आरओआई क्या है?

भविष्य की फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने के लिए आपको अभी से समझदारी आरओआई क्या है? से छोटे कदम उठाने चाहिए. (फाइल फोटो)
स्मॉल सेविंग स्कीम
सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसएस), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) जैसी छोटी बचत स्कीम्स में कम जोखिम के साथ लंबे समय में एक अच्छा रिटर्न दे सकती हैं. ये छोटी बचत योजनाएं उच्च स्तर की सुरक्षा और लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न प्रदान करती हैं. आप अपने बच्चों की उम्र और फाइनेंशियल गोल्स के हिसाब से एक छोटी बचत योजना चुन सकते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर आप 10 साल से कम उम्र की बेटी की शादी के लिए निवेश की योजना बना रहे हैं, तो आप सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश कर सकते हैं. अगर आप किसी बच्चे की हायर एजुकेशन के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो आप पीपीएफ, एनएससी और पोस्ट ऑफिस एफडी में निवेश कर सकते हैं.
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इक्विटी म्यूचुअल फंड
इक्विटी म्यूचुअल फंड आपके बच्चे के लिए किये गए निवेश पोर्टफोलियो पर आरओआई बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है. इक्विटी म्यूचुअल फंड में आपको ज्यादा रिटर्न मिलता है. हालांकि इसमें निवेश पर जोखिम भी ज्यादा होता है. इसलिए आप लॉन्ग टर्म के गोल्स को हासिल करने के लिए इक्विटी फंड का विकल्प चुन सकते हैं. जोखिम कम करने और रुपये की औसत लागत का फायदा पाने के लिए एसआईपी एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इक्विटी फंड में निवेश करते समय अलग-अलग म्यूचुअल फंड कंपनियों और इक्विटी फंड की डिफरेंट कैटेगरी में निवेश को विविधता दें सकते हैं. उदाहरण के तौर पर आप मिड टू लॉन्ग टर्म अवधि के गोल्स के लिए लार्ज-कैप और लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए स्मॉल और मिड-कैप फंड में निवेश कर सकते हैं.
अपने बच्चों के भविष्य के लिए निवेश करते समय आपको एक इमरजेंसी फंड बनाना चाहिए, जिसका इस्तेमाल आप अपने बच्चे से संबंधित फाइनेंशियल इमरजेंसी के हालातों में कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर आपको एजुकेशन लोन लेते समय फंडिंग गैप को पाटने के लिए एक इमरजेंसी फंड की जरूरत हो सकती है. अगर आप किसी हेल्थ इमरजेंसी की स्थिति में फंस गए हैं और वहां पर कैशलेस इंश्योरेंस क्लेम उपलब्ध नहीं है, तो मेडिकल बिलों का भुगतान करने के लिए और ऐसी कई स्थितियों से निपटने के लिए इमरजेंसी फंड को बनाए रखने के लिए आप एफडी में निवेश कर सकते हैं. अगर आप अगले कुछ सालों में धीरे-धीरे इमरजेंसी फंड बनाने की योजना बना रहे हैं, तो आप बैंक आरडी में निवेश कर सकते हैं. मौजूदा समय में बैंक डिपॉडिट पर ब्याज दर ऊपर की ओर बढ़ रही है, इसलिए आप कम मैच्योरिटी आरओआई क्या है? वाली FD स्कीम को चुन सकते हैं या FD लैडरिंग के विकल्प को चुन सकते हैं. आरडी या एफडी आपको उच्च स्तर की liquidity प्रदान कर सकते हैं, जो इमरजेंसी फंड का प्रबंधन करते समय जरूरी है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)
पिछले कई आरओआई क्या है? सालों में सोना मुद्रास्फीति के खिलाफ सबसे अच्छे बचाव विकल्प के रुप में उभरकर सामने आया है. आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के माध्यम से सोने में निवेश कर सकते हैं, क्योंकि वे आपको MRP और पूंजी वृद्धि पर लगभग 2.5% सालाना के हिसाब से ब्याज देते हैं. एसआईपी मोड के जरिए निवेश करने के लिए आप गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं.
आप यूनिट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट प्लान (ULIP) में निवेश कर सकते हैं, जबकि जोखिम लेने की क्षमता और रिटर्न की आवश्यकता के साथ डेट और इक्विटी हिस्से में आवंटन का चयन किया जाता है. यूलिप में धारा 80सी के तहत लाइफ इंश्योरेंस और टैक्स बेनिफिट्स मिलते हैं. यूलिप लंबी अवधि और उससे जुड़े की बेनिफिट्स के लिए निवेश का एक शानदार विकल्प हो साबित हो सकता है.
इन बातों का रखें ध्यान
अपने बच्चे के फ्यूचर को सुरक्षित रखने के लिए सबसे पहले आपको उनकी उम्र और जीवन के लक्ष्य के आधार पर निवेश स्कीम का चयन करना चाहिए. इसके साथ ही रेगुलर तौर पर निवेश पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए. मुद्रास्फीति, लक्ष्य परिवर्तन, जोखिम उठाने की क्षमता आदि जैसे कारकों के साथ तालमेल बिठाना चाहिए.
बैंक बाजार.कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक जब आपके बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की बात आती है, तो आपको अपने फाइनेंशिल गोल्स जैसे उनकी शिक्षा, शादी आदि को ध्यान में रखते हुए इंवेस्टमेंट प्लानिंग करनी चाहिए. बाद में फाइनेंशियल टेंशन से बचने के लिए इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अभी से आरओआई क्या है? छोटे कदम उठाना समझदारी है. उन्होंने कहा कि आप अपने फाइनेंशियल गोल को हासिल करने के लिए छोटे, मासिक चरणों में बांटा जा सकता है. ये कदम अनिवार्य रूप से म्यूचुअल फंड एसआईपी हैं. इंडेक्स फंड एसआईपी भी लंबी अवधि में बाजार से जुड़े रिटर्न प्राप्त करने का एक शानदार तरीका है, जो आपको अपने बच्चे के कॉलेज फंड बनाने जैसे मुश्किल गोल्स को पूरा करने में मदद कर सकता है. आप अपने लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर इक्विटी फंड चुन सकते हैं. जैसे-जैसे आप लक्ष्य के करीब आते जाते हैं, वैसे-वैसे आप बांडों में भी विविधता ला सकते हैं. किसी भी लंबी अवधि के लक्ष्य के लिए निवेश करते समय मुद्रास्फीति का अनुमान लगाना न भूलें.
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Bank FD Rates Hike - निजी क्षेत्र के कर्जदाता बंधन बैंक (Bandhan Bank FD Rates) ने 2 करोड़ रुपये से अधिक की सावधि जमा प . अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : November 25, 2022, 17:08 IST
7 दिन से 28 दिन में परिपक्व होने वाली एफडी पर बैंक अब 3.25% की ब्याज दर की पेशकश कर रहा है.
29 दिन से 90 दिन में परिपक्व होने पर बंधन बैंक अब 5.40 फीसदी की ब्याज दर की पेशकश कर रहा है.
नई दिल्ली. निजी क्षेत्र के कर्जदाता बंधन बैंक (Bandhan Bank FD Rates) ने 2 करोड़ रुपये से अधिक की सावधि जमा पर ब्याज दरों में संशोधन किया है. बैंक के अनुसार, नई दरें 24 नवंबर 2022 से प्रभावी हैं. बैंक अब 7 दिन से लेकर 10 साल तक की परिपक्वता वाली सावधि जमा पर 3.25 फीसदी और 5 फीसदी के बीच ब्याज दर दे रहा है.
बंधन बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, “जमा राशि के समय से पहले निकासी के मामले में संबंधित आरओआई पर 1 फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा. अगर आप कम समय के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में पैसे जमा करके ज्यादा से ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं तो आपके लिए शानदार मौका है.
आरटीआई अनुभाग
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (2005 की संख्या 22) की धारा 5(1) के साथ पठित धारा 2(सी) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार ने रोजगार महानिदेशालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के श्री सतपाल शर्मा, उप सचिवकोइस निदेशालय के संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के उद्देश्य के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया हैऔर इस डीजीई के तहत अधीनस्थ कार्यालयों और लोक प्राधिकरणों द्वारा की गई आरओआई क्या है? सभी कार्रवाईयों का समन्वय भी करेंगे तथा इस निदेशालय के तत्वावधान में लोक प्राधिकरणों और उक्त अधिनियम के उद्देश्य को पूरा करने के लिए सीपीआईओ को नामित करने के संबंध में रोजगार महानिदेशालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत लोक प्राधिकरणों द्वारा की गई सभी कार्रवाइयों का समन्वय भी करेंगे।
आरटीआई के बदले मांगे 86 हजार रुपए
GORAKHPUR: अगर आपको आरओआई क्या है? बिजली विभाग से कोई सूचना आरटीआई से निकलवानी हो तो पहले अच्छी खासी रकम का जुगाड़ कर लें। चौंकिए मत। ये सच है। अगर आप बिजली विभाग में आरटीआई के तहत कोई सूचना चाहते हैं तो पहले आप कर्मचारियों का वेतन दीजिए। अगर आप ऐसा नहींकरते तो आपको सूचना नहींमिलेगी।
एडवोकेट सुनील कुमार श्रीवास्तव ने आरटीआई के तहत बिजली विभाग से क् जनवरी ख्0क्क् से लेकर ख्9 दिसंबर ख्0क्फ् तक की रिवाइज्ड और करेक्शन किए गए बिलों की वास्तविक बिल की रकम की जानकारी मांगी थी। जवाब में बिजली विभाग ने जो लिखा वह चौंकाने वाला था। विभाग ने लिखा कि उनके यहां कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और नए कर्मचारियों की नियुक्ति नहींहुई है। ऐसे आरओआई क्या है? में उपरोक्त जानकारी देने के लिए दो लिपिक तीन माह तक लगाने लगेंगे और साथ ही एक टाइपिस्ट भी एक माह तक लगेगा। ऐसे में लिपिक के लिए प्रतिमाह 9000 रुपए की दर से तीन माह का वेतन साथ ही टाइपिस्ट का एक माह वेतन दें। तभी आपको जानकारी मिल पाएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि आरओआई क्या है? क्या कोई विभाग आरटीआई से जानकारी के नाम पर क्या कर्मचारियों के लिए क्या वेतन मांग सकता है। आईनेक्स्ट ने इस मामले में एक्सपर्ट्स से बात की तो सबने यही कहा कि सूचना देने के लिए कोई भी विभाग कर्मचारी का वेतन नहींमांग सकता है।