स्प्रेड ट्रेडिंग के लाभ

[Spread Trading] What is Spread Trading Meaning in Hindi | Spread Trading Strategies
हेल्लो दोस्तों, आज हम इस पोस्ट में जानगे की What is Spread Trading Meaning in Hindi और Spread Trading Strategies क्या क्या है, इसके बारे में जानगे । ये तो आपको पता ही है की पुराने जमाने के अनुसार आज की प्रोधोगिकी आय में वृद्धि होने लगी है। जिसके साथ ही साथ आज के समय Trading करने का भी तरीका बदल चूका है, क्युकी शुरुआती समय में ज्यादातर Steel, Banking व् खनन जैसे उद्धोगो के Share Buy की बहुत मांग ज्यादा थी और आज के समय Tech company व् Online sector बहुत तेज़ी से आगे बढ़ने लगे है जिसके चलते धीरे धीरे लोगो की ट्रेडिंग करने के तरिके में भी बदलाव आया है।
ऐसे में यदि आप भी Spread Trading me invest कर के Profit कमाना चाहते हो लेकिन आपको नही पता की Spread Trading kya hai तो आप हमारे साथ इस पोस्ट में शुरू से लेकर अंत तक इस पोस्ट में बने रहे । जिससे की हम आपको आसानी से समझा सकेगे की Spread Trading kya hai और Spread Trade meaning क्या होता है, जिससे की Spread Trading में निवेश करते समय आपके मन मे किसी प्रकार का कोई सवाल न हो और आप आसानी से Trading कर सके ।
Spread Trading में दो प्रतिभूतियों का हिस्सा मूल्य परिवर्तन प्रदान करता है जोकि परिसम्पति की खरीद और बेच के बिच के मूल्य के अंतर पर निर्भर करता है, जोकि पूर्ण रूप से विदेशी मुंद्रा पर निर्भर करती है । Spread Trading कहलाती है ।
Spread Trading kya hai Hindi mein
यह Spread Trading एक ऐसी Share Trading है जोकि सटीक रूप से ट्रेडों के एक जोड़े के रूप में पहचाना जाता है, जिसका इस्तेमाल एक निवेशक करता है । जिसमे एक निश्चित वायदा व विकल्प खरीदना शामिल शामिल है । वैसे तो इस ट्रेडों में अन्य प्रकार की प्रतिभूतियों के लिए भी स्प्रेड ट्रेडिंग के लाभ किया जाता है जबकि वही दूसरी तरफ एक दुसरे वायदा या विकल्प के साथ बेचना शामिल होता है जिसे हम Spread Trading के नाम से जानते है ।
- स्प्रेड ट्रेडिंग – जिसे relative value Trading के रूप में भी जाना जाता है – एक इकाई के रूप में संबंधित securities की एक साथ खरीद और बिक्री है, जिसे दो securities के बीच स्प्रेड (मूल्य अंतर) में बदलाव से लाभ के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- निवेशकों के लिए प्राथमिक लक्ष्य स्प्रेड को चौड़ा या संकीर्ण होने पर लाभ उत्पन्न करने के तरीके के रूप में स्प्रेड का उपयोग करना है।
- नामों के साथ कई प्रकार के स्प्रेड और स्प्रेड हैं; स्प्रेड के सबसे सामान्य प्रकार विकल्प स्प्रेड और inter-commodity Spreads हैं।
What is Spread Trading Meaning in Hindi
Spread Trading meaning एक या एक से अधिक ट्रेडों के जोड़ो के रूप में जाना जाता है जोकि निवेशक द्वारा ही किया जाता है । जिसे हम Relative Value Trading के नाम से जानते है, जिसमे हम रणनीति का इस्तेमाल कर मार्किट लाभ या हानी में है उसके हिसाब से लाभ प्राप्त करना होता है । Spread Trading कहलाता है ।
Spread Trading Types in Hindi – Spread Trading Strategies
Inter-commodity Spread Trading
इंटर-कमोडिटी स्प्रेड तब बनता है जब कोई निवेशक उन वस्तुओं को खरीदता और बेचता है जो निश्चित रूप से अलग हैं, लेकिन संबंधित भी हैं। वस्तुओं के बीच एक आर्थिक संबंध मौजूद है। उदाहरण के लिए:-
- Crush Spread सोयाबीन और उनके उप-उत्पादों के बीच का संबंध है, जो सोयाबीन को तेल या भोजन में संसाधित करने के महत्व को दर्शाता है।
- Spark Spread बिजली और प्राकृतिक गैस के बीच का संबंध है; ऐसे कई पावर स्टेशन हैं जिन्हें ईंधन के लिए गैस की आवश्यकता होती है।
- एक दरार प्रसार तेल और उसके उपोत्पादों के बीच का संबंध है, जिसमें प्रसार कच्चे तेल को गैस में परिष्कृत करने के अंतर्निहित मूल्य को दर्शाता है।
Option Spread Trading
एक अन्य Common Spread option प्रसार है। जिसमें एक व्यापारी एक ही प्रकार के कई विकल्प खरीदेगा और बेचेगा – या तो कॉल या पुट – एक ही अंतर्निहित परिसंपत्ति के साथ। ये विकल्प समान हैं, लेकिन आम तौर पर स्ट्राइक मूल्य, समाप्ति तिथि या दोनों के संदर्भ में भिन्न होते हैं।
Spread Trading Rules in Hindi
यदि आप Spread Trading में निवेश करना चाहते हो तो Spread Trading me nivesh करने से पहले आपको Spread Trading Rules के बारे में जरुर जान ले, जिससे की आप समय पर इनका लाभ उठाने में वंचित न रह सके :-
- Spread Trading उस निवेशक पर निर्भर करता है जो Spread Trading के लिए एक साथ 2 वस्तुओं को चुनता है, ऐसे में निवेशक के दोनों निवेश एक दुसरे के जोखिम को कम करने में मदद करते है ।
- ब्रोकर मार्किट के उतार चढाव पर निश्चित Spread Trading की कोई गारंटी नही देती है ।
- Spread Trading में बाकि निवेश के अनुसार स्प्रेड ट्रेडिंग के लाभ काफी risk होता है ।
- बाज़ार बहुत तर्लीय है जिसके चलते इसमें काफी उतार चढाव बना रहता है ।
निष्कर्ष
मैं आशा करता हूँ, आप सभी को Spread Trading kya hai और Spread Trading Meaning in Hindi क्या है अच्छे से समझ आया होगा, यदि आभी भी आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप हमें comments में जरुर बता सकते है । हमें आपके सभी सवालों का जवाब देते हुए बहुत ख़ुशी होती है । हमारे साथ जुड़े स्प्रेड ट्रेडिंग के लाभ रहने और शेयर Market related इस प्रकार की जानकारी के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे। धन्यावाद।
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Syan Gyan काफी समय से Money Investment , Money Management , Finacial , Share market , Mutual Fund रिलेटेड जानकारी के लिए बुक्स स्टडी कर रहे है और Finance related आर्टिकल लिख रहे है। यह हमारा मकसद आसान भाषा में Share market , Finace रेलतद जानकारी देना है। धन्यावाद।
स्प्रेड ट्रेडिंग के लाभ
ऑर्डर फॉर्म में प्रवेश/निकास और स्टॉपलॉस स्प्रेड को पारिभाषित करें
मुख्य विशेषताएं
एक क्लिक विस्तार स्तर निष्पादन
न्यूनतम स्लिप के साथ प्रसार स्तर पर एक - क्लिक निष्पादन सुविधा के साथ व्यापार को बिना किसी त्रुटि के निष्पादित करें
मुख्य विशेषताएं
स्मार्ट रणनीति ग्रिड
एक जगह में अपनी रणनीतियों को ट्रैक करने के लिए स्मार्ट रणनीति ग्रिड। व्यापार बनाम ऑर्डर, औसत प्रवेश और औसत निकास मूल्य, प्राप्त और अप्राप्त लाभ/हानि जैसे मुख्य मापदंडों के साथ व्यक्तिगत लेग के साथ साथ रणनीति को भी ट्रैक करें
स्प्रेड ट्रेडिंग के लाभ
इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग का मतलब है कि दिन के आखिरी कारोबारी सत्र से पहले सिक्योरिटीज को खरीदना या बेचना है. आप बाजार के बंद होने से पहले एक दिन में जो भी खरीदारी या फिर बिकवाली करते हैं वह इंट्राडे का हिस्सा होती है.
Written by Web Desk Team | Published :August 27, 2022 , 6:28 pm IST
इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग का मतलब है कि दिन के आखिरी कारोबारी सत्र से पहले सिक्योरिटीज को खरीदना या बेचना है. आप बाजार के बंद होने से पहले एक दिन में जो भी खरीदारी या फिर बिकवाली करते हैं वह इंट्राडे का हिस्सा होती है. इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए नॉलेज के अलावा भी कई फैक्टर असर डालते हैं, जिससे आपको गेन या फिर लॉस होता है.
दूसरी ओर हम कह सकते हैं कि इंट्राडे ट्रेडिंग कम समय में ट्रेड करके ज्यादा मुनाफा कमाने का तरीका है. जब आपको बाजार में लॉन्ग टर्म की जगह शॉर्ट टर्म के लिए पैसा इंवेस्ट करके अच्छा मुनाफा कमाना हो तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं.
बता दें शेयर बाजार में दिनभर उतार-चढ़ाव जारी रहता है और बाजार के रुझान मिनट के हिसाब से ही बदल जाते हैं. इसमें आपको एक मूवमेंट में प्रॉफिट हो सकता है वहीं अगले मूवमेंट में आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
हालांकि, मान लीजिए कोई भी निवेशक सभी रेलिवेंट अपडेट, सही स्ट्रैटिजी और सही ट्रेंड्स को फॉलो करना है तो हो सकता है कि वह उस दिन अच्छा मुनाफा का ले. वह इस स्थिति में नुकसान से बच सकता है.
बता दें इंट्राडे ट्रेडिंग में इस बात की कोई भी गारंटी नहीं होती है कि आपको बिल्कुल भी नुकसान नहीं होगा. ऐसा कहा जाता है कि स्टॉक मार्केट में एक भी व्यापारी ऐसा नहीं है, जिसने बाजार में अपना पैसा न गंवाया हो. मार्केट अनप्रडिक्टेबल है और हमेशा ऐसा ही रहेगा. बाजार कब ऊपर जाएगा और कब नीचे इसका एकदम सटीक अंदाजा लगाना मुश्कित है.
एक ट्रेडर के लिए कुछ खास स्ट्रैटिजी, रेंफरेंस और इंफोर्मेशन के साथ नॉलेज और रिसोर्स का सही इस्तेमाल करना भी जरूरी है. आइए आज हम आपको कुछ ऐसे फैक्टर के बारे में बताते हैं, जिसको फॉलो करके आप बेहतर ट्रेडर बन सकते हैं.
रियल टाइम मार्केट डाटा और न्यूज (Real-time market data and news)
इंट्राडे ट्रेडिंग में बाजार में लगातार बदलाव होता रहता है और आपको इसके बारे में अपडेट रहना जरूरी है. इसके अलावा मार्केट से फायदा कमाने के लिए बाजार से जुड़ी सभी लेटेस्ट इंफोर्मेशन के बारे में जानकारी होनी चाहिए. रियल टाइम मार्केट डाटा और न्यूज स्टॉक ट्रेंड्स के साथ ही बेहतर प्रिडेक्शन भी आपकी अच्छी कमाई करा सकता है.
इससे आपको यह समझने में मदद मिलती है कि आपको अपना पैसा कहां लगाना है. साथ ही आप इन सभी तरह की जानकारियों के जरिए अपने पैसों को सही जगह निवेश कर सकते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेश नेटवर्क (Electronic Communication Network (ECN))
एक इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेश नेटवर्क (ईसीएन) एक कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम है जो ऑटोमैटिकली बाय और सेल ऑर्डर को मैच करता है. जब भी ट्रेडर अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्र में होते हैं तो उस समय पर यह ECN ट्रेडिंग काफी हेल्पफुल होती है. इसके साथ ही इस ECN के जरिए आप बिना थर्ड पार्टी की मदद से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.
ECN इंस्टीट्यूशन और इंडिविजुअल मार्केट पार्टिसिपेंट के बीच बाय और सेल ऑर्डर मैच करता है. इसके अलावा यह बेस्ट बिड उपलब्ध कराता है, जिससे ट्रेडर बेस्ट डील या सौदा कर सकता है.
सिक्योरिटीज प्राइस चार्ट (Securities price charts)
सिक्योरिटीज के एनालाइसेस और इंवेस्टमेंट में प्राइस चार्ट एक अहम भूमिका निभाते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में इस्तेमाल होने वाली यह काफ कॉमन टेक्निक है, जिसके जरिए ट्रेडर बाजार में पैसा लगाते हैं. इस समय ट्रेडर्स कैंडलस्टिक चार्ट का ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं.
कैंडलस्टिक चार्ट व्यापारियों को पिछले पैटर्न के आधार पर पॉसिबल प्राइस मूवमेंट को तय करने में मदद करता है. बता दें कैंडलस्टिक चार्ट 4 प्राइस प्वाइंट को दिखाता है. इसमें ट्रेडर ओपन, क्लोज, हाई और लो जैसे सभी अवधि को देख सकता है.
की- पैरामीटर्स (Key Parameters)
बता दें दिन की ट्रेडिंग के लिए कई खास पैरामीटर हैं, जिसको ध्यान में रखना जरूरी होता है. जैसे – अस्थिरता (volatility), ट्रेडिंग वॉल्यूम और लिक्विडिटी. Volatility के जरिए ट्रेडर को शॉर्ट टर्म प्राइस चेंज में प्रॉफिट बनाने में मदद मिलती है. इसके अलावा ट्रेडिंग वॉल्यूम को कितनी बार सुरक्षित खरीदा या बेचा जा सकता है इसके बारे में भी जानकारी मिलती है. इसकी मदद से सिक्योरिटीज के इंट्रस्ट के बारे में भी पता चलता है. लिक्विडिटी फैक्टर के जरिए बिड-आस्क-स्प्रेड पर भी असर पड़ता है. बता दें लो बिड आस्क स्प्रेड इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए जरूरी होता है. इसके जरिए आप ट्रांजेक्शन कॉस्ट को भी मिनिमाइज कर सकते हैं.
डे-ट्रेडिंग स्ट्रैटिजी (Day Trading Strategies)
दुनिया भर के व्यापारी एक सफल व्यापार करने के लिए कई रणनीतियों और तकनीकों का उपयोग करते हैं. इन रणनीतियों का उपयोग स्पष्टता, नए अवसर खोजने, जोखिम को कम करने आदि में किया जाता है. हालांकि यह कई डेली ट्रेडर्स के लिए मददगार साबित होता है. इनमें स्कैल्पिंग, मोमेंटम और कॉन्ट्रेरियन ट्रेडिंग शामिल है.
बता दें स्कैल्पिंग में जब भी आपको ट्रेड के दौरान स्मॉल प्रॉफिट दिखे तो तुरंत ही आपको अपना ट्रेड बंद करना होता है. मोमेंटम में आपको ल्य प्रवृत्ति के प्राइस ट्रेंड पर काम करना होता है. यह आमतौर पर तब होता है जब कोई ब्रेकिंग न्यूज या लीक होता है. Contrarian strategy का इस्तेमाल डे ट्रेडर के द्वारा किया जाता है.
यह डे ट्रेडिंग के व्यापारियों के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला खास रिसोर्स है.हालांकि, शेयर बाजार में काम करते समय आपका सबसे अच्छा और सबसे महत्वपूर्ण संसाधन टाइम होता है. लाभ कमाने और नुकसान को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने समय का इस्तेमाल सही से निर्णय लेने के लिए करें.
इस ट्रेडिंग जर्नी में मदद के लिए आप 5paisa.com पर विजिट कर सकते हैं. इस प्लेटफॉर्म पर आपको ट्रेडिंग का सही रास्ता दिखाया जाएगा. 5paisa एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, जिस पर अनुभवी और नए ट्रेडर्स दोनों ही काम कर सकते हैं. इसके अलावा जो भी लोग ट्रेडिंग एक्टिविटी में इंट्रस्ट रखते हैं वह 5paisa.com पर जाकर अधिक जानकारी ले सकते हैं.
क्या आप शेयर ट्रेडिंग के बारे में ये बातें जानते हैं?
आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी होती है, तब शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय माना जाता है.
आपको यह ध्यान में रखना होगा कि शेयरों में निवेश से काफी जोखिम जुड़ा होता है. अगर आप खुद कंपनियों के नतीजे समझने, उसके शेयरों का मूल्यांकन करने और बाजार की चाल समझ सकते सकते हैं तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए.
किसी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले उसके कारोबार, शेयरों की सही कीमत (मूल्यांकन) और उसके कारोबार की संभावनाओं को जानना जरूरी है. शेयर बाजार में शेयरों के भाव स्थिर नहीं रहते. आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी पर शेयर खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.
आपने जो शेयर खरीदा है, जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे आप बेच सकते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत बहुत कम रकम से की जा सकती है.
शेयर ट्रेडिंग कितने तरह के होते हैं?
1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day Trading)
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है. मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं.
इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते हैं.
Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है. इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं. यह वास्तव में स्प्रेड ट्रेडिंग के लाभ वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है.
2. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग किसी कानून के आने या आर्थिक जगत की किसी बड़ी खबर आने पर की जाती है.
शेयर मार्केट के पुराने दिग्गज स्कैल्पर ट्रेडिंग करते हैं. इसमें जोखिम सबसे ज्यादा होता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कंपनियां मार्जिन मुहैया कराती हैं.
3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) या शार्ट टर्म ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग थोड़े लंबे समय के लिए किया जाता है. इसमें आम तौर पर शेयर खरीदने के बाद उसकी डीमैट अकाउंट में डिलीवरी ले ली जाती है. स्विंग ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कोई मार्जिन मुहैया नहीं कराता है.
अगर आप अपने निवेश के लक्ष्य के हिसाब से 5-10 % लाभ की उम्मीद पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे है, तो स्विंग ट्रेडिंग से आप पैसे कमा सकते हैं.
4. LONG TERM ट्रेडिंग
जब आप किसी शेयर को खरीद कर लंबी अवधि के लिए रख लेते हैं तो उसे Long term ट्रेडिंग कहते हैं. स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के बाद अगर आप एक निवेशक के रूप में किसी शेयर में 6 महीने से लेकर कुछ साल तक बने रहें तो यह लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग है.
अगर आप किसी कंपनी के शेयर को एक, तीन या पांच साल या इससे ज्यादा अवधि के लिए खरीदते सकते हैं. कंपनी के कारोबार में अगर तेजी से वृद्धि हो तो लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में आप बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं.
आप जिन बड़े निवेशकों के बारे में सुनते हैं वे सभी लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग से ही मुनाफा कमाते हैं. इनमें राकेश झुनझुनवाला, पोरिन्जू वेलियथ, डॉली खन्ना जैसे नाम शामिल हैं.
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