क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है

भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ व्यापार स्थगित किया
नई दिल्ली. भारत सरकार ने गुरुवार को पाकिस्तान के साथ जम्मू-कश्मीर में सीमा पार व्यापार स्थगित करने का निर्णय लिया है। सरकार को लगातार ऐसी सूचनाएं मिल रही थीं कि पाक के द्वारा इस रूट का इस्तेमाल भारत में हथियार, नकली मुद्रा और नशीली दवाओं को भेजने के लिए किया जाता है। इसके मद्देनजर यह कदम उठाया गया। गृह मंत्रालय के द्वारा जारी क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है किए गए नोटिस में कहा गया कि जम्मू-कश्मीर में 19 अप्रैल से सरहद पार व्यापार नहीं किया जाएगा।
सप्ताह में चार दिन होता है व्यापार
रिपोर्ट के मुताबिक व्यापार फिर शुरू किया जा सकता है। जम्मू-कश्मीर सीमा पर होने वाले व्यापार के जरिए सामान्य उपयोग की चीजों-उत्पादों का आदान-प्रदान होता है। सप्ताह में चार दिन होने वाला यह व्यापार बार्टर सिस्टम और जीरो ड्यूटी पर आधारित है। व्यापार के दो केंद्र हैं। इनमें बारामूला के उरी और सलामाबाद, पूंछ का चक्कन-दा-बाग शामिल है।
रिपोर्ट के मुताबिक बदल गया व्यापार का रूप
हालांकि रिपोर्ट्स में बताया गया कि सीमा पर होने वाले व्यापार का रूप अब बदल चुका है। अब इसके जरिए विदेशी वस्तुओं के साथ ही कुछ और क्षेत्रों से आने वाले उत्पाद भी इस व्यापार का हिस्सा बन चुके हैं। देशविरोधी ताकतें इस रास्ते का उपयोग हवाला के पैसे, हथियार और दवाओं को सरहद पार भेजने में कर रहे हैं।
सरकार ने पाक से लिया एमएफएन का दर्जा
पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा वापस ले लिया था। इस दौरान भी सरकार को व्यापार के जरिए अनैतिक गतिविधियों के संचालन की सूचनाएं मिल रही थीं। इसी के मद्देनजर सरकार ने तत्काल प्रभाव से जम्मू-कश्मीर में मौजूद सलामाबाद और चक्कन-दा-बाग से व्यापार को स्थगित कर दिया है।
OctaFX ट्रेडिंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, ईडी ने फ्रीज किया 21.14 करोड़ रुपए का बैंक बैलेंस
नई दिल्ली (उत्तम हिन्दू न्यूज): प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कहा कि, उसने फेमा के तहत ऑक्टाएफएक्स ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट ऑक्टाएफएक्स.कॉम के माध्यम से अवैध ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार के मामले में ऑक्टाएफएक्स और संबंधित संस्थाओं के 21.14 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस को फ्रीज कर दिया है। इससे पहले, ईडी ने ऑक्टाएफएक्स ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.ऑक्टाएफएक्स.कॉम के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय दलालों के जरिए अवैध ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार के मामले में फेमा के प्रावधानों के तहत ऑक्टाएफएक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अलग-अलग परिसरों में तलाशी ली थी। फेमा की जांच से पता चला कि ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट भारत स्थित इकाई ऑक्टाएफएक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से भारत में काम कर रही हैं।
अधिकारी ने कहा कि इस विदेशी मुद्रा व्यापार मंच को सोशल नेटवकिर्ंग साइटों पर व्यापक रूप क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है से प्रचारित किया जाता है और उपयोगकर्ताओं को अपने प्लेटफॉर्म पर आकर्षित करने के लिए रेफरल-आधारित प्रोत्साहन मॉडल का इस्तेमाल किया जाता था। ईडी ने दावा किया, यह देखा गया है कि मुख्य रूप से यूपीआई, स्थानीय बैंक ट्रांसफर के माध्यम से उपयोगकर्ताओं से धन एकत्र किया जाता है और डमी संस्थाओं के माध्यम से प्रसारित किया जाता है। इन निधियों को विभिन्न डमी संस्थाओं के बैंक खातों में जमा किया जाता है और लेयरिंग के उद्देश्य से घरेलू स्तर पर अन्य बैंकों में स्थानांतरित किया जाता है और बाद में सीमा पार लेनदेन किया गया है।
ईडी क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है ने कहा कि उसे अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार दलालों और उनके भारतीय भागीदारों/एजेंटों के बीच सांठगांठ के बारे में पता चला है। ऐप (ऑक्टाएफएक्स) और इसकी वेबसाइट को आरबीआई द्वारा फॉरेक्स ट्रेडिंग में डील करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। विदेशी मुद्रा व्यापार का संचालन (मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज पर नहीं किया जा रहा है) अवैध है, और फेमा नियमों का भी उल्लंघन करता है।
जांच के दौरान यह सामने आया है कि विभिन्न भारतीय बैंकों के कई खातों को निवेशकों, उपयोगकर्ताओं को ऑक्टाएफएक्स ट्रेडिंग ऐप/डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.ऑक्टाएफएक्स.कॉम पर विदेशी मुद्रा व्यापार की सुविधा की आड़ में धन एकत्र करने के लिए दिखाया जा रहा था। निवेशकों को धोखा देने के बाद इन्हें एक साथ कई ई-वॉलेट खातों जैसे कि नेटेलर, स्क्रिल या डमी संस्थाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया।
अधिकारी ने कहा, हमें पता चला है कि इस ट्रेडिंग ऐप पर धोखाधड़ी की गई राशि का एक बड़ा हिस्सा जानमाई लैब्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से क्रिप्टो मुद्राओं को खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है
इस्लामाबाद, 15 मई (हि.स.)। पाकिस्तान में कमरतोड़ महंगाई और अर्थव्यवस्था (inflation and economy) गिरावट के बीच खाद्य तेलों (edible oils) की कीमत में दोगुना इजाफा हो गया। इस वर्ष अप्रैल तक पाकिस्तान का तेल और खाद्य आयात बिल 58.98 फीसद बढ़कर (Bill increased by 58.98 percent) लगभग 2400 करोड़ डालर (2400 million dollars) पहुंचने से तेल के दाम आसमान छूने लगे हैं। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल लगभग 4400 करोड़ डालर के आयात बिल की तुलना में अक्टूबर 2022 को समाप्त दस महीनों में देश का कुल आयात बिल 46.51 फीसद बढ़कर 6500 करोड़ डालर हो गया है।
खाद्य आयात बिल (food import bill) भारी इजाफे के परिणामस्वरूप वनस्पति घी (Vegetable Ghee) और खाना पकाने के तेल की घरेलू कीमत में दोगुनी तेजी देखी गई है। विशेष रूप से सोयाबीन तेल के आयात मूल्य में 101.96 फीसदी की वृद्धि हुई है। गेहूं का आयात पिछले वर्ष के 3.61 मिलियन टन से 19.12 फीसद घटकर 2.206 मिलियन टन रह गया है। पाकिस्तान में अप्रैल में एक दाना गेहूं आयात नहीं हुआ है। साथ ही चाय, मसालों और दालों के आयात बिल में भी तेजी से उछाल आया है।
खाद्य संकट पर जारी वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और सिंध प्रांत में भोजन की काफी कमी हो गई है। खाद्य और ईंधन की कीमत में वृद्धि, सूखे की स्थिति, पशुओं की बीमारियों और बेरोजगारी की समस्या ने महंगाई को चरम पर पहुंचा दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पुनरुद्धार कार्यक्रम में देरी के चलते विदेशी मुद्रा भंडार और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे देश की अर्थव्यवस्था और भी चरमरा गई।
आयात बिल में तेज वृद्धि के परिणामस्वरूप पाकिस्तान में व्यापार घाटा बढ़ गया है। इससे सरकार पर बाहरी देनदारी का दबाव भी बढ़ा है। इसके अलावा, पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि पेट्रोलियम उत्पादों के आयात मूल्य में 121.15 फीसद की वृद्धि हुई है। दूसरी ओर कच्चे तेल के आयात मूल्य में 75.34 फीसद की वृद्धि देखी गई है।
पाकिस्तान में आयात बिल (import bill) ने वाले महीनों में और बढ़ने की संभावना है, क्योंकि सरकार ने लगभग 40 लाख टन गेहूं और 6 लाख टन चीनी क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है आयात करने का फैसला किया है। इस बीच मूल्य और मात्रा दोनों के मामले में खाद्य तेल के आयात में भी लगातार वृद्धि हुई। ताड़ के तेल आयात बिल का मूल्य भी अक्टूबर 2022 को समाप्त दस महीनों में 44.64 फीसद बढ़कर 300 करोड डालर हो गया है।
पाकिस्तान,श्रीलंका से तिब्बत,म्यांमार तक को जकड़ में लेकर भारत को घेर रहा चीन?
भारत से सटे देशों में चीन की दखलअंदाजी पर गौर करेंगे तो पता लगेगा कि चीन कैसे भारत की घेराबंदी कर रहा है
पाकिस्तान (Pakistan) की सियासत में उठापटक हुई. इमरान (Imran Khan) की विदाई व शहबाज शरीफ (shehbaz sharif) की ताजपोशी हुई. इसके पीछे हर ओर चर्चा है कि इमरान की सरकार इसलिए गई क्योंकि इमरान अमेरिका के खिलाफ बोलने लगे थे.
अमेरिका के मामले को प्रकाश में लाते हुए इस उथल पुथल के पीछे चीन के हाथ पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई. जबकि चीन ही वह मुल्क है जो पिछले कई सालों से पाकिस्तान को अपनी कठपुतली बनाए हुए है. चीन की शह पर ही पिछले काफी समय से इमरान अमेरिका विरोधी रुख अपना रहे थे. चीन का असली निशाना तो भारत है. तो क्या पाकिस्तान को अस्थिर कर चीन भारत को नुकसान पहुंचाना चाहता है? यह सवाल अपने आप में अटपटा लग सकता है लेकिन जब आप भारत से सटे देशों में चीन की दखलअंदाजी पर गौर करेंगे तो पूछेंगे कि क्या चीन भारत की घेराबंदी कर रहा है? यहां इस रिपोर्ट में पढ़िए भारत के पड़ाेसी देशों में चीन की ऐसी ही कारस्तानियों के बारे में -
श्रीलंका का बेड़ा गर्क
अभी हाल ही में पूरी दुनिया में श्रीलंका की खस्ता हालत की खबरों ने सुर्खियां बटोरीं. वहां खाने-पीने की चीजें भी अब खरीद से बाहर हो चुकी हैं. उसे इस हालत में पहुंचाने में चीन का बहुत बड़ा हाथ है.
श्रीलंका ने भारी भरकम विदेशी कर्ज इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए ले रखा है. इस विदेशी कर्ज का 10 प्रतिशत चीन ने रियायती ऋण के नाम पर दे रखा है. यहां की सरकार को कॉमर्शियल लोन चीन की सरकारी बैंकों ने ही दिए हैं.क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है
जब श्रीलंका पर आर्थिक संकट आया तो चीन ने उसका हंबनटोटा पोर्ट हथिया लिया. श्रीलंका को चीन ने अपने 'डेट ट्रैप' में फंसाया. उसने अपना पैसा लोन के रूप में यहां की परियोजनाओं में फंसाया. पैसा उसका और काम भी वही करता रहा. जब श्रीलंका पैसे को चुका नहीं पाया तो वैकल्पिक व्यवस्था के तहत उन्हें चीन को अपने वे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट सौंपने पड़े.
श्रीलंका से पहले चीन ने लाओस, जाम्बिया, केन्या, मलेशिया, जिबूती जैसे छोटे देशों को अपने इसी कर्जजाल में फंसाया है. श्रीलंका तो अभी भी संभलता नहीं दिख रहा, उसने चीन से 2.5 अरब डॉलर का और ऋण मांगा है. श्रीलंका पता नहीं चीनके पंंजे में किस मजबूरी में जकड़ा हुआ था कि उसने वहां से तीन से छह प्रतिशत की ब्याज दर पर कर्ज लिया जबकि विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एक से तीन फीसद की रेट पर कर्ज देते हैं.
श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सनत जयसूर्या देश को बचाने की गुहार लगाते हुए.
पाकिस्तान को एक दिन ड्रैगन जरूर निगलेगा
पाकिस्तान से दोस्ती निभाने के बहाने चीन वहां की अर्थव्यवस्था को अपने कब्जे में लेता जा रहा है. चीन ने पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश किया है.
साल 2015 में पाकिस्तान में 50 बिलियन डॉलर से ज्यादा चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) नामके प्रोजेक्ट में लगाए. यह भी चीन के उस बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से जुड़ी परियोजना है, जिसके जरिए ड्रैगन मुल्क कई सारे देशों केा जकड़ में लेता रहा है.
इस योजना में चीन ने अपने पैसे से पाकिस्तान की बिजली और सड़क के प्रोजेक्ट से जुड़े कई स्ट्रक्चर सुधारे. नए रोजगार बढ़ाने की 27 परियोजनाओं में पैसा लगाया जिन्हें वह वक्त पड़ने पर पाकिस्तान से जमकर वसूलेगा.
चीनी कंपनियों ने सिंध के दक्षिणी प्रांत में कई परियोजनाओं को पूरा किया है, और साथ ही पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (पीएसएक्स) कंपनी में 40% हिस्सेदारी खरीदी ली है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत के खिलाफ जाने के अपने मिशन में चीन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के आतंकियों को भी मदद देता रहा है.
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के केल, ज़ुरा और लीपा सेक्टर में कई चीनी सैनिक पहुंचाए जाते रहे हैं. पाकिस्तानी सैनिकों और आईएसआई के अधिकारियों को भी चीन ट्रेनिंग मुहैया कराता है.
पाकिस्तानी भले ही चीनी निवेश को वरदान मानते हों पर आने वक्त में उन्हें इसे अभिशाप होने का अहसास होगा जब ड्रैगन उन्हें निगलने लगेगा.
चीन के कर्ज के जाल में फंसे श्रीलंका-पाकिस्तान आर्थिक बर्बादी की राह पर
नेपाल को लेकर कोई बड़ा प्लान
नेपाल में केपी ओली लीडरशिप वाली पूर्व की कम्युनिस्ट सरकार ने भारत केा आंखें दिखाने और चीन की गोद में बैठने की नीति शुरू की थी पर चीन ने अपनी आदत के अनुसार नेपाल की पीठ में ही छुरा घोंपा. एक गुप्त रिपोर्ट से सामने आया है कि चीन धीरे-धीरे नेपाल के इलाकों में घुसपैठ करके उसकी जमीन हड़पता जा रहा है.
वह पहले से ही तिब्बत से सटे नेपाल के क्षेत्र में अवैध कब्जा करता रहा है और अब पश्चिमी नेपाल पर उसकी बुरी नजर है. दोलाखा में तीन पिलर और माउंट एवरेस्ट इलाके में दो पिलर को लेकर नेपाल से उसका पुराना विवाद है. चीनी सैनिक नेपालियों केा कैलाश पर्वत के पास स्थित उनके धार्मिक स्थल लालूंगजोंग में पूजा के लिए भी नहीं जाने देते.
चीन दोलखा के अलावा गोरखा, दारचुला, हुमला, सिंधुपालचौक, संखुवासभा और रसुवा जिलों में बहुत आक्रामक तरीके से आगे बढ़ता रहा है. नेपाल की अधिकांश सीमावर्ती नदियों हुमला, कर्णली, संजेन, रसुवा में लेमडे नदी, भुर्जुग, खारेन, सिंधुपालचौक की जंबू नदी, संखुवासभा में भोटेकोशी नदी, समजुग नदी, कामखोला नदी तथा अरुण नदी के पास की बाउंडरी पिलर को उसने धकेलना शुरू कर दिया है और इलाके अपने नक्श में दिखाने लगा है.
हुमला में चीन ने नेपाली जमीन पर पक्के निर्माण कर लिए हैं. पहले सत्ता में रही नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के इस विस्तारवादी एजेंडे पर परदा डालने का प्रयास किया.
भारत के नजदीक होने और वहां से भारत पर निगरानी रख सकने के कारण ड्रैगन के खुफिया जासूस नेपाल में जबरदस्त तरीके से फैले हुए हैं. यदि कहा जाए कि नेपाल को हड़पने का चीन का एक बहुत बड़ा गुप्त प्लान है तो यह ड्रैगन की विस्तारवादी नीति को देखते अतिश्योक्ति नहीं कही जाएगी.
LIME INDUSTRY--देश का 90 प्रतिशत लाइम का उत्पादन पं राजस्थान मे, फिर भी उद्योग संकट में, क्या है मामला
ऑल इंडिया लाइम मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मेघराज लोहिया ने शनिवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय खनिज मंत्री प्रहलाद जोशी से मिलकर केमिकल ग्रेडलाइम स्टोन को माइनर मिनरल कैटेगरी में शामिल करने की मांग की। लोहिया ने क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है बताया कि पश्चिमी राजस्थान में जोधपुर, नागौर, पाली जिले में उपलब्ध हाई क्वालिटी (केमिकल ग्रेड) के लाइमस्टोन को मेजर मिनरल से हटाकर माइनर मिनरल में शामिल करने की मांग की गई। उन्होंने बताया कि लाइमस्टोन मेजर मिनरल कैटेगरी में होने के कारण इन उद्योगों को कच्चा माल लाइमस्टोन उपलब्ध नहीं हो रहा है, जिसके कारण यह उद्योग संकट में आ गया है। वर्तमान में इस क्षेत्र में केमिकल ग्रेड लाइमस्टोन के बड़े-बड़े ब्लॉक बना दिए गए है, जिसके कारण छोटे उद्यमी इस ब्लॉक की नीलामी में भाग नहीं ले पा रहे है। इस पर केन्द्रीय ख्निज मंत्री जोशी ने इस समस्या समाधान का आश्वासन दिया।
LIME INDUSTRY--देश का 90 प्रतिशत लाइम का उत्पादन पं राजस्थान मे, फिर भी उद्योग संकट में, क्या क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है है मामला
देश का 90 प्रतिशत लाइम का उत्पादन
उन्होंने बताया कि देश का 90 प्रतिशत लाइम का उत्पादन इसी क्षेत्र में होता है और देश के विभिन्न बड़े उद्योग जिसमें स्टील, शुगर, केमिकल व फ र्टिलाइजर, पानी सफ ाई करने के प्लांट पश्चिमी राजस्थान के लाइम उद्योग पर निर्भर है। वर्तमान में भारत बड़ी मात्रा में केमिकल ग्रेड के लाइमस्टोन को विदेशों से आयात कर रहा है और भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा बाहर जा रही है।
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सूरसागर व्यापार संघ का 16 को अवकाश
सूरसागर व्यापार संघ की ओर से हर माह पूर्णिमा को रखा जाने वाला अवकाश रविवार को रखा जाएगा। वीकेण्ड लॉकडाउन को देखते हुए रविवार को अवकाश रहेगा, ऐसे में सोमवार को पूर्णिमा होने पर अवकाश नहीं रखकर बाजार खोले जाएंगे ।