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इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म

इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म
नोट: ज्यादा जानकारी लेने के लिए किसान https://enam.gov.in/web/resources/registration-guideline पर जाकर ले सकते हैं.

डेली न्यूज़

सन्दर्भ

केंद्र सरकार वर्ष 2003 के पुराने आदर्श कानून की जगह नया आदर्श मंडी कानून ला रही है, जिसके प्रावधानों के माध्यम से सरकार कृषि उपज विपणन समिति (Agricultural Produce Market Committees-APMC) कानून में भारी बदलाव लाने की तैयारी में है।

प्रमुख बिंदु

  • नए आदर्श मंडी कानून में अधिसूचित बाजार क्षेत्र की अवधारणा को समाप्त करने और निजी मंडियों, किसान-उपभोक्ता बाजारों, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की स्थापना को बढ़ावा देने का प्रावधान है।
  • साथ ही, वेयरहाउसों को छोटी मंडियों में बदला जाएगा ताकि किसानों को बेहतर सुविधाएँ और दाम मिल सके।
  • इसमें सभी व्यापारियों को राज्य के भीतर सभी तरह के कृषि बाजारों में कारोबार करने के लिए एकल लाइसेंस देने की वकालत की गई है।
  • इसके अंतर्गत व्यापारी कुछ फीस देकर मंडियों, छोटी मंडियों, निजी मंडियों और ई-ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर कारोबार कर सकते हैं।
  • प्रस्तावित कानून में इलेक्ट्रॉनिक नैशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नाम) जैसे ई-ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के लिए एकल राष्ट्रव्यापी लाइसेंस का प्रावधान है।
  • ध्यातव्य है कि सभी मौजूदा कारोबारी लाइसेंसों को कानून लागू होने के छह महीने के भीतर अंतरराज्यीय या राज्य के भीतर कारोबार के लिए एकल लाइसेंस में बदला जाएगा।
  • नए आदर्श कानून के मुताबिक सभी अधिसूचित कृषि जिंसों को मंडियों में और बाहर बेचा जा सकता है।
  • इसके अतिरिक्त कृषि उपज प्रसंस्करण कंपनी, वालमार्ट और बिग बाजार जैसी खुदरा श्रंखलाएं, इनसे जुड़े किसान सहकारी संघ और किसान-उत्पादक कंपनियाँ सीधे किसानों और उत्पादकों से कृषि उत्पाद खरीद सकती हैं।
  • वे एक लाइसेंस लेकर इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म किसी मंडी या निजी बाजार की सीमा के बाहर ऐसा कर सकती हैं।
  • खरीददार अर्थात बड़ी खुदरा श्रंखलाएँ या प्रसंस्करण कंपनी , संग्रह या एकत्रीकरण केंद्र खोल सकती हैं लेकिन उन्हें सरकार को इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म अपनी मासिक रिपोर्ट, खाता और दूसरी जानकारियाँ उपलब्ध करानी होंगी।
  • बड़ी मात्रा में खरीद करने वाली कंपनियों पर आवश्यक वस्तु कानून के तहत भंडारण सीमा का नियम लागू नहीं होगा और उन्हें लाइसेंस फीस की 0.5 फीसदी राशि मार्केटिंग डेवलपमेंट फंड में देनी होगी।

रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा कारोबार में शामिल गैर-अधिकृत इकाइयों की ‘अलर्ट सूची’ जारी की

मुंबई, सात सितंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को विदेशी मुद्रा कारोबार में शामिल 34 गैर-अधिकृत इकाइयों की ‘अलर्ट सूची’ जारी की। इन संस्थाओं में ऑक्टाएफएक्स, अल्पारी, हॉटफॉरेक्स, और ओलंपिक ट्रेड शामिल हैं।

केंद्रीय बैंक ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बयान में कहा कि ये संस्थाएं विदेशी मुद्रा कारोबार के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म अधिकृत नहीं होने के बावजूद देश में इलेक्ट्रॉनिक व्यापार मंच का संचालन कर रही हैं।

आरबीआई ने कहा कि निवासी व्यक्ति सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म फेमा की शर्तों के तहत अधिकृत व्यक्तियों के साथ और वैध उद्देश्यों के लिए विदेशी मुद्रा का लेनदेन कर सकते हैं।

बयान में कहा गया कि निवासी व्यक्ति यदि फेमा के तहत वैध इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म उद्देश्यों से इतर या आरबीआई द्वारा गैर मंजूरी प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) के जरिये विदेशी मुद्रा का लेनदेन करेंगे, तो इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म उन पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

डेली न्यूज़

सन्दर्भ

केंद्र सरकार वर्ष 2003 के पुराने आदर्श कानून की जगह नया आदर्श मंडी कानून ला रही है, जिसके प्रावधानों के माध्यम से सरकार कृषि उपज विपणन समिति (Agricultural Produce Market Committees-APMC) कानून में भारी बदलाव लाने की तैयारी में है।

प्रमुख बिंदु

  • नए आदर्श मंडी कानून में अधिसूचित बाजार क्षेत्र की अवधारणा को समाप्त करने और निजी मंडियों, किसान-उपभोक्ता बाजारों, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की स्थापना को बढ़ावा देने का प्रावधान है।
  • साथ ही, वेयरहाउसों को छोटी मंडियों में बदला जाएगा ताकि किसानों को बेहतर सुविधाएँ और दाम मिल सके।
  • इसमें सभी व्यापारियों को राज्य के भीतर सभी तरह के कृषि बाजारों में कारोबार करने के लिए एकल लाइसेंस देने की वकालत की गई है।
  • इसके अंतर्गत व्यापारी कुछ फीस देकर मंडियों, छोटी मंडियों, निजी मंडियों और ई-ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर कारोबार कर सकते हैं।
  • प्रस्तावित कानून में इलेक्ट्रॉनिक नैशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नाम) जैसे ई-ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के लिए एकल राष्ट्रव्यापी लाइसेंस का प्रावधान है।
  • ध्यातव्य है कि सभी मौजूदा कारोबारी लाइसेंसों को कानून लागू होने के छह महीने के भीतर अंतरराज्यीय या राज्य के भीतर कारोबार के लिए एकल लाइसेंस में बदला जाएगा।
  • नए आदर्श कानून के मुताबिक सभी अधिसूचित कृषि जिंसों को मंडियों में और बाहर बेचा जा सकता है।
  • इसके अतिरिक्त कृषि उपज प्रसंस्करण कंपनी, वालमार्ट और बिग बाजार जैसी खुदरा श्रंखलाएं, इनसे जुड़े किसान सहकारी संघ और किसान-उत्पादक कंपनियाँ सीधे किसानों और उत्पादकों से कृषि उत्पाद खरीद सकती हैं।
  • वे एक लाइसेंस लेकर किसी मंडी या निजी बाजार की सीमा के बाहर ऐसा कर सकती हैं।
  • खरीददार अर्थात बड़ी खुदरा श्रंखलाएँ या प्रसंस्करण कंपनी , संग्रह या एकत्रीकरण केंद्र खोल सकती हैं लेकिन उन्हें सरकार को अपनी मासिक रिपोर्ट, खाता और दूसरी जानकारियाँ उपलब्ध करानी होंगी।
  • बड़ी मात्रा में खरीद करने वाली कंपनियों पर आवश्यक वस्तु कानून के तहत भंडारण सीमा का नियम लागू नहीं होगा और उन्हें लाइसेंस फीस की 0.5 फीसदी राशि मार्केटिंग डेवलपमेंट फंड में देनी होगी।

e-NAM Portal: किसानों का ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है e-NAM, जानिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म इस पोर्टल पर कैसे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन

By: ABP Live | Updated at : 15 Apr 2022 09:10 PM (IST)

राष्ट्रीय कृषि बाजार पोर्टल पर जुड़कर किसान अपनी समस्याओं का पा सकते हैं समाधान (फाइल फोटो)

e-NAM Scheme: किसानों को अक्सर उनकी फसलों को लेकर की समस्याओं को सामना करना पड़ता है. ऐसे में किसानों को होने वाली दिक्कतों को हल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा 2016 मे राष्ट्रीय कृषि बाजार या e-Nam की शुरुआत की गई थी. इस पोर्टल पर जाकर देश के किसान सीधे अपनी फसल की खरीद-बिक्री कर सकते हैं. गौरतलब है कि 6 साल पहले शुरु हुए इस इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल पर देश के मोजूदा सभी कृषि उपज मंडी समिति जुड़ चुकी हैं.

e-NAM किसानों का ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है

Gold Trading: सोने की ट्रेडिंग होगी आसान, सरकार ला रही नए नियम- जानिए कैसे होगा फायदा

EGR यानी इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट अन्य सिक्‍योरिटीज जैसा ही होगा

  • News18 हिंदी
  • Last Updated : November 18, 2022, 20:49 IST

नई दिल्ली. सोने में ट्रेडिंग करना अब और आसान होने वाला है. Paper Gold में ट्रेडिंग करने वालों कारोबारियों लिए अच्छी ख़बर आई है. Electronic Gold Receipts में Trade करने पर ITC रिफंड नहीं अटकेगा. सूत्रों के मुताबिक EGR यानी Electronic Gold Receipts के जरिए निवेश और ट्रेडिंग को बढ़ावा देने के लिए वित्तमंत्रालय GST से जुड़े नियमों में ढील देने पर विचार कर रहा है.

बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट से इस प्रीसियम मेटल प्रभावी और पारदर्शी कीमत का पता लगाने में मदद मिलेगी. EGR यानी इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट अन्य सिक्‍योरिटीज जैसा ही होगा. इसकी ट्रेडिंग क्लियरिंग और सेटलमेंट भी दूसरी सिक्‍योरिटीज की तरह किया जा सकेगा.

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