करेंसी से लाभ

Cryptocurrency : आखिर क्यों साथ छोड़ रहीं ये करेंसी, लेकिन इस करेंसी ने दिया निवेशकों को फायदा
Crypto Market : अगर आप अपना पैसा कहीं निवेश करने की सोच रहे हैं। और चाहते हैं कि आप जहां निवेश करें वहां आपका पैसा डबल हो, तो आपका सपना अब पूरा हो सकता है। इस समय दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बाजार का नाम काफी सुर्खियों में है। वर्तमान में लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को अमीर बनने का सबसे सरल मार्ग समझ लिया है। लोग क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के माध्यम से काफी पैसा कमा रहे हैं। करेंसी से लाभ लेकिन क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से अमीर बनने का रास्ता समझने वाले लोगों के सपने उस वक्त टूट गए जब दुनिया भर की सरकारों ने इस मार्केट पर सख्ती बरतना शुरू किया। सरकारों की सख्तियों के कारण ये मार्केट अचानक से लुढ़कने लग गया। लेकिन बावजूद इसके कई क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) लोगों को कई गुना ज्यादा मुनाफा उपलब्ध करा रही थीं।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मार्केट में आज लगभग हर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) घाटे में चल रही हैं। लेकिन इसका असर आज कार्डानो क्रिप्टोकरेंसी (Cardano Cryptocurrency) के निवेशकों (Investets) पर देखने को नहीं मिला है। अगर कार्डानो क्रिप्टोकरेंसी (Cardano Cryptocurrency) के ताजा रेट्स की बात करें तो अभी तक (खबर लिखे जाने तक) कार्डानो क्रिप्टोकरेंसी (Cardano Cryptocurrency) के रेट 0.21 फीसदी बढ़ोतरी के साथ यूएस डॉलर में 0.34 है। वहीं भारतीय मुद्रा में इसके रेट 27.36 रूपये हैं। वहीं इस दौरान इसकी ऑलटाइम हाई कीमत 3.10 डॉलर रही है।
बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी (Bitcoin Cryptocurrency) के ताजा रेट (Latest Rate of Bitcoin Cryptocurrency) -
बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी (Bitcoin Cryptocurrency) के रेट्स भी आज काफी गिरते हुए नजर आ रहे हैं। अगर बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी (Bitcoin Cryptocurrency) के ताजा रेट्स की बात करें तो इसके ताजा रेट (खबर लिखे जाने तक) 0.95 फीसदी की गिरावट के साथ यूएस डॉलर में 16,719.80 हैं। साथ ही इसकी भारतीय मुद्रा में कीमत 13,57,664.48 रूपये है। वहीं इसकी ऑल टाइम हाई कीमत 68,990.90 यूएस डॉलर रही है।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बाजार में लगातार गिरावट का असर एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी (ETH Cryptocurrency) पर भी पड़ा है। अगर एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी (ETH Cryptocurrency) के ताजा रेट की बात करें तो अभी तक (खबर लिखे जाने तक) इसकी कीमत 0.40 फीसदी घाटे के साथ यूएस डॉलर में 1,286.27 है। वहीं भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत 1,05,974.24 रूपये है। इस दौरान एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी (ETH Cryptocurrency) की ऑलटाइम हाई कीमत 4,865.57 डॉलर रही है।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बाजार में एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी (XRP Cryptocurrency) की कीमत भी घटती नजर आ रही है। अगर एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी (XRP Cryptocurrency) के ताजा रेट्स की बात करें तो अभी तक (खबर लिखे जाने तक) इसके रेट 1.36 फीसदी लुढ़कते हुए अभी यूएस डॉलर में 0.38 है। वहीं भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत 31.10 रूपये है। साथ ही इस दौरान इसकी ऑलटाइम हाई कीमत 3.40 डॉलर रही है।
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भारत में भी आया डिजिटल रुपया, जानें क्या है Digital करेंसी
नई दिल्ली, 3नवंबर। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने 1 नवंबर को डिजिटल रुपया लॉन्च करेंसी से लाभ कर दिया। देश के केंद्रीय बैंक की तरफ से इस पायलट प्रोजेक्ट को पहले पहल होल सेल मार्केट के लिए लॉन्च किया गया। आरबीआई के इस डिजिटल रुपया को सेंट्रल बैंक करेंसी से लाभ डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी का नाम दिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट में देश के 9 बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेन देन के लिए इस डिजिटल करेंसी का उपयोग करेंगे। पैसा अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही वर्चुअल रूप में होगा लेकिन डिजिटल रुपया विकेंद्रीकृत नहीं होगा, इसे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। डिजिटल रुपया पूरी तरह से कानूनी होगा और भारत सरकार को स्वीकार्य होगा। ऐसे में आज आपको इस विश्लेषण में बताते हैं कि क्या है भारत की पहली डिजिटल करेंसी, आप पर इसका क्या असर पड़ेगा।
क्या है डिजिटल रुपया?
डिजिटल रुपया, जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के रूप में भी जाना जाता है। ये एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप करेंसी से लाभ करेंसी से लाभ है। यह बैंक नोटों से काफी अलग नहीं है, लेकिन डिजिटल होने की वजह से इसके आसान, तेज और सस्ता होने की संभावना है। इसमें डिजिटल मनी के अन्य रूपों के सभी लेन-देन संबंधी लाभ भी हैं। ये करेंसी नोटों की तरह ही पूरी तरह से वैध और मान्य है। जिसका इस्तेमाल सभी तरह के लेन-देन के लिए किया जा सकेगा। आरबीआई ने करेंसी को दो भागों में सीबीडीसी डब्लयू और सीबीडीसी आर में बांटा है। सीबीडीसी डब्ल्यू मतलब होलसेल करेंसी और सीबीडीसी आर मतलब रिटेल करेंसी। डिजिटल इकोनॉमी विकसित करने की दिशा में इसको एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
कहां लागू होगा?
डिजिटल रुपये की खासियत यही है कि ये नोट या सिक्के की तरह आपको दिखाई नहीं देगा। ये आपके मोबाइल फोन, बैंक अकाउंट, डिजिटल वॉलेट में नगदी की तरह रहेगा और आप जब चाहे इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। डिजिटल रुपये का इस्तेमाल बड़े भुगतान और निपटान के लिए किया जाएगा। आरबीआई के मुताबिक इसका इस्तेमाल सरकारी प्रतिभूतियों यानी सरकारी बॉन्ड की खरीद-बिक्री पर सेटलमेंट राशि के तौर पर किया जाएगा। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि इसका इस्तेमाल जल्द ही खुदरा लेनदेन के लिए भी किया जाएगा। डिजिटल करेंसी को भविष्य में विदेशों में भी लेन देन के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसकी वैल्यू कागजी नोटों के बराबर ही होगी। ग्राहक इसको लेकर करेंसी नोट भी हासिल कर सकते हैं।
डिजिटल रुपया कैसे काम करता है?
बैंक बैलेंस चेक करने की तरह ही वॉलेट में बैलेंस चेक किया जा सकता है। सीबीडीसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा। व्यक्ति इसे भुगतान करने में सक्षम होंगे जिसे वे भुगतान करना चाहते हैं और यह उनके खाते में पहुंच जाएगा। सीबीडीसी दो प्रकार के होते हैं- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी होलसेल, जिसका उपयोग बड़ी मात्रा में लेनदेन के लिए किया जाता है और दूसरे चरण में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल का उपयोग रिटेल के लिए किया जाएगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी होलसेल का इस्तेमाल बैंकों, बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और अन्य बड़े लेनदेन संस्थानों सहित बड़े वित्तीय संस्थानों द्वारा किया जाएगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल का इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकते हैं। यह पहले चुनिंदा स्थानों और बैंकों में शुरू होगा। रिटेल प्रोजेक्ट में सभी आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा। फिर उनके अनुभवों के आधार पर जरूरत पड़ने पर सुविधाओं में बदलाव किया जाएगा।
क्रप्टोकरेंसी: कमाने के लालच में गंवाए 20 लाख, शातिर शेयर मार्केट और वर्चुअल करेंसी का दे रहे झांसा
आज एक लाख रुपए इंवेस्ट करेंगे तो 15 लाख रुपए का रिटर्न मिलेगा. जल्द कीजिए कहीं आप भी इस मौके से न वंचित रह जाएं. इस तरह के कॉल अगर आपके पास भी बार-बार आ रहे हैं. तो सतर्क हो जाएं. ठग अब कमाई का सपना दिखाकर आपकी जमा पूंजी पर हड़पने में जुटे हैं. शहर में इस तरह के कई मामले सामने आने के बाद पीडि़त की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
आगरा(ब्यूरो)। क्रिप्टो करेंसी के नाम पर व्यापारी से 20 लाख रुपए ठगी का मामला सामने आया है। व्यापारी को क्रिप्टो करेंसी से चंद दिनों में लाखों रुपए मुनाफा होने का सपना दिखाकर जाल में फंसाया गया। लॉयर्स कॉलोनी निवासी जयप्रताप सिंह की टीजे एंटरप्राइजेज नाम से फर्म है। जय प्रताप सिंह ने बताया कि दो साल पहले अगस्त माह में उनके पास रवि पंचाल नाम के व्यक्ति का फोन आया। उसने बताया कि वो सिलीकोन ड्राइव का मार्केटिंग हेड है। उनकी कंपनी क्रिप्टो करेंसी में डील करती है। क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए कहा। एक माह में क्रिप्टो करेंसी कोइन 50 पैसे से एक रुपए हो गए हैं। आने वाले 3-4 सप्ताह में ये 4 रुपए और छह माह में 150 रुपए तक पहुंच जाएंगे। उसने बड़ा मुनाफा दिखाते हुए क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया। उसने ये भी कहा कि उनकी कंपनी के मालिक सुभाष जेवरिया ने दूसरी क्रिप्टो करेंसी एटीसी को क्वॉइन लांच किए थे, वो 50 पैसे से 180 रुपए पहुंच गए थे। उस समय जिन लोगों ने निवेश किया, उन्होंने काफी लाभ कमाया।
20 लाख रुपए कर दिए निवेश
जय प्रताप ने बताया कि उनके पास कई दिनों तक लगातार फोन आए। इसके बाद रवि पंचाल ने ऋ षिकेश निवासी अपने भाई देवेंद्र पंचाल से उनकी बात कराई। देवेंद्र ने अपने आप को कंपनी मालिक सुभाष जेवरिया के साथ वित्त विभाग में अधिकारी बताया। उसने भी 3 माह में करेंसी के 100 रुपए तक पहुंचने का भरोसा दिलाया। ऐसे में उनकी बातों में आकर सिलोकोन ड्राइव कंपनी के आईसीआईसीआई बैंक एकाउंट में 10 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर से 10 लाख रुपए और ट्रांसफर कर दिए। इस तरह 20 लाख रुपए उन्होंने क्रिप्टो करेंसी के लिए दे दिए।
10 दिन तक नहीं मिला कोई रेस्पॉन्स
जयप्रताप ने बताया कि उन्होंने एक सप्ताह में ही करेंसी के दाम बढऩे की बात कही थी, लेकिन जब 10 दिन तक कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने रवि पंचाल को फोन किया। उसने ट्रंक लिंक एप से जोड़ दिया और जल्द दाम बढऩे पर मुनाफा दिलाने की बात करते रहे। जब लंबे समय तक कोई रेस्पांस नहीं आया तो उन्होंने फिर से बात की। उन्हें बताया गया कि तकनीकी कारणवश अभी रेट नहीं बढ़ रहे हैं। करीब तीन माह बीतने के बाद जब अपनी रकम वापस मांगी तो कंपनी के मालिक से वर्चुअल मीटिंग कराई। कंपनी मालिक ने उनसे कहा कि परेशान न हो, क्रिप्टो करेंसी में कई मंत्री, उद्योगपति और अभिनेताओं ने निवेश किया है। आठ माह बीतने के बाद जब कुछ नहीं हुआ तो रकम वापस मांगी। इस पर उन्होंने ब्याज सहित रकम वापस करने का आश्वासन दिया। मगर, इसके बाद से कंपनी के मालिक और अन्य दोनों कर्मचारियों ने उनके फोन उठाने बंद कर दिए।
कई लोग हुए हैं शिकार
जयप्रताप सिंह ने बताया कि फ्र ॉड होने के बाद उन्होंने कंपनी के बारे में पता किया। तब पता चला कि उनकी तरह कई लोग शिकार हुए हैं। इसमें लखनऊ, चंडीगढ़, उत्तराखंड के कई लोग हैं। इसके अलावा कंपनी का मालिक इससे पहले भी फ्र ॉड कर चुका है। मुंबई में उनके खिलाफ केस भी चल रहा है। दो साल से परेशान होने के बाद अब पीडि़त ने सुभाष जेवरिया, रवि पंचाल और देवेंद्र पंचाल के खिलाफ न्यू आगरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
छह लाख के लिए मांगे एक लाख
ताजगंज क्षेत्र निवासी एक 17 वर्षीय एक किशोर को कॉल आया। कॉल करने वाले शख्स ने उससे कहा कि अगर वह वर्चुअल करेंसी को लेकर एक वेबसाइट पर प्रिडेक्शन देता है तो वह अच्छा मुनाफा कमा सकता है। जब वेबसाइट पर लॉगिन के संंबंध में उन्होंने चार्ज पूछा, तो कॉल करने वाले ने फ्री बताया। किशोर ने वेबसाइट पर फ्री लॉगिन किया। इस वेबसाइट पर वर्चुअल करेंसी की ट्रेडिंग की जाती है। युवक ने कुछ दिन उस पर वर्चुअल करेंसी के प्रिडेक्शन देना शुरू किया। वेबसाइट के वॉलेट में मुनाफा के रूप में कुछ वर्चुअल करेंसी शो होने लगीं। ये भी मुनाफा भी क्रिप्टो करेंसी में था। भारतीय रुपए में इसकी वैल्यू करीब छह से सात लाख थी। किशोर के बाद फिर कॉल आया। शातिर ने मुनाफा को खाते में ट्रांसफर कराने के एवज में एक अन्य वेबसाइट पर अकाउंट बनाने को कहा। इस पर अकाउंट बनाने के लिए एक लाख रुपए फीस मंागी जा रही थी। किशोर ने परिजनों को जानकारी दी। परिजनों ने जब एक्सपर्ट से इस संबंध में जानकारी की तो ठगी का शिकार होने से बच गए।
पीडि़त की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। साइबर टीम से भी जानकारी शेयर की गई है। मामले की जांच की जा रही है।
विजय विक्रम सिंह, एसएचओ, थाना न्यू आगरा
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है, जिस एक डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम द्वारा मैनेज किया जाता है। क्रिप्टोग्राफी की मदद से इसका रिकॉर्ड रखा जाता है। इसका फिजिकली कोई अस्तित्व नहीं है। यह सिर्फ डिजिट्स के रूप में ऑनलाइन रहती है। शुरूआत में इसे अवैध करार दिया गा। लेकिन बाद में बिटकॉइन की लोकप्रियता को देखते हुए कई देशों ने इसे वैध करार दिया। लेकिन, इंडिया में अब भी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक है।
Digital Rupee : क्या है डिजिटल रुपी,डिजिटल रुपी के लाभ,क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर की सम्पूर्ण जानकारी
भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल रुपी (Digital Rupee) का पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर से प्रारंभ कर दिया है। हम सन जानना चाहते है कि क्या है डिजिटल रुपी तो आइये जानते है विस्तार से : ये भारत का पहला सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है जिसे डिजिटल रुपी (Digital Rupee) कहा जा रहा है , इस टेस्टिंग के द्वारा सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन किया जाएगा।
आज के सूचना युग है जिसमे हम सभी का पूरा जीवन बदलता जा रहा है क्योंकि तकनीक बदलती जा रही है। करेंसी से लाभ इसीलिए अब हमारा पैसों का लेनदेन का तरीका भी बदल रहा है। तकनीक के निरंतर होते विकास ने पैसो के लेनदेन के पारंपरिक स्वरूप को एक डिजिटल रूप दिया है।
अब संसार कैशलेस इकोनॉमी की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में भारत भी पीछे नही रहना चाहता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने (RBI) को होलसेल क्षेत्र के लिए डिजिटल रुपी का पायलट प्रोजेक्टज लॉन्च किया है और रिटेल क्षेत्र में डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्टज कुछ चुने हुए स्थानों पर एक महीने के भीतर लॉन्च करने की योजना है।
फरवरी २०२२ में वित्त मंत्री निर्मला ने अपने बजट भाषण में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा कर दी थी. आरबीआई के अनुसार होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए नौ बैंकों की पहचान की गई है.
ये नौ bank हैं :-
भारतीय स्टेहट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक,एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक HSBC बैंक हैं.
डिजिटल करेंसी का प्रयोग अनेक देश करना चाहते हैं किन्त्तु कुछ ही देश अपनी डिजिटल करेंसी को विकसित करने के पायलट चरण से आगे बढ़ने में सफल रहे हैं.
क्या है डिजिटल रुपी ?
What is Digital Rupee?
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार सीबीडीसी, डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा है, जो कागजी मुद्रा के समान है और आवश्यकता करेंसी से लाभ पड़ने पर कागजी मुद्रा के साथ इसका विनिमय किया जा सकेगा,
हम इसे सरल शब्दों में ऐसे समझ सकते हैं कि डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल फॉर्म में करेंसी नोट्स हैं.
डिजिटल रुपी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में परिवर्तित पैसा है जिससे कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन किया जा सकता है.
भारत में डिजिटल करेंसी दो प्रकार की होगी जिसमे होलसेल सीबीडीसी (CBDC-W) और रिटेल सीबीडीसी (CBDC-R),
होलसेल सीबीडीसी का उपयोग कुछ चुने हुए वित्ती य संस्थासनों के द्वारा ही होगा जबकि रिटेल सीबीडीसी का प्रयोग सब कर सकेंगे
डिजिटल रुपी के लाभ
Advantages of करेंसी से लाभ करेंसी से लाभ Digital Rupee
अब भारतीय लोग भी बहुत बड़ी संख्या digital transaction करते हैं इसलिए भविष्य में CBDC के अनेक लाभ होंगे.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले वर्ष लोकसभा को बताया था , “डिजिटल रुपी के अनेक लाभ होंगे. इससे नकदी पर निर्भरता कम होगी और साथ ही साथ सीबीडीसी मजबूत, विश्वसनीय, विनियमित और एक वैध भुगतान का माध्यम बनेगी .
जब देश में डिजिटल रुपी (Digital Rupee) प्रयोग होने लगेंगे तब आपको अपने पास कैश रखने की आवश्यकता कम हो जाएगी और आपको अपने परम्परागत बटुए में अधिक धन रखने की आवश्यकता ही नहीं होगी.
डिजिटल करेंसी को लोग अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे जिसे कैश में आसानी से बदला भी जा सकेगा.
अधिक नियंत्रित पैसों का लेनदेन
more controlled money transactions
चूँकि इस डिजिटल करेंसी का लेनदेन सरकार के द्वारा अधिकृत नेटवर्क के भीतर ही होगा इसलिए डिजिटल रुपी का लेनदेन में देश में आने और बाहर जाने वाले धन पर अधिक कंट्रोल होगा और भारतीय डिजिटल करेंसी होने के कारण ट्रांजेक्शन कॉस्ट भी घट जाएगी
डिजिटल रुपी के प्रयोग से नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा और साथ ही साथ कागज के नोट की प्रिटिंग का खर्च नही लगेगा
डिजिटल रुपी क्योंकि डिजिटल करेंसी है इसलिए यह कभी खराब नहीं होगी.
अधिक सुरक्षित पैसों का लेनदेन
more secure money transactions
डिजिटल रुपी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है, ब्लॉभकचेन टेक्नोवलॉजी में भुगतान तेजी से होता है जिससे डिजिटल रुपी का लेनदेन सुरक्षित है और इसके लेनदेन में सेंध लगाना अत्यधिक कठिन होता है ,
पारंपरिक डिजिटल लेनदेन के मुकाबले सीबीडीसी अधिक सुरक्षित है,
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में क्या अंतर है
What is the difference between Cryptocurrency and Digital Rupee
क्रिप्टोकरेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी- डिजिटल रुपी में मुख्यॉ अंतर यह है कि डिजिटल रुपी पूरी प्रकार से सरकारी नियंत्रण में काम करेगी और ये यह सरकार समर्थित वैध मुद्रा है.
जबकि क्रिप्टोकरेंसी एक निजी करेंसी है इसे किसी भी देश की सरकार मॉनिटर नहीं करती और न ही सेंट्रल बैंक का इस पर कोई कंट्रोल होता है.
क्रिप्टोीकरेंसी के रेट में उतार-चढाव आता रहता है जबकि दूसरी ओर डिजिटल रुपी भारतीय मुद्रा का ही digital रूप है इसलिए इसके रेट में उतार-चढाव आता रहता है
क्रिप्टोकरेंसी को नकद मुद्रा में नही बदला जा सकता है किन्तु डिजिटल रुपी को नकदी में बदल सकेंगे.