व्यापारिक संकेत क्या हैं

उन्होंने कहा, "पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों पर निर्णय लेना हमारे लिए एक स्वाभाविक मार्ग है। इस तरह की अनुचित प्रतिक्रिया के संदर्भ में, हमें इस दिशा में निष्पक्ष और स्वाभाविक रूप से काम करना होगा, व्यापार और आर्थिक क्षेत्रों में काम करना होगा।’’
India export: जुलाई में देश के निर्यात में आया मामूली उछाल, व्यापार घाटा 3 गुना बढ़ा
India export: देश का निर्यात जुलाई में 2.14 फीसदी बढ़कर 36.27 अरब डॉलर. व्यापार घाटा 3 गुना बढ़कर 30 बिलियन डॉलर रहा. आयात सालाना आधार पर 43.61 फीसदी बढ़कर 66.27 अरब डॉलर रहा.
India export in July: देश का निर्यात जुलाई में 2.14 फीसदी बढ़कर 36.27 अरब डॉलर हो गया. वहीं कच्चे तेल की कीमतों में 70 फीसदी की वृद्धि के कारण व्यापार घाटा इसी महीने में लगभग तीन गुना होकर 30 अरब डॉलर पहुंच गया. जुलाई 2021 में व्यापार घाटा 10.63 अरब डॉलर था. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में आयात सालाना आधार पर 43.61 फीसदी बढ़कर 66.27 अरब डॉलर हो गया. इस महीने की शुरूआत में जारी प्रारंभिक आंकड़ों में जुलाई के दौरान निर्यात 0.76 फीसदी घटकर 35.24 अरब डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया था. जुलाई 2021 में यह 35.51 अरब डॉलर था.
क्रूड ऑयल और पेट्रोलियम प्रोडक्ट के आयात में 70 फीसदी उछाल
इस साल जुलाई में कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का आयात 21.13 अरब डॉलर रहा, जो जुलाई 2021 में 12.4 अरब डॉलर की तुलना में 70.4 फीसदी अधिक है. आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने कोयले, कोक और ब्रिकेट (कोयले के चूरे को लेकर बनाया गया ब्लॉक) का आयात दो गुना से अधिक बढ़कर 5.2 अरब डॉलर हो गया, जबकि वनस्पति तेल का आयात 47.18 फीसदी बढ़कर दो व्यापारिक संकेत क्या हैं अरब डॉलर हो गया.
सोने का आयात 43.6 फीसदी घटकर 2.37 अरब डॉलर रहा जो जुलाई 2021 में 4.2 अरब डॉलर था. इंजीनियरिंग सामान, पेट्रोलियम उत्पाद, रत्न एवं आभूषण और दवा का निर्यात जुलाई 2022 में सालाना आधार पर घटा है. निर्यात के मोर्चे पर जिन क्षेत्रों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी है, उनमें पेट्रोलियम उत्पाद, चमड़ा, इलेक्ट्रॉनिक सामान और कॉफी शामिल हैं. वहीं इंजीनियरिंग, रत्न एवं आभूषण, प्लास्टिक, काजू तथा कालीन में गिरावट आई.
निर्यात में नरमी के संकेत
आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2022 के लिए सेवाओं के निर्यात का अनुमानित मूल्य 24.91 अरब डॉलर रहा. यह व्यापारिक संकेत क्या हैं सालाना आधार पर 28.69 फीसदी अधिक है. वहीं, आयात 15.95 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जो 40.02 फीसदी अधिक है. भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि निर्यात में संभावित नरमी के संकेत देखे जा सकते हैं. वैश्विक स्तर पर पिछला माल बहुत सारा बचा हुआ है. वस्तु निर्यात के समक्ष कई चुनौतियां हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड -19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्थाओं के खुलने के साथ वस्तुओं से सेवाओं की खपत में फिर से बदलाव आया है. महंगाई ने सभी अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया है, जो लोगों की खरीद क्षमता कम करती है. इसके कारण कई अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की स्थिति बनी रही है. जबकि कुछ विकसित अर्थव्यवस्थाएं पहले से ही मंदी की चपेट में हैं.’’
ऐसे सपने नौकरी-व्यापार में तरक्की का देते हैं संकेत, जानें पानी देखने से क्या होता है लाभ
- मनोकामना होती है पूरी व्यापारिक संकेत क्या हैं
- मिलता है धन लाभ का संकेत
- नौकरी-व्यापार में तरक्की का मिलता है संकेत
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सपने में बारिश देखना
स्वप्न शास्त्र के अनुसार सपने में बारिश होते देखना शुभ संकेत देता है. यह सपना करियर में सफलता का शुभ संकेत देता है. ऐसे सपने का मतलब ये भी होता है कि भविष्य में घर में लक्ष्मी की आगमन होने वाला है.
सपने में नदी देखना
स्वप्न शास्त्र के मुताबिक अगर कोई सपने में देखता है तो उसे शुभ फल प्राप्त होता है. इसके अलावा सपने में खुद को पानी में तैरते देखना भी व्यापारिक संकेत क्या हैं शुभ है. ऐसे सपने भविष्य में मनोकामना पूर्ति का संकेत देते हैं.
सपने में बाढ़ का पानी देखना
सपने में बाढ़ का पानी देखना शुभ संकेत माना जाता है. स्वप्न शास्त्र के मुताबिक इसका अर्थ है कि जल्द ही कोई शुभ समाचार मिलने वाला है. वहीं सपने में गंदा पानी देखना शुभ नहीं माना जाता है.
सपने में कुंए का पानी देखना
स्वप्न शास्त्र के मुताबिक सपने में कुंए का पानी देखना शुभ है. ऐसा सपना अचानक धन प्राप्ति का संकेत देता है. साथ ही सपने में साफ पानी देखना भी शुभ संकेत देता है. इसका अर्थ होता है कि नौकरी-व्यापार में तरक्की हो व्यापारिक संकेत क्या हैं सकती है.
तो क्या पाकिस्तान के साथ दोबारा शुरू होगा भारत का व्यापार, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट और पाकिस्तान के वित्त मंत्री
नई दिल्ली (कमल कान्त वर्मा)। भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से बंद है। वर्ष 2019 में भारत ने लाइन आफ कंट्रोल से होने वाले व्यापार पर भी पाबंदी लगा दी है। इसकी वजह व्यापार में होने वाली करेंसी को लेकर छिड़ा विवाद था। लेकिन अब इसके दोबार शुरू होने की कुछ उम्मीद बनती दिखाई दे रही है। इसकी वजह पाकिस्तान से आया वो बयान है जिसमें इसको लेकर बातचीत शुरू करने की संभावना जताई गई है। दरअसल, पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा है कि भारत से सब्जियां आयात करने पर विचार किया जा सकता है। एक टीवी चैनल से बात करते हुए उन्होंने इस संभावना पर जोर दिया है।
रूस ने भारत, अन्य साझेदारों के साथ व्यापार में राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग बढ़ाने का संकेत दिया
साथ ही, उन्होंने भारत को तेल, सैन्य साजो सामान और अन्य वस्तुओं की जरूरतों को भी पूरा करने का वादा किया।
लावरोव ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक बातचीत के बाद यह टिप्पणी की। उनकी बैठक में यूक्रेन संकट के भारत-रूस संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव और दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और रक्षा सहित विविध क्षेत्रों में सहयोग जारी रखने के तरीके पर भी बातचीत हुई।
अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने बुधवार को कहा था कि वाशिंगटन रूस से भारत के ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के आयात में ‘‘तेजी’’ नहीं देखना चाहेगा।
रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को "विफल करने" के प्रयासों के परिणाम भुगतने की अमेरिका द्वारा चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद यह वार्ता हुई है।
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उत्पादों के व्यापार में सबसे तेज़ गिरावट वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में दर्ज की गई, पिछले वर्ष इसी अवधि की तुलना में 14.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई लेकिन इसका असर विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग देखा गया.
सबसे ज़्यादा गिरावट योरोप और उत्तर अमेरिका में आई जहाँ निर्यात में क्रमश: 24.5 प्रतिशत और 21.8 प्रतिशत की कमी आई.
इसकी तुलना में एशियाई निर्यात मोटे तौर पर प्रभावित नहीं हुए और महज़ 6.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
इसी अवधि में, उत्तर अमेरिका, योरोप और एशिया में आयात में क्रमश: 14.5 फ़ीसदी, 19.3 प्रतिशत और 7.1 प्रतिशत की कमी आई.