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व्यापारियों को जीएसटी से लाभ

व्यापारियों को जीएसटी से लाभ
जीएसटी काउंसिल ने अपनी पिछली बैठक में 175 से ज्यादा रोजमर्रे की चीजों पर 28 से घटा कर 18 प्रतिशत टैक्स कर दिया है. अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे देखें कि टैक्स कम होने का लाभ आम उपभोक्ताओं को मिलें. अगर कहीं से मुनाफाखोरी की शिकायत मिले तो इसकी सूचना राज्य मुनाफाखोरी रोधी समिति को दें.

प्रदर्शन करते व्यापारी

माल खपाने की जद्दोजहद में जुटे व्यापारी, जीएसटी के डर से बाजार मंदा

माल खपाने की जद्दोजहद में जुटे व्यापारी, जीएसटी के डर से बाजार मंदा

नोटबंदी के साथ बाजार में आई मंदी अब गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के डर से लंबी खिंचती नजर आ रही है। नई कर प्रणाली के लागू होने के आसार के बीच बाजार में सौदे धीमे पड़ गए हैं। व्यापारी पुराना माल खपाने में जुटे हैं जबकि खरीदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। पुरानी और नई कर प्रणाली के बीच टैक्स स्लैब के अंतर की चिंता और आईटीआर की कागजी कार्रवाई इसकी वजह बन रही है।

सरकार ने पहले जीएसटी को 1 अप्रैल से लागू करने की घोषणा की थी। अब नई कर प्रणाली अप्रैल के बजाय जुलाई से लागू होने की बात कही जा रही है। अनिश्चितता के बीच व्यापारियों को डर है कि पूर्व घोषणा के मुताबिक 1 अप्रैल से ही नई कर प्रणाली लागू हो सकती है। इसके लागू होते ही तमाम वस्तुओं पर टैक्स की नई दरें लागू होंगी। फिलहाल प्रचलित राज्य का कर वैट खत्म हो जाएगा। इस व्यापारियों को जीएसटी से लाभ स्थिति में पुराने स्टॉक पर छूट यानी इनपुट टैक्स रिबेट (आईटीआर) हासिल करने में तो तकनीकी परेशानी होगी ही, जीएसटी की स्लैब में दर परिवर्तन होने पर पुराने माल पर कर का बोझ व्यापारी की जेब पर पड़ने के आसार भी हैं।

जीएसटी : फायदा व्यापारियों को जीएसटी से लाभ कम नुकसान ज्यादा

जीएसटी : फायदा कम नुकसान ज्यादा

LUCKNOW: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) बिल के राज्य सभा में पास होते ही व्यापारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था। भारत सरकार ने जहां इस बिल के लागू होने से महंगाई कम होने की बात कही थी वहीं व्यापारियों ने पूरे देश में एक समान कर लगने को व्यापार विरोधी बताया था। व्यापारियों ने जीएसटी काउंसिल में व्यापारी प्रतिनिधित्व, दडंात्मक कार्रवाई का प्रावधान हटाने, कर्मचारियों को असीमित अधिकार से वंचित रखने समेत कई अहम मुददे उठाये। आखिर विरोध किसका जीएसटी का या उसमें संसोधन का। इस मुददे को जानने के लिए आई नेक्स्ट के ऑफिस में व्यापारियों के साथ जीएसटी बिल को लेकर एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। जिसमें व्यापारियों ने आई नेक्स्ट के सामने खुलकर अपनी बात रखी।

आम उपभोक्ताओं तक पहुंचे जीएसटी कम होने का लाभ: सुशील मोदी

सुशील कुमार मोदी

  • पटना,
  • 18 नवंबर 2017,
  • (अपडेटेड 18 नवंबर 2017, 2:08 AM IST)

जीएसटी नेटवर्क की चौथी बैठक में भाग लेने के लिए बंगलुरू रवाना होने से पूर्व उप-मुख्यमंत्री सह जीएसटी नेटवर्क मंत्री समूह के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने वाणिज्य कर कार्यालय (commercial tax office) में करीब 50 अंचल प्रभारियों को संबोधित करते हुए निर्देश दिया कि डेढ़ करोड़ टर्नओवर से नीचे वाले छोटे व्यापारियों को जीएसटी के अंतर्गत रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित करें.

अधिकारियों से उन्होंने जीएसटी नेटवर्क के अंतर्गत पेमेंट, रिटर्न और ऑडिट में आ रही समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा की जिसे वे बंगलुरू की बैठक में इंफोसिस के शीर्ष अधिकारी नंदन निलकेनी के समक्ष रख कर समाधान की कोशिश करेंगे.

यूपी के व्यापारियों को पेंशन देने पर विचार कर रही सूबे की व्यापारियों को जीएसटी से लाभ योगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर वाणिज्य कर विभाग के तहत कार्यरत जोनल एडिशनल कमिश्नरों के साथ समीक्षा बैठक की

  • News18 Uttar Pradesh
  • Last Updated : November 13, 2019, 11:52 IST

लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) जीएसटी (GST) में पंजीकृत व्यापारियों (Traders) को 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा के साथ ही पेंशन देने पर विचार कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर वाणिज्य कर विभाग के तहत कार्यरत जोनल एडिशनल कमिश्नरों (Zonal Additional Commissioner) के साथ समीक्षा बैठक की. इस अवसर पर उन्होंने इन सभी अधिकारियों को राजस्व संग्रह में तेजी लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राजस्व संग्रह के निर्धारित 77640.10 करोड़ रुपए के वार्षिक लक्ष्य को हर हाल में समयबद्धता के साथ प्राप्त करना सुनिश्चित किया जाए. निर्धारित लक्ष्य से अधिक राजस्व संग्रह के भी प्रयास किए जाएं. उन्होंने सचलदल में तैनात अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा हर 15 दिन में करने के निर्देश दिए.

दिल्ली में बंद रहेंगी एक लाख दुकानें

एक तरफ सरकार और प्रशासन के सामने ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को टालने का दबाव है तो दूसरी तरफ और कोई बड़े मुद्दे खड़े हुए हैं. डॉक्टरों के आंदोलन से पहले ही परेशानी बढ़ी हुई है. वहीं अब दिल्ली में कपड़ा व्यापारी भी सड़कों पर आंदोलन के लिए उतर आये हैं.

बुधवार को चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के नेतृत्व में कनॉट प्लेस में दिल्ली के बड़े बाज़ारों के कपड़ा, रेडीमेड गारमेंट्स, साड़ी सूट से जुड़े व्यापारी संगठनों ने जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया. दरअसल, जीएसटी काउंसिल द्वारा प्रस्ताव दिया गया है कि 1 जनवरी से कपड़े पर जीएसटी को 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया जाए, अब इसका चारों तरफ व्यापारी विरोध कर रहे हैं.

दिल्ली में बंद रहेंगी एक लाख दुकानें:

प्रदर्शन कर रहे सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि 30 दिसंबर को दिल्ली में कपड़ों पर जीएसटी के विरोध में दिल्ली की 1 लाख दुकानें बंद रहेंगी. जिसमें प्रमुख बाजार चांदनी चौक, गांधी नगर, करोल बाग, ओखला, लाजपत नगर, रोहिणी, पीतमपुरा के बाज़ार शामिल हैं.

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