा लोकप्रिय और महंगी Virtual money है. Image: (freepik.com)

क्या होती है डिजिटल करेंसी | ई रुपया | E Rupee RBI

E Rupee Digital Currency- रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने 01 नवंबर 2022 से, पहली बार डिजिटल करेंसी शुरू करी| डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर होलसेल ट्रांसैक्शन के लिए ही चालू किया गया था| अब रिटेल ट्रांसैक्शन के लिए भी 01 दिसंबर 2022 से पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हो रही है| देश में आरबीआई की रिटेल डिजिटल करेंसी (ई-रुपया) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने-न रखने का विकल्प होगा| डिजिटल करेंसी (E Rupee) आप अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे और इस डिजिटल करेंसी के डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? सर्कुलेशन पर पूरी तरह से रिजर्व बैंक का नियंत्रण रहेगा| आइये जानते हैं क्या होती है डिजिटल करेंसी (E Rupee Digital Currency) और कैसे अलग है यह क्रिप्टो करेंसी से (Digital rupee Vs Cryptocurrency):

digital currency india

क्या होती है डिजिटल करेंसी (CBDC)

भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) को केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कानूनी निविदा (legal tender) के डिजिटल रूप में परिभाषित करता है| सीधे शब्दों में कहें, तो यह फिएट मुद्रा का एक डिजिटल रूप है, यानी भारतीय रुपया जिसे एक फिएट मुद्रा (भारतीय रूपया) से बदला जा सकता है|

डिजिटल करेंसी के क्या फायदे हैं (Benefit of Digital Currency)

सीबीडीसी के वे सभी फायदे होंगे जो क्रिप्टोकरेंसी और भुगतान के डिजिटल रूपों में होते हैं| एक डिजिटल मुद्रा को कभी भी फाड़ा, जलाया या क्षतिग्रस्त नहीं किया जा सकता है| यह खो भी नहीं सकते हैं| नोटों की तुलना में, मुद्रा के डिजिटल रूप की लाइफ इस प्रकार अनिश्चित होगी| लेनदेन लागत को कम करने के अलावा, एक डिजिटल मुद्रा होने से सरकारों के लिए अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले सभी लेनदेन तक पहुंचना आसान हो जाएगा और सरकारों की नज़र से बचना असंभव हो जाएगा| इस प्रकार प्रत्येक लेनदेन को देश के भीतर प्रासंगिक कानूनों के अधीन किया जाएगा|

आरबीआई की डिजिटल करेंसी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा शासित होगी इसलिए इस डिजिटल करेंसी (E Rupee) में बिटकॉइन जैसी अन्य डिजिटल मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम बेहद कम होंगें|

E rupee RBI

आरबीआई ने बार-बार बिटकॉइन, ईथर और अन्य जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में चिंता व्यक्त की है, जिनका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग और टैक्स चोरी के लिए किया जा रहा है| अपने स्वयं के सीबीडीसी (डिजिटल करेंसी E Rupee) की शुरूआत को डिजिटल मुद्रा के लाभों और जोखिमों को पाटने के साधन के रूप में देखा गया है|

कब से शुरू हो रही है भारत की डिजिटल करेंसी (E Rupee)

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के पास रेगुलेटर का सपोर्ट है और यह डिजिटल फॉर्मेट में स्टोर रहेगा| इसे पेपर करेंसी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? में बदला जा सकेगा जो आरबीआई की बैलेंस शीट में दिखाई देगा यानि आरबीआई की इस डिजिटल करेंसी को वैधानिक मान्यता रहेगी| इसे 'इ रूपी'/ E Rupee कहेंगे| यह क्रिप्टो करेंसी नहीं है| यह फियट करेंसी यानि जिस करेंसी का सभी इस्तेमाल करते हैं, उसका डिजिटल रूप है|

दरअसल डिजिटल करेंसी की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 01 फरवरी 2022 को बजट में की थी| उन्होनें ऐलान किया था कि आरबीआई वित्त वर्ष 2022-2023 में सीबीडीसी लांच करेगा| वित्त मंत्री ने कहा था कि यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा और इससे डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा मिलेगा|

रिज़र्व बैंक ने लोगों में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से 07 अक्टूबर 2022 को एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया था, जिससे डिजिटल करेंसी के सही तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके| 31 अक्टूबर 2022 को आरबीआई ने डिजिटल रूपए की दिशा में आगे बढ़ते हुए होलसेल सेगमेंट में डिजिटल रूपए के पहले पायलट का ऐलान किया| इस पायलट प्रोजेक्ट में भारत के नौ बैंकों को शामिल किया गया है (E Rupee Bank):

बजट 2022: सरकार जारी करेगी डिजिटल करेंसी, जाने क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या है अंतर?

बजट 2022: सरकार जारी करेगी डिजिटल करेंसी, जाने क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या है अंतर?

निर्मला सीतारमण ने आज सदन में बजट 2021 पेश किया है। सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि साल 2022-23 में आरबीआई ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का प्रयोग करके डिजिटल करेंसी जारी करेगा। वित्त मंत्री के अनुसार जिससे आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। अगर हम सरकार की तरफ पेश होने वाली डिजिटल करेंसी को भारतीय क्रिप्टो करेंसी कहें तो यह गलत नहीं होगा।

अगर सरकार अगले वित्त वर्ष में इसे लांच कर देती है तो बिटकॉइन और दूसरे क्रिप्टो निवेशकों को बड़ा झटका लग सकता है। बजट में कहा गया है कि किसी भी वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली किसी भी आय पर 30% की दर से टैक्स लगाया जाएगा। अधिग्रहण की लागत को छोड़कर, ऐसी आय की गणना करते समय किसी भी व्यय या भत्ते के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी।

डिजिटल करेंसी को अक्सर लोग क्रिप्टोकरेंसी समझते हैं, लेकिन ये सच नहीं है और दोनों में बहुत अंतर होता है। सबसे बड़ा अंतर यह है डिजिटल करेंसी जहां जारी होती है उस देश में इसे लीगल मान्यता मिली होती है क्योंकि इसे उस देश का केंद्रीय बैंक जारी करता है। इसमें फ्रॉड का कोई खतरा नहीं होता है क्योंकि ये रेगुलेटेड होता है। दूसरी तरफ क्रिप्टो में ऐसा नहीं है और वो एक मुक्त डिजिटल एसेट है। बिटकॉइन, इथीरियम और डॉगकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड है।

आपको बता दें कि डिजिटल करेंसी को ऑफिशियली सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी कहा जाता है। इसे केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाता है और यह उस देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में शामिल होता है। इसे सरकार जब चाहे सॉवरेन करेंसी में बदल सकती है।

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Cryptocurrency in Hindi: क्रिप्टो करेंसी क्या है? जानिए Digital Currency के बारे में

क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम आपने बिटक्वॉइन का सुना होगा. Bitcoin दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे आप एक डिजिटल मनी कह सकते हैं. लेकिन (digital currency and cryptocurrency difference) डिजिटल और क्रिप्टोकरंसी में भी अंतर होता है.

By विभूू गोयल Last updated Nov 24, 2021 2,447 0

cryptocurrency में bitcoin सबसे ज्यादा लोकप्रिय और महंगी Virtual money है. Image: (freepik.com)

cryptocurrency में bitcoin सबसे ज्यादा लोकप्रिय और महंगी Virtual money है. Image: (freepik.com)

भारत सरकार संसद के मॉनसून-सत्र में क्रिप्टोकरंसी पर एक बिल लाने जा रही है. Cryptocurrency को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि वह भारत में सभी तरह की Cryptocurrency पर प्रतिबंध लगाएगी और वह भारत सरकार की खुदकी एक आधिकारिक (India cryptocurrency) लेकर आएगी. जाहिर है सरकार की ओर से Cryptocurrency bill को लेकर आए बयान के बाद पूरे देश में इस समय Cryptocurrency चर्चा में है.

बिटकॉइन पूरी दुनिया में सर्वाधिक लोकप्रिय क्रिप्टोकरंसी है. इसके अतिरिक्त अलग-अलग क्रिप्टोकरंसी एथेरियम और टीथर जैसी क्रिप्टोकरंसी है. आइए विस्तार से जानते हैं क्या है क्रिप्टोकरंसी?

Crypto का अर्थ और Currency का मतलब?

Crypto एक लैटिन भाषा का शब्द है जो cryptography से मिलकर बना है. यदि आप cryptography का अर्थ जानें तो इसका मतलब हुआ “छिपा हुआ” यानी ऐसी करंसी जो छिपी हुई हो और प्रत्यक्ष रूप से सामने नहीं हो तो वह क्रिप्टोकरंसी कहलाती है.

ऐसे ही Currency शब्द भी लैटिन भाषा के शब्द Currentia से निकला है. यह शब्द भी रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल में स्थानीय परिवेश में आम चलन में है. इस तरह क्रिप्टोकरंसी की परिभाषा जानें तो क्रिप्टोकरंसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है, डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? यानी की पैसा आपकी जेब में कागजी नोट, रुपये, सिक्के या किसी ठोस आकार में नहीं होता बल्कि यह डिजिटली होता है और एक खाते से दूसरे एकाउंट में ट्रांसफर होता रहता है.

क्रिप्टोकरंसी ऑनलाइन करंसी है. (cryptocurrency kya hai bataiye) और बिजनेस के सभी तरीकों में इसका प्रयोग बिना किसी नियम के तहत होता है. यानी की क्रिप्टोकरंसी में होने वाला व्यापार बिना किसी नियम के होता है. इस पर किसी देश अथवा सरकार का नियंत्रण नहीं होता. कहने का अर्थ यह है कि क्रिप्टोकरंसी को, बैंक, सरकार अथवा अथॉरिटी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? जारी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? नहीं करती है.

क्या है क्रिप्टोकरंसी? कैसे होता है प्रयोग?

क्रिप्टोकरंसी को सरल भाषा में समझें तो, जैसे भारत रुपये में, अमेरिका डॉलर में, सउदी अरब रियाल में, इंग्लैंड यूरो में और रशिया रुबल में डील करता है, यानी की लेन-देन के लिए वहां रहने वाले नागरिक पैसे के इस रूप का प्रयोग करते हैं जिसे हम करंसी कहते हैं, सो ऐसे ही डिजिटल दुनिया के बढ़ते चलन के साथ डिजिटल दुनिया में जो एक्सचेंज के लिए जिस करंसी का प्रयोग किया जाता है वह क्रिप्टोकरंसी कहा जाता डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? है.

क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम आपने Bitcoin का सुना होगा. Bitcoin दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे आप एक डिजिटल मनी कह सकते हैं. Crypto currency का प्रचलन बीते कुछ सालों में सबसे ज्यादा सामने आया है. भारत में साल 2017 के शुरुआती दौर में क्रिप्टोकरंसी Bitcoin शब्द के तौर पर दुनिया के प्रमुख शेयर बाजारों से होती हुई हर मार्केट निवेशक की जबान पर थी.डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

किसने शुरू की Crypto currency

Crypto currency की शुरुआत साल 2009 से मानी जाती है. Crypto currency को जन्म देने वाले थे (cryptocurrency ke janak) सतोशी नाकामोतो. हालांकि सतोशी नाकामोतो (satoshi nakamoto, bitcoin) पहले व्यक्ति नहीं थे जिन्होंने किसी डिजिटल मुद्रा को शुरू किया था बल्कि कई और भी निवेशक और देश थे जिन्होंने डिजिटल मुद्रा की कल्पना की थी और बाकायदा उस पर काम भी हो रहा था्. बीबीसी की एक खबर के मुताबिक एक ऑस्ट्रेलियाई शख्स क्रेग राइट ने साल 2016 में खुदको बिटकॉइन के जनक कहा डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? था.

Bitcoin क्या है? क्यों है यह सबसे महंगी Virtual Currency

क्रिप्टोकरेंसी में आपसे सबसे ज्यादा नाम Bitcoin का सुना होगा. दरअसल, Bitcoin एक डिजिटल कैश प्रणाली है जिसका सीधा चलन उसके कम्प्यूटर एल्गोरिदम से कनेक्ट करता है.

Bitcoin सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन अस्तित्व में रहती है और सबसे खास बात यह है कि यह एक स्वतंत्र सत्ता के रूप में है, यानी की इस समय दुनिया के किसी देश या सरकार Bitcoin को कंट्रोल नहीं कर सकती है.

आपको जानकार आश्चर्य होगा कि शुरुआत में Bitcoin अवैध घोषित की गई, लेकिन Bitcoin ने लोकप्रियता के शिखर छू लिए और यही वजह थी कि कई देशों ने इसे वैध कर दिया. मीडिया में आई रिपोर्ट्स बताती हैं कि अब कुछ देश खुद की क्रिप्टोकरेंसी पर काम कर रहे हैं. बताते चलें कि Bitcoin विश्व की सबसे महंगी वर्चुअल करेंसी कही जाती है.

Bitcoin के अलावा कितने प्रकार की Crypto currency

क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर आपने सबसे ज्यादा Bitcoin का नाम सुना होगा, (cryptocurrency list) लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि पूरी दुनिया में (Crypto currency types) इस समय तकरीबन 1800 से ज्यादा Crypto currency चलन में हैं. इसमें एथेरियम जिसे शॉर्ट में ETH कहा जाता है यह एक प्रमुख डिजिटल मनी है, ऐसे ही लिटकोइन (LTC), डॉगकॉइन (Dogecoin) फेयरकॉइन (FAIR), डैश (DASH), पीरकॉइन (PPC), रिपल (XRP) जैसी Crypto currency को आप Bitcoin के अलावा प्रयोग कर सकते हैं.

Digital Currency और Crypto currency में होता है अंतर

Crypto currency को समझते हुए आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि Crypto currency और Digital Currency में अंतर होता है. अक्सर यह गलतफहमी हो जाती है कि Crypto currency और Digital Currency दोनों एक ही हैं, लेकिन दोनों मूलभूत अंतर यह होता है कि डिजिटल करंसी को सरकार मान्यता देती है जबकि Cryptocurrency गुप्त करंसी होती है और इस पर किसी भी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता. Cryptocurrency control से बाहर होने के चलते ही प्रतिबंध के दायरे में आई है.

क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल आपराधिक और आतंकी गतिविधियों सहित नशे के कारोबार में होने का खतरा होता है, लिहाजा इसे कई देशों ने प्रतिबंध के दायरे में लाया है. (digital currency and cryptocurrency differencein hindi) दुनिया के कई देशों में Digital Currency को मान्यता है. जिन देशा में Digital Currency चलती है उनमें, चीन जापान और स्वीडन जैसे देश हैं जबकि इक्वाडोर, बाहमास, ट्यूूूशिनिया, सेनेगल जैसे देश शामिल हैं. चर्चा है कि जल्द ही अमेरिका और ब्रिटेन भी Digital Currency लाने की योजना में है.

Crypto vs RBI’s CBDC: कैसा होगा रिजर्व बैंक का ‘बिटकॉइन’, क्या होगी इसकी खासियत

Cryptocurrency

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से देश में अपनी डिजिटल करेंसी लाने का फैसला लिया गया है। इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का एक बयान भी सामने आया था। जिसके अनुसार आरबीआई दिसंबर तक अपने डिजिटल करेंसी के लिए पायलट प्रोजेक्ट लांच करने की तैयारियों में लगा हुआ है। इसके साथ ही शक्तिकांत दास का कहना था कि आरबीआई चरणबद्ध तरीके से देश में डिजिटल करेंसी लाने पर काम कर रहा है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी को लेकर बहुत सचेत है। यह इसका नया प्रोडक्ट है और इसमें किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी।

CBDC की खासियत

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से लाया जा रहा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी एक लीगल टेंडर की तरह ही काम करेगा। सीबीडीसी के पीछे भारत के केंद्रीय बैंक का भी बैकअप होगा। यह आम मुद्रा की तरह ही होगा, लेकिन डिजिटल फॉर्मेट में पेश किया जाएगा। जैसे लोग सामान या सेवाओं के बदले करेंसी देते हैं, उसी तरह CBCD से भी आप लेनदेन कर पाएंगे। करेंसी नोट की तुलना में इस करेंसी में सिर्फ एक ही फर्क रहेगा कि यह डिजिटल फॉर्मेट में पेश किया जाएगा।

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डिजिटल करेंसी का आइडिया

कहा जा रहा है कि डिजिटल करेंसी लाने का डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? यह आइडिया कोई नया नहीं है बल्कि हाल ही में कई विशेषज्ञों ने इस बारे में साफ कहा है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी का आइडिया अमेरिकन अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित जेम्स टोबिन ने दिया है। जिन्होंने साल 1980 में पेमेंट करने के डिजिटल फॉर्मट का प्रस्ताव भी पेश किया था।

Cryptocurrency

Cypto और CBDC में अंतर

बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी डिजिटल इंक्रिप्टेड है, डिसेंट्रलाइज्ड है और किसी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? सरकार या सरकारी संस्था से इसका कोई संबंध नहीं है। इसके साथ ही सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी आम मुद्रा का ही डिजिटल वर्जन होगा जिसकी गारंटी सरकार देगी। क्रिप्टो करेंसी स्वतंत्र रूप से ऑपरेट करती है जबकि CBDC आम मुद्रा देश के सेंट्रल बैंक की मुद्रा है।

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