ADR क्या है

फिर कांग्रेस रही
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के बाद कांग्रेस का नंबर आता है. उसने अपने 35 प्रतिशत उम्मीदवारों को आपराधिक मामलों के साथ मैदान में उतारा है. ऐसे 20 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर मामले चल रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी पहले चरण में सभी 89 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिसके आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या 31 है.
वैकल्पिक विवाद समाधान (Alternative Dispute Redressal: ADR)
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में संसद में मध्यस्थता और सुलह (संशोधन) विधेयक, 2018 को लागू करने की स्वीकृति प्रदान की है जो संस्थागत मध्यस्थता को सुगम बनाएगी ADR क्या है और भारत को सुदृढ़ वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) तंत्र का केंद्र बनाने में सहायक होगा।
- जैसा कि नाम से पता चलता है, ADR असहमत पक्षों को मुकदमेबाजी की प्रक्रिया में पड़े बिना किसी विवाद के समाधान हेतु स्थापित तंत्र है।
- ADR प्रक्रिया केवल दीवानी विवादों के मामले में स्वीकार्य है, जिसे कानून द्वारा स्पष्ट रूप से निर्धारित किया जाता है। ADR के तरीकों को न्यायालय और औपचारिक कानून प्रणाली का विकल्प घोषित किया गया है तथा इसे विवाद को शीघ्रता से और सौहाद्रपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए अपनाए जाने वाले सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना गया है।
वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) के विविध प्रकार
- पंचाट (Arbitration): यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक तटस्थ तृतीय पक्षकार या पक्षकारों का समूह मामले के गुण-दोषों के आधार पर निर्णय प्रस्तुत करता है। विवाचन की प्रक्रिया केवल तब ही आरंभ की जा सकती है जब विवाद के उद्भव के पहले ही दोनों पक्षों के बीच एक विधिमान्य पंचाट समझौता किया गया हो।
- मध्यस्थता (Mediation): मध्यस्थता की प्रक्रिया का लक्ष्य विवादित पक्षों को आपसी सहमति के माध्यम से समाधान तक पहुँचने में सहायता करना है। मध्यस्थता की प्रक्रिया का निरीक्षण एक निष्पक्ष तृतीय पक्ष अर्थात् एक मध्यस्थ द्वारा किया जाता है। मध्यस्थ का प्राधिकार दोनों पक्षों की आपसी सहमति में निहित होता है।
- सुलह (Conciliation): यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा विवादों का समाधान समझौते या स्वैच्छिक करार द्वारा प्राप्त किया जाता है। पंचाट के विपरीत, सुलह की प्रक्रिया में बाध्यकारी निर्णय नहीं दिए जाते हैं। दोनों पक्ष इस प्रक्रिया से प्राप्त | निर्णय को स्वीकार करने या अस्वीकार करने के लिए स्वतंत्र होते हैं।
- लोक अदालत: इनका गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत किया जाता है। यह सार्वजनिक सुलह का एक रूप है। इसकी अध्यक्षता 2 या 3 लोगों के द्वारा की जाती है जो न्यायाधीश या अनुभवी अधिवक्ता होते हैं। उन्हें सीमित रूप में सिविल न्यायालय की शक्तियाँ प्रदान की गई है।
- न्याय पंचायत: ये ग्रामीण न्यायालय ग्रामीण समुदाय की स्थानीय परंपराओं, संस्कृति और व्यवहार प्रतिरूप द्वारा निर्देशित होते हैं और इस प्रकार ये न्याय के प्रशासन में लोगों के विश्वास को स्थापित करते हैं। इनमें 200 रुपये तक के मौद्रिक दावे विचारण हेतु लिए जा सकते हैं। इसका आपराधिक क्षेत्राधिकार लापरवाही, अनधिकृत प्रवेश, ADR क्या है उपद्रव आदि के साधारण मामलों तक विस्तृत है। इन पंचायतों में सुलह पर बल दिया जाता है।
ADR के विभिन्न प्रावधान
- ऐतिहासिक दृष्टिकोण: भारत में पंचायत सर्वाधिक प्राचीन ज्ञात ADR तंत्र हैं। निर्णय तक पहुँचने हेतु निष्पक्ष तृतीय पक्ष की | सहायता लेना दीर्घ काल से ही भारतीय संस्कृति का अंग रहा है।
- संवैधानिक प्रावधान: तंत्र को अपना आधार अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) और अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचार का अधिकार) के अंतर्गत प्राप्त होता है जो लोगों को न्याय पाने का अधिकार प्रदान करते हैं। इसे अनुच्छेद 39A के तहत समान न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता के लिए DPSP से भी संबंधित किया जा सकता है।
- अन्य प्रावधान : न्यायालय के बाहर विवादों का निपटारा सिविल प्रक्रिया संहिता (धारा 89), ग्राम न्यायालय अधिनियम, 2009, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 (लोक अदालत प्रणाली की स्थापना का आधार) का एक भाग है।
- जस्टिस मलिमथ समिति (1989-90) की रिपोर्ट ने भी ADR तंत्र को व्यवहार्य विकल्प के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता का भी सुझाव दिया है।
Gujarat Assembly Elections 2022 पहले चरण में 21 फीसद उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले
राजनीति के अपराधीकरण पर चिंता लगभग हरेक राजनीतिक दल जाहिर करता है. साथ ही इस पर अंकुश लगाने की भी बात करता है. हालांकि बात जब चुनाव में टिकट देने की आती है, तो सब किनारे छूट जाता है. गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 (Gujarat Assembly Elections 2022) के पहले चरण में भी 89 सीटों पर चुनाव लड़ रहे 788 उम्मीदवारों में से कुल 167 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले (Criminal Cases) दर्ज हैं. इनमें से 100 पर हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर आरोप भी हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह पहले चरण के 21 फीसदी प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जबकि 13 फीसदी गंभीर आरोपों से जूझ रहे हैं.
Delhi MCD Election 2022: एमसीडी चुनाव में ‘AAP’ ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले 45 उम्मीदवार उतारे, यहां पढ़ें ADR की रिपोर्ट
Delhi MCD Election 2022: आम आदमी पार्टी (आप) ने इस साल दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में आपराधिक रिकॉर्ड वाले सबसे अधिक 45 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ऐसे उम्मीदवारों की संख्या 27 है.‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘आप’ ने 250 उम्मीदवारों को खड़ा किया है, जिनमें से 248 स्वघोषित शपथपत्रों का एडीआर द्वारा विश्लेषण किया ADR क्या है गया और उनमें से 18 प्रतिशत यानी 45 का आपराधिक रिकॉर्ड है. इसके अलावा, ‘आप’ के कम से कम आठ प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
गुजरात चुनाव के पहले चरण में ADR क्या है 37 उम्मीदवार अनपढ़, 53 ने की कक्षा 1 से 4 तक पढ़ाई
Gujarat Assembly Election 2022: पहले चरण में जो प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, उनमें डिप्लोमा किए प्रत्याशियों की संख्या 21 है और ग्रेजुएट या फिर इससे ज्यादा पढ़ने वालों की संख्या 185 है। वहीं, करोड़पति उम्मीदवार 6 प्रतिशत बढ़े।
गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले चरण में 89 सीटों पर वोटिंग 1 दिसंबर को होगी। इस चरण में ADR क्या है 788 उम्मीदवार मैदान में हैं और इनकी शिक्षा, धन तथा अपराध से ADR क्या है जुड़ी एक रिपोर्ट सामने आई है। यह रिपोर्ट एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म यानी एडीआर ने जारी की है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले विधानसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार करोड़पति उम्मीदवार करीब 6 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।
Gujarat Polls 2022: पहले चरण में 21% 'दागी' उम्मीदवार, 100 के खिलाफ हत्या-रेप जैसे गंभीर आरोप; लिस्ट में AAP टॉप पर
इंडिया.कॉम 3 दिन पहले [email protected] (India.com News Desk)
Gujarat Polls ADR Report: गुजरात विधानसभा के पहले चरण में 89 सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए 788 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें 167 प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 100 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या और रेप जैसे गंभीर आरोप हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट से मिली. इसके साथ ही 21 फीसदी प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जबकि 13 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं. पहले चरण के तहत, आम आदमी पार्टी (AAP) कुल 89 में से 88 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और इस सूची में वह सबसे ऊपर है. AAP के 36 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज हैं.