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डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है

डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है
© Reuters. वेब 3.0 इंटरनेट का गेम चेंजर - क्रिप्टो करेंसी, मेटावर्स, ब्लॉकचेन एजुकेशन का नया ट्रेंड

LiteCoin क्या है How to invest in litecoin 2022

अगर सबसे पुरानी क्रिप्टोकरंसी डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है की बात करें तो सब लोग बिटकॉइन को ही सबसे पुरानी क्रिप्टोकरंसी मानते हैं लेकिन बिटकॉइन के समय क्रिप्टोकरंसी LiteCoin को भी उसी समय लांच किया गया था इस कॉइन की उत्पत्ति 2011 में की गई थी यह क्रिप्टो अपने ट्रांजैक्शन को पूरा करने के लिए ब्लॉकचैन का इस्तेमाल करती है

जो लोग क्रिप्टो मार्केट से तालुकात रखते हैं उन्होंने इस क्रिप्टो के बारे में तो जरूर सुना ही होगा लेकिन ज्यादातर लोग इस्कॉन के नाम पर सिर्फ यह जानते हैं कि यह एक क्रिप्टोकरंसी है अगर आप इस लेख को पढ़ रहे हैं तो पक्का आप इस कॉइन के बारे में संपूर्ण जानकारी जानना चाहते हैं

अगर आप भी इस कॉइन के बारे में संपूर्ण जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िएगा क्योंकि इस लेख के जरिए हम जानेंगे Litecoin क्या है इसका इस्तेमाल कैसे करते हैं इसकी कीमत के बारे में हम जानेंगे

Litecoin क्या है. ?

Litecoin एक डिसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टोकरंसी है जिसका इस्तेमाल पेमेंट के रूप में किया जाता है लाइटकॉइन को बिटकॉइन का छोटा भाई भी कहा जाता है क्योंकि इसको इनके बहुत से फीचर्स बिटकॉइन से मिलते जुलते हैं लेकिन बिटकॉइन से ज्यादा पेमेंट के रूप में इसको इनका ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि जहां आपको बिटकॉइन में एक ट्रांजैक्शन कराने के लिए ₹100 की फीस देनी पड़ती हैं वहां lightcoin में ना के बराबर फीस देनी पड़ती है

Litecoin in hindi

इसी कारण से लाइटकॉइन का इस्तेमाल बिजनेस ट्रांजैक्शन के लिए ज्यादा किया जाता है ज्यादातर लोग बिटकॉइन के बारे में ज्यादा जानते हैं लेकिन बिटकॉइन की तरह ही इस को इनका इस्तेमाल पेमेंट ट्रांजैक्शन के रूप में किया जाता है इसको इनके बारे में ज्यादा न जाने का कारण यह भी हो सकता है कि इसको इस्तेमाल बड़े बिजनेसमैन की ट्रांजैक्शन के लिए किया जाता है और वह ज्यादातर अपने ट्रांजैक्शन को गुप्त रखते है

Litecoin का इतिहास ?

Litecoin को 7 अक्टूबर 2011 में Charlie Lee के द्वारा बनाया गया था, इसको इनको मुख्य रूप से बनाने का कारण यही था की LiteCoin बिटकॉइन की तरह एक चांदी के रंग में एक क्रिप्टोकरंसी निकालना चाहते थे Litecoin को बिटकॉइन का एक Complement के तौर पर बनाया गया था जिससे की प्रॉब्लम जैसे कि ट्रांसक्शन timings को हल किया जा सके.

Litecoin का कोड बिटकॉइन के Core Code से लिया गया है जिसे बाद में Charles Lee के द्वारा मॉडिफाई कर दिया गया चुकी वो इस करेंसी को Large Scale adoption करना चाहते थे इसलिए उन्होंने इसके प्रोटोकॉल को अपने हिसाब से मॉडिफाई कर दिया

लाइट कॉइन के लिए साल 2013 बहुत ही अच्छा साबित हुआ क्योंकि इस साल कि नवंबर में लाइट कॉइन रातो रात चर्चा में आ गया क्युकी यह पिछले 24 घंटों में 100% की दर से बड़ा था मई 2017 में दुनिया की पहली ऐसी क्रिप्टोकरंसी बन चुकी थी जिसने लाइटिंग नेटवर्किंग की मदद से 0. 00000001 LTC ट्रांसफर किए थे

About of Litecoin.?

Coinswitch kuber के अनुसार इस लेख को लिखते समय Litecoin, की क़ीमत ₹5,134.50 रूपये है इस कॉइन की Market rank #21 है लाइट कॉइन की MarketCap ₹34044 रूपये है लाइटकॉइन की Ttrading activity 28% Buy 72% Sell है

How to invest in Litecoin ?

लाइटकॉइन के बारे डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है में जानने के बाद अगर आप भी इस कॉइन में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आप Coinswitch Kuber की सहायता से इस कॉइन में इन्वेस्ट कर सकते हैं अगर आप डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके कॉइनस्विच पर अपना अकाउंट बनाएंगे तो आपको फ्री में ₹150 रूपये रुपए के बिटकॉइन मिलेंगे. Coinswitch से इन्वेस्टमेंट शुरू करने के लिए अभी क्लिक करें.

एक बात आप जरूर याद रखें कि मैं कोई फाइनेंसियल एडवाइजर नहीं हूं किसी भी क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्ट करने से पहले उसकी अच्छे से जांच कर ले क्योंकि अगर आपका किसी भी प्रकार का कोई नुकसान होता है तो उसका जिम्मेदार आप खुद होंगे.

क्या LiteCoin बेहतर क्रिप्टो है ?

क्या लाइटकॉइन दूसरी क्रिप्टोकरंसी से बेहतर है इस बात का अंदाजा तो आप उपलब्ध जानकारी से लगा ही लेंगे लेकिन लाइटकॉइन की कुछ ऐसी खास बातें हैं जो इसे बाकी क्रिप्टो से बेहतर बनाती है

लाइटकॉइन पेमेंट करने के मामले में बाकी क्रिप्टो से बहुत तेज है इसके इस्तमाल से हम अपने द्वारा खरीदी गयी क्रिप्टो को LiteCoin Wallet में सुरक्षित रख सकते है LiteCoin Wallet में पासवर्ड की मदद से आप अपनी क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षित रख सकते है निचे लिंक क्लिक करके आप Crypto Wallet के बारे में भी संपूर्ण जानकारी जान सकते है

जिस प्रकार हम आम Payment Application का इस्तेमाल करके एक अकाउंट में से दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं ठीक उसी प्रकार से हम इस्क्रिप्टो का भी इस्तेमाल कर सकते हैं अगर बिटकॉइन की बात की जाए तो सभी लोग जानते हैं कि बिटकॉइन को गोल्ड के नाम से जाना जाता है वहीं अगर हम बात करे लाइटकॉइन को तो इसको सिल्वर के नाम से जाना जाता है लाइटकॉइन को को बिटकॉइन का छोटा भाई भी कहा जाता है

यह कॉइन किसी भी क्रिप्टो कॉइन के मुकाबले हर ब्लॉक को 4 गुना तेजी से बना सकता है इसी कारण से यह कॉइन किसी भी पेमेंट को इतनी जल्दी Verify कर पाता है

Conclusion

आज के इस लेख में हमने litecoin इन क्रिप्टो करेंसी के बारे में जानकारी प्राप्त की अगर इस लेख को पढ़ने के बाद भी आपके मन में लाइटकॉइन को लेकर कोई सवाल रह जाता है तो आप नीचे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं और अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करना

वेब 3.0 क्या है | WEB 3.0 इंटरनेट को कैसे बदलेगी

आमतौर पर हम जो अभी इंटरनेट डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है यूज करते हैं उसमें सभी मोबाइल फोन हमारे अगल-बगल के किसी टावर से कनेक्टेड होते हैं उसके बाद यह टावर द्वारा सेटेलाइट को इंफॉर्मेशन भेजा जाता है फिर वही इंफॉर्मेशन सरवर से सेटेलाइट द्वारा लेकर मोबाइल टावर से होते हुए हमारे मोबाइल पर भेज आता है

जिससे कि डाटा कई जगह से होते हुए हम तक पहुंचता है इसका मुख्य नुकसान बहुत ज्यादा संसाधन का उपयोग करना है जिससे कि इंटरनेट सुविधा की महंगाई भी बढ़ जाती है

डेटा की सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए वेब 3.O का कांसेप्ट का लाया गया है

इसमें हो सकता है की डाटा का भंडारण के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा जिसमें डेटा एक छोटे-छोटे ब्लॉक के रूप में सभी server में स्टोर होंगे

और जब डाटा को एक साथ मर्ज किया जाएगा ऑनलाइन तभी वह अपने आप में एक कंपलीट डाटा होंगे

इस प्रकार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ( ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है )में डाटा को एक्सेस करने के लिए थोड़ा सा अधिक वक्त लगता है किंतु यह पूरी तरह से सिक्योर होता है जिससे कि डाटा किसी गलत हाथों में नहीं पड़ता और उसका गलत उपयोग नहीं होता

वेब का तीसरा वर्जन लाने का उद्देश्य अपने आप में बड़ा है पहले से लेकर अभी तक देखा जाए तो डाटा का उपयोग करना और डाटा स्टोर करना दोनों की तकनीक अलग थी

किंतु वर्तमान और फ्यूचर में डाटा को डिसेंट्रलाइज्ड कर देने से डाटा का मिस यूज होने का संभावना नहीं होता,बशर्ते यह जो डांटा है यह सही जगह पर स्टोर हो

वेब 3.O के फायदे

  • डाटा सिक्योर होगा जिससे इसका मिस यूज नहीं किया जा सकेगा
  • डाटा स्टोरेज की मोनोपोली टेक्नोलॉजी कम्पटीशन बढ़ाएगी और नई टेक्नोलॉजी का जन्म होगा
  • दुनिया में डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है गुड गवर्नेंस का शुरुआत होगा
  • डाटा के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं कम होगी क्योंकि इसके लिए डाटा को हैक करना पड़ेगा और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में डाटा को हैक करना बहुत मुश्किल है
  • लोगों और गवर्नमेंट्स में पारदर्शिता बढ़ेगी
  • डाटा स्टोरेज की मोनोपोली सिस्टम होने की वजह से डाटा में एकाधिकार जमाने की व्यवस्था खत्म होगी

वेब 3.0 क्या है

इंटरनेट और क्लाउड कंप्यूटिंग की नई टेक्नोलॉजी ने वेब 3.0 का कांसेप्ट लाया है और यही हमारा फ्यूचर है. आने वाले वक्त में क्लाउड कंप्यूटिंग का बहुत ज्यादा उपयोग होगा जिसमें हमारा डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है डाटा क्लाउडली हमारे पास आएगा जिसके लिए इंटरनेट बहुत ज्यादा जरूरी है

देखा जाए तो एक नए युग की शुरुआत हो रही है जिसमें डाटा स्टोर और डाटा सर्व करने की नए-नए टेक्नोलॉजी आ रहे हैं कभी वह वक्त था जब हमारे द्वारा ले देकर जीपीआरएस चला करता था

जिससे कि इंटरनेट की 1st generation द्वारा इंटरनेट सप्लाई किया जाता था जिस की स्पीड बहुत कम थी उसके बाद डाटा प्रोसेस मे boosting आई इसके बाद 3G और 4G ने इंडिया में संचार क्रांति की एक नई शुरुआत की

और अब 5G और ऑप्टिकल फाइबर टेक्नोलॉजी द्वारा डाटा की डिसेंट्रलाइजेशन से स्पीड और ज्यादा बढ़ेगी और डेटा की सिक्योरिटी भी बढ़ेगी अब आने वाला वक्त बताएगा कि इसने और क्या-क्या चेंज आएंगे

web 3.0 के बारे में आपको हमारी यह जानकारी कैसे लगी प्लीज हमें कमेंट जरूर करें और क्वेश्चन भी जरूर पूछें

Cryptocurrency meaning in Hindi

आजकल आपने Cryptocurrency के बारे में बहुत सुना होगा। आप बिटकॉइन के बारे मे भी सुनते होगें। आपके मन में यह सवाल उठना स्वभाविक है की ये Cryptocurrency Kya Hai क्या आप जानते है एक समय ऐसा था जब लोग वस्तुओ की अदला बदली करके व्यापार करते थे। उसके बाद वस्तु विनिमय का साधन सिक्के और नोट ने ले लिया। अब एक और विनिमय का नया साधन आया है जिसको crypto currency बोलते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह एक डिजिटल करेंसी है। चलिए Crypto currency In Hindi Details से समझाते हैं।

क्या होती है crypto currency?

Crypto currency एक डिजीटल करेंसी है। यानी इसको हम टच नहीं कर सकते हैं। Crypto currency को डिसेंट्रलाइज्ड वे मे संचालित किया जाता है। इसमें आपको हर लेन देन मे डिजीटल सिग्नेचर के जरिए वेरिफाई करना पड़ता है। तभी आप कोई भी ट्रांजिक्शन कर सकते हैं और आपकी हर ट्रांजिक्शन का रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी की मदद से होता रहता हैं। यानी crypto currency ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी पर आधारित है जिसको कॉपी पेस्ट करना नामुमकिन है। इस पर किसी भी देश का नियंत्रण नहीं है। Crypto currency आधुनिक मुद्रा है। यह रियल मे नहीं होती, वर्चुअल होती हैं। Crypto currency के बारे मे जानने के बाद चलिए जानते है यह मुद्रा काम कैसे करती हैं?

Crypto currency Kaise Kaam Karti Hai

Crypto currency ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी पर काम करती हैं। जिसमे हर ट्रांजिक्शन का रिकॉर्ड cryptography की मदद से रखा जाता है। ये cryptography सुपर कंप्यूटर द्वारा संचालित की जाती हैं। जिसको crypto currency माइनिंग कहा जाता हैं। जिनके द्वारा ये माइनिंग की जाती है उनको माइनर कहा जाता हैं। Crypto currency की सबसे बड़ी खासियत इसका सुरक्षित होना है। क्योंकी इसका संचालन बहुत सारे सुपर कंप्यूटर के जाल के द्वारा किया जाता हैं। अगर कोई एक सुपर कम्प्यूटर मे कुछ गड़बड़ करेगा तो बाकी के सुपर कंप्यूटर ब्लॉक चैन से जुड़े हैं, तुरंत फ्रॉड पकड़ा जाएगा। इसके जितनी सुरक्षित मुद्रा कोई भी नही है तभी तो जब important organization के कम्प्यूटर हैक हुए थे तो हैकर्स ने crypto currency मे ही पैसों की डिमांड की थी। अब सवाल उठता है कि ये crypto currency कहा से मिलेंगी? चलिए जानते है।

Crypto currency कहा से मिलेंगी:

जिस प्रकार हम मार्किट से सामान खरीदते हैं उसी प्रकार crypto currency का भी मार्किट होता हैं। जहा से आप अपने पैसों के बदले crypto currency खरीद सकते हैं। ये एक प्रकार का निवेश हैं जैसे हम शेयर मार्किट मे करते हैं। कुछ महत्वूर्ण वेबसाइट हैं जहां से आप आसनी से crypto currency खरीद सकते है, जैसे :

  • बायनेंस
  • कोइनबेस
  • बिटफिनेक्स
  • Karaken
  • बिथुंब
  • बिटस्टैंब
  • बिटफ्लायर
  • ककोइन

यह कुछ बेवसाइट हैं जहां से आप crypto currency Purchase /crypto currency sale कर सकते हैं। लेकिन इसके अलावा भी ऐसी कई मार्किट है जहां से आप crypto currency खरीद सकते हैं। इसके लिए आप गूगल सर्च करके भी crypto currency खरीद सकते हैं।

Top crypto currency Market In India :

भारत में भी crypto currency बहुत लोकप्रिय हो चुकी हैं। ऐसे कई मार्किट है जहां से आप crypto currency Purchase सकते हैं जैसे :

  • कॉन स्विच
  • कॉन डीसीएक्स
  • वजीरX
  • यूनिकॉइन

भारत मे Unicorn सबसे ज्यादा लोकप्रिय Exchange crypto currencyहैं।

Top crypto currency कौन सी है?

Crypto currency का नाम सुनते ही हमारे जेहन मे बिटकॉइन का नाम सबसे पहले आता है। बिटकॉन के अलावा ऐसी बहुत सारी crypto currencyहैं जो मार्किट में मौजूद है। चलिए जानते हैं:

  • बिटकॉइन (bitcoin): यह सबसे पहली crypto currency हैं। जिसका निर्माण 2009 में सतोशी नाकामोटो द्वारा किया गया था। बिटकॉइन मे शुरुआत के समय काफ़ी उतार चढ़ाव आए थे। लेकिन अब ये सबसे कीमती crypto currency हैं।
  • इथरीम (etheream) : इसे इथर के नाम से भी जाना जाता है। इसको 2015 मे लाया गया था। यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी crypto currency हैं।
  • रिप्पल (ripple): यह crypto currency के साथ एक्सचेंज का काम भी करता है। जिसे 2012 मे अमेरिकी कम्पनी द्वारा लाया गया था।
  • टैथर (tethar): इसे स्टेबल कॉन भी कहते है क्योंकी यह डॉलर के मूल्य पर आधारित किया गया था। इसकी स्थापना 2014 मे की गई थी।
  • लाइट कॉन (litecoin): यह बिटकॉइन की से चार गुना तेज है। इसकी स्थापना 2014 मे हुई थी।

आपकी जानकारी के लिए बता दे ये कुछ ही crypto currency हैं , इसके अलावा हजारों crypto currency आज मौजूद है। Crypto currency के बारे मे जानने के बाद अब इसके फायदों के बारे मे देखते हैं। Why We Use crypto currency?

Crypto currency के लाभ क्या है?

Crypto currency Benefits के कारण ही हमें क्रिप्टोकरंसी का Use के लिए प्रेरित करता है। चलिए जानते है :

  • क्योंकी यह डिजीटल करेंसी है तो इसमें फ्रॉड तो हो ही नहीं सकता है।
  • Crypto currency को हम बहुत ही जल्दी आसानी से खरीद और बेच सकते हैं, ऐसे कई प्लेटफॉर्म है।
  • अगर आप इनवेस्टमेंट के लिए सोच रहे हैं तो इससे अच्छा विकल्प आपको डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है नहीं मिलेगा क्योंकी इसकी वैल्यू मे तेजी से उछाल आता है।
  • Crypto currency कीसबसे अनोखी बात ये किसी सरकार के हाथो मे नियंत्रित नहीं होती हैं।
  • इसके अलावा यह दुनिया की सबसे आधुनिकतम और सुरक्षित मुद्रा है।

हर चीज के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी है। चलिए crypto currency Side-effects भी देखते हैं।

वेब 3.0 इंटरनेट का गेम चेंजर - क्रिप्टो करेंसी, मेटावर्स, ब्लॉकचेन एजुकेशन का नया ट्रेंड

शेयर बाजार 11 सितंबर 2022 ,11:45

वेब 3.0 इंटरनेट का गेम चेंजर - क्रिप्टो करेंसी, मेटावर्स, ब्लॉकचेन एजुकेशन का नया ट्रेंड

© Reuters. वेब 3.0 इंटरनेट का गेम चेंजर - क्रिप्टो करेंसी, मेटावर्स, ब्लॉकचेन एजुकेशन का नया ट्रेंड

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। वेब 3.0, ब्लॉकचेन, क्रिप्टो करेंसी, मेटावर्स और एनएफटी टेक्नोलॉजी पर आधारित ऐसे पाठ्यक्रम हैं जो सीधे-सीधे भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर के छात्रों के भविष्य पर फोकस करते हैं। भारत में ऐसे शैक्षणिक कार्यक्रमों को उद्योग जगत के प्रमुख भागीदारों व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के साथ मिलकर टाइम्सप्रो द्वारा विकसित किया जा रहा है। न्यू ऐज टेक्नोलॉजी आधारित विभिन्न पाठ्यक्रमों को पूरा करने वाले छात्रों को आईआईटी रोपड़, आईआईटी रुड़की जैसे संस्थान सर्टिफिकेट जारी करेंगे। खास बात यह है कि टेक्नोलॉजी आधारित कई पाठ्यक्रमों को डिजाइन करने और इनकी ट्रेनिंग में भी आईआईटी फैकेल्टीज की भूमिका है।

टेक्नोलॉजी के पक्ष को उजागर करते हुए फिक्की - ईवाई की 2022 की रिपोर्ट ने वेब 3.0 टेक्नोलॉजी को इंटरनेट के लिए गेम चेंजर बताया है। यह 2032 तक भारत की जीडीपी में लगभग 1.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़ सकता है। इसमें इस बात का भी जिक्र किया गया है कि आने वाले समय में मेटावर्स काफी विकसित होगा, कई तरह के बदलावों की अगुवाई करेगा, उपभोक्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाएगा तथा 2025 तक इस क्षेत्र में 50 मिलियन से अधिक अवतार होंगे।

शिक्षार्थियों के लिए भविष्य पर केंद्रित और टेक्नोलॉजी पर आधारित कार्यक्रमों की पेशकश करते हुए यहां मेटावर्स में इंटरैक्टिव अनुभव के माध्यम से वेब 3.0 लनिर्ंग इनीशिएटिव की शुरूआत की गई है। भारत में इस पहल का उद्देश्य विभिन्न प्रकार की वेब 3.0 टेक्नोलॉजी में अत्याधुनिक कार्यक्रमों के माध्यम से सबसे बेहतर गुणवत्ता वाली आधुनिक एवं नए जमाने की शिक्षा उपलब्ध कराना है, जिसमें ब्लॉकचेन, क्रिप्टो करेंसी, मेटावर्स, एनएफटी इत्यादि शामिल हैं। इस न्यू ऐज डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है टेक्नोलॉजी को उद्योग जगत के प्रमुख भागीदारों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली, आईहब दिव्यसम्पर्क (आईआईटी रुड़की) और इंडिया ब्लॉकचेन एलायंस जैसे अहम संस्थानों के साथ मिलकर टाइम्सप्रो द्वारा विकसित किया गया है।

टेक्नोलॉजी आधारित इन पाठ्यक्रमों में अलग-अलग सर्टिफिकेट कार्यक्रम तथा छात्रों की सहूलियत और योग्यता अनुसार कार्यक्रमों की पेशकश की जा रही है। इसका मूल शिक्षार्थियों को लगातार विकसित हो रही टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सीखने का अवसर प्रदान करना है।

इसके लिए विभिन्न आईआईटी के सहयोग से वेब 3.0 के साथ शुरूआत, ब्लॉकचेन फंडामेंटल्स तथा सॉलिडिटी एवं एथेरियम स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ-साथ ब्लॉकचेन, फिनटेक में सर्टिफिकेट प्रोग्राम के अलावा तकनीकी शिक्षार्थियों के कौशल को बढ़ाने के लिए ब्लॉकचेन डेवलपर प्रोग्राम पेश किया जाएगा। जिन्हें शिक्षार्थी अपनी सहूलियत के अनुसार एक समय-सीमा में सीख सकते हैं।

हायर एडटेक प्लेटफॉर्म टाइम्सप्रो के सीईओ अनीश श्रीकृष्ण ने आईएएनएस से कहा, यह एक उभरती हुई टेक्नोलॉजी है। हमने फुल स्टैक, साइबर सुरक्षा, एआई, बिग डेटा, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में कई प्रमुख कार्यक्रम पेश किए हैं। नए जमाने के और कौशल विकसित करने वाले कार्यक्रमों को प्रस्तुत करने के लिए देश के अग्रणी आईआईटी, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ साझेदारी की गई है।

गौरतलब है कि वेब 3.0 कार्यक्रम शिक्षार्थियों पर केंद्रित होंगे जिनमें केस स्टडी, प्रोजेक्ट, असाइनमेंट, हैकाथॉन और कैपस्टोन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से उनकी अधिकतम भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्य शिक्षा के अलावा, करियर संबंधी सेवाएं भी इस पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे, जिनमें रिज्यूम तैयार करना, उद्योग जगत के विशेषज्ञों के साथ आमने-सामने बैठकर परामर्श प्राप्त करना और विशेषज्ञ सत्र का आयोजन शामिल है। अत्याधुनिक शिक्षण प्रबंधन प्रणाली (एलएमएस) के जरिए इन कार्यक्रमों को शिक्षार्थियों तक पहुंचाया जाएगा।

इस पहल के अंतर्गत उद्योग जगत के भागीदारों एवं इससे जुड़े सभी संसाधनों का एक मजबूत वर्चुअल इकोसिस्टम विकसित करने, तथा शिक्षार्थियों की एक मजबूत कम्युनिटी बनाने के लिए ग्लोबल एसएमई नेटवर्क तैयार करने के उद्देश्य से एक वेब 3.0 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) भी तैयार किया जाएगा।

इन कार्यक्रमों से शिक्षार्थियों के लिए वेब 3.0 टेक्नोलॉजी की गहरी समझ विकसित होगी जो दुनिया के ऑनलाइन इंटरेक्शन के तरीके को बदल रहे हैं। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एवं क्रिप्टोकरेंसी की उत्पत्ति, इसके अनुप्रयोग, और वास्तविक दुनिया के उपयोग के मामलों से लेकर कई ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट में स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट को कोड करने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रोग्रामिंग भाषा की पूरी समझ विकसित करने के साथ-साथ वेब 3.0, डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (डीएफआई) और डिसेंट्रलाइज्ड ऑटोनॉमस ऑगेर्नाइजेशन (डीएओ), नॉन-फन्जिवल टोकन (एनएफटी) और मेटावर्स जैसे अत्याधुनिक विषयों तक की शिक्षा प्रदान करने वाले ये सभी पाठ्यक्रम शिक्षार्थियों को इस क्षेत्र में दूसरों से आगे रहने में मदद करेंगे।

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