आदेश बंद करो

जहांगीरपुरी में SC के आदेश के बाद रुका पीला पंजा, राहुल बोले- मोदी जी नफरत बंद करो
The Fact India: दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद एक्शन पर भी जमकर बवाल मच रहा है. प्रशासन ने आज हिंसाग्रस्त इलाके में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला दिया. हालांकि कार्रवाई बीच में ही रोकनी पड़ गई. सुप्रीम कोर्ट ने इस ऑपरेशन पर रोक लगा दी. SC ने कहा कि कल सुनवाई तक जहांगीरपुरी (Jahangirpuri Demolition) में यथास्थिति बरकरार रखी जाए. वहीं इस कार्रवाई पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर हमला बोला.
राहुल गांधी ने अपने विरोध में एक तीर से दो निशाने साधते हुए एक तरफ जहां बीजेपी शासित प्रदेशों में इस तरह हिंसा के मामले में बुलडोजर (Jahangirpuri Demolition) चलाने पर सवाल उठाए तो दूसरी तरफ उन्होंने देश में शुरू हो रहे बिजली संकट को भी उठाया. राहुल ने ट्विटर पर अपनी राय रखी. उन्होंने लिखा, ‘मोदी जी, महंगाई का दौर चल रहा है. इस दौरान बिजली कटौती से छोटे उद्योग धराशायी हो जाएंगे. जिससे भविष्य में नौकरियों का और नुकसान होगा. इसलिए नफरत के बुलडोजर बंद करो और बिजली संयंत्रों को चालू करो’.
गौरतलब है कि 16 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में एक मस्जिद के सामने से गुजर रही हनुमान जयंती शोभा यात्रा पर पथराव की घटना हुई थी. घटना के दौरान भीड़ की तरफ से गोली भी चली, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. मामले की जांच के लिए जहांगीरपुरी पहुंची. पुलिस टीम के साथ पथराव और दुर्व्यवहार की कुछ घटनाएं भी हुई. उसके बाद अचानक आदेश बंद करो कल यानी 19 अप्रैल को उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने की घोषणा कर दी. यह कार्रवाई आदेश बंद करो आज यानी 20 अप्रैल को दोपहर 2 बजे से होनी थी.
Anish Shekhar– Content Producer Cum Content Editor / Reporter
(Post Graduation– Haridev Joshi University of Journalism & Mass Communication)
ऑस्ट्रेलियाई अदालत का आदेश, बंद करो ऑनलाइन चोरी करने वाली पायरेसी वेबसाइटें
एक ऑस्ट्रेलियाई अदालत ने शुक्रवार को ऑनलाइन सामग्री साझा करने के संबंध में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए इंटरनेट प्रदाताओं को ऑनलाइन चोरी करने वाली 40 से अधिक पायरेसी वेबसाइटें बंद करने का आदेश दिया।
Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 18, 2017 13:26 IST
Representative Image
सिडनी: एक ऑस्ट्रेलियाई अदालत ने शुक्रवार को ऑनलाइन सामग्री साझा करने के संबंध में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए इंटरनेट प्रदाताओं को ऑनलाइन चोरी करने वाली 40 से अधिक पायरेसी वेबसाइटें बंद करने का आदेश दिया। ऑनलाइन चोरी करने वाली वेबसाइटों के खिलाफ इस मामले का नेतृत्व फिल्म वितरक आदेश बंद करो विलेज रोडशो ने किया था और डिजनी, ट्वेंटीअथ सेंचुरी फॉक्स, पैरामाउंट पिक्चर्स, कोलंबिया पिक्चर्स, यूनिवर्सल और वार्नर ब्रदर्स ने उसका समर्थन किया।
ऑस्ट्रेलिया दुनिया के उन देशों में शामिल हैं जो ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ जैसे कार्यक्रम अवैध रूप से डाउनलोड करने में सबसे आगे हैं और देश के कई स्टूडियो ने इस प्रकार की सामग्री तक पहुंच मुहैया कराने वाली अंतरराष्ट्रीय वेबसाइटों को बाधित करने के लिए हालिया वर्षों में कानूनी कदम उठाने शुरू किए है। संघीय अदालत के आदेश के तहत टेलस्ट्रा और ऑप्टस समेत दूरसंचार प्रदाताओं को ईजेडटीवी, डेमोनोयड, लाइमटोरेंट्स और पुटलॉकर जैसी साइटों को बंद करना होगा। जस्टिस जॉन निकोलस ने अपने आदेश में कहा कि ऑनलाइन साइटों की ओर से यह अतिक्रमण निंदनीय है और यह कॉपीराइट मालिकों के अधिकारों के प्रति अनादर को दर्शाता है।
इससे पहले भी दिसंबर में निकोलस ने ऑनलाइन फाइल साझा करने वाली हाई प्रोफाइल वेबसाइटों पाइरेट बे, टोरेन्ट्ज और आइसोहंट को बाधित करने का आदेश दिया था। ऑस्ट्रेलिया ऑनलाइन चोरी करने वाली साइटों को निशाना बना रहा है। संसद ने वर्ष 2015 में कानून पारित करके कॉपीराइट धारकों को अनुमति दी थी कि वे अवैध रूप से सामग्री आदेश बंद करो साझा करने वाली विदेशी वेबसाइटों पर रोक लगाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
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‘भाषा पर भेदभाव बंद करो’, नर्सों को ड्यूटी के दौरान मलयालम न बोलने के आदेश पर भड़के राहुल गांधी
इस आदेश को लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भाषा पर भेदभाव करने का ही आरोप लगा दिया है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: साकेत आनंद
Jun 06, 2021 | 9:23 AM
दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल ने शनिवार को एक सर्कुलर जारी करके अपने नर्सिंग स्टाफ को काम के दौरान मलयालम भाषा (Malayalam) का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है. उन्होंने वजह बताते हुए कहा कि ज्यादातर मरीज और सहकर्मी इस भाषा को नहीं जानते हैं, जिस कारण बहुत असुविधा होती है. इसे लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भाषा पर भेदभाव करने का ही आरोप लगा दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, “किसी भी अन्य भारतीय भाषा की तरह ही मलयालम भी भारतीय भाषा है. भाषा पर भेदभाव बंद करो!”
दरअसल, दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में से एक गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (GIPMER) की तरफ से शनिवार को जारी किए गए सर्कुलर में नर्सों से कहा गया है कि वे बातचीत के लिए केवल हिंदी और अंग्रेजी का इस्तेमाल करें या ‘गंभीर कार्रवाई’ का सामना करने के लिए तैयार रहें. इसे लेकर कई और कांग्रेस नेताओं ने भी इस आदेश की निंदा की और भाषा पर भेदभाव करने के आरोप लगाए.आदेश बंद करो
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, “मैं माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से GIPMER के अधिकारियों की तरफ से जारी किए गए विचित्र और असंवैधानिक सर्कुलर को तुरंत वापस लेने का आदेश देने का आग्रह करता हूं.” उन्होंने कहा कि ये सर्कुलर भेदभावपूर्ण है और हमारे संविधान की तरफ से दिए गए मूल अधिकार के खिलाफ है.
शशि थरूर ने सर्कुलर को बताया मानवाधिकारों का उल्लंघन
वहीं, तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने सर्कुलर को भारतीय नागरिकों के बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया. उन्होंने कहा, “देश के ज्यादातर अस्पतालों में केरल की ही महिलाएं नर्स के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं और इनकी मातृभाषा मलयालम है. ऐसे में ये आदेश अस्वीकार्य, असभ्य, आपत्तिजनक और भारतीय नागरिकों के बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन है.”
वहीं, अस्पताल के मुताबिक, जब नर्सिंग स्टाफ अस्पताल के अंदर या आपस में मलयालम में ही बातचीत करता है, तो कुछ मरीजों को बात को समझने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जीबी पंत नर्सेज एसोसिएशन अध्यक्ष लीलाधर रामचंदानी ने दावा किया है कि यह एक मरीज की तरफ से स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को अस्पताल में मलयालम भाषा के इस्तेमाल के संबंध में भेजी गई शिकायत को लेकर ही ये सर्कुलर जारी किया गया है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि एसोसिएशन इस सर्कुलर में इस्तेमाल किए गए शब्दों से असहमत है.
School Closed 2022: यूपी में 15 फरवरी तक स्कूल बंद, जानिए किन-किन राज्यों में अभी ऑफलाइन क्लासेस की उम्मीद नहीं
School Closed 2022: उत्तर प्रदेश में स्कूल 15 फरवरी तक बंद रहेंगे। राज्य में कोरोना के मामलों में वृद्धि को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। यह घोषणा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 30 जनवरी तक स्कूल बंद रखने की घोषणा के कुछ दिनों बाद आई है। इससे पहले यूपी सरकार ने 16 जनवरी से 23 जनवरी तक सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया था। अब यह आदेश 15 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है। आदेश अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने जारी किया। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी माध्यमिक बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए सभी स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी।
अधिकांश राज्यों में 31 जनवरी तक स्कूल बंद
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जनवरी में एक बार फिर स्कूल बंद कर दिए गए थे। अधिकांश राज्यों में 31 जनवरी तक स्कूल बंद है। अच्छी खबर यह है कि स्कूल खोलने को आदेश बंद करो लेकर माहौल बनने लगा है। जहां-जहां केस कम हो रहे हैं, वहां स्कूल खोलने जा रहे हैं। महाराष्ट्र, हरियाणा, तमिलनाडु उन राज्यों में शामिल हैं जहां 1 फरवरी से फिर स्कूलों की घंटी बजने लगेगी। वहीं कुछ राज्य अभी इंतजार कर रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही मीटिंग करेगी।
इससे पहले उत्तराखंड में 31 जनवरी तक स्कूल बंद रखने का फैसला हो चुका है। उत्तराखंड सरकार ने बढ़ते COVID-19 मामलों को देखते हुए कक्षा 12 तक के सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने की घोषणा की है। साथ ही प्रदेश में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रात के कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। 12 वीं कक्षा तक के सभी आंगनवाड़ी केंद्र और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी।
अब तक एमपी, छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान पश्चिम बंगाल समेत 15 राज्यों में स्कूल बंद करने का फैसला हो चुका है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान सहित राज्यों ने विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन कक्षाओं की अनुमति दी है। मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना केस देखते हुए 31 जनवरी तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। बच्चे स्कूल नहीं जाएंगे, लेकिन ऑनलाइन क्लासेस जारी रहेंगी। केरल में भी नौवीं तक की कक्षाएं बंद हैं।
वहीं गुजरात के 10 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है और आदेश बंद करो सभी स्कूलों तथा कॉलेज को 31 जनवरी तक बंद कर दिया गया है। गुजरात में इन प्रतिबंधों को मिनी लॉकडाउन बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के अनुसार, अहमदाबाद, आनंद, भावनगर, गांधीनगर, जामनगर, जूनागढ़, नडियाद, राजकोट, सूरत और वडोदरा में रात 10 बजे से सुबह आदेश बंद करो 6 बजे तक रात का कर्फ्यू लागू रहेगा।
कुल मिलकर बच्चे एक बार फिर घरों में कैद हो गए हैं और आशंका जताई जा रही आदेश बंद करो है कि जनवरी के साथ पूरे फरवरी माह में स्कूल बंद रह सकते हैं। कहा जा रहा है कि कोरोना के नया वेरिएंट ओमिक्रोन फरवरी में पीक पर होगा।
Schools Closed: State wise updates
कर्नाटक: 10वीं 12वीं को छोड़कर सभी कक्षाओं के लिए दो सप्ताह के लिए स्कूल बंद।
दिल्ली: सभी स्कूल 3 जनवरी से अगले अपडेट तक बंद, कॉलेज तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए गए क्योंकि सरकार ने बढ़ते मामलों पर येलो अलर्ट जारी किया है।
हरियाणा: 30 जनवरी तक सभी स्कूल, कॉलेज बंद
महाराष्ट्र: मुंबई में स्कूल 31 जनवरी तक बंद। हालांकि जल्द स्कूल खोलने का फैसला हो सकता है।
तमिलनाडु: कक्षा 1 से 8 तक के लिए स्कूल बंद, कक्षा 9 से 12 के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी।
ओडिशा: प्राथमिक कक्षाओं को फिर से खोलना अगली सूचना तक स्थगित।
पश्चिम बंगाल: स्कूल, कॉलेज अगली सूचना तक बंद।
बिहार: कक्षा 8 तक के सभी स्कूल बंद, 50% क्षमता के साथ 9 से 12 के लिए ऑफलाइन कक्षाएं।
झारखंड: सभी स्कूल, कॉलेज बंद।
गोवा: 26 जनवरी तक सभी स्कूल, कॉलेज बंद।
छत्तीसगढ़: 4% या उससे अधिक की सकारात्मकता दर वाले जिलों में स्कूल अगली सूचना तक बंद।
बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुंबई के सभी स्कूलों को 31 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया गया है (Mumbai School Closed), सिर्फ 10वीं और 12वीं की ही कक्षाएं चलेंगी। महाराष्ट्र के अन्य जिलों से खबर है कि यहां स्कूल-कॉलेज फिर से बंद करने पर एक बार फिर फैसला हो सकता है। महाराष्ट्र देश के उन राज्यों में शामिल है जहां ओमिक्रोन से सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले 15 दिन में इस बारे में फैसला हो सकता है। उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री बेटे आदित्य ठाकरे ने भी कहा है कि लोग घरों में रहें और कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। इससे पहले प्रदेश की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ कह चुकी हैं कि यदि ओमिक्रोन के केस बढ़ते हैं तो स्कूल फिर से बंद किए जा सकते हैं। हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
'बिरयानी के मसाले पुरुषों की सेक्स क्षमता को कम कर रहे हैं, बंद करो दुकान', तृणमूल नेता ने दिया अजब-गजब फरमान
पश्चिम बंगाल स्थित कूच बिहार के नगरपालिका के अध्यक्ष और टीएमसी नेता रवींद्र नाथ घोष ने इलाके के दो बिरयानी की दुकानों को सील करने का आदेश दिया। आरोप है कि वहां बिकने वाली बिरयानी में कथिततौर पर ऐसे मसाले मिलाए जाते थे, जिनसे पुरुषों की सेक्स क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
फाइल फोटो
Highlights बंगाल के कूच बिहार में टीएमसी नेता रवींद्र घोष ने सुनाया अजीब-ओ-गरीब फरमान इलाके की दो बिरयानी को किया सील, आरोप है कि बिरयानी के मसालों से लोगों की सेक्स लाइफ खराब हो रही है कूच बिहार नगरपालिका अध्यक्ष रवींद्र घोष ने कहा कि दुकानें गैर-लाइसेंसी थीं, इसलिए किया गया सील
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के नेता और कूच बिहार नगरपालिका आदेश बंद करो के अध्यक्ष रवींद्र नाथ घोष ने इलाके में बिरयानी बेचने वाली दो दुकानों को यह करते हुए बंद करने आदेश दिया कि इनके यहां की बिरयानी खाने से पुरुषों में सेक्स क्षमता कम हो रही है।
जब घोष के अजीब-ओ-गरीब फरमान ने तूल पकड़ा तो उन्होंने मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि सील की गई दोनों दुकानों के बारे में कई स्थानीय लोगों द्वारा शिकायतें की गई थीं, जिसके बाद उन्हें सील किया गया है। जानकारी के मुताबिक सील की गई दोनों दुकानें बिहार के मूल निवासी पप्पू खान की है। आरोप है कि पप्पू खान बिना लाइसेंस के यह दुकान चला रहे थे।
रवींद्र घोष ने कहा, "नगर की सभी खाद्य दुकानों पर भोजन की गुणवत्ता जांचने का काम नगर पालिका का है और उसी नियम के तहत मैं मैं उनकी दुकान पर गया था। मैंने उनसे दुकान का लाइसेंस मांगा, जिसे दिखाने में फेल रहे। इस कारण उनकी दोनों दुकानों को बंद कर दिया गया।"
वहीं इस घटना के संबंध में दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि सील की गई दोनों दुकानें कूचबिहार कस्बे के भवानीगंज बाजार में शनि देव मंदिर के ठीक बगल में थीं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि बिरयानी की दोनों दुकानें ऐसे मसालों का इस्तेमाल हो रहा था, जिसके कारण आदेश बंद करो बिरयानी खाने वाले पुरुषों की सेक्स क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था।
इस तरह की शिकायत के बाद रवींद्र घोष रविवार की शाम अन्य टीएमसी कार्यकर्ताओं के साथ पप्पू खान की दुकान पर पहुंचे और अफवाह के संबंध में दुकान के मालिक पप्पू और कर्मचारियों से पूछताछ की। घोष का आरोप है कि पप्पू और दुकान के अन्य कर्मचारी उनके साथ बहस करने लगे। जिसके बाद उन्होंने दुकान का व्यापार लाइसेंस मांगा। जिसके दिखाने में पप्पू खान असफल रहे। इस कारण बतौर नगर पालिका अध्यक्ष मैंने उनकी दुकानों को सील करने का आदेश दिया।