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Amit Shah बोले- युवाओं को कट्टर बनाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी जैसी वर्चुअल संपत्तियों का बढ़ रहा इस्तेमाल

Amit Shah बोले- युवाओं को कट्टर बनाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी जैसी वर्चुअल संपत्तियों का बढ़ रहा इस्तेमाल

No Money for Terror: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित होटल ताज पैलेस में आतंकवाद रोधी वित्तपोषण पर ‘नो मनी फॉर टेरर’ विषय पर आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है. उन्होंने कहा कि यह सभी देशों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व तथा ऐसे देश अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें.

आतंकी हिंसा के लिए बढ़ रहा वर्चुअल संपत्तियों का उपयोग

आतंकवाद के वित्त पोषण को टेरर से बड़ा खतरा बताते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और ना ही जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवादी हिंसा करने, युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने और वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए लगातार नए तरीके खोज रहे हैं. इसके लिए वे साइबर अपराध के उपकरणों का इस्तेमाल कर और अपनी पहचान छिपाकर कट्टरपंथ की सामग्री फैला रहे हैं. अमित शाह ने साथ ही कहा कि क्रिप्टोकरेंसी जैसी वर्चुअल संपत्तियों का उपयोग भी बढ़ रहा है और साइबर अपराध के उपकरणों के माध्यम से होने वाली गतिविधियों के तौर-तरीकों को भी समझना होगा तथा उसके उपाय ढूंढ़ने होंगे.

आतंकवाद वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है. हालांकि, मेरा मानना है कि आतंकवाद का वित्तपोषण आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि इस तरह के वित्तपोषण से आतंकवाद के साधन और तरीके पोषित होते हैं. इसके अलावा, आतंकवाद का वित्तपोषण दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है. उन्होंने कहा कि हम यह भी मानते हैं कि आतंकवाद का खतरा किसी धर्म, राष्ट्रीयता या किसी समूह से जुड़ा नहीं हो सकता है और न ही होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवाद का डायनामाइट से मेटावर्स और एके-47 से वर्चुअल एसेट्स तक का परिवर्तन, दुनिया के देशों के लिए निश्चित ही चिंता का विषय है. अमित शाह ने सभी देशों से साथ मिलकर इसके खिलाफ साझा रणनीति तैयार करने का आह्वान किया.

पाकिस्तान-चीन पर अमित शाह ने परोक्ष रूप से बोला हमला

अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत ने सुरक्षा ढांचे के साथ-साथ कानूनी और वित्तीय प्रणालियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है. उन्होंने कहा कि यह हमारे निरंतर प्रयासों का परिणाम है कि भारत में आतंकवादी घटनाओं में अत्यधिक कमी हुई है और इसके परिणामस्वरूप आतंकवाद के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान में भी भारी कमी हुई है. पाकिस्तान और चीन पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए अमित शाह ने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ देश ऐसे भी हैं, जो आतंकवाद से लड़ने के लिए सामूहिक प्रयासों को कमजोर और नष्ट करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों का बचाव करते हैं और उन्हें पनाह भी देते हैं. आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है. यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व और ऐसे देश, अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें.

अमित शाह ने दुनिया के देशों को किया आगाह

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने आतंकवादियों के पनाहगाहों या उनके संसाधनों की अनदेखी नहीं करने को वर्चुअल मनी लेकर सभी देशों को आगाह किया और कहा कि ऐसे तत्त्वों को सभी को उजागर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि यह सम्मेलन, सहभागी देश और संगठन, इस क्षेत्र की आतंकवादी चुनौतियों के बारे में चयनित या आत्मसंतुष्टि वाला दृष्टिकोण न रखे. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज आतंकवादी या आतंकवादी समूह आधुनिक हथियार, सूचना प्रौद्योगिकी और साइबर तथा वित्तीय दुनिया को अच्छी तरह से समझते हैं और उसका उपयोग भी करते हैं.

अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन का जिक्र करते हुए शाह ने कही ये बात

अफगानिस्तान में हुए सत्ता परिवर्तन का उल्लेख करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 21 अगस्त, 2021 के बाद दक्षिण एशिया में स्थिति बदल गई है और अल-कायदा व आईएसआईएस का बढ़ता प्रभाव क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में उभर कर सामने आया है. उन्होंने कहा कि इन नए समीकरणों ने आतंकी वित्त पोषण की समस्या को और अधिक गंभीर बना दिया है. तीन दशक पूर्व ऐसे ही एक सत्ता परिवर्तन के गंभीर परिणाम पूरी दुनिया को सहने पड़े और अमेरिका के 9/11 जैसे भयंकर हमले को हम सभी ने देखा है. उन्होंने कहा कि इस पृष्ठभूमि में पिछले साल दक्षिण एशिया क्षेत्र में हुआ परिवर्तन सभी के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि अल कायदा के साथ-साथ दक्षिण एशिया में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे गुट बेखौफ होकर आज भी आतंक फैलाने की फिराक में हैं.

आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की जानी चाहिए

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत आतंकवाद के सभी रूपों और प्रकारों की निंदा करता है और उसका स्पष्ट मानना है कि निर्दोष लोगों की जान लेने जैसे कृत्य को उचित ठहराने का कोई भी कारण स्वीकार नहीं किया जा सकता है. अमित शाह ने कहा कि हमें इस बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए. शाह ने कहा कि भारत कई दशकों से सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है और भारतीय सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को गंभीर आतंकवादी हिंसा की घटनाओं से जूझना पड़ा है. उन्होने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक सामूहिक रुख है कि आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की जानी चाहिए.

आतंकवाद से निपटने के प्रभावी तरीकों का किया जिक्र

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत का मानना है कि आतंकवाद से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका अंतरराष्ट्रीय सहयोग और राष्ट्रों के बीच रियल-टाइम तथा पारदर्शी सहयोग ही है. अमित शाह ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मादक पदार्थों के अवैध व्यापार के उभरते चलन और नार्को-आतंकवाद जैसी चुनौतियों से आतंकवाद के वित्तपोषण को एक नया आयाम मिला है. उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए सभी राष्ट्रों के बीच इस विषय पर घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसी बहुपक्षीय संस्थाएं और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) जैसे आम सहमति वाले मंचों की मौजूदगी आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में सबसे अधिक प्रभावी हैं. उन्होंने कहा कि एफएटीएफ धन शोधन और आतंकवादियों के वित्तपोषण को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

डायनामाइट से मेटावर्स आतंकवाद की तरफ़ बढ़े आतंकवादी- अमित शाह

‘नो मनी फॉर टेरर’ समिट में केंद्रिय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कट्टरपंथी सामग्री फैलाने के लिए आतंकवादियों द्वारा ‘डार्कनेट’ के उपयोग पर प्रकाश डाला और कहा कि डार्कनेट पैटर्न का समाधान खोजने की आवश्यकता है, जिसमें क्रिप्टोकरंसी के उपयोग में भी वृद्धि देखी गई है।

शाह ने कहा कि वर्चुअल मनी आतंकवादी सुरक्षा ढांचे और वित्तीय प्रणालियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के नए तरीके खोज रहे हैं। दिल्ली में तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन ‘नो मनी फॉर टेरर’ को संबोधित करते हुए उन्होंने यह टिप्पणी की।

गृहमंत्री ने कहा, “हम यह भी मानते हैं कि आतंकवाद के खतरे को किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और न ही जोड़ा जाना चाहिएआतंकवाद का सामना करने के लिए, हमने सुरक्षा ढांचे और कानूनी और वित्तीय प्रणालियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसके बावजूद आतंकवादी लगातार हिंसा करने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के नए-नए तरीके खोज रहे हैं।”

शाह ने कहा कि वर्चुअल एसेट चैनलों के खिलाफ एक कुशल परिचालन प्रणाली विकसित करने की दिशा में काम करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा, “हमारे सामने वर्चुअल एसेट्स के रूप में एक नई चुनौती है। वित्तीय लेनदेन के लिए आतंकवादी वर्चुअल एसेट्स के नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वर्चुअल एसेट चैनलों, फंडिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और डार्कनेट के उपयोग पर नकेल कसने के लिए, हमें एक ‘मजबूत और कुशल परिचालन प्रणाली’ विकसित करने की दिशा में सुसंगत रूप से काम करने की जरूरत है।”

डायनामाइट से मेटावर्स आतंक की तरफ़ बढ़े आतंकवादी

अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद का ‘डायनामाइट से मेटावर्स’ और “एके-47 से वर्चुअल एसेट्स” में परिवर्तन निश्चित रूप से दुनिया के देशों के लिए चिंता का विषय है। और हम सभी को इसके खिलाफ एक आम रणनीति तैयार करने के लिए मिलकर काम करना होगा। ऐसे तत्वों के दोहरे रवैए को उजागर करना होगा, जो “आतंकवादियों को प्रायोजित और समर्थन करते हैं।”

दो दिवसीय ‘नो मनी फॉर टेरर’ अंतरराष्ट्रीय समिट आज से दिल्ली में शुरू हो चुका है। यह इस सम्मेलन का तीसरा संस्करण है, जिसकी मेजबानी भारत कर रहा है। केंद्रिय गृहमंत्री इसकी अध्यक्षता कर रहे हैं, जबकि भारत की तरफ से एनआईए मुख्य संगठन में रूप में शिरकत कर रहा है। इस सम्मेलन में 78 देशों के प्रतिनिधि सहित दुनियाभर के विभिन्न देशों की सुरक्षा एजेंसियां भी शामिल हैं।

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नयी दिल्ली, 18 नवंबर, (वार्ता) केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को आतंकवाद के वित्तपोषण को आतंकवाद से कहीं अधिक खतरनाक करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होकर इसे रोकने का आह्वान किया। शाह ने आज यहां आतंकवाद के वित्तपोषण का मुक़ाबला विषय पर तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ (No Money For Terror) मंत्रीस्तरीय सम्मेलन के ‘आतंकवाद और आतंकवादियों को वित्त उपलब्ध कराने की वैश्विक प्रवृत्ति’ विषय पर प्रथम सत्र की अध्यक्षता की।
गृह मंत्री ने कहा कि आंतकवाद निस्संदेह, वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है, लेकिन उनका मानना है, “टेररिज्म का वित्तपोषण, टेररिज्म से कहीं अधिक खतरनाक है, क्योंकि टेररिज्म के ‘मीन्स एंड मेथड’ को, इसी फण्ड से पोषित किया जाता है, इसके साथ-साथ दुनिया के सभी देशों के अर्थतंत्र को कमजोर करने का भी काम टेररिज्म के वित्तपोषण से होता है।"
आतंकवाद के सभी रूपों और वर्चुअल मनी प्रकारों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों की जान लेने जैसे कृत्य को, उचित ठहराने का, कोई भी कारण, स्वीकार नहीं किया जा सकता है। दुनियाभर में आतंकवादी हमलों के पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हमें इस बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत कई दशकों से सीमा-पार से प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है। बदलती परिस्थितियों में आतंकवाद के नए आयाम का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “टेररिज्म का “डायनामाइट से मेटावर्स’ और ‘एके-47 से वर्चुअल एसेट्स” तक का यह परिवर्तन, दुनिया के देशों के लिए निश्चित ही चिंता का विषय है और हम सबको साथ मिलकर, इसके खिलाफ साझी रणनीति तैयार करनी होगी। हम यह भी मानते हैं कि, टेररिज्म का खतरा, किसी धर्म, राष्ट्रीयता या किसी समूह से जुड़ा नहीं हो सकता है और न ही होना चाहिए।"
अमित शाह ने कहा, “आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सुरक्षा ढांचे तथा कानूनी और वित्तपोषण व्यवस्था को मजबूत करने में हमने काफी प्रगति की है, लेकिन इसके बावजूद, टेररिस्ट लगातार हिंसा को अंजाम देने, युवाओं को रैडिकलाइज़ करने तथा वित्त संसाधन जुटाने के नए तरीके खोज रहे हैं। टेररिस्ट अपनी पहचान छिपाने और रेडिकल मेटेरियल को फ़ैलाने के लिए डार्क-नेट का उपयोग कर रहे है।“ शाह ने कहा कि साथ ही क्रिप्टो-करेंसी जैसे वर्चुअल एसेट्स का उपयोग भी बढ़ रहा है, हमें डार्क-नेट पर चलने वाली इन गतिविधियों का पैटर्न को समझना होगा और उसके उपाय भी ढूंढने होंगे ।पाकिस्तान का नाम लिए बिना केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ देश ऐसे भी हैं जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर या नष्ट करना चाहते हैं। उन्होंने कहा ,“ हमने कई बार देखा है कि कुछ देश आतंकवादियों का बचाव करते हैं और उन्हें पनाह भी देते हैं, किसी आतंकवादी को संरक्षण देना आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी होगी कि, ऐसे तत्त्व, अपने इरादों में, कभी सफल न हो सकें।
शाह ने कहा कि अगस्त, 2021 के बाद, दक्षिण एशिया में स्थिति बदल गई है और सत्ता परिवर्तन तथा अल कायदा और आईएसआईएस (Isis) का बढ़ता प्रभाव, क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में उभर कर सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि इन नए समीकरणों ने आतंक वित्तपोषण की समस्या को और अधिक गंभीर बना दिया है। शाह ने कहा, “तीन दशक पूर्व ऐसे ही एक रिजीम-चेंज के गंभीर परिणाम पूरी दुनिया को सहने पड़े है और नाइन-इलेवन जैसे भयंकर हमले को हम सभी ने देखा है। इस पृष्ठभूमि में पिछले साल दक्षिण एशिया क्षेत्र में हुआ परिवर्तन हम सभी के लिए चिंता का विषय है। अल कायदा के साथ-साथ दक्षिण एशिया में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) जैसे गुट बेखौफ होकर आज भी आतंक फ़ैलाने के फ़िराक में हैं।“
कुछ देशों की आतंकवाद पर दोहरे रवैए की आलोचना करते हुए शाह ने कहा ,“हमें कभी भी आतंकवादियों के पनाहगाहों या उनके संसाधनों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए और ऐसे तत्त्वों, इन्हें स्पॉंसर, सपोर्ट करने वाले तत्त्वों के डबल-स्पीक को भी हमें उजागर करना होगा। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि यह सम्मेलन, सहभागी देश और संगठन, इस क्षेत्र की टेररिस्ट चुनौतियों के बारे में सेलेक्टिव या आत्मसंतुष्ट दृष्टिकोण न रखे।" केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत ने एक सुनियोजित तरीके से आतंकवाद के लिए वित्तपोषण पर काफी हद तक काबू पाने में सफलता हासिल की है।

'No Money For Terror' (NMFT) का तीसरा सम्मेलन

टेररिज्म, ग्लोबल पीस और सिक्योरिटी के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। लेकिन टेररिज्म के लिए फंडिंग कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है। NMFT के तीसरे मंत्री स्तरीय सम्मेलन में ये विचार अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में गृह मंत्री अमित शाह ने व्यक्त किया।

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टेरर फंडिंग कर रहा है देशों के अर्थ तंत्र को कमज़ोर

गृह मंत्री शाह ने कहा कि टेररिज्म के ‘मीन्स एंड मेथड’ को, इसी फण्ड से पाला और बढ़ावा दिया किया जाता है, इसके साथ-साथ दुनिया के सभी देशों के अर्थतंत्र को कमजोर करने का भी काम टेररिज्म के लिए फंडिंग से होता है । आतंकवाद और आतंकवादियों को वित्त उपलब्ध कराने की वैश्विक प्रवृत्ति’ विषय पर प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि भारत टेररिज्म के सभी रूपों और प्रकारों की निंदा करता है।

निर्दोषों की हत्या की कोई वजह स्वीकार नहीं

शाह ने कहा कि निर्दोष लोगों की जान लेने जैसे एक्शन को, उचित ठहराने की, कोई भी वजह, स्वीकार वर्चुअल मनी नहीं की जा सकती है। दुनियाभर के टेररिस्ट हमलों के पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हमें इस बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए।

भारत सीमापार से स्पॉन्सर्ड आतंकवाद का शिकार रहा है

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत कई दशकों से सीमा-पार से प्रायोजित टेररिज्म का शिकार रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को निरंतर और समन्वित तरीके से की गई अत्यंत गंभीर टेररिस्ट हिंसा की घटनाओं से जूझना पड़ा है। उन्होने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का एक कलेक्टिव एप्रोच है कि टेररिज्म के सभी रूपों की निंदा की जानी चाहिए, लेकिन तकनीकी क्रांति से, टेररिज्म के रूप और प्रकार, निरंतर बदल रहे हैं।

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दुनिया के लिए चिंता की वजह है डायनामाइट से मेटावर्स’ और ‘AK-47 से वर्चुअल एसेट्स” तक का परिवर्तन

शाह ने कहा कि आज टेररिस्ट या टेररिस्ट ग्रुप, आधुनिक वेपन तथा इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और साइबर तथा फाइनेंसियल वर्ल्ड को अच्छी तरह से समझते हैं और उसका उपयोग भी करते हैं। उन्होंने कहा कि टेररिज्म का “डायनामाइट से मेटावर्स’ और ‘AK-47 से वर्चुअल एसेट्स” तक का यह परिवर्तन, दुनिया के देशों के लिए निश्चित ही चिंता का विषय है और हम सबको साथ मिलकर, इसके खिलाफ साझी रणनीति तैयार करनी होगी। उन्होंने कहा कि हम यह भी मानते हैं कि, टेररिज्म का खतरा, किसी धर्म, राष्ट्रीयता या किसी समूह से जुड़ा नहीं हो सकता है और न ही होना चाहिए।

सत्ता परिवर्तन तथा अल कायदा और आईएसआईएस (ISIS) का बढ़ता प्रभाव, क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में उभर कर सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि इन नए समीकरणों ने टेरर फाइनेंसिंग की समस्या को और अधिक गंभीर बना दिया है। शाह ने कहा कि तीन दशक पूर्व ऐसे ही एक रिजीम-चेंज के गंभीर परिणाम पूरी दुनिया को सहने पड़े है और नाइन-इलेवन (9/11) जैसे भयंकर हमले को हम सभी ने देखा है। उन्होंने कहा कि इस पृष्ठभूमि में पिछले साल दक्षिण एशिया क्षेत्र में हुआ परिवर्तन हम सभी के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अल कायदा के साथ-साथ दक्षिण एशिया में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे गुट बेखौफ होकर आज भी आतंक फ़ैलाने के फ़िराक में हैं।

भारत सरकार के गृह मंत्री के रूप में सम्मेलन में उपस्थित प्रतिनिधियों को विश्वास दिलाते हुए शाह ने कहा कि ‘नो मनी फॉर टेरर’ की उद्देश्यपूर्ति में, हमारा कमिटमेंट उतना ही दृढ़ है, जितना, आपका इस समागम में भाग लेने का उत्साह। श्री शाह ने कहा कि वे इस सेशन में, अपने साथी पैनलिस्ट वक्ताओं को, सुनने के लिए काफी उत्सुक हैं। उन्होने कहा कि समापन सत्र में कुछ बातों पर विस्तार से अपने विचारों को रखना चाहेंगे।

सीएम हाउस में UPA की बैठक शुरू, इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित

सीएम हाउस में UPA की बैठक शुरू, इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित

Ranchi : मुख्यमंत्री आवास में यूपीए विधायकों की बैठक शुरू हो गयी है. जिसकी अध्यक्षता हेमंत सोरेन कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक बैठक खत्म होने के बाद यूपीए के सभी विधायक और मंत्री सीएम आवास के निकट बनाये गये मंच पर आयेंगे और कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे.

कार्यकर्ताओं में देखा जा रहा उत्साह

बता दें कि मुख्यमंत्री आवास के बाहर झामुमो कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी हुई है. कार्यकर्ता ढोल- नगाड़े बजा रहे है. कार्यकर्ता भाजपी की केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. कार्यकर्ता केंद्र सरकार होश में आओ, ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग बंद करो सहित कई तरह के नारे लगा रहे हैं. साथ ही क्षेत्रीय भाषा में गीत संगीत बजायी जी रही हैं. सीएम आवास के बाहर जमा हुए कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है.

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