एफएक्स ट्रेडिंग

स्विंग ट्रेडिंग क्या है

स्विंग ट्रेडिंग क्या है
1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day Trading)
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है. मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं.
इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे काम करती है?

Swing trading क्या है? स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक सिलेक्शन कैसे करें?

आप चाहें तो mutual funds मे भी निवेश कर सकते हैं परंतु यह सिर्फ एक पुराना तरीका है जिसमें सिर्फ लॉन्ग टर्म में ही लाभ प्राप्त किया जा सकता है। परंतु स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसा कारगर विकल्प है जिससे मदद से आप अपने पैसे पर कम समय में अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं ।

स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग तथा scalping समान ही है परंतु जो इसे अन्य प्रकारों से भिन्न बनाती है वह यह है कि इसमें आपके पास अपने निवेश संबंधी निर्णय को लेने के लिए पर्याप्त समय होता है जिसमें आप अपने तार्किक विश्लेषण के आधार पर निर्णय लेते हैं

आज के इस आर्टिकल में हम स्विंग ट्रेडिंग क्या है तथा उससे संबंधित विषयों के बारे में अध्ययन करेंगे ।

Table of Contents

Swing trading क्या है?

Swing trading, trading एक ऐसा प्रकार है जिसमें किसी कंपनी के शेयर को 1 दिन से अधिक समय के लिए खरीदा जाता है शेयर को खरीदने से लेकर बेचने की अवधि 1 दिन से लेकर कुछ हफ्तों तक के लिए हो सकती है।

यह ट्रेडिंग मार्केट में short term gain तथा medium term gains के लिए की जाती है यह ट्रेडिंग का एक ऐसा रूप होता है जिसमें ट्रेडिंग एक तय समय के लिए की जाती है स्विंग ट्रेडिंग मे इस तय समय में हुए मार्केट में शेयर के प्राइस मूवमेंट से लाभ प्राप्त किया जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग कम समय में ज्यादा प्रभावी होती है क्योंकि जहां एक तरफ निवेशकों को अपने निवेश पर 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न अर्जित करने के लिए 1 साल या उससे अधिक का समय देना होता है वही एक स्विंग ट्रेडर का उद्देश्य कम समय में अच्छे लाभ कमा कर अपने लक्ष्यों की पूर्ति करना होता है क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की मदद से आप हफ्ते मैं अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।

Swing trading में stock selection कैसे करें?

स्विंग ट्रेडिंग अन्य ट्रेडिंग के सिद्धांतों पर ही कार्य करती है स्विंग ट्रेडिंग क्या है ।परंतु इसमें व्यक्ति के पास अपने निर्णय लेने हेतु समय होता है। जिससे वह अपने नुकसान को सीमित कर सकता है। जिस प्रकार अन्य ट्रेडिंग प्रकारों में लाभ तथा हानि दोनों हो सकती हैं उसी प्रकार इसमें भी जोखिम रहता है। इसलिए यदि आप अच्छी तरह से स्टॉक का चयन करें तो आप अपने नुकसान को कम तो कर ही सकते हैं ।साथ ही साथ अपने लाभ की संभावना को बढ़ा सकते हैं।

स्टॉक चयन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

मौलिक विश्लेषण

सर्वप्रथम किसी कंपनी के स्टॉक के चयन हेतु आपके पास उस कंपनी के विषय में कुछ मौलिक विश्लेषण होने चाहिए जैसे कि उस कंपनी का वैल्यूएशन कितना है वह कंपनी किस क्षेत्र में कार्यरत है तथा इससे पहले उसने कैसा कार्य किया है।

लिक्विडिटी

स्विंगट्रेडिंग करने से पहले आपको उसकी तरलता यह लिक्विडिटी के बारे में जान लेना चाहिए यदि उस शेयर की लिक्विडिटी अच्छी है तो आप कम समय में उससे अच्छा रिटर्न कमा पाएंगे।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें?

मार्केट में स्विंग ट्रेडिंग करने से पहले आपको यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि इसका समय काल 1 दिन से कुछ हफ्ते तक का होता है अतः आपको इसके विश्लेषण हेतु टाइम फ्रेम की आवश्यकता होती है। जिससे आप उसका सटीक आंकलन करके लाभ प्राप्त कर सकें।

चार्ट का अध्य्यन मे आपको मार्केट का विस्तृत आंकलन करने की आवश्यकता होती है इसके लिए आप चार्ट के weekly टाइम फ्रेम या day time frame का उपयोग कर सकते हैं साथ ही ट्रेडिंग की प्लानिंग हेतु 1घंटे या 4घंटे के टाइम फ्रेम का उपयोग कर सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग क्या है | Swing Trading Kya Hai

स्विंग ट्रेडिंग के बारे में एक बात जान लो कोई स्टॉक लगातार अगर गिर रहा है और स्टॉक के फंडामेंटल अच्छे हैं तो आप चेक कर सकते हे कि वह स्टॉक कहा से पलट सकता है। जहा से रिवर्सल आ रहा है उस स्टॉक को हम ले सकते हे।शेयर बाजार में समय के आधार पर 3 तहर के ट्रेडिंग होते जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग ( 1 दिन के अंदर) , स्विंग ट्रेडिंग ( < 1 महीना ) और पोजिशनल ट्रेडिंग ( > 1 महीना ) । आप डेरिवेटिव्स में फ्यूचर और ऑप्शन कॉन्ट्रक्ट ख़रीद कर स्विंग ट्रेडिंग कर सकते है।आपको अच्छे से फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में जानने केलिए नीच दिए गए लेक को पढ़े।

स्विंग ट्रेडिंग क्या है

इक्विटी बाजार में ट्रेडिंग 2 सेगमेंट होते है

1) कैश ट्रेडिंग

इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप मॉर्निज के बिना आपके खुदके पैसों ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप शेयर की दिलीविरी लेकर खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। स्विंग ट्रेडिंग क्या है इसमें आपको बहोत कम रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम भी बहोत कम होता है। शेयर बाजार में पेशे आदर ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग नहीं करते है । इसमें लेवल लघु समय ( < 1 वर्ष ) के निवेशक ट्रेडिंग करते है।

2) डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग

इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप ब्रोकर मॉर्निज पैसों के साथ आपके ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप स्टॉक ( ITC , HDFC , Reliance ) , करेंसी ( USD/INR ) , इंडेक्स ( NIFTY 50 / SENSEX ) और कमोडिटी ( Cruid Oil , Gold , Silver ) की दिलीविरी लिए बिना खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत ज्यादा रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम बहोत ज्यादा होता है। शेयर बाजार में पेशेदार ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग करते है ।

डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग 2 तरह के होते है

a) फ्यूचर ट्रेडिंग

शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हे, कोई भी फिक्स प्राइस पर।

b) ऑप्शन ट्रेडिंग

शेयर बाजार मेंहर दिन शेयर और इंडेक्स की मूल्य ऊपर नीचे होते रहता है । इस में अगर आप किसी शेयर को भबिष्य के किसी निधारित मूल्य (strick price) में बेचना और ख़रीदना हो तो आपको किसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है । इस को आसान भासा में स्टॉक हेजिंग कहे ते है इस के निबेश की रिस्क कम होजा ता है । सभी कॉन्ट्रैक्ट का एक निधारित समय सीमा होता है । इसी कॉन्ट्रैक्ट (Option) को बेचना और खरीदना को option trading कहते है ।

ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?

बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।

1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक

स्विंग ट्रेडिंग कैसे काम करती है?

सबसे पहले, स्विंग ट्रेडिंग करते समय एक ट्रेडर को आमतौर पर मार्केट ट्रेंड और पैटर्नों को देखना होता है ताकि स्विंग ट्रेडर्स को डाउन ट्रेंड या अपट्रेंड वाले स्टॉक खोजने में मदद मिल सके।

स्विंग ट्रेडिंग में अगर ट्रेडर को लगता है कि कोई स्टॉक अगले कुछ दिनों या हफ्तों में अच्छी मूवमेंट करने वाला है, तो वे स्टॉक खरीद लेंगे और कीमत स्विंग ट्रेडिंग क्या है फिर से गिरने से पहले उसे बेच देंगे। वही दूसरी तरफ अगर उन्हें लगता है कि कोई स्टॉक अगले कुछ दिनों या हफ्तों में नीचे जाने वाला है, तो वे उस स्टॉक को “शॉर्ट” करेंगे।

ज्यादातर समय, स्विंग ट्रेडर्स यह तय करने में लगाते हैं कि संभावित ट्रेड में जोखिम और अधिकतम लाभ को देखते हुए ट्रेड करना है या नहीं।

उदाहरण के लिए, यदि एक स्विंग ट्रेडर का मानना ​​​​है कि अगले सप्ताह में किसी स्टॉक की कीमत बहुत तेजी से बढ़ सकती है, तो वह ट्रेडर उस जोखिम को लेने और कुछ शेयर खरीदने के लिए इच्छुक हो सकता हैं। क्योंकि वहां उसको कम जोखिम के साथ अच्छा प्रॉफिट करने का मौका मिल रहा है।

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करते हैं?

स्विंग ट्रेडिंग करने ट्रेडर को रूप में आपको टेक्निकल एनालिसिस की चाहिए, जिससे कि ऐसे स्टॉक्स को खोजने में सक्षम हो सके छोटी अवधि में अच्छा रिटर्न दे सके। इसलिए अगर आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए सही स्टॉक की तलाश करना चाहते है तो पहले टेक्निकल एनालिसिस सीखे, उसके उपरान्त डेली एंव साप्ताहिक चार्ट पर ऐसे स्टॉक को ढूढ़े जो किसी सपोर्ट को तोड़ कर ऊपर निकल रहे हो। ऐसे स्टॉक छोटी अवधि में अच्छा पैसा कमा कर देते है।

स्विंग ट्रेडिंग

स्विंग ट्रेडिंग का उद्देश्य क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग शैली है जिसका मुख्य उद्देश्य एक छोटी अवधि के भीतर स्टॉक खरीदना या बेचना शामिल है, जिससे की वह स्टॉक में होने वाले मूवमेंट से प्रॉफिट कर सके। एक स्विंग ट्रेडर आमतौर पर कुछ मूवमेंट दिखाने वाले शेयरों को खोजने की कोशिश करता है और ट्रेंड की शुरुआत में ट्रेड में प्रवेश करता है। ज्यादातर मामलों में, एक स्विंग ट्रेडर ट्रेंड खत्म होने से पहले ट्रेड से बाहर निकलने का प्रयास करता है।

स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को 2 दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक बनाए रखना चाहते हैं, जिससे स्विंग ट्रेडिंग ट्रेड का अच्छे से फायदा लिया जा सके, स्विंग ट्रेड दो प्रकार के होते हैं:

1) काउंटर ट्रेंड स्विंग ट्रेड – स्टॉक के ट्रेंड की दिशा में रेजिस्टेंस या सपोर्ट एरिया में बेचना या खरीदना (उदाहरण के लिए, अपट्रेंड के दौरान रेजिस्टेंस में बेचना या डाउनट्रेंड के सपोर्ट पर खरीदना)।

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग कुछ हद तक समान हैं। क्योंकि दोनों में लाभ कमाने के प्रयास में स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल होता है, लेकिन इनके बीच सबसे बड़ा अंतर समय का होता है।

स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक होल्ड रखते है, जबकि इंट्राडे ट्रेडर अपनी पोजीशन को सेम डे पर क्लोज है।

डे ट्रेडर्स के पास स्विंग ट्रेडर की तरह “धैर्य” नहीं है, इसलिए वह प्राइस में होने वाले छोटे – छोटे बदलावों से पैसा बनाने की कोशिश करते है और अपनी पोजीशन को ओवरनाइट होल्ड करने का रिस्क नहीं लेते है।

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में एक भी मुख्य अन्तर है कि अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो आपको ब्रोकर की तरफ से मार्जिन दिया जाता है जिस कारण से आप कम पैसो के साथ भी इंट्राडे ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते है।

स्विंग ट्रेडिंग के लाभ

  • यह इंट्राडे ट्रेडिंग के तुलना में कम रिस्क है, क्योंकि इसमें आपको काफी समय मिल जाते है।
  • स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक को एक दिन या कोई हप्तों तक रख सकते हो। यानी कि आपको सारे दिन चाट निकलकर बैठे रहने के जरूरत नही पड़ते।
  • स्विंग ट्रेडिंग को पार्ट टाइम कर सकते है। इसे बिज़नेस या जॉब करें लोग भी कर पाते है।
  • स्विंग ट्रेडिंग में छोटे – छोटे रिटर्न्स वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न्स बन जाता है।
  • स्विंग ट्राडिंग के लिए ज्यादा फंडामेंटल एनालिसिस की जरूरत नही होते। आपको अगर टेक्निकल एनालिसिस आता है तो तब भी आप इससे पैसा बना सकते हो।
  • स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे के तुलना में कम noisy होते है।
  • अख्शर देखा जाता है कि मार्किट बहुत ज्यादा gap down स्विंग ट्रेडिंग क्या है ओपन होते है। जिससे ट्रेडर को लोस होने के चांस रहते है।
  • इंट्राडे के हिसाब से इसमे बहुत कम रिटर्न्स मिलते है।
  • इंट्राडे के तरह स्विंग में किसी तरह मार्जिन नही मिलते। स्विंग ट्रेडिंग में overnight और वीकेंड रिस्क शामिल रहता है।

Conclusion

अगर एक नए बंदे शेयर मार्केट में निवेश के बारे सोच रहे हो तो उसके लिए स्विंग ट्रेडिंग बेस्ट रहते है। क्योंकि इसमें इंट्राडे के तुलना में कम रिस्क होते है।

तो दोस्तो मुझे उम्मीद है स्विंग ट्रेडिंग क्या है (Swing Trading In Hindi) यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। आर्टिकल पसंद आया है तो हमे कमेंट जरूर करे जिससे हमें अनुप्रेणा मिलते है।

Suraj Debnath

असम के निवासी सूरज देबनाथ इस ब्लॉग के संस्थापक है। इन्होने विज्ञान शाखा में स्नातक किया हुआ है। इन्हें शेयर मार्किट, टेक्नोलॉजी, ब्लोगिंग ,पैसे कमाए जैसे विषयों का काफी अनुभव है और इन विषयों पर आर्टिकल लिखते आये है। Join Him On Instagram- Click Here

क्या आप शेयर ट्रेडिंग के बारे में ये बातें जानते हैं?

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आपको यह ध्यान में रखना होगा कि शेयरों में निवेश से काफी जोखिम जुड़ा होता है. अगर आप खुद कंपनियों के नतीजे समझने, उसके शेयरों का मूल्यांकन करने और बाजार की चाल समझ सकते सकते हैं तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए.

किसी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले उसके कारोबार, शेयरों की सही कीमत (मूल्यांकन) और उसके कारोबार की संभावनाओं को जानना जरूरी है. शेयर बाजार में शेयरों के भाव स्थिर नहीं रहते. आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी पर शेयर खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.

आपने जो शेयर खरीदा है, जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे आप बेच सकते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत बहुत कम रकम से की जा सकती है.

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