प्रतिभूति बाजार की भूमिका

2. ट्रेजरी बिल- इन्हें केन्द्रीय सरकार की तरफ से भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी किया जाता है जिनकी परिपक्व अवधि एक वर्ष से कम होती है। इन्हें अंकित मूल्य से कम पर जारी किया जाता है परन्तु भुगतान के समय अंकित मूल्य दिया जाता है। राजकोष बिल 25000 रू. के न्यूनतम मूल्य और इसके बाद बहुगुणन में प्राप्त होते हैं। यह एक विनिमय साध्य प्रलेख होते हैं जिनका स्वतन्त्रतापूर्ण हस्तान्तरण किया जा सकता है। इन्हें सुरक्षित निवेश समझा जाता है, इन पर कोर्इ ब्याज नहीं दिया जाता बल्कि कटौती पर जारी किये जाते हैं।
भारत में मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स के बारे में सब कुछ
मुद्रा बाजार व्यापार में एक अल्पकालिक ऋण निवेश है। इसमें संस्थानों और व्यापारियों के बीच बड़े पैमाने पर व्यापार शामिल है। मुद्रा बाजार के खुदरा स्तर में मुद्रा बाजार प्रतिभूति बाजार की भूमिका खातों और व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा खरीदा गया म्युचुअल फंड व्यापार शामिल है। अल्पकालिक परिपक्वता वाले जारीकर्ता के वित्तीय साधनों का उपयोग पूंजी जुटाने के लिए किया जाता है। उन्हें मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स कहा जाता है। वे ऋण सुरक्षा के रूप में कार्य करते हैं जो निश्चित ब्याज दरों की पेशकश करता है और असुरक्षित है। मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में एक उच्च क्रेडिट रेटिंग होती है, जो यह सुनिश्चित करती है कि जारीकर्ता अपना पैसा अल्पावधि के लिए पार्क करें और निश्चित रिटर्न अर्जित करें।
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वित्तीय बाजार क्या है? वित्तीय बाजार के कार्य और प्रकार
वित्तीय बाजार वित्तीय सम्पत्तियों जैसे अंश, बांड के सृजन एवं विनिमय करने वाला बाजार होता है। यह बचतों को गतिशील बनाता है तथा उन्हें सर्वाधिक उत्पादक उपयोगों की ओर ले जाता है। यह बचतकर्ताओं तथा उधार प्राप्तकर्ताओं के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है तथा उनके बीच कोषों को गतिशील बनाता है। वह व्यक्ति/संस्था जिसके माध्यम से कोषों का आबंटन किया जाता है उसे वित्तीय मध्यस्थ कहते हैं। वित्तीय बाजार दो ऐसे समूहों के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं जो निवेश तथा बचत का कार्य करते हैं। वित्तीय बाजार सर्वाधिक उपयुक्त निवेश हेतु उपलब्ध कोषों का आबंटन करते हैं।
(1) बचतों को गतिशील बनाना तथा उन्हें उत्पादक उपयोग में सरणित करना:- वित्तीय बाजार बचतों को बचतकर्ता से निवेशकों तक अंतरित करने को सुविधापूर्ण बनाता है। अत: यह अधिशेष निधियों को सर्वाधिक उत्पादक उपयोग में सरणित करने में मदद करते हैं।
वित्तीय बाजार के प्रकार
- मुद्रा बाजार
- पूंजी बाजार ।
1. मुद्रा बाजार
अवधि एक वर्ष तक की होती है। इस बाजार के प्रमुख प्रतिभागी भारतीय रिजर्व बैंक, व्यापारिक बैंक, गैर बैंकिग, वित्त कम्पनियाँ, राज्य सरकारें, म्युचुअल फंड आदि हैं। मुद्रा बाजार के महत्वपूर्ण प्रलेख निम्नलिखित हैं।
1. याचना राशि-याचना राशि का प्रयोग मुख्यत: बैंकों द्वारा उनके अस्थायी नकदी की आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए प्रयोग किया जाता है ये दिन-प्रतिदिन के आधार पर एक दूसरे से ऋण लेते तथा देते है। इसका पुनभ्र्ाुगतान मांग पर देय होता है और इसकी परिपक्वता अवधि एक दिन से 15 दिन तक की होती है याचना राशि पर भुगतान किए जाने वाले ब्याज की दर को याचना दर कहते है।
प्राथमिक बाजार व द्वितीयक बाजार में अंतर
1. कार्य-प्राथमिक बाजार का मुख्य कार्य नवीन प्रतिभूतियो के निगर्मन द्वारा दीर्घकालीन कोष एकत्र करना है वहीं द्वितीयक बाजार विद्यमान प्रतिभूितयो को सतत एवं तात्कालिक बाजार उपलब्ध कराता है।
2. प्रतिभागी-प्राथमिक बाजार में मुख्य भाग लेने वाली वित्तीय संस्थाएं, म्यूच्यूअल फण्ड, अभिगोपक और व्यक्तिगत निवेशक हैं, जबकि द्वितीयक बाजार में भाग लेने वाले इन सभी के अतिरिक्त वे दलाल भी हैं जो शेयर बाजार (स्टाक एक्सचेंज) के सदस्य हैं।
3. सूचीबद्ध कराने की आवश्यकता-प्राथमिक बाजार की प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती, जबकि द्वितीयक बाजार में केवल उन्हीं प्रतिभूतियों का लेन-देन हो सकता है जो सूचीबद्ध होती हैं।
4. मूल्यों को निर्धारण-प्राथमिक प्रतिभूति बाजार की भूमिका बाजार के सम्बन्ध मे प्रतिभूतियों का मूल्य निर्धारण प्रबंधन द्वारा सेबी के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए किया जाता है, जबकि द्वितीयक बाजार में प्रतिभूतियों का मूल्य बाजार में विद्यमान मांग व पूर्ति के समन्वय द्वारा निर्धारित किया जाता है, जो समय के अनुसार परिवर्तित होता रहता है।
आर्थिक विकास के वित्तपोषण में पूंजी बाजार बड़ी भूमिका निभाएगा : सेबी प्रमुख
Published: July 29, 2021 8:41 AM IST
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) के अध्यक्ष अजय त्यागी ने बुधवार को कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय मध्यस्थता का एक बड़ा हिस्सा पूंजी बाजार के माध्यम से हो रहा प्रतिभूति बाजार की भूमिका है और आगे जाकर वह देश के आर्थिक विकास में एक बड़ी भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा, आगे बढ़ते हुए, पूंजी बाजार आर्थिक विकास के वित्तपोषण में एक बड़ी भूमिका निभाने जा रहे हैं.
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फिक्की द्वारा आयोजित 18वें वार्षिक पूंजी बाजार सम्मेलन को संबोधित करते हुए त्यागी ने कहा कि आगे सेबी के लिए फोकस क्षेत्र पूंजी बाजार की मजबूती को सुदृढ़ करने पर होगा.
उन्होंने कहा, प्रतिभूति बाजार में तैनात घरेलू वित्तीय बचत बढ़ रही है और इसे बनाए रखने से पूंजी बाजार और अर्थव्यवस्था दोनों को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा.
आईपीओ और फंड जुटाने पर उन्होंने कहा कि नए जमाने की टेक कंपनियों के आईपीओ की सफलता से अधिक फंड आकर्षित होंगे और उद्यमियों और निवेशकों का एक नया इको-सिस्टम बनाने में मदद मिलेगी.
सेबी प्रमुख ने कहा कि बड़ी कंपनियों के लिए आईपीओ लाने को आसान बनाने के लिए न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के नियमों को संशोधित किया गया है. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में इक्विटी के जरिये कोष जुटाने से जुड़े नियमों की समीक्षा पर जोर बना रहेगा. स्टार्टअप को सूचीबद्ध करने में सक्षम बनाने के लिए आईजीपी (इनोवेटर्स ग्रोथ प्लेटफॉर्म) ढांचे में और ढील दी गई है.
प्रतिभूतियों की सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग में भारत सबसे अच्छाः सेबी प्रमुख
उन्होंने कहा कि भारत में ग्राहकों की प्रतिभूतियों की सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशक अक्सर उन्हें बताते हैं कि वह भाग्यशाली हैं कि इस देश में डेटा और प्रौद्योगिकी का चलन है, जो पूंजी बाजार नियामक की भूमिका को प्रभावी बना रही है।
बुच ने भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम),बेंगलुरु के 49वें स्थापना दिवस समारोह में ‘पूंजी बाजार में डेटा और प्रौद्योगिकी’ पर अपने व्याख्यान में यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘पूरे बाजार में प्रौद्योगिकी में भारी बदलाव आया है। यह दुनिया में कहीं भी कभी नहीं किया गया है लेकिन हमने भारत में ऐसा किया है। आज ग्राहकों की प्रतिभूतियों की सुरक्षा के लिहाज से दुनिया में भारत से बेहतर कोई नहीं है।’’
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ________ की निगरानी और विनियमन के लिए कार्य करता है।
Additional Information
- जब आप विदेशी मुद्रा बाजार में व्यापार करते हैं, तो आप मूल रूप से एक विशिष्ट देश की मुद्रा खरीद रहे हैं और साथ ही साथ दूसरे देश की मुद्रा बेच रहे हैं।
- निजी क्षेत्र कभी-कभी अर्थव्यवस्था का हिस्सा होता है क्योंकि नागरिक क्षेत्र, जो निजी समूहों के स्वामित्व में होता है, आमतौर पर सरकार के स्वामित्व के बजाय लाभ या गैर-लाभ के लिए बहुराष्ट्रीय के रूप में होता है।
- स्वास्थ्य देखभाल और सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को आतंकवाद, संचारी रोग के प्रकोप और प्राकृतिक आपदाओं जैसे खतरों से बचाते हैं।