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कमोडिटी मार्केट क्या है

कमोडिटी मार्केट क्या है
शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव इस साल के शुरू से ही बना हुआ है. (reuters)

Commodity market क्या है ? कमोडिटी की परिभाषा,प्रकार, उदाहरण। (2022)

परंतु फिर भी बहुत से ऐसे लोग है जो commodity Market के बारे में नहीं जानते । जिससे वह लाभ के अच्छे अवसर से वंचित है। तो चलिए जानते हैं Commodity market क्या है ? कमोडिटी की परिभाषा,प्रकार, उदाहरण। (2022)

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कमोडिटी मार्केट क्या है ?(what is commodity market)

Commodity market शेयर बाजार तथा अन्य सिक्योरिटी बाजार की तरह ही होता है। जिस प्रकार शेयर बाजार में विभिन्न कम्पनियों के शेयरों में निवेश तथा ट्रेडिंग होती है ।उसी प्रकार कमोडिटी मार्केट में भी विभिन्न प्रकार की कमोडिटीज होती है जिनकी खरीदी बिक्री का कार्य किया जाता है ।

कमोडिटीज वे वस्तुएं या उत्पाद होती है जो व्यक्ति प्रायः अपने दैनिक जीवन में उपयोग करता है । जैसे खाद्य पदार्थ , चावल गेंहू, सोयाबीन ,मक्का , विभिन्न धातुएं ,दूध, मांस इत्यादि।

Commodity Market में व्यापार या निवेश व्यक्ति अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाता है जिससे उसके निवेश पर अच्छे रिटर्न प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है।

कमोडिटीज के प्रकार।(types of commodities)

कमोडिटी से तात्पर्य ऐसी वस्तुओं से है जिन्हे व्यक्ति द्वारा उत्पादित किया जाता है । तथा जो खनन करने के उपरांत प्राप्त होती हैं।

कमोडिटी एक ऐसी वस्तु होती है जिसकी अपने आप में एक value होती है।

Commodity market

ये उत्पाद मनुष्य की दिन प्रतिदिन की आवश्कता की पूर्ति हेतु उपयोग किए जाते हैं।

कमोडिटीज को मुख्यतः चार वर्गों में विभाजित किया जा सकता है।

कृषि उत्पाद (agriculture product)

ये वे कमोडिटीज होती हैं जिन खेती करके उत्पादित किया जाता है इसका उपयोग व्यक्ति उपभोग के साथ साथ व्यापार व निवेश हेतु कमोडिटी मार्केट क्या है भी करता है ।

जैसे गेंहू,चावल सोयाबीन,मक्का, कपास, इत्यादि।

पशुधन (livestock)

इसमें पशुओं से प्राप्त समस्त वस्तुएं आती है जैसे मांस,दूध,रेशम, ऊन इत्यादि।

ऊर्जा उत्पाद (energy product)

इसके अंतर्गत वे वस्तुएं आती हैं जो ईधन के रूप में उपयोग की जाती है । इनको जमीन की सतह के अंदर खुदाई करके प्राप्त किया जाता है ।

इनमे तेल ,नेचुरल गैस, गैसोलीन,इथेनॉल,कोयला इत्यादि वस्तुएं आती हैं।

धातुएं (metels)

इनमे विभिन्न प्रकार की धातुएं होती हैं जिनका उपयोग व्यापार व औद्योगिक निर्माण हेतु किया जाता है।

जैसे सोना,चांदी, कॉपर, जिंक, एल्यूमीनियम आदि।

भारत में स्थित कमोडिटी एक्सचेंज (commodity exchanges in India)

कमोडिटी एक्सचेंज कमोडिटी में ट्रेड या निवेश करने हेतु महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि इसमें वर्चुअली रुप से व्यक्ति अपनी सुविधानुसार स्वतंत्र रूप से व्यापार कर सकता है।

पिछले कुछ वर्षों में लोगों की कमोडिटीज में निवेश तथा spaculation करने में रुचि में वृद्धि हुई है । इसके लिए सरकार द्वारा अनेकों एक्सचेंजों की स्थापना की गई है।

भारत की बात करें तो यहां लगभग 20 से अधिक कमोडिटी एक्सचेंज हैं परंतु मुख्य रूप से केवल चार एक्सचेंज ही लोकप्रिय हैं।

MCX( मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया)

यह एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज है इसकी स्थापना 10 नवंबर 2003 में हुई थी यह गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस वाली संस्था है जो दुनिया के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज में से एक है।

NCDEX ( कमोडिटी एंड द डेरिवेटिव एक्सचेंज)

यह मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज है। जिसमें विभिन्न प्रकार की कृषि उत्पादन कमोडिटी को विशेष रूप से ट्रेड किया जाता है। यह भारत के मुंबई में स्थित है तथा इसकी स्थापना 15 दिसंबर 2003 को की गई थी।

  • NMCE(नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज)

यह MCX व NCDEX के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज है। यह मुख्यता तेल वनस्पति तेल कॉपी दवा और मसालों के व्यापार के लिए जाना जाता है। इसकी स्थापना 26 नवंबर 2002 में की गई थी इसका मुख्यालय अहमदाबाद में है।

ICEX (इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज)

इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज मुंबई में स्थित भारत के प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंज में से एक है। यह भारतीय सिक्योरिटीज और विनिमय बोर्ड द्वारा संचालित है।वर्ष 2017 में इसका नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के साथ विलय कर दिया गया था।

मोडिटी मार्केट कैसे कार्य करता है?(how commodity Market works?

Commodity Market मुख्य रूप से मांग और आपूर्ति के सिद्धांत पर कार्य करती है।जहां जब किसी वस्तु की मांग बढ़ जाती है और आपूर्ति मैं कमी आ जाती है तो उस वस्तु का मूल्य बढ़ जाता है।

इसी के विपरीत जब वस्तु की मांग की तुलना में आपूर्ति अधिक होती है तो वस्तु का मूल्य घट कमोडिटी मार्केट क्या है जाता है। यह सिद्धांत पूर्ण रूप से commodity Market कोनियंत्रित करने का कार्य करती है।

कमोडिटी एक्सचेंज व्यापार हेतु खरीदारों और विक्रेताओं को एक मंच प्रदान करती है जहां पर भी अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन तरीके से आपस में व्यापार कर कमोडिटी मार्केट क्या है सकते हैं।

Commodity Market में कमोडिटी उत्पादक उपभोक्ता निवेशक ब्रोकर तथा व्यापारी मुख्य रूप से शामिल रहते हैं जो विभिन्न प्रकार से commodity Market में कार्य करते हैं।

जहां कमोडिटी उत्पादक तथा उपभोक्ता या आयातक निर्यातक आपस में विभिन्न प्रकार के अनुबंधों के माध्यम से भविष्य में वस्तु की कीमत मैं उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए अपने नुकसान को कम करने का कार्य करते हैं।वहीं विभिन्न प्रकार के निवेशक व ट्रेडर शॉर्ट टर्म तथा लोंग टर्म अनुबंधों का व्यापार करके लाभ कमाने की कोशिश करते हैं।

ब्रोकर या मध्यस्थ की भूमिका कमोडिटी मार्केट में प्रमुख होती है। क्योंकि इसमें ब्रोकर अपने ग्राहकों के साथ अनुबंध के तहत आर्थिक जोखिम के आधार पर खरीददार वह विक्रेताओं के बीच समझौतों का लेखा-जोखा रखते हैं।

सोने व चांदी जैसी कीमती धातुओं को महंगाई के विरुद्ध एक अच्छा बचाव का विकल्प मान सकते हैं। क्योंकि इन कीमती धातुओं में निवेश करके व्यक्ति अपने पोर्टफोलियो में विविधता ला सकते हैं जहां आप महंगाई की दर से अधिक रिटर्न अर्जित कर सकते हैं।

कमोडिटी बाजार के प्रकार (types of commodity market)

कमोडिटी मैं मुख्य रूप से दो प्रकार से व्यापार किया जा सकता है।

भौतिक वस्तु बाजार (spot market)

इस commodity Market में वस्तुओं में भौतिक रूप से व्यापार किया जाता है।जहां व्यापारी डिलीवरी के रूप में मुख्य रूप से भौतिक वस्तुओं का आदान प्रदान करते हैं। इस बाजार में व्यापार नकदी के रूप में किया जाता है इसलिए इसे नकद बाजार भी कहा जाता है।

डेरिवेटिव कमोडिटी मार्केट क्या है अनुबंध बाजार(derivative market)

इस commodity market के अंतर्गत वस्तुओं में व्यापार विभिन्न अनुबंधों के माध्यम से किया जाता है।जहां वस्तुओं को डेरिवेटिव अनुबंधों के रूप में खरीदा और बेचा जाता है।इन अनुबंधों के माध्यम से खरीददार व विक्रेता भविष्य में किसी वस्तु के मूल्य परिवर्तन के आधार पर वर्तमान समय में किसी निश्चित मूल्य पर उस वस्तु का सौदा करते हैं। यह अनुबंध फॉरवर्ड , फ्यूचर तथा ऑप्शन अनुबंध के रूप में होते हैं। जहां फॉरवर्ड अनुबंध के माध्यम से वस्तुओं को हेजिंग तथा स्पैक्यूलेशन के रूप में प्रयोग किया जाता है। फॉरवर्ड अनुबंध में कोई मध्यस्थ नहीं होता अर्थात से एक्सचेंज के बाहर over-the-counter ट्रेड किया जाता है।

वही फ्यूचर वा ऑप्शन अनुबंध में मध्यस्थ के रूप में मानकीकृत एक्सचेंज होता है जिसमें व्यापार इसी संस्था की निगरानी में किया जाता है।इन अनुबंधों के समाप्त हो जाने पर वस्तु या अन्य संपत्ति की भौतिक या ऑनलाइन तरीके से डिलीवरी की जाती है।

निष्कर्ष (conclusion)

C ommodities किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का आधार केंद्र होती हैं।जो लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित करती हैं।यह उपभोग की वस्तु से लेकर व्यापार सभी प्रकार से उपयोगी होती हैं।

ऐसे में यदि आप निवेश या व्यापार हेतु स्थाई विकल्प को चुनते हैं। तो आप कमोडिटी को निवेश या व्यापार हेतु अच्छा विकल्प मान सकते हैं।

इसमें अच्छे रिटर्न के साथ साथ अन्य सिक्योरिटी बाजारों की तरह जोखिम रहता है।परंतु यदि आप इसके टेक्निकल व फंडामेंटल विश्लेषण को अच्छी तरह से समझ लेते हैं। तो आप इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

Commodity Market आपके पोर्टफोलियो में विविधता के साथ अच्छे रिटर्न दे सकता है।तथा साथ ही साथ अन्य बाजारों में उतार-चढ़ाव व मंदी के समय आपकी पोर्टफोलियो को hedge करने में सहायता कर सकता है।

कमोडिटी वायदा बाजार में ट्रेडिंग के लिए यहां जानिए आसान तरीके

Market

अगर आप कमोडिटी वायदा बाजार (Commodity Futures Market) में ट्रेडिंग (Trading) करना चाहते हैं तो आपको बाजार की सही जानकारी का होना बहुत ही जरूरी है. हालांकि अभी भी बहुत से लोगों में कमोडिटी फ्यूचर्स मार्केट को लेकर जानकारी का अभाव है और यही वजह है कि कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग के लिए उतरे नए निवेशकों में डर बना रहता है. आज की इस रिपोर्ट में हम ऐसे ही निवेशकों के लिए जो कमोडिटी फ्यूचर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, उनको बेहद आसान भाषा में कमोडिटी मार्केट की बारीकियों को समझाने का प्रयास करेंगे. तो आइए जानने की कोशिश करते हैं कि कमोडिटी वायदा बाजार में ट्रेडिंग के वे बेहद आसान तरीके क्या हैं.

कमोडिटी वायदा में कैसे शुरू करें ट्रेडिंग
निवेशकों को कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग के लिए सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ेगा. निवेशक इस ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए खरीद और बिक्री कर सकते हैं. ट्रेडिंग अकाउंट किसी ब्रोकिंग फर्म के साथ खुलवा जा सकता है. हालांकि ब्रोकर्स को MCX, NCDEX, BSE और NSE का सदस्य जरूर होना चाहिए. एक्सचेंज की वेबसाइट से ब्रोकर्स के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है. ट्रेडिंग अकाउंट के लिए पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक अकाउंट का होना जरूरी है. MCX पर नॉन-एग्री कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग ज्यादा होती है. NCDEX पर एग्री कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग ज्यादा होती है. हालांकि BSE और NSE पर भी कुछ कमोडिटी में ट्रेडिंग होती है. नॉन-एग्री कमोडिटी में सोना-चांदी, क्रूड और मेटल शामिल हैं. वहीं एग्री कमोडिटी में ग्वार, चना, तिलहन, मसाला और शुगर में ट्रेडिंग होती है.

खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज पर पहले से कमोडिटी मार्केट क्या है मार्जिन तय
कमोडिटी बाजार से जुड़े जानकारों का कहना है कि कुछ रकम देकर पूरे सौदे को उठाना मार्जिन कहा जाता है. वहीं दूसरी ओर हाजिर बाजार में सौदे का पूरा भुगतान करना पड़ता है. हर कमोडिटी की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज पर पहले से मार्जिन तय है. आमतौर पर मार्जिन मनी 3 फीसदी से 5 फीसदी के बीच है. उतार-चढ़ाव की स्थिति में एक्सचेंज अतिरिक्त मार्जिन भी लगाता है. जानकार कहते हैं कि कमोडिटी ट्रेडिंग में शेयर बाजार की तरह लंबी अवधि नहीं होती है. कमोडिटी मार्केट में दो से तीन सीरीज में ही कारोबार होता है. निवेशकों को खरीद-बिक्री एक निश्चित अवधि में करना जरूरी है. शुरुआत में मिनी लॉट में ट्रेड करना समझदारी भरा कदम माना जाता है. बाजार की समझ बढ़ने के बाद बड़े लॉट में ट्रेड करना चाहिए और हर सौदे में स्टॉपलॉस जरूर लगाना चाहिए. निवेशकों को कई लॉट में ट्रेडिंग के लालच में नहीं फंसना चाहिए. जानकारों का कहना है कि लिक्विड कमोडिटी में ट्रेड करना फायदेमंद रहता है.

जानकार कहते हैं कि कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए आपको देश दुनिया की खबरों पर नजर बनाए रखनी होगी. कमोडिटी मार्केट पर दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों के फैसले का असर साफतौर पर देखा जाता है. साथ ही एग्री कमोडिटी की बात करें तो फसल और उत्पादन अनुमान का असर भी दिखाई पड़ता है. जानकार कहते हैं कि कमोडिटी मार्केट में डिविडेंड और बोनस नहीं मिलता है और ट्रेडर्स को सौदा कटने के बाद ही फायदा या नुकसान होता है.

कमोडिटी(Commodity) मार्केट क्या है ? कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करें, जाने हिंदी में |

Commodity

Commodity market भी शेयर बाजार की तरह ही होता है , शेयर बाजार में शेयर खरीदें और बेचे जाते है वही कमोडिटी बाजार में कमोडिटी बेचे और ख़रीदी जाती है | जिस तरह शेयर बाजार में खरीदने या बेचने के लिए डीमेट खाता खुलवाना जरूरी होता है , उसी तरह कमोडिटी बाजार में कारोबार के लिए ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता होती है |

कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड , एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना जरूरी होता है | जब किसी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग खाता खुलवाते है तो ब्रोकर एक अकाउंट की आईडी देता है | इस आईडी से कमोडिटी बाजार में व्यापार कर सकते है | कमोडिटी बाजार में निवेश करने से पहले ये जानना जरूरी है की कौनसे एक्सचेंज में किन-किन कमोडिटी का कारोबार होता है |

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Commodity Trading क्या है

किसी कमोडिटी को एक्सचेंज के माध्यम से खरीदने व बेचने के काम को कमोडिटी ट्रेडिंग कहते हैं | कमोडिटी ट्रेडिंग सामान्य ट्रेडिंग की तरह नही होती है , यहा पर की जाने वाली ट्रेडिंग भविष्य के लिए की जाती है | ट्रेड का दिन आने पर ट्रेडर ,ट्रेड काट सकता है या फिर वह चाहे तो उसकी डिलीवरी भी ले सकता है | कमोडिटी बाजार के माध्यम से एग्री प्रोडक्ट्स ( जैसे – गेहूं , ऑयल , कपास , सोयाबीन ) व नॉन-एग्री प्रोडक्ट्स ( बेस मेटल , सोना-चाँदी ) आदि का कारोबार करते है |

Commodity trading कैसे शुरू करें

Commodity बाजार में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए हमारे पास ट्रेडिंग खाता होना चाहिए | ट्रेडिंग खाता उसी ब्रोकर के साथ खोलना चाहिए , जिनके पास प्रमुख कमोडिटी मार्केट क्या है कमोडिटी एक्सचेंजों जैसे एमसीएक्स ( MCX ) , एनसीडीईएक्स आदि की सदस्यता ले रखी हो | इन एक्सचेंजों की वेबसाइट पर इनसे जुड़े ब्रोकरों की सूची मिल जाएगी | भारत में कई कमोडिटी एक्सचेंज हैं , जिनके माध्यम से कमोडिटी का कारोबार होता है | इनमें एमसीएक्स ( MCX ) , एनसीडीईएक्स , एनएमसीई प्रमुक है |

Commodity बाजार में निवेश कैसे करें

  • Commodity market भी शेयर बाजार की तरह होता है कमोडिटी बाजार में शेयर की जगह कमोडिटी को खरीदा और बेचा जाता है |
  • कमोडिटी किसी भी रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाले सामान को बोलते हैं जो लोगों की बुनियादी जरूरत होते हैं | जैसे की चना , गेहूं , सोना या चाँदी इत्यादि |
  • कमोडिटी बाजार में डिलीवरी होती है पर ज्यादातर लोग डिलीवरी न लेकर दुबारा से सामान को कमोडिटी बाजार में ही बेच देते हैं |
  • कमोडिटी बाजार में कच्चे माल की खरीद और बिक्री होती है |
  • कमोडिटी बाजार में सामान के पैसे वर्तमान स्थिति से लगते है , चाहे डिलीवरी कभी भी लो या न लो |
  • कमोडिटी बाजार में सामान की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जाता है बस पैसे देखे जाते है |

Commodity बाजार के लिए टिप्स

कुछ भी खरीदने के लिए पूरी रकम देनी होती है , पर कमोडिटी ट्रेडिंग में कुछ पैसे देकर ट्रेडिंग की जा सकती है । कमोडिटी बाजार में इस को मार्जिन ट्रेडिंग कहा जाता है । ये मार्जिन किसी भी ट्रेडिंग का 3-5 प्रतिशत होता है ।

  • कमोडिटी बाजार में कुछ प्रतिशत मार्जिन देकर ट्रेडिंग कर सकते है , तो हमें ज्यादा ट्रेडिंग एक साथ नहीं करनी चाहिए ।
  • कमोडिटी बाजार में निवेश अपने बजट के हिसाब से करना चाहिए ।
  • शेयर बाजार में हम अपने निवेश को कुछ साल तक रख सकते है पर कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग 2-3 महीने में कारोबार होता है तो इसमें निवेश कम समय के लिए होता है ।
  • कमोडिटी बाजार में शुरुआत में थोड़े निवेश से ज्यादा फायदा हो सकता है । जब कमोडिटी बाजार को पूरी तरह से समझ जाएं तो ज्यादा पैसे निवेश कर सकते है ।
  • शेयर बाजार की तरह कमोडिटी बाजार में भी वैश्विक घटना से फर्क पड़ता है , ये समझ कर भी कमोडिटी बाजार में पैसे निवेश कर सकते है ।
  • लिक्विड कमोडिटी में ज्यादा फायदा रहता होता है । लिक्विड कमोडिटी जैसे की कच्चा तेल , आधार धातु इसमें नुकसान कम होता है और बाजार में बहार आने का मौका हमेशा खुला रहता है ।
  • शेयर बाजार की तरह कमोडिटी बाजार में बोनस या डिविडेंड नहीं मिलता है । जब भी कमोडिटी बेचते है , तभी फ़ायदा होता हैं ।
  • कमोडिटी बाजार में डिमांड-सप्लाई का भी ध्यान रखें ।

शेयर बाजार और कमोडिटी बाजार में अंतर

  • कमोडिटी बाजार में कमोडिटी और शेयर बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते है ।
  • कमोडिटी बाजार और शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए अलग-अलग डिमैट खाते की जरूरत होती है ।
  • शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कंपनी के बारे में काफी रिसर्च करनी पड़ती है , कमोडिटी बाजार में कमोडिटी की ज्यादा रिसर्च नही करनी पड़ती है ।

By Suresh Kumar

Suresh Kumar, Intra Day Share के संस्थापक और Senior Editor हैं. इन्हें लोगों को नयी नयी इन्वेस्टमेंट की रिसर्च बेस्ड जानकारी पहुँचाने में बहुत ख़ुशी मिलती है. शेयर मार्केट से सम्बंधित सभी जानकारियां इनके द्वारा नियमित तौर पर इस वेबसाइट पर पब्लिश की जाती है | इन्हें मार्केट में कार्य करने का पिछले 6 वर्षों का अनुभव है और इसी अनुभव को कमोडिटी मार्केट क्या है इस वेबसाइट के माध्यम से आम जन तक पहुंचा रहें है |

Equity Vs Commodity: शेयर में डूब रहे पैसे, महंगाई और रेट हाइ​क के दौर में एग्री कमोडिटी और बुलियन बेहतर विकल्प?

कमोडिटी के सपोर्ट में कुछ फैक्टर काम कर रहे हैं. आने वाले दिनों में बुलियन और एग्री कमोडिटी का आउटलुक मजबूत नजर आ रहा है.

Equity Vs Commodity: शेयर में डूब रहे पैसे, महंगाई और रेट हाइ​क के दौर में एग्री कमोडिटी और बुलियन बेहतर विकल्प?

शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव इस साल के शुरू से ही बना हुआ है. (reuters)

Investment Strategy in Commodity: शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव इस साल के शुरू से ही बना हुआ है. महंगाई, रेट हाइक साइकिल, जियो पॉलिटिकल टेंशन, क्रूड की ऊंची कीमतें, सप्लाई चेन में रुकावट, बॉन्ड यील्ड में तेजी, रुपये में कमजोरी जैसे फैक्टर शेयर बाजार को कमजोर कर रहे हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि इक्विटी के लिए जो भी निगेटिव फैक्टर हैं, अचानक से खत्म होते नहीं दिख रहे हैं. ऐसे में नियर टर्म में भी बाजार में करेक्शन दिखेगा. क्या ऐसे में इक्विटी में नुकसान की कुछ भरपाई कमोडिटी मार्केट से की जा सकती है. क्या बुलियन या एग्री कमोडिटी में निवेश के बेहतर मौके हैं. जानते हैं इस बारे में कमोडिटी एक्सपर्ट का क्या कहना है.

इस साल इक्विटी के मुकाबले कमोडिटी का प्रदर्शन

रुपया: -5.26%
निफ्टी: -9.01%
सेंसेक्स: -9.33%
Dow Jones: -13.61%
MCX Gold: +7.19%
MCX SILVER: -2.15%
कॉपर: +2.54%
MCX Crude oil: +65.17%
NCDEX गुआर सीड: -3.73%
MCX कॉटन: +37.57%
NCDEX जीरा: +31.74%

किन वजहों से कमोडिटी को मिल रहा है सपोर्ट

केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि इक्विटी पर अभी सेलिंग प्रेशर नियर टर्म में जारी रहेगा. वहीं दूसरी ओर कमोडिटी के सपोर्ट में कुछ फैक्टर काम कर रहे हैं. आने वाले दिनों में बुलियन और एग्री कमोडिटी का आउटलुक मजबूत नजर आ रहा है. उनका कहना है कि पैनडेमिक के बाद डिमांड में अचानक तेजी, जियो पॉलिटिकल टेंशन, दुनियाभर में मौसम की प्रतिकूल कंडीशन, महंगाई, लॉजिस्टिक सर्विसेज में दिक्कतें, प्रोडक्शन घटने और सप्लाई प्रभावित होने से कमोडिटी की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है.

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उनका कहना है कि जिस तरह से एग्री कमोडिटी के प्रमुख उत्पादक देशों का अभी फोकस इंपोर्ट बढ़ाने और एक्सपोर्ट कम करने या बंद करने पर है, इससे साफ है कि सप्लाई से ज्यादा डिमांड है. वहीं दुनियाभर के मौसम की कंडीशन देखें तो यह कमोडिटी को सपोर्ट करने वाला है. मसलन यूएस में सूखे की स्थिति रही है, जिससे सीजनल प्रोडक्शन पर असर होगा. वहीं रूस और यूक्रेन जंग के चलते कुछ एग्री कमोडिटी का प्रोडक्शन और सप्लाई दोनों ही प्रभावित हुआ है.

गेहूं, कॉटन, जौ, आयल सीड्स में आएगी तेजी

केडिया के अनुसार यूक्रेन को गेहूं का कटोरा कहा जाता है. इसके अलावा भी कई एग्री कमोडिटी का यूक्रेन प्रमुख उत्पादक देश है. इस सीजन की बात करें तो मार्च से मई तक सोइंग सीजन होता है, जिस पर जंग का असर पड़ा है. इस साल वहां बुआई 50 फीसदी से ज्यादा गिरी है, जिससे प्रोडक्शन सालान बेसिस पर घटकर आधा रह जाएगा. इसका असर 6 महीने बाद ए्रग्री कमोडिटी की कीमतों पर दिखेगा. ऐसे में आने वाले दिनों में गेहूं, कॉटन, जौ और आयल सीड्स में और तेजी आ सकती है.

बुलियन में आएगी तेजी

IIFL के VP-रिसर्च, अनुज गुप्ता का कहना है कि मौजूदा समय में जब इक्विटी में नुकसान हो कमोडिटी मार्केट क्या है रहा है, बॉन्ड मार्केट में भी रिस्क बना हुआ है, बुलियन में सेफ हैवन डिमांड बढ़ सकती है. सोने और चांदी दोनों में ही आगे बेहतर रिटर्न दिख रहा है. वैसे भी इस साल सोने में पॉजिटिव रिटर्न मिला है. इसे इनफ्लेशन, इक्विटी में अस्थिरता, रीसेशन का डर जैसे फैक्टर से सपोर्ट मिलेगा. हालांकि इंटरेस्ट रेट हाइक से कुछ दबाव है, लेकिन नियर टर्म में सोने और चांदी में रैली दिख रही है. उनका कहना है कि सोने में कमोडिटी मार्केट क्या है 49 हजार से 50 हजार के बीच में एंट्री करें और अगले 3 महीने के लिए 52 हजार और फिर 53 हजार का टारगेट बनाएं. वहीं सिल्वर में 59 हजार से 60 हजार के बीच एंट्री करें और 3 महीने के लिए वहले 65 हजार और फिर 68 हजार का टारगेट रखें.

शेयर बाजार में क्या होती है Muhurt Trading, निवेशक क्यों मानते हैं इसे बेहद शुभ?

Diwali Muhurat Trading 2022: दिवाली के शुभ मुहूर्त पर शेयर बाजार में निवेश करने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. इस दिन का इंतजार निवेशक साल भर करते हैं. इसके पीछे बेहद खास धारणा है. हर साल की तरह इस साल भी दिवाली पर शेयर बाजार में दांव लगाने की तैयारी इन्वेस्टर्स कर रहे हैं.

मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन निवेश को शुभ मानते हैं इन्वेस्टर्स

दीपक चतुर्वेदी

  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 19 अक्टूबर 2022, 8:03 AM IST)

देशभर में दिवाली (Diwali) की धूम शुरू हो चुकी है और रोशनी के इस त्योहार में कुछ ही दिन बाकी हैं. भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में दिवाली के दिन भले ही छुट्टी रहती है, लेकिन इस दिन बाजार फिर भी एक घंटे के लिए खुलता है. दरअसल, शेयर मार्केट में दिवाली पर खास ट्रेडिंग की परंपरा काफी पुरानी है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) के नाम से जाना जाता है. इस ट्रेडिंग के लिए विशेष तौर पर बाजार को ओपन किया जाता है.

एक घंटे के लिए खुलता है बाजार
Muhurat Trading के दौरान इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की पुरानी परंपरा को निभाते हैं. यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है. इस बार दिवाली 24 अक्टूबर, 2022 को पड़ रही है. इस दिन बाजार में शाम 6.15 से 7.15 मिनट तक मुहूर्त ट्रेडिंग की जा सकती है. बता दें शाम 6 बजे से लेकर 6.10 बजे तक प्री-ओपन ट्रेडिंग सेशन का सत्र होगा.

पांच कमोडिटी मार्केट क्या है दशक से ज्यादा पुरानी परंपरा
शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक से ज्यादा पुरानी है. मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 1957 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 1992 में शुरू हुआ था. विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है. अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदने को तरजीह देते हैं, हालांकि आमतौर पर ये इन्वेस्टमेंट काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं.

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इस दिन निवेश शुभ मानते हैं इन्वेस्टर्स
ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल इन्वेस्टर्स पर धन बरसता है. पुराने डाटा को देखें तो पता चलता है कि मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक मूल्य-आधारित स्टॉक्स की खरीदारी करते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं. इस दौरान खरीदे गए शेयरों को निवेशक बेहद खास मानते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं. जैसी कि देश में मान्यता है कि दिवाली का दिन कुछ भी नया काम शुरू करने के लिए शुभ होता है. ठीक इसी धारणा के तहत शेयर बाजार इन्वेस्टर्स इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान स्टॉक मार्केट में अपना पहला निवेश करते हैं.

मुहुर्त ट्रेडिंग 2021 पर बाजार रहा था गुलजार कमोडिटी मार्केट क्या है
बीते साल 4 नवंबर, 2021 को मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन किया गया था. इस एक घंटे के सेशन में बीएसई का सेंसेक्स 60 हजार के ऊपर पहुंच गया था. मुहुर्त ट्रेडिंग पर सेंसेक्स 60,067 अंकों के स्तर पर, जबकि निफ्टी 17,921 के लेवल पर बंद हुआ था. हालांकि, साल 2022 में शेयर बाजार में खासी उथल-पुथल देखने को मिली है, लेकिन इसके बावजूद उम्मीद है मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार तेजी देखने को मिलेगी.

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