विकल्प ट्रेड

Govt & Tax Registration
ट्रेड लाइसेंस कैसे काम करता है?
व्यापार या व्यवसाय करने वाले प्रत्येक व्यवसाय के लिए एक व्यापार लाइसेंस आवश्यक है। एक ट्रेड लाइसेंस केवल एक वर्ष के लिए वैध (मान्य) होता है।
हम आप सभी को एक साथ रखने में मदद करेंगेआवश्यक दस्तावेज़।(डाकुमेंट्स या कागजात)
हम आपकी ओर से आवेदन दायर करेंगे।
फिर आपको अपने व्यवसाय के लिए ट्रेड लाइसेंसप्राप्त हो जाएगा ।
ट्रेड लाइसेंस (अवलोकन)
एक ट्रेड लाइसेंस (व्यापार अधिकार पत्र) स्थानीय नगरपालिका द्वारा जारी किया गया एक कानूनी दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति या किसी पार्टी को व्यवसाय संचालन शुरू करने के लिए प्राधिकरण (अधिकार) प्रदान करता है। एक व्यापार लाइसेंस केवल तभी दिया जाता है जब व्यवसाय निगम, और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा संबंधित राज्य के सभी नियमों और विनियमों का पालन करता है जिसमें व्यवसाय स्थित है।
व्यवसाय शुरू होने से 30 दिन पहले निगम में आयुक्त के पास आवेदन दायर किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, व्यवसाय को सभी अनिवार्य दस्तावेज जमा करने होते हैं।
ट्रेड लाइसेंस के क्या लाभ हैं?
- कानूनी इकाई:किसी व्यवसाय को कानूनी इकाई के रूप में माना जाने के लिए उसके पास व्यापार लाइसेंस होना आवश्यक है।
- मांग नियम और विनियम:जैसा कि नगरपालिका प्राधिकरण द्वारा कहा गया है जिसमें व्यवसाय स्थित है।
- सक्षमता का विकल्प ट्रेड एक उपाय:एक व्यापार लाइसेंस के साथ, कोई व्यवसाय बंद होने के डर के बिना, एक वाणिज्यिक (व्यवसायिक) स्थान में काम कर सकता है। यह व्यवसाय और उद्यमी ( कारोबारी) में आत्मविश्वास और क्षमता का प्रदर्शन प्रदान करता है।
ट्रेड लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय कुछ लोगों की कुछ श्रेणियां होती हैं, जो ट्रेड लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं।
- नाबालिग:18 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति
- आपराधिक पृष्ठभूमि:आपराधिक रिकॉर्ड वाला व्यक्ति ट्रेड लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं कर सकता है।
ट्रेड वॉर के चलते अमेरिका के साथ चीन का व्यापार घटा
चीन (China) ने अपने निर्यातकों से अमेरिका के स्थान पर अन्य बाजारों में विकल्प तलाशने को कहा है. लेकिन कमजोर विकल्प ट्रेड होती वैश्विक मांग की वजह से उन्हें इसमें दिक्कतें आ रही हैं.
चीन (China) ने अपने निर्यातकों से अमेरिका के स्थान पर अन्य बाजारों में विकल्प तलाशने को कहा है. लेकिन कमजोर होती वैश्विक मांग की वजह से उन्हें इसमें दिक्कतें आ रही हैं.
- News18Hindi
- Last Updated : September 08, 2019, 14:29 IST
दुनिया की विकल्प ट्रेड दो शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर लगातार जारी है. इन घटनाक्रमों के बीच अगस्त में चीन का अमेरिका के साथ ट्रेड दस फीसदी से अधिक घट गया. हालांकि, दोनों देश आपसी विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत की तैयारी कर रहे हैं लेकिन शुल्क को लेकर मतभेद लगातार गहरा रहे हैं, जो वैश्विक विकल्प ट्रेड अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के लिए भी चुनौती बना हुआ है.
सीमा शुल्क के रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चीन में अमेरिकी उत्पादों का आयात माह के दौरान 22.5 प्रतिशत से घटकर 10.3 अरब डॉलर रह गया. चीन ने अपनी शुल्क दरें बढ़ा दी हैं और कंपनियों को आर्डर रद्द करने को भी विकल्प ट्रेड कहा है जिससे उसका अमेरिका से आयात नीचे आया है.
रुपये में ट्रेड को बढ़ावा देगी सरकार, वित्त मंत्रालय ने DFS की अध्यक्षता में बुलाई अहम बैठक
सूत्रों के मुताबिक, विकल्प ट्रेड वित्त मंत्रालय ने डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) की विकल्प ट्रेड अध्यक्षता में एक अहम बैठक बुलाई है. इस बैठक में रुपये के इंटरनेशनल ट्रेड से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर शामिल होंगे.
Trade in Rupees: वैश्विक स्तर पर बदले हालात, डॉलर में लगातार मजबूती और जियो पॉलिटिकल टेंशन के बीच भारत सरकार रुपये में ट्रेड को बढ़ावा देने पर गंभीर पहल कर रही है. वित्त मंत्रालय ने डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) की अध्यक्षता में एक अहम बैठक विकल्प ट्रेड बुलाई है. इस बैठक में रुपये के इंटरनेशनल ट्रेड से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर शामिल होंगे.
सूत्रों के मुताबिक, DFS की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में वाणिज्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय के अधिकारी, आरबीआई, बैंक, IBA के प्रतिनिधि और इंडस्ट्री एसोसिएशन के लोग शामिल रहेंगे. जानकारी के मुताबिक, बैंकों को ट्रेड पार्टनर और एक्सपोर्टर से रुपये में ट्रेड के लिए बातचीत के लिए कहा जाएगा.
RBI दे चुका है इजाजत
ग्लोबल ट्रेड ग्रोथ में भारत से एक्सपोर्ट को प्रमोट करने और ग्लोबल कारोबारी कम्युनिटी का रुपये में बढ़ते इंटरेस्ट को सपोर्ट करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रुपये में विदेशी विकल्प ट्रेड व्यापार करने की इजाजत दे दी है. रिजर्व बैंक रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट के लिए मैकेनिज्म लेकर आया है, जिसके तहत अब एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट का सेटलमेंट रुपये में हो सकेगा.
RBI की ओर से हाल ही में विकल्प ट्रेड जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट के लिए ऑथराइज्ड डीलर (AD) को RBI से अनुमति लेनी होगी. विदेशी मुद्रा अधिनियम कानून 1999 के तहत रुपये में इनवॉयस की व्यवस्था होगी. जिस देश के साथ कारोबार होगा, उसकी मुद्रा और रुपये की कीमत बाजार आधारित होगी.
नोटिफिकेशन के मुताबिक, रुपये में भी सेटलमेंट के नियम दूसरी करेंसीज की तरह ही होंगे. एक्सपोर्टर्स को रुपये की कीमत में मिले इनवॉयस के बदले एडवांस भी मिल विकल्प ट्रेड सकेगा. वहीं, कारोबारी लेनदेन के बदले बैंक गारंटी के नियम भी FEMA (Foreign Exchange Management Act- 1999) के तहत कवर होंगे. नोटिफिकेशन के मुताबिक, ट्रेड सेटलमेंट के लिए संबंधित बैंकों को पार्टनर कारोबारी देश के AD बैंक के स्पेशल रुपया वोस्ट्रो (VOSTRO) अकाउंट की जरूरत होगी.
Taking our public services back in house - Compendium of 50 remunicipalisation case studies
- Sep 14, 2020
This compendium of 50 remunicipalisation case studies is the second part of the report "Taking our public services back in house", a remunicipalisation guide for workers and trade unions. Commissioned by PSI to Dr. Vera Weghmann from the University of Greenwich, this new guide provides a timely, extensive analysis and case studies to support PSI affiliates in the process of reclaiming public service ownership and control in the common interest.