क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है

एपल की किसी भी डिवाइस पर क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग नहीं होगी, कंपनी ने बनाए ये 5 नियम
गैजेट डेस्क। अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी एपल की किसी भी डिवाइस पर अब क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग नहीं होगी। इनमें आईफोन से लेकर आईपैड और मैक कंप्यूटर भी शामिल है। इसके लिए कंपनी ने ऐप स्टोर से उन सभी ऐप को प्रतिबंधित कर दिया है, जो क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग करती थीं। साथ ही ऐप स्टोर के लिए नई गाइडलाइंस भी जारी की हैं। दरअसल, माइनिंग होने से आईफोन या आईपैड की बैटरी तेजी से खत्म होती थी और डिवाइस भी गर्म हो जाता था।
क्रिप्टोकरंसी के लिए बनाए 5 नियम
1. वॉलेट : एप पर वर्चुअल करेंसी की स्टोरेज की जा सकती है, बशर्ते क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है वे डेवलपर संस्थान द्वारा दिए गए हों।
2. माइनिंग : करेंसी माइनिंग क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है वाले उन्हीं एप को इजाजत होगी जो डिवाइस के बाहर प्रोसेसिंग करते हैं। जैसे क्लाउड-बेस्ड माइनिंग।
3. एक्सचेंज : एप के जरिए एक्सचेंज पर क्रिप्टोकरेंसी का ट्रांजैक्शन किया जा सकता है। करेंसी एक्सचेंज ही देगा।
4. आईसीओ : एप पर बैंक, सिक्युरिटी फर्म या स्वीकृत वित्तीय संस्थानों के इनिशियल कॉइन ऑफरिंग को ही इजाजत होगी।
5. करेंसी : क्रिप्टोकरेंसी एप से दूसरे एप डाउनलोड करने जैसे दूसरे काम के लिए वर्चुअल क्वाइन नहीं दिया जा सकेगा।
आसान नहीं है आईफोन से क्रिप्टो माइनिंग
- आईफोन या आईपैड के जरिए क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग पहले भी आसान नहीं थी, क्योंकि माइनिंग में बिजली की बहुत खपत होती है।
- उदाहरण के लिए माइनिंग प्रोसेसर एंटीमाइनर एस9 दो फ्रिज और एक टीवी के बराबर बिजली खर्च करता है।
एक बिटकॉइन बनाने में 200 यूनिट बिजली खर्च
- बिटकॉइन माइनिंग के लिए 2017 में 20,000 गीगावाट बिजली का इस्तेमाल हुआ। यह पूरे आयरलैंड में खपत होने वाली बिजली के बराबर है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मुताबिक बिटकॉइन में बिजली की खपत हर महीने 25% बढ़ रही है।
- इस रफ्तार से 2019 में इसमें पूरे अमेरिका और 2020 में पूरी दुनिया की खपत के बराबर बिजली खर्च होगी। एक बिटकॉइन बनाने में 200 यूनिट बिजली खर्च होती है।
क्या है बिटकॉइन?
- बिटकॉइन की शुरुआत जनवरी 2009 क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है में हुई थी। इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल कर दुनिया के किसी कोने में किसी व्यक्ति को पेमेंट किया जा सकता है और सबसे खास बात यह है कि इस भुगतान के लिए किसी बैंक को माध्यम बनाने की भी जरूरत नहीं पड़ती।
Cryptocurrency: इस देश में है क्रिप्टो क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है का खजाना! जानें- Crypto Mining क्या और कैसे होती?
Cryptocurrency: इस देश में है क्रिप्टो का खजाना! जानें- Crypto Mining क्या और कैसे होती?
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 11 फरवरी 2022,
- अपडेटेड 12:39 AM IST
Cryptocurrency से पैसा कमाने वालों में दो तरह के लोग होते हैं. एक वो जो इसमें पैसा लेकर मुनाफा कमाते हैं. दूसरे वो, क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग से पैसा कमाते हैं. चीन में क्रिप्टो माइनिंग खूब होती थी. लेकिन पिछले चीन ने अचानक से Cryptocurrency Mining पर पाबंदी लगा दी. ये देखते ही पड़ोसी देश Kazakhstan ने इस मौके का फायदा उठाते हुए क्रिप्टो माइनिंग शुरू कर दी और आज क्रिप्टो माइनिंग के मामले में Kazakhstan दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है. Kazakhstan Bitcoin Mining में 18 फीसदी हिस्सेदारी के साथ अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है. वीडियो देखे.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग, माइनिंग और पजेशन पर बैन से संबंधित कानून लाएगी सरकार
भारत सरकार देश में क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने के लिए एक कानून लाने जा रही है. इस कानून के अनुसार अगर कोई व्यक्ति क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करता है, माइनिंग करता है या इस डिजिटल एसेट को अपने पास रखता है, तब भी उस पर कानून के हिसाब से कार्रवाई की जा सकेगी. एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है. वास्तव में देश में क्रिप्टो करेंसी का जलवा है और लाखों निवेशक इस हॉट ऐसेट क्लास में निवेश करना चाहते हैं या कर चुके हैं. सरकार का कानून वास्तव में दुनिया के सबसे सख्त कानून में से एक हो सकता है. भारत में क्रिप्टो करेंसी को बैन करने से संबंधित यह कानून वास्तव में क्रिप्टो करेंसी के पजेशन, इसे जारी करने, माइनिंग, ट्रेडिंग और ट्रांसफर को अपराध घोषित कर देगा. एक सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर यह जानकारी दी है.
रखने पर भी पेनाल्टी
अगर भारत सरकार ने यह कानून बना दिया तो भारत दुनिया की पहली ऐसी प्रमुख इकनोमी बन जाएगी जहां क्रिप्टो करेंसी को अपने पास रखना भी अवैध हो जाएगा. चीन ने हालांकि क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग और ट्रेडिंग पर बैन लगाया हुआ है, लेकिन वहां क्रिप्टो करेंसी रखने पर कोई पेनाल्टी नहीं देनी पड़ती. भारत में बन रहे इस नए कानून के हिसाब से क्रिप्टो करेंसी रखने वाले लोगों को 6 महीने का समय दिया जाएगा, जिसमें हुए उसे बेचकर बाहर निकाल सके, अन्यथा उन पर जुर्माना लगाया जाएगा. सरकार के इस कदम का उद्देश्य यह है कि देश में क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी किसी भी तरह की गतिविधि को इजाजत न दी जाए. इसका असर लाखों निवेशकों पर पड़ सकता है. पिछले कुछ समय में एक ऐसी ही क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन के भाव में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है और लाखों लोगों ने इसमें निवेश किया हुआ है.
Cryptocurrency: इस देश में है क्रिप्टो का खजाना! जानें- Crypto Mining क्या और कैसे होती?
Cryptocurrency: इस देश में है क्रिप्टो का खजाना! जानें- Crypto Mining क्या और कैसे होती?
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 11 फरवरी 2022,
- अपडेटेड 12:39 AM IST
Cryptocurrency से पैसा कमाने वालों में दो तरह के लोग होते हैं. एक वो जो इसमें पैसा लेकर मुनाफा कमाते हैं. दूसरे वो, क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग से पैसा कमाते हैं. चीन में क्रिप्टो माइनिंग खूब होती थी. लेकिन पिछले चीन ने अचानक से Cryptocurrency Mining पर पाबंदी लगा दी. ये देखते ही पड़ोसी देश Kazakhstan ने इस मौके का फायदा उठाते हुए क्रिप्टो माइनिंग शुरू कर दी और आज क्रिप्टो माइनिंग के मामले में Kazakhstan दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है. Kazakhstan Bitcoin Mining में 18 फीसदी हिस्सेदारी के साथ अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है. वीडियो देखे.