निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली

वाराणसी की देव दिवाली होती है बेहद खास
पिछली दिवाली से अब तक इन आईपीओ ने दिया जोरदार रिटर्न
मुंबई- पिछली दिवाली से अब तक आए IPO ने निवेशकों को जोरदार रिटर्न दिया है। प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, पिछली दिवाली से अब तक 44 कंपनियों ने आईपीओ लाकर बाजार से 95,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इनमें से 31 कंपनियों के शेयर इश्यू प्राइस से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं।
अडाणी विल्मर के शेयर 8 फरवरी को लिस्ट हुए। रिटर्न देने के मामले में इसका प्रदर्शन सबसे उम्दा रहा है। ओपनिंग के दिन इसने 15% बढ़त दर्ज की थी। फिलहाल ये इश्यू प्राइस से 187% ऊपर है। वेरांडा लर्निंग सॉल्यूशंस इस मामले में दूसरे स्थान पर है। लिस्टिंग के दिन इसमें 18% तेजी आई थी। अब तक यह 137% चढ़ चुका है।
डेटा पैटर्न्स के शेयर 29% प्रीमियम पर लिस्ट हुए थे। अब तक यह इश्यू प्राइस से 120% तक बढ़त हासिल कर चुका है। वीनस पाइप्स एंड ट्यूब्स ने भी लिस्टिंग के दिन 8% बढ़त हासिल की थी और अब यह 104% ऊपर चल रहा है। कैम्पस एक्टिववेयर, गो फैशंस इंडिया, मेट्रो ब्रांड्स और लेटेंट व्यू एनालिटिक्स का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है।
Diwali निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली Muhurat Trading 2021: जानिए क्या होती है 'मुहूर्त ट्रेडिंग', इस दिवाली कब है निवेश करने का ये शुभ समय
दिवाली का दिन शेयर बाजार के लिए बेहद खास होता है। वैसे तो इस दिन मार्केट बंद रहता है, उसके बावजूद भी एक घंटे के लिए 'मुहूर्त ट्रेडिंग' का आयोजन किया जाता है। इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं। अगर आप पैसे कमाने या निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो आप इस दिन पैसे लगा सकते हैं। यह दिन ट्रेडिंग के लिए काफी शुभ माना जाता है। आइए 'मुहूर्त ट्रेडिंग' के बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या होती है 'मुहूर्त ट्रेडिंग'?
दिवाली के साथ नए साल की शुरुआत भी होती है। इस बार दिवाली के साथ निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली संवत् 2077 शुरू होने जा रहा है। भारतीय परंपरा के अनुसार देश के कई हिस्सों में दिवाली के साथ ही नए वित्त वर्ष की शुरुआत भी होती है। इस शुभ मुहूर्त पर शेयर बाजार के कारोबारी स्पेशल शेयर ट्रेडिंग करते हैं। इसलिए इसे मुहूर्त ट्रेडिंग भी कहा जाता है। मुहूर्त ट्रेडिंग से धन और समृद्धि आती है। BSE के ऊपर इसकी प्रैक्टिस 1957 और NSE पर 1992 में शुरू हुई थी।
मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयर बाजार में निवेश को शुभ माना जाता है। इस एक घंटे के मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान ज्यादातर निवेशक शेयर खरीदते हैं। मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए एक खास समय तय होता है। निवेशक इस शुभ मौके पर वैल्यू बेस्ड स्टॉक खरीदते हैं।
Dev Deepawali 2022: काशी की देव दीपावली क्यों है निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली खास, भगवान शिव से है रिश्ता
डीएनए हिंदीः Dev Deepawali Significance in Kashi- हर साल कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2022) के दिन देव दिवाली मनाई जाती है जो इस बार 7 नवंबर दिन मंगलवार को पड़ रही है. सनातन धर्म में सभी पूर्णिमा का विशेष स्थान होता है इनमें से कार्तिक माह में आने वाली पूर्णिमा मुख्य है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन समस्त देवी-देवता स्वर्ग लोक से धरती पर आते हैं और गंगा स्नान करने के बाद दीपोत्सव का त्योहार मनाते हैं. ऐसे में लोग देव दीपावली के मौके पर अपने घर को दीए और रंगोली से सजाते हैं.निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली
क्यों मनाई जाती है देव दिवाली, पौराणिक कथा से जाने इसके पीछे का रहस्य
नई दिल्ली। कार्तिक पूर्णिमा(Kartik Purnima) का त्योहार त्रिपुरासुर पर निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली भगवान शिव (Lord Shiva) की जीत की खुशी में मनाया जाता है. इस दिन देवतागण दीपदान करते हैं. यह देवताओं की दिवाली (Diwali of the Gods) कहलाती है. कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान-दान का विशेष महत्व (special importance) है. कार्तिक पूर्णिमा का काशी से खास संबंध है. इस दिन काशी के घाटों को दीपों से रौशन किया जाता है.
इस साल कार्तिक पूर्णिमा का व्रत उदयातिथि के अनुसार 8 नवंबर 2022 को रखा जाएगा. इस तिथि पर दीपदान संघ्याकाल में किया जाता है इसलिए देव दिवाली 7 नवंबर 2022 को मनाई जाएगी. आइए जानते हैं देव दिवाली की कथा.
देव दिवाली की कथा (Dev diwali Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव बड़े पुत्र और देवताओं के सेनापति भगवान कार्तिकेय (Lord Kartikeya) ने तारकासुर का वध कर दिया था. पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए तारकासुर के तीनों बेटे तारकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली ने प्रण लिया. इन तीनों को त्रिपुरासुर के नाम से जाना जाता था. तीनों ने कठोर तप कर ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया और उनसे अमरत्व का वरदान मांगा लेकिन ब्रह्म देव ने उन्हें यह वरदान देने से इनकार कर दिया और कहा कुछ और मांगो
यह भी पढ़ें | ड्रैगन हुआ बेनकाबः सामने भारत से तनाव घटाने की बात, पीछे से रच रहा साजिश
त्रिपुरासुर को ब्रह्मा जी ने दिया था ये वरदान
त्रिपुरासुर ()Tripurasur ने वरदान मांगा कि हमारे लिए निर्मित तीन पुरियां जब अभिजित नक्षत्र में एक पंक्ति में हों और कोई क्रोधजित अत्यंत शांत होकर असंभव रथ पर सवार असंभव बाण से मारना चाहे, तब ही हमारी मृत्यु हो. ब्रह्मा जी ने तथास्तु कह दिया. इसके बाद त्रिपुरासुर बहुत बलशाली हो गए और उनका आतंक बढ़ गया. ये जहां भी जाते समस्त सत्पुरषों पर अत्याचार करते. यहां तक कि देवतागण भी उनके आतंक से पीड़ित थे. उन्हें युद्ध में कोई हरा नहीं पाता था.
शिव ने किया त्रिपुरासुर का वध (Lord Shiv Killed Tripurasur)
अंत में परेशान होकर सभी देवता, ऋषि-मुनि भगवान शिव की शरण में पहुंचे. सभी ने महादेव से अपनी व्यथा निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली कही तो उन्होंने देवताओं को अपना आधा बल देकर त्रिपुरासुर का सामना करने के लिए कहा लेकिन सभी देवता भगवान शिव के बल को संभाल नहीं पाए. इसके बाद स्वंय शंभू ने त्रिपुरासुर का निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली संहार करने का संकल्प लिया. इसके बाद देवतागण ने अपना आधा बल शिव को समर्पित कर दिया.
दिवाली से पहले PPF-सुकन्या समृद्धि के निवेशकों को लगा झटका! सरकार ने कर दिया ये बड़ा ऐलान
हालांकि, मजदूर वर्ग के बीच पसंदीदा बचत योजना पीपीएफ पर ब्याज दर को 7.1 फीसदी पर बनाए रखा गया है। इसने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) पर ब्याज दर को 6.8 प्रतिशत पर बनाए रखा। इसके अलावा, सुकन्या समृद्धि पर ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
तीसरी तिमाही में ब्याज दरें 0.3 फीसदी बढ़ी
पांच अन्य योजनाओं, जिनकी आय कर योग्य है, पर ब्याज दरों में 0.3 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। यह बदलाव अब डाकघर में तीन साल की जमा राशि पर 5.8 फीसदी ब्याज का भुगतान करेगा। अब तक यह दर 5.5 फीसदी थी। इस तरह चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में ब्याज दर में 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।
वरिष्ठ नागरिकों को भी लाभ
वित्त मंत्रालय ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएस) पर अब अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए 7.6 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा। इस पर अब तक 7.4 फीसदी ब्याज मिल रहा है।