मुद्रा का दबाव

केंद्र सरकार की ओर से जारी 9 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक आलोच्य सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 1.883 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी, जिसके कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार 611.895 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया। इसके पहले 2 जुलाई को खत्म हुए कारोबारी सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 1.013 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी, मुद्रा का दबाव जिससे इसका आंकड़ा 610.012 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था। वहीं इसके पहले कि कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन यानी 25 जून 2021 को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 608.99 बिलियन डॉलर के स्तर पर था।
इस महीने की सात तारीख को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 20 करोड़ 40 लाख डॉलर का इजाफा
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कोविड से बचने के लिए डबल मास्क है जरूरी.
परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह कल से संयुक्त अरब अमारात में शुरू हो रही आबू धाबी अंतरिक्ष परिचर्चा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। वे इस्राइल के राष्ट्रपति इसाक हरजोग के साथ उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। दो.
पंजाब में भारत- पाकिस्तान सीमा के पास तरण- तारण पुलिस मुद्रा का दबाव और सीमा सुरक्षा बल के संयुक्त अभियान में आज एक ड्रोन मार गिराया गया। ड्रोन से तीन किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई। पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने एक.
तुर्की में राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन के केंद्रीय बैंक के प्रमुख मुद्रा का दबाव को हटाने से मुद्रा लीरा हुई धड़ाम
तुर्की में राष्ट्रपति रेसेप तैयब मुद्रा का दबाव एर्दोगन के केंद्रीय बैंक के गवर्नर को ब्याज बढ़ाने पर बाहर का रास्ता दिखा दिए जाने के बाद घबराए विदेशी विनिमय बाजार में पहले से दबाव झेल रही तुर्की मुद्रा लीरा की विनिमय दर सोमवार को औंधे मुंह गिर गई।
लीरा शुक्रवार के बंद भाव से करीब नौ प्रतिशत गिर कर प्रति डालर 7.8 पर चल रहा था। सुबह लीरा कमजोर मुद्रा का दबाव धारणा के साथ 8.4 लीरा प्रति डॉलर पर खुला था। मुद्रा का दबाव केंद्रीय बैंक के प्रमुख नैसी अगबाल की शनिवार को बर्खास्तगी अप्रत्याशित थी। उन्हें चार महीने ही इस पद पर हुए थे। उनकी जगह बैंकिंग के प्रोफेसर सहाप काव्सिओग्लू को केंद्रीय बैक का प्रमुख बनाया है। काव्सिओग्लू चार साल में चौथे गवर्नर हैं। काव्सिओग्लू एक सरकार समर्थक अखबार में नियमित लेख भी लिखा करते हैं और ब्याज दर नरम रखने के पक्ष में हैं। एर्दोगन का भी मानना है कि मुद्रास्फीति कम करने के लिए ब्याज दर कम रखा जाना चाहिए।
वैश्विक दबाव में डॉलर के मुकाबले 83 रुपये तक गिर सकती है भारतीय मुद्रा
नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपया (rupee against dollar) लगातार लुढ़क रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) की कोशिशों के बावजूद डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में हर सप्ताह नई गिरावट (new fall every week) नजर आ रही मुद्रा का दबाव है। गिरावट के इस दबाव की वजह से जहां आयातित वस्तुओं की कीमत में लगातार तेजी आ रही है, वहीं भारतीय खजाने पर भी बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले 82 से 83 रुपये तक जा सकती है।
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साल 2022 की शुरुआत से लेकर अभी तक रुपये की कीमत में 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ चुकी है। जानकारों का मानना है कि रुपये की कीमत में गिरावट के लिए एक साथ कई कारक जिम्मेदार हैं। इन कारकों में प्रत्यक्ष तौर पर विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार में की जा रही बिकवाली एक बड़ी वजह मानी जा सकती है, लेकिन दूसरी बड़ी वजह डॉलर इंडेक्स में लगातार आ रही तेजी मुद्रा का दबाव भी है।
सोमवार का कारोबार बंद होने के बाद डॉलर इंडेक्स 20 साल के अपने सबसे ऊंचे स्तर 108.02 पर पहुंच गया था। साल 2022 में अभी तक डॉलर इंडेक्स में 12 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है। इसके अलावा अमेरिका मुद्रा का दबाव का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व अमेरिकी बाजार में बेकाबू हो रही रही महंगाई को काबू करने के लिए अपने इंटरेस्ट में भी लगातार बढ़ोतरी कर रहा है। इस वजह से विदेशी बाजार में लगा अमेरिकी निवेशकों का पैसा बड़े पैमाने पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के पास पहुंच रहा है। इस वजह से भी डॉलर इंडेक्स में तेजी का रुख बना हुआ है।
मुद्रा का दबाव
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
कोरोना संक्रमण काल में जब अर्थव्यवस्था काफी दबाव में है, तब विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर देशवासियों के लिए राहत की खबर आई है।
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण काल में जब अर्थव्यवस्था काफी दबाव में है, तब विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर देशवासियों के लिए राहत की खबर आई है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 611.895 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। भारत में ये अभी तक विदेशी मुद्रा भंडार का सर्वोच्च स्तर है। इस स्तर तक विदेशी मुद्रा भंडार के पहुंच जाने के साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत दुनिया का 5वां सबसे बड़ा देश बन गया है।
कच्चे तेल की कीमतें बढ़ते ही टूटा रुपया, डॉलर के मुकाबले 72.89 रुपए पर पहुंचा
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी और दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर की मजबूती के दबाव में अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में भारतीय मुद्रा सोमवार को 39 पैसे फिसलकर 72.89 रुपए प्रति डॉलर पर आ गई। भारतीय मुद्रा बीते कारोबारी दिवस 49 पैसे की तेजी मुद्रा का दबाव में 72.50 रुपए प्रति डॉलर पर रही थी। सोमवार मुद्रा का दबाव को भारतीय मुद्रा पर शुरूआत से ही दबाव रहा। रुपया 24 पैसे की गिरावट के साथ 72.74 रुपए प्रति डॉलर पर खुला और यही इसका दिवस का उच्चतम स्तर भी रहा।
घरेलू शेयर बाजार की गिरावट और डॉलर की मजबूती के दबाव में यह कारोबार के दौरान 73.07 रुपए प्रति डॉलर के दिवस के निचले स्तर तक लुढ़क गया। कारोबारियों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार दस दिन की गिरावट के बाद तेजी आई है जिससे रुपए पर दबाव बढ़ गया। लंदन का ब्रेंट क्रूड वायदा 76 सेंट की तेजी के साथ 70.94 डॉलर प्रति बैरल मुद्रा का दबाव पर पहुंच गया। अंतत: रुपया गत दिवस की तुलना में 39 पैसे गिरावट में 72.89 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ।