अग्रणी सूचक

जागरूकता कार्यक्रम: बैंकिंग कार्यों के अलावा ग्राहकों को बीमा तथा अन्य जनोपयोगी योजनाओं से लाभान्वित कराएं बैंक मित्र
शहर के समाहरणालय परिसर स्थित टाउन हॉल में अग्रणी बैंक पंजाब नेशनल बैंक द्वारा अधीनस्थ बैंक मित्रों के लिए गहन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम में जिले के विभिन्न क्षेत्रों के 350 बैंक मित्रों के अलावा जिले भर के प्रमुख शाखाओं के प्रबंधक वाले लोग उपस्थित हुए। रिजर्व बैंक के तत्वाधान में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता पटना अंचल के अंचल प्रमुख अंचल प्रमुख पी.सी बेहरा ने किया।
कार्यक्रम में उनके साथ बैंक के औरंगाबाद मंडल के मंडल प्रमुख दीपक आचार्य, उप मंडल प्रमुख रंजन कुमार, मुख्य प्रबंधक हरिशंकर तिवारी, एलडीएम उपेन्द्र चतुर्वेदी, संजीवनी विकास फाउंडेशन के डायरेक्टर राजेश कुमार, एफआई मैनेजर अमीत कुमार, सीएससी डायरेक्टर शोभित यादव उपस्थित रहे।मंडल प्रमुख ने कहा कि बैंक मित्र बैंक के अभिन्न अंग हैं । ग्रामीण क्षेत्र में बैंक मित्र का कार्य सराहनीय है । बीमा हर हर व्यक्ति का होना आवश्यक है तथा उनका अधिकार है इसलिए हर खाता धारी का बैंक मित्र बीमा अवश्य करें ।
यही नहीं बैंक मित्र के आय को बढ़ाने के लिए और भी कार्य दिए जाएंगे । कार्यक्रम में अंचल प्रमुख द्वारा सरकार प्रायोजित विभिन्न योजनाओं जैसे अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना आदि पर विस्तार से चर्चा की गई और महत्वपूर्ण दिशानिर्देश दिए गए।
उनके द्वारा सभी बैंक मित्रों को यह निर्देश दिया गया कि सरकार द्वारा प्रायोजित उल्लिखित योजनाएं समाज के विकास एवं देश की प्रगति का सूचक है जिसमें हर क्षेत्र को योगदान देने का भरसर प्रयास करना चाहिए । सभी बैंक मित्रों की यह जिम्मेदारी है कि वे सरकार द्वारा ग्राहकोपयोगी समस्त सुविधाओं की जानकारी ना केवल ग्राहकों तक पहुंचाए बल्कि उन्हें इससे लाभान्वित भी करे ।
भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन से होगी कठिनाई
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में भूमिगत जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है जिसके कारण भूमिगत जल से सिंचाई के लिये अधिक व्यय होता है। यह मूल रूप से ऊर्जा की फिजूलखर्ची का सूचक है। इसके अतिरिक्त भूमिगत जल के अधिक दोहन से समृद्ध लोगों को लाभ होता है जबकि कमजोर लोगों को पानी से वंचित होना पड़ता है। भूमिगत जलस्तर नीचे खिसकने से न सिर्फ जल की उपलब्धता में कमी आती है बल्कि इसकी कमी से भू-गर्भीय निर्वात भी हो सकता है, जो भू-सतह के फटने अग्रणी सूचक या धँसने के लिये जिम्मेदार है। इसके फलस्वरूप जान-माल का भी काफी मात्रा में नुकसान हो सकता अग्रणी सूचक है।
देश में सतही पानी की कमी के चलते निरंतर भूमिगत जल का अंधाधुंध दोहन हो रहा है। भूमिगत जल के अतिदोहन से भारत के विभिन्न क्षेत्रों जैसे पंजाब, हरियाणा, दक्षिणी राजस्थान, उत्तरी गुजरात व तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में भूमिगत जल के स्तर में काफी गिरावट दर्ज की गई है, जो भविष्य के लिये हानिकारक है। भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन से सदावाहिनी नदियाँ भी सूख रही हैं। जल संसाधन मंत्रालय के आकलन के अनुसार यदि भूमिगत जल का स्तर 1 मीटर नीचे गिरता है तो प्रति घंटा 0.4 किलोवाट अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में भूमिगत जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है जिसके कारण भूमिगत जल से सिंचाई के लिये अधिक व्यय होता है। यह मूल रूप से ऊर्जा की फिजूलखर्ची का सूचक है। इसके अतिरिक्त भूमिगत जल के अधिक दोहन से समृद्ध लोगों अग्रणी सूचक को लाभ होता है जबकि कमजोर लोगों को पानी से वंचित होना पड़ता है। भूमिगत जलस्तर नीचे खिसकने से न सिर्फ जल की उपलब्धता में कमी आती है बल्कि इसकी कमी से भू-गर्भीय निर्वात भी हो सकता है, जो भू-सतह के फटने या धंसने के लिये जिम्मेदार है। इसके फलस्वरूप जान-माल का भी काफी मात्रा में नुकसान हो सकता है।
हरियाणा का कुरुक्षेत्र जिला विश्व के मानचित्र पर धार्मिक क्रियाकलापों के केन्द्र के रूप में जाना जाता है परन्तु बहुत कम लोगों को इस बात का ज्ञान है कि कुरुक्षेत्र जिला जितना धार्मिक क्रियाकलापों में अग्रणी है, उससे कहीं उन्नत यह जिला कृषि के क्षेत्र में है। कुरुक्षेत्र जिले में गेहूँ की प्रति हेक्टेयर उपज देश के अन्य जिलों में सबसे अधिक है। यहाँ का खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 1990 में केवल 6.62 लाख टन था जो सन 2012 में बढ़कर 10.अग्रणी सूचक 72 लाख टन हो गया जो खाद्यान्नों के उत्पादन में 65% की वृद्धि को दर्शाता है। खाद्यान्नों में उत्पादन के साथ-साथ सिंचाई के क्षेत्र में भी आशातीत वृद्धि हुई व सिंचित क्षेत्र 1.47 लाख हेक्टेयर (1990) से बढ़कर 1.51 लाख हेक्टेयर (2012) हो गया। जिले के 82 प्रतिशत भू-भाग पर सिंचाई अग्रणी सूचक ट्यूबवेलों द्वारा की जाती है। 1990 में यहाँ पर ट्यूबवेलों की संख्या लगभग 32000 थी जो 2012 में बढ़कर 77000 हो गई। वर्ष 1990 से 2012 के मध्य होने वाली खाद्यान्नों की लगातार वृद्धि, शुद्ध सिंचित क्षेत्र व ट्यूबवेलों की संख्या में होने वाली वृद्धि को दर्शाता है। ट्यूबवेलों की बढ़ती संख्या दर्शाती है कि इस जिले के भूमिगत जल संसाधनों पर बहुत अधिक दबाव है।
कुरुक्षेत्र जिला हरियाणा के उत्तर-पूर्व में स्थित है। इसका अक्षांशीय विस्तार 29 0 53’ से 30 0 15’ उत्तर तथा देशांतरीय विस्तार 76 अग्रणी सूचक 0 26’ से 77 0 07’ पूर्वी है। जिले को 3 तहसील (थानेसर, पिहोवा, शाहबाद) 3 उप-तहसील (लाडवा, बाबैन, इस्माइलाबाद) तथा 5 विकासखण्डों (थानेसर, पिहोवा, लाड़वा, शाहबाद, बाबैन) में विभाजित किया गया है। यह जिला राज्य के घने बसे जिलों में से एक है। जिले की कुल जनसंख्या 9,64,655 (2011 की जनगणना के अनुसार) तथा जनसंख्या का घनत्व 630 प्रति व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। जिला मुख्यतः मैदानी भाग है जिसका साधारण ढाल उत्तर पूर्व से दक्षिण पश्चिम की तरफ है। जिले का उत्तरी पूर्वी भाग ऊपरी यमुना मैदान में तथा पश्चिमी भाग घग्घर बेसिन के अंतर्गत आता है। मारकंडा नदी जिले की एकमात्र बरसाती नदी है। कुरुक्षेत्र की वार्षिक वर्षा 582 मिमी है। जिले में मुख्यतः गेहूँ, चावल एवं गन्ने की अग्रणी सूचक कृषि की जाती है।
सारणी-1 कुरुक्षेत्र में विकास खण्डवार भूमिगत जल की उपलब्धता
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वाशिम अर्बन बैंक के अध्यक्ष पद पर शीला राठी
वाशिम/दि.29 – सहकार क्षेत्र में अग्रणी वाशिम अर्बन कॉ-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद का शुक्रवार को चयन किया गया. जिसमें अध्यक्ष पद पर शीला सुभाष राठी तथा उपाध्यक्ष पद पर पुरुषोत्तम रामपाल चरखा का निर्विरोध चयन किया गया. बैंक के मुख्य कार्यालय में संपन्न हुए चुनाव में चुनाव अधिकारी के रुप में आर.एम. कटके, सहायक पी.आर. वाडेकर उपस्थित थे. अध्यक्ष पद के लिए शीला राठी के नामंकन पर सूचक के रुप में रमेशचंद बजाज व अनुमोदक के रुप में प्रकाश भांदुर्गे, राधेश्याम हेडा ने हस्ताक्षर किए वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए पुरुषोत्तम चरखा के नामकंन पर सूचक के तौर पर रमेशचंद बजाज व अनुमोद के तौर पर प्रकाश भांदुर्गे तथा राधेश्याम हेडा ने अपनी सहमती दर्शायी. अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए केवल एक-एक ही नामंकन दाखिल किए जाने से चुनाव अधिकारी आर.एन. कटके ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पद के लिए घोषणा की.
वाशिम अर्बन बैंक के चुनाव में सभासदों ने 17 संचालक निर्विरोध चुनकर दिए थे. सहकार महर्षी रा.ग. राठी व्दारा स्थापित वाशिम अर्बन बैंक की प्रगती के लिए प्रयास करने वाले सुभाष राठी के निधन के पश्चात बैंक की यह पहला चुनाव था. जिसे निर्विरोध संपन्न करवाया गया. चुनाव के पश्चात निर्विरोध चुनकर आई अध्यक्षा शीला राठी व उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम चरखा का संचालक मंडल व कर्मचारियों व्दारा सत्कार किया गया. इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल खंडेलवाल, कर्मचारी प्रतिनिधि तेजराव वानखेडे, हरिश राठी, विशाल भांदुर्गे, बबुल खंडेलवाल, महेश अग्रवाल, आनंद इन्नाणी, प्रदीप टाकलकर, निलेश सोमवंशी ने भी उनका सत्कार किया. उसके पश्चात अध्यक्ष राठी व उपाध्यक्ष चरखा ने बैंक के अग्रणी सूचक संस्थापक रा.ग. राठी तथा सुभाष राठी की प्रतिमा का पूजन कर अभिवादन किया. कार्यक्रम का प्रास्ताविक मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल खंडेलवाल ने रखा तथा संचालन श्रीराम करवा ने किया व आभार तेजराव वानखेडे ने माना.