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विदेशी मुद्रा व्यापार के क्या लाभ हैं?

विदेशी मुद्रा व्यापार के क्या लाभ हैं?
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक और राज्य के औषधि नियंत्रक जीसीएन जंगपांगी द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस में दिव्य फार्मेसी से एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा गया था.

अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से भारत का निष्कासन: भारत के लिए संभावित परिणाम?_40.1

अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से भारत का निष्कासन: भारत के लिए संभावित परिणाम?

अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से भारत का निष्कासन: भारत के लिए संभावित परिणाम?_30.1

अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची (करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट) से भारत का नाम का हटाया जाना यूपीएससी की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा दोनों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से भारत को हटाए जाने का मुद्दा यूपीएससी पाठ्यक्रम से विभिन्न प्रकार से संबंधित है, जैसे जीएस2 (सरकारी नीतियां एवं अंतःक्षेप, द्विपक्षीय समूह एवं समझौते, भारत के हितों पर देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव) एवं जीएस 3 (बैंकिंग क्षेत्र) एवं एनबीएफसी, वैधानिक निकाय)।

कौन से देश हटाए गए और कौन से नहीं?

  • हाल ही में, यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी ने अपने प्रमुख व्यापारिक भागीदारों की मुद्रा निगरानी सूची से भारत का नाम हटा दिया है।
  • कांग्रेस को अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने बताया कि भारत के साथ-साथ उसने मेक्सिको, थाईलैंड, इटली एवं वियतनाम को भी सूची से हटा दिया था।
  • इसके साथ, वर्तमान निगरानी सूची में सम्मिलित सात अर्थव्यवस्थाओं में जापान, चीन, कोरिया, सिंगापुर, जर्मनी, मलेशिया तथा ताइवान शामिल हैं।
  • अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची अमेरिका के कुछ प्रमुख व्यापार भागीदारों की मुद्रा नीतियों का सूक्ष्मता से अनुसरण करती है।
  • यदि कोई देश सूची में प्रकट होता है, तो उसे “मुद्रा मैनिपुलेटर” माना जाता है। एक ‘मुद्रा प्रकलक’ (करेंसी मैनिपुलेटर) एक पदनाम है जो अमेरिकी सरकार के प्राधिकारी उन देशों को देते हैं, जो अमेरिका के अनुसार व्यापार लाभ के लिए “अनुचित मुद्रा प्रथाओं” में संलग्न हैं।
  • इस प्रकार, सूची में सम्मिलित होने का सीधा सा तात्पर्य है कि देश दूसरों पर लाभ विदेशी मुद्रा व्यापार के क्या लाभ हैं? प्राप्त करने हेतु कृत्रिम रूप से अपनी मुद्रा के मूल्य को कम कर रहा है।
  • ऐसा इसलिए है क्योंकि कम मुद्रा मूल्य से उस देश से निर्यात लागत कम हो जाती है।
  • स्थिति की रिपोर्ट यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी द्वारा अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट के रूप में की जाती है जिसमें यह वैश्विक आर्थिक विकास को ट्रैक करता है तथा विदेशी विदेशी मुद्रा व्यापार के क्या लाभ हैं? मुद्रा दरों की समीक्षा करता है।
  • यह अमेरिका के 20 प्रमुख व्यापारिक साझेदारों की मुद्रा व्यवहार की सूक्ष्मता से निगरानी एवं समीक्षा भी करता है।

अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से भारत को हटाने के संभावित परिणाम क्या होंगे?

  • अमेरिकी ट्रेजरी विभाग द्वारा अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से भारत को हटाने को बाजार पहलू एवं भारत की मौद्रिक नीति-निर्माण दोनों के संदर्भ में एक सकारात्मक खबर के रूप में देखा जा सकता है।
  • यदि भारतीय बाजार विशेषज्ञों की मानें तो विकास का अर्थ है कि भारतीय रिजर्व बैंक ( रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया/RBI) अब मुद्रा प्रकलक के रूप में टैग किए बिना प्रभावी ढंग से विनिमय दरों का प्रबंधन करने के लिए मजबूत उपाय कर सकता है।
  • यह बाज़ार के दृष्टिकोण से एक बड़ी जीत भी हो सकती है एवं वैश्विक विकास में भारत की बढ़ती भूमिका को भी दर्शाती है।
  • रुपये में गिरावट के बीच विनिमय दरों को प्रबंधित करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में अतिरिक्त अंतर्वाह के समय डॉलर की अधिक खरीद तथा बहिर्वाह के समय डॉलर की बिक्री जैसे उपाय किए थे।
  • विशेषज्ञ भी अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से भारत को हटाने को एक अच्छी खबर के रूप में देख रहे हैं, इस दृष्टिकोण से रुपये का अधिमूल्यन हो सकता है।

क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार, क्या हैं इसके मायने ?

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कुल मिलाकर विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी बैंकनोट, विदेशी बैंक जमा, विदेशी ट्रेजरी बिल और अल्पकालिक और दीर्घकालिक विदेशी सरकारी प्रतिभूतियां शामिल होनी चाहिए. हालांकि, सोने के भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर), और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा राशि भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता है. यह व्यापक आंकड़ा अधिक आसानी से उपलब्ध है, लेकिन इसे आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय भंडार या अंतर्राष्ट्रीय भंडार कहा जाता है.

विदेशी मुद्रा भंडार को आमतौर पर किसी देश के अंतरराष्ट्रीय निवेश की स्थिति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. आमतौर पर, जब किसी देश के मौद्रिक प्राधिकरण पर किसी प्रकार का दायित्व होता है, तो उसे अन्य श्रेणियों जैसे कि अन्य निवेशों में शामिल किया जाएगा. सेंट्रल बैंक की बैलेंस शीट में, घरेलू ऋण के साथ विदेशी मुद्रा भंडार संपत्ति है.

Sensex Today : एशियाई बाजारों में कमजोरी के बीच मार्केट की कमजोर शुरुआत, लेकिन जल्द संभला बाजार, 100 अंकों से ज्यादा चढ़ा सेंसेक्स

Updated: November 16, 2022 11:28 AM IST

Bombay Stock Exchange (BSE)

Sensex Today : एशियाई बाजारों में कमजोरी के बीच बुधवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई. इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 164.36 अंक गिरकर 61,708.63 पर था. दूसरी ओर व्यापक एनएसई निफ्टी 44.4 अंक गिरकर 18,359 पर आ गया.

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लेकिन जल्द ही बाजार में खरीदारी लौटते हुए देखी गई और सेंसेक्स 117 अंकों विदेशी मुद्रा व्यापार के क्या लाभ हैं? की तेजी के साथ 61,990 अंकों पर कारोबार करता हुआ देखा गया. वहीं, निफ्टी लगभग 24 अंकों की तेजी दर्ज की गई और यह 18,427 अंकों पर कारोबार करता हुआ नजर आया.

डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी

विदेशी बाजारों में अमेरिकी मु्द्रा की मजबूती और घरेलू शेयर बाजार में सुस्ती के बीच रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 66 पैसे टूटकर 81.57 पर आ गया.

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 81.41 पर खुला, और फिर गिरावट के साथ 81.57 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 66 पैसे की कमजोरी दर्शाता है.

रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 37 पैसे की तेजी के साथ 80.91 पर बंद हुआ था.

इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.17 प्रतिशत बढ़कर 106.58 पर पहुंच गया.

(With Agency Inputs)

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पतंजलि की पांच दवाओं पर लगाई गई रोक का आदेश दो ही दिन बाद वापस: रिपोर्ट

उत्तराखंड आयुर्वेद एवं यूनानी लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने बीते विदेशी मुद्रा व्यापार के क्या लाभ हैं? 9 नवंबर को रामदेव की कंपनी पतंजलि की पांच दवाओं के उत्पादन और उनके विज्ञापनों पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था और कंपनी से एक सप्ताह में जवाब मांगा था, लेकिन शनिवार को उक्त आदेश को एक ‘त्रुटि’ बताते हुए वापस ले लिया गया. The post पतंजलि की पांच दवाओं पर लगाई गई रोक का आदेश दो ही दिन बाद वापस: रिपोर्ट appeared first on The Wire - Hindi.

उत्तराखंड आयुर्वेद एवं यूनानी लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने बीते 9 नवंबर को रामदेव की कंपनी पतंजलि की पांच दवाओं के उत्पादन और उनके विज्ञापनों पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था और कंपनी से एक सप्ताह में जवाब मांगा था, लेकिन शनिवार को उक्त आदेश को एक ‘त्रुटि’ बताते हुए वापस ले लिया गया.

देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेद एवं यूनानी लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने बुधवार (9 नवंबर) को बाबा रामदेव के पतंजलि उत्पादों का निर्माण करने वाली दिव्य फार्मेसी द्वारा बनाई जाने वाली पांच दवाओं के उत्पादन पर एक नोटिस जारी करके रोक लगा दी थी.

दिव्य फार्मेसी को पांच दवाओं का उत्पादन रोकने के निर्देश देते हुए उसे उनकी मंजूरी लेने के लिए अपनी संशोधित फार्मूलेशन शीट प्रस्तुत करने को कहा गया था.

पतंजलि अपनी दवाओं को लेकर पहले भी रहा है विवादों में

इससे पहले जुलाई 2022 में पतंजलि योगपीठ की इकाई दिव्य फार्मेसी कपंनी पर इसके आयुर्वेदिक उत्पादों के भ्रामक विज्ञापन जारी करने के चलते आयुर्वेद एवं यूनानी सेवा (उत्तराखंड) के लाइसेंसिंग अधिकारी ने हरिद्वार के ड्रग इंस्पेक्टर को दिव्य फार्मेसी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.

उल्लेखनीय है कि बीते साल रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि ने अपनी दवा ‘कोरोनिल’ के कोविड-19 के इलाज में कारगर होने संबंधी दावे किए थे. साथ ही एलोपैथी और एलोपैथी डॉक्टरों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं, जिसके खिलाफ डॉक्टरों के विभिन्न संघों ने अदालत का रुख किया था.

जुलाई 2022 में रामदेव की कंपनी ने अदालत को बताया था कि वह कोरोनिल के इम्युनिटी बूस्टर, न कि बीमारी का इलाज होने को लेकर सार्वजनिक स्पष्टीकरण जारी करने के लिए तैयार है. हालांकि, अगस्त की सुनवाई में उसने जो स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया, उसमें लिखा था:

शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 66 पैसे टूटा

नवभारत टाइम्स लोगो

नवभारत टाइम्स 2 दिन पहले

मुंबई, 16 नवंबर (भाषा) विदेशी बाजारों में अमेरिकी मु्द्रा की मजबूती और घरेलू शेयर बाजार में सुस्ती के बीच रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 66 पैसे टूटकर 81.57 पर आ गया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 81.41 पर खुला, और फिर गिरावट के साथ 81.57 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 66 पैसे की कमजोरी दर्शाता है।

रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 37 पैसे की तेजी विदेशी मुद्रा व्यापार के क्या लाभ हैं? के साथ 80.91 पर बंद हुआ था।

इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.17 प्रतिशत बढ़कर 106.58 पर पहुंच गया।

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