विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां

क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता

क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता

क्रिप्टोकरेंसी: एक्सचेंज ने रोका कारोबार

भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जेबपे ने हाल ही में प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार रोक दिया है। साथ ही, अगर आपने एक्सचेंज से अपने रुपये नहीं निकाले हैं या फिर उनको किसी आभासी मुद्रा में तब्दील नहींं किया है तो आपको अपने रुपयों के लिए अनिश्चितकाल के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि रुपयों से क्रिप्टोकरेंसी खरीद चुके लोगों को थोड़ी राहत मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंक को आभासी मुद्राओं में कारोबार करने वालों को सहायता देने से मना कर चुका है। इसके बावजूद भी कई लोग व्यक्तिगत तौर पर अपने रुपये क्रिप्टो वॉलेट में सहेजे हुए हैं। आरबीआई के निर्देश से केवल क्रिप्टो वॉलेट से रुपये के लेनदेन पर रोक लगी है लेकिन अगर किसी व्यक्ति के वॉलेट में पहले ही रुपये जमा हैं तो वह कारोबार कर सकता है। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बेलफ्रिक्स ग्रुप क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता के मुख्य नवोन्मेष अधिकारी संतोष पालावेश कहते हैं, 'वॉलेट में शेष रुपयों से कई लोग क्रिप्टोकरेंसी में खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। वे रुपयों में क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं।' इन्हें 'आईएनआर' या 'फिएट 1 करेंसी' कारोबार कहा जा रहा है। जेबपे का कहना है कि आरबीआई प्रतिबंधों क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता के चलते एक्सचेंज और उसके ग्राहकों को कारोबार करने से रोका जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी एकक्सचेंज वजीरएक्स के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी कहते हैं, 'आरबीआई के प्रतिबंधों के चलते दूसरे एक्सचेंजों को भी इस तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इसमेंं बने रहने के लिए एक्सचेंजों क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता को नए तरीके आजमाने होंगे और निवेशकों तथा कारोबारियों के लिए दूसरे उपाय सामने लाने होंगे।'

जेबपे द्वारा कारोबार समेटने की खबर से कारोबारियों को अधिक सतर्क हो जाना चाहिए। उन्हें रुपयों के तौर पर क्रिप्टो वॉलेट में अपनी राशि नहीं रखनी चाहिए क्योंकि एक्सचेंज के बंद होने पर यह फंस सकता है। रुपये में कारोबार के जरिये ही इससे उबरा जा सकता है। रुपये से आभासी मुद्रा खरीदकर क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो कारोबार करना एक बेहतर तरीका हो सकता है। यूएसडीटी या टीथर भी एक अच्छा विकल्प है, जिसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो कारोबार में किया जाता है। यूएसडीटी या टीथर नामक आभासी मुद्रा की 1 इकाई की कीमत 1 डॉलर के बराबर होती है। उदाहरण के लिए, अगर बिटकॉइन की कीमत 6,500 डॉलर है तो आपको 1 बिटकॉइन खरीदने के लिए 6,500 टीथर की आवश्यकता होगी। साथ ही, अगर आप 1 बिटकॉइन बेचते हैं तो आपको 6,500 टीथर मिलेंगे।

आरबीआई के निर्देश के बाद अधिकांश एक्सचेंज व्यक्तिगत तौर पर आभासी मुद्रा में कारोबार की सुविधा दे रहे हैं। पालावेश कहते हैं, 'आभासी मुद्राओं में कारोबार के लिए कारोबारी किसी भी एक्सचेंज के क्रिप्टो वॉलेट का उपयोग कर सकते हैं।' उदाहरण के लिए, अहर आप जेबपे ग्राहक हैं और उसके वॉलेट में आपकी क्रिप्टोकरेंसी रखी हुई हैं तो आप दूसरे एक्सचेंज पर क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो कारोबार कर सकते हैं। अगर आपके क्रिप्टो वॉलेट में आभासी मुद्रा हैं तो आप वजीरएक्स या दूसरे पीयर-टू-पीयर कारोबार प्लेटफॉर्म पर अपनी क्रिप्टोकरेंसी बेच सकते हैं। पीयर-टू-पीयर प्लेटफॉर्म विक्रेता और खरीदार को आपस में जोड़ते हैं। ये सभी लेनदेन यूएसडीटी के साथ किए जाते हैं और यहां द्वि-स्तरीय प्रणाली अपनाई जाती है। अगर आप अपने बैंक खाते में रुपये वापस चाहते हैं तो अपनी क्रिप्टोसरेंसी को बेचकर यूएसडीटी खरीदो और यूएसडीटी बेचकर रुपये प्राप्त कर लें। क्रिप्टोकरेंसी खरीददार को भी इसी प्रक्रिया से गुजरना होगा। पीयर-टू-पीयर प्लेटफॉर्म पर रुपये से यूएसडीटी या टीथर खरीदें और उनका उपयोग क्रिप्टो कारोबार में करें। लेनदेन के समय एक्सचेंज यूएसडीटी को अपने पास संरक्षित रखता है।

Cryptocurrencies Latest Update: अंधकारमय दिख रहा है क्रिप्टोकरेंसी का फ्यूचर, अब रूस की केंद्रीय बैंक ने दिया बड़ा झटका

क्रिप्टोकरेंसी के फ्यूचर को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। एक के बाद एक देश इस वर्चुअल मुद्रा को किसी न किसी तरह से प्रतिबंधित कर रहा है। इस कड़ी में नया नाम जुड़ा है रूस का। रूस के केंद्रीय बैंक ने.

Cryptocurrencies Latest Update: अंधकारमय दिख रहा है क्रिप्टोकरेंसी का फ्यूचर, अब रूस की केंद्रीय बैंक ने दिया बड़ा झटका

क्रिप्टोकरेंसी के फ्यूचर को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। एक के बाद एक देश इस वर्चुअल मुद्रा को किसी न किसी तरह से प्रतिबंधित कर रहा है। इस कड़ी में नया नाम जुड़ा है रूस का। रूस के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को वित्तीय स्थिरता, नागरिकों की भलाई और इसकी मौद्रिक नीति संप्रभुता के लिए खतरों का हवाला देते हुए रूसी क्षेत्र में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल और माइनिंग पर बैन लगाने का प्रस्ताव दिया क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता है।

रूस का ये कदम कई देशों के क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम लगाने के बीच आया है। एशिया से लेकर अमेरिका तक, सरकारों को चिंता है कि निजी तौर पर संचालित और अत्यधिक अस्थिर डिजिटल मुद्राएं वित्तीय और मौद्रिक प्रणालियों के उनके नियंत्रण को कमजोर कर सकती हैं। हालांकि रूस का ये कदम चौंकाने वाला इसलिए भी नहीं है क्योंकि ये देश वर्षों से क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ है। रूस का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवाद के वित्तपोषण में किया जा सकता है। वैसे रूस ने 2020 में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा दिया था लेकिन क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता भुगतान के साधन के रूप में उनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था।

गुरुवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में, केंद्रीय बैंक ने कहा कि काल्पनिक मांग ने मुख्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी के तेजी से विकास को तय किया है। यह करेंसी वित्तीय स्थिरता को बढ़ा सकती हैं। बैंक ने वित्तीय संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी के जरिए कोई भी लेन-देन करने से रोकने को कहा है और कहा कि इन करेंसी के लिए यानी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने या बेचने के उद्देश्य से होने वाले लेनदेन को ब्लॉक करने के लिए तंत्र विकसित किया जाना चाहिए।

प्रस्तावित प्रतिबंध में क्रिप्टो एक्सचेंज शामिल हैं। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बाइनेंस (Binance) ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि वह नियामकों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और उम्मीद है कि रिपोर्ट जारी होने से रूसी क्रिप्टो यूजर्स के हितों की रक्षा के लिए केंद्रीय बैंक के साथ बातचीत होगी। हालांकि रूसी केंद्रीय बैंक के वित्तीय स्थिरता विभाग के प्रमुख एलिसैवेटा डेनिलोवा ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के मालिक होने पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। बैंक ने क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता कहा कि रूस में सक्रिय क्रिप्टोकरेंसी यूजर्स की वार्षिक लेनदेन मात्रा लगभग 5 बिलियन डॉलर है।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह उन देशों में नियामकों के साथ काम करेगा जहां क्रिप्टो एक्सचेंज पंजीकृत हैं ताकि रूसी ग्राहकों के संचालन के बारे में जानकारी एकत्र की जा सके। इसने क्रिप्टोकरेंसी गतिविधि को रोकने के लिए चीन जैसे अन्य देशों में उठाए गए कदमों की ओर इशारा किया। बता दें कि एक समय चीन दुनिया में सबसे ज्यादा बिटकॉइन माइनर्स का ठिकाना था। लेकिन पिछले साल सितंबर में, चीन ने सभी क्रिप्टो लेनदेन और माइनिंग पर बैन लगाते हुए, क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता बिटकॉइन और अन्य प्रमुख कॉइन्स को झटका देते हुए और क्रिप्टो व ब्लॉकचैन से संबंधित शेयरों पर दबाव डालने के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी। डैनिलोवा ने कहा, "अभी के लिए चीन के अनुभव के समान क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है। हमने जो दृष्टिकोण प्रस्तावित किया है वह पर्याप्त होगा।"

अमेरिका और कजाकिस्तान के बाद रूस बिटकॉइन खनन में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा खिलाड़ी है। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी शक्तिशाली कंप्यूटरों द्वारा "माइन" की जाती हैं जो जटिल गणितीय पहेलियों को हल करने के लिए वैश्विक नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हैं। यह प्रक्रिया बिजली की खपत करती है और अक्सर जीवाश्म ईंधन द्वारा संचालित होती है। रूस के बैंक ने कहा, "सबसे अच्छा समाधान रूस में क्रिप्टोकरेंसी खनन पर प्रतिबंध लगाना है।"

चीन, बांग्लादेश, रूस, मिस्र, मोरक्को, तुर्की, ईरान, अल्जीरिया, बोलीविया, कोलंबिया, क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता इंडोनेशिया, नेपाल और उत्तरी मैसेडोनिया जैसे अन्य देशों ने भी हाल के दिनों में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है।

भारत में क्रिप्टो क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता करेंसी बैन कर सकती है सरकार, संसद के शीतकालीन सत्र में आएगा बिल

New Delhi : भारत में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश किया जाएगा. 29 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान विधेयक संसद में पेश होने की सूचना है. भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के लिए सरकार द्वारा विधेयक लाने की खबर के बाद क्रिप्टो बाजार में काफी गिरावट दर्ज की गई है. 23 नवंबर की रात सवा ग्यारह बजे के करीब प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में पंद्रह प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी गई. जिसमें बिटकॉइन में 17 प्रतिशत से अधिक, एथेरियम में लगभग 15 प्रतिशत और टीथर में लगभग 18 प्रतिशत की गिरावट आई. बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता देने वाला एकमात्र देश एल साल्वाडोर है.

क्रिप्टोकरेंसी फर रोक नहीं

आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोकरेंसी और विनियमन, कुल 26 विधेयकों में से एक है, जिन्हें पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. 16 नवंबर को क्रिप्टो फाइनेंस के “अवसरों और चुनौतियों” पर चर्चा करने के लिए बीजेपी के जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में डिजिटल मुद्राओं पर वित्त पर पहली स्थायी समिति इस आम सहमति पर पहुंच गई थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता है लेकिन इसे विनियमित किया जाना चाहिए.

पीएम मोदी ने क्या कहा था

18 नवंबर को सिडनी डायलॉग में मुख्य भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि क्रिप्टोकरेंसी “गलत हाथों में समाप्त न हो.”

अपवाद को छोड़ रहेगा प्रतिबंधित

लोकसभा के 23 नवम्बर को जारी बुलेटिन-II के मुताबिक इस प्रस्तावित विधेयक को लाने के पीछे दो मकसद है. इस बिल में कुछ अपवाद को छोड़कर सभी तरह के प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में प्रतिबन्ध लगाने का प्रस्ताव शामिल है. इसमें कुछ अपवादों का भी प्रावधान है जिससे क्रिप्टोकररेंसी से जुडी टेक्नोलॉजी और उसके इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सके. साथ ही, इस बिल में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा जारी होने वाले ऑफिसियल डिजिटल करेंसी के लिए एक सुविधाजनक फ्रेमवर्क तैयार करने का भी प्रावधान है.

डीजिटल करेंसी पर सरकार की नजर

इस विधेयक के तहत क्रिप्टो के निवेशक, डीलर, एप डेवलपर, माइनिंग करने वाले समेत सभी संबंधित पक्ष आएंगे. विधेयक के तहत क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा स्पष्ट होगी, यानी क्रिप्टो के दायरे में क्या होगा और क्या नहीं. इसमें स्पष्टता आएगी. इससे क्रिप्टो पर टैक्स और नियम-नियंत्रण संबंधी को लेकर भ्रम भी दूर होगा.

क्रिप्टो नहीं होगा भुगतान प्रणाली का हिस्सा

विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी का वैधानिक दायरा तय होने से बाजार में स्थिरता आएगी और निवेशकों के हितों की भी सुरक्षा की जाएगी. हालांकि सरकार और रिजर्व बैंक ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे क्रिप्टो को किसी भी तरह से भुगतान प्रणाली का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा. किसी भी तरह के डिजिटल पेमेंट सिस्टम में क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकार्यता नहीं होगी.

क्रिप्टो को परिभाषित करने की जरूरत

क्रिप्टो को डिजिटल एसेट के तौर पर परिभाषित किया जाएगा या फिर किसी कमोडिटी के तौर पर, यह भी अभी विचाराधीन है. दुनिया भर में सबसे प्रचलित क्रिप्टो बिटक्वाइन और ईथर है. ट्रेडिंग के साथ इनकी लगातार बढ़ती वैल्यू को लेकर भी निवेशकों का ध्यान इसकी ओर गया है.

क्रिप्टो करेंसी क्या है

आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल कैश प्रणाली है, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है. यह सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन रहती है. इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है.

बिटकॉइन का दुरुपयोग रोकना मुश्किल, जेटली ने गिनाई ये वजह

क्रिप्टोकरेंसी का एक फीचर ये है कि ये प्रशासन पर निर्भर नहीं होती: जेटली

बिटकॉइन का दुरुपयोग रोकना मुश्किल, जेटली ने गिनाई ये वजह

सरकार ने मंगलवार को साफ किया है कि आतंकवादी समूह या राष्ट्रविरोधी तत्व अगर बिटकॉइन या किसी दूसरे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे रोका नहीं जा सकता. सरकार का कहना है कि इस मामले में वो विशेषज्ञों की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.

राज्यसभा में अरुण जेटली ने क्या कहा?

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा-

क्रिप्टोकरेंसी का एक फीचर ये है कि ये प्रशासन पर निर्भर नहीं होती. इसमें अज्ञात रहकर कारोबार किया जा सकता है. ये वर्चुअल ग्रुप के बीच काम करता है, जिसका प्रोडक्शन और डिस्ट्रिब्यूनशन भी वर्चुअल कम्यूनिटी के भरोसे के आधार पर होता है.

उन्होंने कहा, "सरकार इसकी जांच कर रही है. आर्थिक मामलों के सचिव की अध्यक्षता में एक समिति क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रही है, ताकि इस पर सरकार कदम उठा सके. सरकार जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएगी और रिपोर्ट का इंतजार करेगी."

Q-जानकारी: क्या है बिटकॉइन?

ये एक वर्चुअल करेंसी है. मतलब वर्चुअल दुनिया की वर्चुअल करेंसी जिसका कोई फंडामेंटल आधार नहीं है. साफ है कि भारत में कोई भी सरकारी एजेंसी इसे रेगुलेट नहीं करती है. गोल्ड एक धातु है जिसकी अपनी वैल्यू होती है. डॉलर कितना महंगा या सस्ता होगा यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत पर निर्भर होता है. बिटकॉइन की सप्लाई सीमित है. इसकी वजह से थोड़ी भी मांग आने से इसकी कीमत में भारी उछाल आता है. जैसे-जैसे इसके बारे में खबरें फैल रही है, निवेशकों का रुझान इसकी तरफ आ रहा है और कीमत बढ़ रही है. खबरों के मुताबिक इसकी कीमत में इसी साल 1,400 फीसदी का इजाफा हुआ है.

785 तरह की क्रिप्टोकरेंसी चलन में

जेटली ने कहा कि दुनियाभर में 785 तरह की क्रिप्टोकरेंसी चलन में है. जेटली ने ये भी साफ किया कि क्रिप्टो-करेंसीज जैसे बिटकॉयन के इस्तेमाल को लेकर किसी प्रकार की कानूनी सुरक्षा उपलब्ध नहीं है, क्योंकि ये 'वैध मुद्रा' नहीं है.

(इनपुट: IANS)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

क्रिप्टोकरेंसी होगी रेग्यूलेट, टेरर फंडिंग रोकने को सरकार ने कसी कमर

Cryptocurrency

केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेट करने के लिए बिल लाने की तैयारी में है. इस खबर के सामने आने के बाद से ही एक के बाद एक सभी क्रिप्टोकरंसी क्रैश होने लगी है. इनमें निवेश करने वालों में इस बात को लेकर आशंका थी कि अब उनके पैसे का क्या होगा. सूत्रों का कहना है कि सरकार पूरी तरह से इस पर बैन नहीं लगाएगी. इसके जरिए होने वाले हवाला और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए इसे रेग्युलेट किया जा सकता है.

क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 को इसी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाएगा. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा. इन खबरों की वजह से Bitcoin का भाव गिरकर एक महीने के निचले स्तर पर आ गया है.

सूत्रों का कहना है कि आरबीआई के क्रिप्टोकरंसी को लेकर चिंता जाहिर करने के बाद केंद्र सरकार ने इसे रेग्युलेट करने की तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी को वैध करेंसी की मान्यता नहीं दी जाएगी क्योंकि यह असल करेंसी और देश क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता के टैक्स सिस्टम के लिए खतरा है. रेगुलेशन मैकेनिज्म तय होने के बाद क्रिप्टोकरेंसी का गलत इस्तेमाल नहीं हो पाएगा. सरकार को इस बात की फिक्र है कि क्रिप्टो का इस्तेमाल हवाला या टेरर फंडिंग में ना किया जाए.

कितना बड़ा क्रिप्टोकरंसी का बाजार
एक अनुमान की बात करें तो दुनिया भर में 7 हजार से ज्यादा अलग-अलग क्रिप्टोकरंसी मौजूद हैं. 2013 में दुनिया में सिर्फ BitCoin के नाम से पहली क्रिप्टोकरंसी थी. इसे साल 2009 में लॉन्च किया गया था. क्रिप्टोकरंसी को लेकर कई शेयर मार्केट ब्रोकर जेरोधा के फाउंडर ने भी कई सवाल उठाए हैं.

रेटिंग: 4.45
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 563
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *