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वैकल्पिक निवेश

वैकल्पिक निवेश

राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (National Investment and Infrastructure Fund-NIIF)

मास्टर फंड (Master Fund): मास्टर फंड मुख्य रूप से मुख्य बुनियादी ढांचा क्षेत्रों जैसे सड़क, बंदरगाह, हवाई अड्डों, बिजली आदि में परिचालन परिसंपत्तियों में निवेश करने के उद्देश्य से एक बुनियादी ढांचा निधि है।

फंड ऑफ फंड्स (Fund of Funds): फंड ऑफ फंड्स एंकर और / या फंड मैनेजरों द्वारा प्रबंधित फंडों में निवेश करते हैं, जिनके पास भारत में बुनियादी ढांचे और संबंधित क्षेत्रों में अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड हैं। फोकस के कुछ क्षेत्रों में ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर, मिड-इनकम और अफोर्डेबल हाउसिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर सेवाएं और संबद्ध क्षेत्र शामिल हैं।

स्ट्रेटेजिक इनवेस्टमेंट फंड (Strategic Investment Fund): स्ट्रेटेजिक इन्वेस्टमेंट फंड भारत में सेबी के तहत वैकल्पिक निवेश फंड II के रूप में पंजीकृत है। “रणनीतिक निधि” का उद्देश्य बड़े पैमाने पर इक्विटी और इक्विटी-लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करना है। स्ट्रैटेजिक फंड कोर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में ग्रीन फील्ड और ब्राउन फील्ड इनवेस्टमेंट पर फोकस करेगा।

निवेश युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका

छात्रों के एक स्नातक की डिग्री कार्यक्रम पूरा करने के बाद स्नातकोत्तर किया है। एक परास्नातक प्राप्त करने के लिए, आप आमतौर पर अक्सर व्यापक परीक्षण और / या एक शोध पूरा शामिल है कि 12 से 18 कॉलेज के पाठ्यक्रम को पूरा करने की जरूरत है।

आधुनिक रोजगार के बाजार में, निवेश में एक शिक्षा को कम करके आंका नहीं जाना चाहिए। यह कई वांछनीय करियर में इस तरह के वित्तीय सलाहकार, वित्तीय विश्लेषक, वैकल्पिक निवेश वित्तीय सलाहकार, और कनिष्ठ विश्लेषक, जो विश्वसनीय और अच्छी तरह से भुगतान व्यावसायिक विकल्पों के साथ छात्रों को प्रदान हो सकता है के रूप में उपलब्ध बनाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

यूएसए अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए दुनिया का सबसे लोकप्रिय गंतव्य बना हुआ है। विश्व रैंकिंग में अमेरिका के विश्वविद्यालयों का वर्चस्व है और देश में कई तरह के रोमांचक अध्ययन स्थल भी हैं। राज्य विश्वविद्यालय प्रणालियों को राज्य सरकारों द्वारा आंशिक रूप से सब्सिडी दी जाती है, और सैकड़ों छात्रों के साथ, राज्य भर में कई कैंपस का प्रसार हो सकता वैकल्पिक निवेश है।

ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमत 4 हफ्ते के निचले स्तर पर

हर बार त्योहारों से पहले सोने-चांदी की कीमतें आसमान छूने लगती हैं लेकिन इस बार सर्राफा बाजारों में इनकी कीमतों में नरमी का रुझान देखने को मिल रहा है.

सोने की कीमत 4 हफ्तें के निचले स्तर पर

स्वाति गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2015,
  • (अपडेटेड 02 नवंबर 2015, 10:43 PM IST)

हर बार त्योहारों से पहले सोने-चांदी की कीमतें आसमान छूने लगती हैं लेकिन इस बार सर्राफा बाजारों में इनकी कीमतों में नरमी का रुझान देखने को मिल रहा है.

आभूषण विक्रेताओं की सुस्त मांग और वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजारों में सोमवार को सोने के भाव 10 रुपये की गिरावट के साथ 26,810 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गए हैं. वहीं औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की कमजोर उठान से चांदी भी 270 रुपये घट कर 36,500 रुपये प्रति किग्रा पर आ गई है.

बाजार सूत्रों ने बताया है कि अमेरिका में फेडरल रिजर्व द्वारा दिसंबर से ब्याज दर में बढ़ोतरी करने की अटकलों के बीच वैश्विक बाजारों में सोना चार सप्ताह के निम्नतम स्तर को छू गया क्योंकि वैकल्पिक निवेश के रूप में सोने चांदी की मांग कमजोर हुई है.

सिंगापुर में सोना 0.7 प्रतिशत घट कर 1,134.39 डॉलर प्रति औंस के भाव बोला गया. पांच अक्टूबर के बाद यह इसका न्यूनतम स्तर है. इसके अलावा आभूषण एवं फुटकर विक्रेताओं की सुस्त मांग से भी बहुमूल्य धातुओं की कीमतें प्रभावित हुई है.

सरकार को ग्रीन बैंक की सिफारिश, इस सेक्टर को नहीं होगी पैसे की दिक्कत

आने वाले वक्त में सरकार ग्रीन बैंक की संभावना पर विचार कर सकती है। दरअसल,संसद की एक समिति ने सरकार से रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में वित्तीय बाधाओं को दूर करने को नये और कुछ अलग उपाय टटोलने को कहा है।.

सरकार को ग्रीन बैंक की सिफारिश, इस सेक्टर को नहीं होगी पैसे की दिक्कत

आने वाले वक्त में सरकार ग्रीन बैंक की संभावना पर विचार कर सकती है। दरअसल,संसद की एक समिति ने सरकार से रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में वित्तीय बाधाओं को दूर करने को नये और कुछ अलग उपाय टटोलने को कहा है। इन उपायों में ग्रीन बैंक का गठन शामिल है।

क्या है रिपोर्ट में: संसद की समिति ने रिपोर्ट में कहा है, ‘‘चूंकि वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा के वित्तपोषण के लिये ग्रीन बैंक एक अनूठे उपाय के वैकल्पिक निवेश रूप में उभरा है, ऐसे में सरकार को ऐसी व्यवस्था स्थापित करने पर विचार करना चाहिए। यह देश में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में वित्तपोषण संबंधी चुनौतियों का समाधान कर सकता है।’’ रिपोर्ट में इस बात पर गौर किया गया है कि रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़ी कंपनियों के लिये कर्ज की जरूरत और वित्तीय लागत कम करने की बड़ी आवश्कता है।

और भी विकल्प: समिति ने इसको ध्यान में रखते हुए सुझाव दिया है कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिये स्वच्छ ऊर्जा को लेकर वित्तपोषण की बाध्यता की संभावना टटोल सकता है। वित्तीय संस्थानों को अपने निवेश का एक हिस्सा स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में लगाना होगा। समिति ने यह भी सुझाव दिया कि मंत्रालय को स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र के लिये बुनियादी ढांचा विकास कोष (आईडीएफ), बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट), वैकल्पिक निवेश फंड, ग्रीन / मसाला बांड आदि जैसे वित्तपोषण के नये और वैकल्पिक निवेश वैकल्पिक स्रोतों का पता लगाने के लिये सक्रियता के साथ काम करना चाहिए।

रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि इरेडा (भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी) को राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी), सिडबी (लघु उद्योग विकास बैंक) और नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि ग्रामीण विकास बैंक) जैसे विशेषीकृत वित्तीय संस्थानों की तरह रिजर्व बैंक से रेपो दर पर कर्ज लेने को लेकर विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए। इससे रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के लिए सस्ता कर्ज सुनिश्चित हो सकेगा।

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