विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां

विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली

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चीन की मुद्रा का 2% अवमूल्यन

- 1994 के बाद एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट

आर्थिक सुस्ती और गिरते निर्यात की समस्या से जूझ रहे चीन विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली ने अपनी मुद्रा युआन की सख्त नियंत्रण विनिमय दर में दो प्रतिशत अवमूल्यन कर दिया। उसकी मुद्रा में 1994 के बाद किसी एक दिन में आने वाली यह सबसे बड़ी गिरावट है। चीन की मुद्रा की विनिमय दर दूसरे प्रमुख देशों के मुकाबले नीचे आने से विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली चीन का निर्यात सस्ता होगा, विदेशों में उसके उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी। पिछले तीन दशक के दौरान इस कम्युनिस्ट देश की आर्थिक वृद्धि में तेजी से बढ़ते निर्यात की अहम भूमिका रही लेकिन हाल के दिनों में इसमें गिरावट आई है। चीन के केंद्रीय बैंक, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने कहा,'आज से चीन के विदेशी मुद्रा विनिय व्यापार प्रणाली को कारोबार के लिए संदर्भ दरें पिछले दिन के अंतर-बैंक विदेशी विनिमय दरों के बंद भाव, बाजार में मांग और आपूर्ति और प्रमुख मुद्राओं के मूल्य में आने वाले उतार चढ़ाव विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली के आधार पर तय होंगी।'

विदेशी विनिमय बाजार के कार्य

विदेशी मुद्रा बाजार, विश्व की मुद्राओं के क्रय-विक्रय (व्यापार) का बाजार है जो विकेन्द्रित, चौबीसों घंटे चलने वाला, काउन्टर पर किया जाने वाले (over the counter) कारोबार है। अन्य वित्तीय बाजारों की अपेक्षा यह बहुत नया है और पिछली शताब्दी में सत्तर के दशक में आरम्भ हुआ। फिर भी सम्पूर्ण कारोबार की दृष्टि से यह सबसे बड़ा बाजार है। विदेशी मुद्राओं में प्रतिदिन लगभग ४ ट्रिलियन अमेरिकी डालर के तुल्य कामकाज होता है। अन्य बाजारों की तुलना में यह सबसे अधिक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली स्थायित्व वाला बाजार है।

1 विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार का इतिहास

2 अचल (Fixed) विदेशी मुद्रा दरें

3 चल (FLOATING) विदेशी मुद्रा दरें

4 इन्हें भी देखें

विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार का इतिहास

1970 से पहले तक विदेशी मुद्रा विनिमय दरें स्थायी रूप से तय रहा करती थीं। 70 के दशक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली से ही लगातार परिवर्तन होने वाली चल (FLOATING) विनिमय दरों[1] का प्रचलन शुरू हुआ।

अब एनआरआई भारत बिल भुगतान प्रणाली के जरिये कर सकेंगे बिलों का भुगतान

Published: August 5, 2022 4:43 PM IST

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प्रवासी भारतीय (NRI) अब भारत में अपने परिवार के सदस्यों की ओर से भारत बिल भुगतान प्रणाली के जरिये बिजली, पानी जैसी सुविधाओं और स्कूल, कॉलेज की फीस का भुगतान कर सकेंगे.

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भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS) से करीब 20,000 बिल भेजने वाली इकाइयां जुड़ी हैं. इस प्रणाली पर मासिक आधार पर आठ करोड़ लेनदेन होते हैं.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए शुक्रवार को कहा कि बीबीपीएस ने भारत में प्रयोगकर्ताओं के बिल भुगतान के अनुभव को बदला है. अब इसमें सीमापार से बिल भुगतान की प्रणाली को भी शुरू किया जा रहा है.

गवर्नर ने कहा, ‘‘इससे एनआरआई भारत में अपने परिवारों की ओर से बिजली, पानी के बिलों का भुगतान कर सकेंगे. साथ ही इसके जरिये वह शिक्षा से जुड़े शुल्कों का भी भुगतान कर पाएंगे.’’

दास ने कहा कि इससे विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को काफी फायदा होगा.

केंद्रीय बैंक ने बयान में कह कि इस फैसले से बीबीपीएस मंच से जुड़े अन्य बिल भेजने वाली इकाइयों के बिलों का भी भुगतान किया जा सकेगा.विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली

रुपये में कैसे होगा अंतरराष्ट्रीय व्यापार? केंद्र सरकार का जोर क्यों

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यूएस डॉलर (USD) के बजाय भारतीय रुपये (INR) में अंतरराष्ट्रीय व्यापार (International Trade) को बढ़ावा देने पर केंद्र सरकार ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं. केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) इस पहल के तरीकों पर चर्चा करने के लिए देश के बैंकों, विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालयों सहित हितधारकों के साथ बैठक कर रहा है. बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय बैंक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली संघ, बैंकों के प्रतिनिधि निकाय और उद्योग निकायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों से कहा जाएगा कि वे निर्यातकों को रुपये के कारोबार पर बातचीत करने के लिए कहें. हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बाद बदले अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में भारत सरकार ने रुपये में कारोबार को बढ़ाने के विकल्प पर विचार तेज किया हुआ है. आइए, जानने की कोशिश करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार रुपये में कैसे हो सकता है? साथ ही सरकार क्यों इस पर जोर दे रही है?

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