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क्रिप्टोकरेंसी क्या है

क्रिप्टोकरेंसी क्या है

क्रिप्टोकरेंसी क्या है यह कैसे काम करती है और उनके प्रकार - Cryptocurrency in Hindi.

इस तेजी से आगे बढ़ रहे Digital World में करेंसी ने भी Digital रूप ले लिया है और इस डिजिटल करेंसी को ही Cryptocurrency कहा जाता है । दुसरे Currencies जैसे की भारत में Rupees, USA में Dollar, Europe में Euro इत्यादि को सरकारें पुरे देश में लागु करते हैं और इस्तमाल में लाये जाते हैं ठीक वैसे ही इन Currency को भी पुरे दुनिया में इस्तमाल में लाया जाता है ।

जैसे की Bitcoin एक क्रिप्टोकरेंसी का ही प्रकार है जिसका नाम आपने अनेको बार सुना है लेकिन ये Cryptocurrency क्या है और इसे कैसे Use किया जाता है इसके Benefits क्या-क्या होते है ऐसे सवालो के जवाब आप इस पोस्ट में जानेगे । तो चलीए विस्तार से जानते है क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसके कितने प्रकार है ।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है.

क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी होती है जिसे 2009 में Introduce किया गया था और पहली Cryptocurrency जो ज्यादा पोपुलर हुई वह Bitcoin ही थी । Cryptocurrency कोई असली सिक्को या नोट जैसी नही होती होती है यानि इस करेंसी को हम रुपए की तरह हाथ में नही ले सकते और ना ही हम इसे अपने जेब में भी रख सकते है लेकिन ये हमारे Digital Wallet में Save रहती है इसे आप Online Currency कह सकते है क्योकि ये केवल Online Exist क्रिप्टोकरेंसी क्या है करती है ।

Bitcoin से होने वाला पेमेंट कंप्यूटर के माध्यम से होता है दोस्तों आप सब जानते है की Rupee, यूरो, डॉलर जैसी Currency पर सरकार का पूरा Control होता है लेकिन क्रिप्टोकरेंसी पर किसी सरकार कोई Control नही होता है । इस Virtual Currency पर सरकारी संस्थान जैसे Central Bank या किसी भी देश की एजेंसी का कोई Control नही होता है यानी Bitcoin कोई ट्रेडिशनल बैंकिंग सिस्टम को नही मानता है बल्कि कंप्यूटर Wallet से दुसरे Wallet तक ट्रांसफर होता रहता है । ऐसा नही है केवल Bitcoin ही ऐसी Cryptocurrency है बल्कि ऐसी 5000+ से भी ज्यादा अलग अलग क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है और कुछ पोपुलर क्रिप्टोकरेंसी है Ethereum, Ripple, Litecoin, Tether और Libra इनपे Invest कर सकते है और इन्हें Bitcoin की तरह आसानी से ख़रीदा या बेचा जा सकता है ।

ये बात अलग है की सबसे ज्यादा पोपुलर Cryptocurrency Bitcoin ही है और ये कितनी पोपुलर Currency है । इसका अंदाज़ा आपको इस बात से लगा जाएगा की अब दुनिया की बहुत सी कंपनियां बित्कोइन पेमेंट Accept करने लगी है और आगे इन् कम्पनीज के नाम पर तेजी से बढ़ेंगे ही ऐसे में Bitcoin का Use करके शौपिंग, ट्रेडिंग, फ़ूड डिलीवरी, TRAVELLING किया जा सकता है । इंडिया में धीरे धीरे ही लेकिन Bitcoin पेमेंट का पोपुलर फॉर्म बनती जा रही है इंडिया में Cryptocurrency की इस Low Speed का कारण Illegal होना था क्योकि cryptocurrency को RBI के द्वारा प्रतिबंधित किया गया था ।

लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधन को हटा दिया है यानी अब इंडिया में Cryptocurrency का इस्तेमाल का legal है इसी कारण इंडिया में भी Cryptocurrency USERS की संख्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है लेकिन इंडिया में Bitcoin का और सब देशो के मुकाबले में इसका प्रचलन कम होने का दूसरा मुख्य कारण ये है की इंडिया में अभी लोग इन Virtual Currency में Invest करने के बजाये FD, RD, Shares में Invest करना ज्यादा पसंद करते है ।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करता है.

क्रिप्टोकरेंसी निम्नलिखित तरीके से काम करता है-

  • ब्लॉकचेन का उपयोग करके लेनदेन सत्यापित किए जाते हैं ।
  • ब्लॉकचैन लेनदेन विकेंद्रीकृत होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे लेनदेन को प्रबंधित करने और रिकॉर्ड करने के लिए कई कंप्यूटरों में फैले हुए हैं ।
  • क्योंकि ब्लॉकचेन लेनदेन कई कंप्यूटरों पर निर्भर करता है ।
  • Centralized Currencies की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य क्या है.

क्रिप्टोकरेंसी Fine Art या रियल स्टेट के समान है। Cryptocurrency की मांग कितनी है, इसके आधार पर Cryptocurrency का मूल्य ऊपर या नीचे आता जाता है।

उदाहरण

  • 2008 की मंदी के दौरान पूरे अमेरिका में आवास की कीमतों में औसतन 33% क्रिप्टोकरेंसी क्या है की गिरावट आई, 2018 तक उन्होंने रिबाउंड किया था और 50% से अधिक की वृद्धि हुई थी।
  • मोनेट गरीब मर गया, भले ही उसके पास बेचने के लिए बहुत क्रिप्टोकरेंसी क्या है सारी पेंटिंग थी, लेकिन अब उसकी एक पेंटिंग की औसत कीमत लगभग 7 मिलियन अमरीकी डालर है।
  • एलोन मस्क द्वारा इसे एक हलचल कहे जाने के बाद, डॉगकोइन, एक क्रिप्टोक्यूरेंसी की कीमत में 35% की गिरावट आई है।

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार.

क्रिप्टोकरेंसी के कुछ महत्वपूर्ण प्रकार निम्नलिखित है-

  • Bitcoin (BTC)
  • Litecoin (LTC)
  • Faircoin (FAIR)
  • Ethereum (ETH)
  • Dogecoin (Doge)
  • Ripple (XRP)
  • Peercoin (PPC)
  • Monero (XMR)
  • Dash (DASH)

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे.

क्रिप्टोकरेंसी के कुछ फायदे आप सब को निचे में बताया गया है-

  • फंड ट्रांसफर करने का एक तेज़ तरीका
  • लेन-देन का लागत प्रभावी तरीका
  • मुद्रा विनिमय आसानी से किया जा सकता है
  • सुरक्षित और निजी
  • स्वशासित और प्रबंधित

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान.

किसी भी चीज का अगर कुछ फायदा है तो उसके कुछ नुकसान भी होता है ठीक उसी प्रकार क्रिप्टो-करेंसी के भी कुछ नुकसान है-

  • अवैध लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है
  • डेटा loss से Financial नुकसान हो सकता है
  • कुछ सिक्के अन्य fiat मुद्राओं में उपलब्ध नहीं हैं
  • पर्यावरण पर खनन के प्रतिकूल प्रभाव
  • हैक के लिए अतिसंवेदनशील
  • कोई धनवापसी या रद्दीकरण नीति नहीं

निष्कर्ष

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सब को क्रिप्टोकरेंसी के बारे में विस्तार से बताया गया और आप सब ने क्रिप्टोकरेंसी क्या है, क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार, इसके हानी और लाभ तथा उससे जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में भी जाना मुझे उम्मीद है की आपको यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा।

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क्या है डॉजक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी? जानिए इस जुड़ी सारी बातें

जनता से रिश्ता। डॉजक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी ने आज मार्केट में अपनी अलग पहचान बना ली है। एक सोशल मीडिया मीम के ज़रिये एडाप्ट किये गए इस करेंसी की आज बहुत ज़्यादा मार्केट वैल्यू है। सबसे पहले इसे साल 2013 में एक मॉक करेंसी की तरह दो इंजीनियर्स बिली मार्कस और जैक्सन पामर ने डेवेलोप किया था। तब से लेकर अब तक ये डॉजक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी काफी आगे निकल चुका है और आज इसकी वैल्यू आसमान छू रही है।

रीसेंट रिपोर्ट्स की माने तो इस साल के दूसरे तिमाही में ही डॉजक्वाइन के ट्रेडिंग वॉल्यूम में करीब 1250 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। यही वजह है कि अप्रैल से जून तक के सफर में ही इसमें रोज़ करीब 995 मिलियन डॉलर का कारोबार किया है। यही वजह है कि आज ये विश्व के टॉप 10 क्रिप्टोकर्रेंसीज़ में अपना नाम बना चुका है और आज इसकी तुलना विश्व व्यापक बिटकॉइन और एथेरेयम से की जाती है।

18 जुलाई के डेटा को देखें तो जहाँ बिटकॉइन में प्रतिदिन 0.63 प्रतिशत का उछाल देखा गया है वहीं डॉजक्वाइन का प्रतिदिन का उछाल 12.88 प्रतिशत है। इसके स्टेक्स भी बाकि कर्रेंसीज़ के मुकाबले गिरावट भी कम देखने को मिली है और इसलिए ये माना जा सकता है कि ये अपने बाकी वरिष्ठ समकक्षों के मुकाबले एक ज़्यादा स्ट्रांग कन्टेंडर है।

डॉजक्वाइन पर शीबा इनु डॉग का सिंबल है जो आज कल्चरल क्रिप्टो कर्रेंसीज़ के मार्केट में एक ट्रेडिशनल सिंबल बन कर उभरा है। इस सिंबल के मदद से करेंसी के एक्चुअल डेफिनेशन को फिर लोगों के सामने रखने की कोशिश की गई है जिसका अर्थ है "एक फन और फ्रेंडली इंटरनेट करेंसी"।

डॉजक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी के साथ जो नाम सबसे ज़्यादा सुनने को मिलता है वो है "टेस्ला" चीफ और टेक्निकल मैग्नेट एलन मस्क का जो इस करेंसी के बारे में सोशल मीडिया पर चर्चा करते रहते हैं। इसके अलावा क्रिप्टो स्पेस में जिस तरह महिलाओं से महिअलों के हिस्सेदारी बढ़ती जा रही है ये इस बात का प्रूव है कि आगे क्रिप्टो कर्रेंसीज़ में काफी ज़्यादा पोटेंशियल है और इसलिए ये एक अच्छा इन्वेस्टमेंट हो सकता है।

क्‍या क्रिप्‍टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्‍यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब

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Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार ने इस विषय पर अपना पक्ष भी स्‍पष्‍ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।

1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की घोषणा

सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की भी घोषणा की थी। इस क्रिप्टोकरेंसी क्या है कदम का उद्देश्य डिजिटल मुद्रा में लेनदेन के विवरण को कैप्चर करना है। विभिन्न बाजार विश्लेषकों ने डिजिटल परिसंपत्तियों पर कर लगाने को क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक दर्जा मिलने की प्रस्‍तावना के रूप में देखा। हालांकि, वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाले लाभ पर कर लगाने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके नियमन या वैधता पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

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RBI की नज़र में यह आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा

केंद्र सरकार भले ही इस करेंसी को लेकर अभी बंदिशें नहीं लगा रही हो लेकिन आरबीआई की नज़र में यह देश की माली हालत के लिए ठीक नहीं है। फरवरी माह में ही मौद्रिक नीति की घोषणाओं क्रिप्टोकरेंसी क्या है के बाद पत्रकारों से बात करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि "निजी क्रिप्टोकरेंसी भारत की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हैं, साथ ही आरबीआई की इससे निपटने की क्षमता भी है। निवेशकों को यह बताना मेरा कर्तव्य है कि वे क्रिप्टोकरेंसी में क्या निवेश कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि इन क्रिप्टोकरेंसी में कोई संपत्ति नहीं है।

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सरकार चाहती है सामूहिक प्रयास हों

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है क्योंकि तकनीक लगातार विकसित और बदल रही है। बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो विनियमन पर परामर्श चल रहा है और नियामक दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद क्या कानूनी है, क्या स्पष्ट नहीं होगा।

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बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी के लिए राह मुश्किल

दूसरी तरफ वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का कहना था कि बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेगी। सोमनाथन ने कहा कि डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा समर्थित होगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा क्रिप्टोकरेंसी क्या है आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया कानूनी निविदा होगी। हम डिजिटल रुपये के साथ गैर-डिजिटल संपत्ति खरीद सकते हैं जैसे हम अपने वॉलेट या यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए भुगतान करके आइसक्रीम या अन्य चीजें खरीदते हैं।

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सरकार नहीं कर सकती मूल्‍य को अधिकृत

सोमनाथन के अनुसार क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा।निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। हालांकि, वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं। अगर क्रिप्टोकुरेंसी के लिए विनियमन आता है तो यह कानूनी निविदा नहीं होगी।"

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? जानिए इसका पूरा गणित

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? जानिए इसका पूरा गणित

क्रिप्टोकरेंसी, यानी कि नए जमाने की डिजिटल करेंसी। इसका जिक्र आजकल खूब किया जा रहा है और इसे भविष्य की मुद्रा मानते हुए युवा एकदूसरे को इसमें निवेश की सलाह क्रिप्टोकरेंसी क्या है दे रहे हैं। हालांकि, ज्यादातर लोगों के लिए क्रिप्टोकरेंसी एक नया शब्द है और वे इसके लेनदेन के बारे में कुछ नहीं जानते। जरूरी है कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने या इसके बारे में चर्चा करने से पहले इसका मतलब समझा जाए और इसके काम करने का तरीका पता हो।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी का मतलब?

कागज या सिक्कों की क्रिप्टोकरेंसी क्या है मदद से तैयार किए जाने वाली मुद्रा के मुकाबले डिजिटल लेनदेन का चलन बढ़ गया है। इससे एक कदम आगे बढ़कर मुद्रा की ऐसी व्यवस्था तैयार की गई है, जो पूरी तरह वर्चुअल या डिजिटल होती है। साल 2009 में बिटकॉइन के साथ इस वर्चुअल करेंसी सिस्टम की शुरुआत हुई और ढेरों नाम इस वर्चुअल करेंसी सिस्टम से जुड़ते चले गए। क्रिप्टोकरेंसी ऐसी मुद्रा है, जो दिखती नहीं और जिसका लेनदेन पूरी तरह वर्चुअल होता है।

कितनी तरह की होती है क्रिप्टोकरेंसी?

मार्केट रिसर्च वेबसाइट कॉइनमार्केटकैप की मानें तो अभी 10 हजार से ज्यादा तरह ही क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल पब्लिकली किया जा रहा है। अगस्त, 2021 तक इनकी कुल वैल्यू 1.9 ट्रिलियन डॉलर (करीब 1.39 लाख अरब रुपये) से ज्यादा की है। बिटकॉइन, ईथेरम और बाइनेंस कॉइन सबसे ज्यादा मार्केट कैपिटल वाली और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसीज हैं। इन करेंसीज की वैल्यू मार्केट के हिसाब से लगातार बदलती रहती है और इन्हें अलग-अलग कीमत पर खरीदा जा सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी तेजी से लोकप्रिय क्यों हो रही है?

दूसरी मुद्राओं या करेंसीज की तरह क्रिप्टोकरेंसी पुराने बैंकिंग सिस्टम को फॉलो नहीं करती और इसपर अलग-अलग देश की सरकारों का नियंत्रण नहीं होता। यानी कि बिना किसी मीडियेटर बॉडी के नियंत्रण इन्हें इस्तेमाल करने वालों के पास होता है और वे डिजिटल करेंसी से खरीददारी कर सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को भविष्य की मुद्रा माना जा रहा है और लोग इसमें निवेश कर रहे हैं। यही वजह है कि बीते कुछ साल में इसकी वैल्यू कई गुना बढ़ गई है।

कैसे मिल सकती है क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी को आप किसी कंपनी के शेयर्स मान सकते हैं, जिन्हें खरीदने के लिए तय रकम देनी होती है। इन शेयर्स की कीमत घट या बढ़ सकती है और जरूरत पड़ने पर आप ये शेयर बेच भी सकते हैं। ठीक इसी तरह आपको क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए अपनी मुद्रा (जैसे- डॉलर या रुपये) में रकम चुकानी होती है। कुछ वक्त बीतने के बाद आपकी ओर से खरीदी गई क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू कम या ज्यादा मिल सकती है।

कैसे काम करता है क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन?

जाहिर सी बात है कि क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन का एक डाटाबेस होना जरूरी है और यहां ब्लॉकचेन काम आती है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन ब्लॉकचेन में रिकॉर्ड होते हैं। यानी कि अगर एक यूजर ने क्रिप्टोकरेंसी की मदद से दूसरे को भुगतान किया तो यह जानकारी एक ब्लॉक में एनक्रिप्ट कर दी जाएगी और क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू एक से दूसरे यूजर के पास सुरक्षित ढंग से ट्रांसफर कर दी जाएगी।

कैसे स्टोर की जा सकती है क्रिप्टोकरेंसी?

किसी मुद्रा या करेंसी को स्टोर करने के लिए एक वॉलेट की जरूरत पड़ती है। असली नोट जेब में रखे पर्स में और डिजिटल लेनदेन से जुड़ी जानकारी हम पेमेंट ऐप्स या वॉलेट में रखते हैं। क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के बाद आपको उसे अपने डिजिटल वॉलेट में रखना होता है, जो काम क्रिप्टो ऐप्स कर देती हैं। ऐसे वॉलेट्स में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने या बेचने का विकल्प देते हुए भारत में एक दर्जन से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट काम कर रहे हैं।

घटती या बढ़ती क्यों है क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू?

क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं बल्कि दुनिया की सभी मुद्राओं की वैल्यू घटती और बढ़ती रहती है। अगर किसी करेंसी को में ज्यादा लोग निवेश करना चाहते हैं और करेंसी सीमित है, तो उसकी कीमत बढ़ जाती है। वहीं, इस्तेमाल करने वाले ज्यादा हो जाएं और निवेश करने वाले कम तो वैल्यू कम होने लगती है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वाले बढ़ गए हैं इसलिए आज एक बिटकॉइन की कीमत करीब 33 लाख रुपये के बराबर है।

क्या हैं क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के फायदे?

भारत में मार्च, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर लगा बैन हटा दिया है, यानी कि इसे खरीदना या इस्तेमाल करना अवैध नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किए जाने वाले पेमेंट ज्यादा सुरक्षित होते हैं और इनमें मिडिलमैन ना होने के चलते ज्यादा प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी पड़ती। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किया जाने वाला लेनदेन गोपनीय भी होता है। साथ ही इसकी तेजी से बढ़ती वैल्यू भी इसमें किए गए निवेश को बेहतर बना क्रिप्टोकरेंसी क्या है सकती है।

क्या आपको क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहिए?

क्रिप्टोकरेंसी नया कॉन्सेप्ट नहीं है और अमेजन जैसे कई कंपनियां इससे भुगतान का विकल्प देती हैं। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी पर नियंत्रण आसान नहीं है क्योंकि कोई संस्था या नियामक संगठन इसके मार्केट में फ्लो को मॉनीटर नहीं करता। यानी कि इसकी वैल्यू घटेगी या बढ़ेगी, इसपर कुछ नहीं कहा जा सकता जबकि किसी करेंसी का स्थिर रहना महत्वपूर्ण होता है। क्रिप्टोकरेंसी खरीदने या इसमें निवेश करने का फैसला इससे जुड़े रिस्क को ध्यान में रखने के बाद ही किया जाना चाहिए।

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