वैश्विक संकेतक

वैश्विक संकेतकों, वृहद-आर्थिक आंकड़ों से तय होगी बाजार की दिशाः विश्लेषक
स्वस्तिका इंवेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘तेजी का रुख रखने वाले कारोबारियों को बीते शुक्रवार की तेजी आगे भी जारी रखने के लिए वैश्विक बाजारों से कुछ समर्थन की जरूरत होगी। भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के कुछ वृहद-आर्थिक आंकड़ों की घोषणा, डॉलर सूचकांक वैश्विक संकेतक की दिशा और बॉन्ड प्रतिफल जैसे बिंदुओं पर निगाह रहेगी।’
पिछले सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस शुक्रवार को शेयर बाजारों ने लगातार सात दिनों से जारी गिरावट के रुख को पलट दिया था। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स एक ही दिन में 1,016.96 अंक यानी 1.80 प्रतिशत जबकि एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी 276.25 अंक यानी 1.64 प्रतिशत चढ़ गया था।
मीणा ने कहा, ‘बाजार की दिशा तय करने में संस्थागत निवेशकों का रुख अहम भूमिका निभाएगा। दशहरा के अवसर पर बुधवार को बाजार बंद रहने से इस सप्ताह में कारोबारी दिवस भी कम रहेंगे।’
बीते सप्ताह शेयर बाजारों में खासी गिरावट रही। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 672 अंक यानी 1.15 प्रतिशत गिर गया जबकि सेंसेक्स में 233 अंक यानी 1.34 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
बाजार की नजर कुछ महत्वपूर्ण वृहद-आर्थिक आंकड़ों पर भी रहेगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) का आंकड़ा भी सोमवार को जारी होने की संभावना है। वहीं सेवा क्षेत्र से जुड़े आंकड़े बृहस्पतिवार को जारी किए जाएंगे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष-शोध अजीत मिश्रा ने कहा, ‘इस सप्ताह से एक नए महीने की शुरुआत हो रही है जिसमें वाहन बिक्री, विनिर्माण पीएमआई और सेवा पीएमआई जैसे अहम आंकड़ों पर ध्यान रहेगा। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख और मुद्रा एवं कच्चे तेल की चाल पर भी कारोबारियों की नजरें रहेंगी।’
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के सह उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अमोल अठावले ने कहा कि आगे भी वैश्विक कारक घरेलू बाजार धारणा को प्रभावित करते रहेंगे और किसी भी तरह की नकारात्मक खबर से बाजार में फिर से गिरावट का रुख आने की आशंका रहेगी।
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वैश्विक संकेतक, एफआईआई के रुख, कच्चे तेल की चाल से तय होगी बाजार की दिशा : विशेषज्ञ
नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों को इस सप्ताह उतार-चढ़ाव भरे कारोबारी सत्रों का सामना करना पड़ सकता है और इस दौरान वैश्विक संकेतक, रुपये की चाल और कच्चे तेल के भाव से आगे बाजार की दिशा तय होगी।
विशेषज्ञों ने कहा कि कारोबारी रूस और यूक्रेन के बीच तनाव पर भी नजर रखेंगे, जो पिछले कुछ हफ्तों से बाजार को प्रभावित कर रहा है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘अमेरिका और रूस के बीच महत्वपूर्ण बैठक को देखते हुए अगले सप्ताह भी बाजार में अस्थिरता रहने की वैश्विक संकेतक आशंका है। मुद्रास्फीति की चिंता, एफआईआई की लगातार बिकवाली और मासिक वायदा एवं विकल्प के निपटान से अगले सप्ताह अस्थिरता और बढ़ सकती है।’’
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने और संकट के समाधान की मांग की है।
भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में बढ़ोतरी की संभावना के चलते विदेशी कोषों ने भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली शुरू कर दी है।
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी की वरिष्ठ ईवीपी और इक्विटी शोध वैश्विक संकेतक प्रमुख शिवानी कुरियन ने कहा, ‘‘निवेशक मार्च में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसलों और रूस-यूक्रेन संघर्ष के प्रति सतर्क रहेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही मुद्रास्फीति और कंपनियों के तिमाही नतीजों से भी बाजार प्रभावित होगा। ’’
विशेषज्ञों ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चल रहे विधानसभा चुनावों पर भी कड़ी वैश्विक संकेतक नजर रखी जाएगी।
बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 59.04 अंक या 0.10 फीसदी की गिरावट के साथ 57,832.97 पर बंद हुआ था। इसी तरह एनएसई निफ्टी 28.30 अंक या 0.16 प्रतिशत टूटकर 17,276.30 पर बंद हुआ।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 319.95 अंक या 0.55 प्रतिशत और निफ्टी 98.45 अंक या 0.56 प्रतिशत टूटा।
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वैश्विक कारक देंगे बाजार को दिशा, रह सकता है उतार-चढ़ाव: विश्लेषक
घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े घटनाक्रम के अभाव में इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक संकेतक तय करेंगे।
घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े घटनाक्रम के अभाव में इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक संकेतक तय करेंगे। इसके अलावा डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘सप्ताह के दौरान 25 नवंबर को माह के डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रह सकता है। साथ ही घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा घटनाक्रम नहीं होने की वजह से निवेशक संकेतकों के लिए वैश्विक बाजारों पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित करेंगे।’’
सैमको सिक्योरिटीज में वैश्विक संकेतक इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा, ‘‘तिमाही नतीजों का सीजन समाप्त होने के बाद दलाल पथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों से दिशा लेगा। किसी तरह के सकारात्मक उत्प्रेरक के अभाव में बाजार दबाव में रह सकता है।’’
उन्होंने कहा कि बाजार पर वैश्विक संकेतक वैश्विक वृहद रुख का प्रभाव रहेगा, ऐसे में निवेशकों को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत होगी और आक्रामक रुख अपनाने के बजाय चुनिंदा दृष्टिकोण का विकल्प चुनना होगा।
पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,050.68 अंक या 1.73 प्रतिशत टूट गया। शुक्रवार को ‘गुरु नानक जयंती’ के मौके पर बाजार बंद रहे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आगे मुद्रास्फीतिक दबाव वैश्विक बाजारों के लिए चिंता का विषय रहेगा। ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से भारत जैसे उभरते बाजारों से पूंजी निकाली जा सकती है।’’ मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इसके अलावा रुपये की चाल, ब्रेंट कच्चे तेल का दाम और विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुझान भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा।
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