सूचकांक विधि

ईंधन समूह की पाँच वस्तुओं का वर्ष 2012 और 2014 का मूल्य (रु.) में निम्नानुसार है । वर्ष 2012 को आधार वर्ष लेकर ईंधन समूह की पाँचों वस्तुओं का मूल्य का सामान्य सूचकांक की गणना कीजिए और ईंधन की वस्तुओं के मूल्य में कितनी वृद्धि हुई है यह बताइए ।
उत्तर :
यहाँ आधार वर्ष 2012 लेकर चालू वर्ष 2015 के लिए मूल्य का सामान्य सूचकांक ज्ञात करना है । आधार वर्ष के मूल्य को p0 और चालू वर्ष के मूल्य को p1 से दर्शाकर मूल्य सापेक्ष \(\) प्राप्त करेंगे । गणना निम्नानुसार करेंगे ।
लकड़ी किग्रा योग ईंधन समूह की पाँच वस्तुओं का सामान्य सूचकांक
I = \(\frac<\Sigma\left(\frac>><\mathrm_0>\right)><\mathrm
= \(\frac\) × 100
I = 126.44
∴ ईंधन समूह का सूचकांक I = 126.44 प्राप्त होगा ।
∴ वर्ष 2012 की अपेक्षा वर्ष 2014 में ईंधन समूह के मूल्य में (126.44 – 100) = 26.44 % जितनी वृद्धि हुई है ।
Gujarat Board Textbook Solutions Class 12 Statistics Part 1 Chapter 1 सूचकांक Ex 1.1
Gujarat Board Statistics Class 12 GSEB Solutions Part 1 Chapter 1 सूचकांक Ex 1.1 Textbook Exercise Questions and Answers.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 12 Statistics Part सूचकांक विधि 1 Chapter 1 सूचकांक Ex 1.1
प्रश्न 1.
एक शहर के कारखाने में कार्यरत कर्मचारियों के समूह की वर्ष 2008 से 2015 दौरान दैनिक औसत वेतन की निम्नलिखित सूचना पर से
(1) अचल आधार की विधि (आधार वर्ष 2008 लेकर)
(2) परम्परित आधार की विधि से और
(3) वर्ष 2011 से 2013 के दैनिक औसत के वेतन की औसत को आधार लेकर अचल आधार की विधि से सूचकांक की गणना कीजिए ।
उत्तर :
प्रश्न 2.
एक शहर में चीनी के फूटकर मूल्य की निम्नलिखित सूचना पर से
(1) वर्ष 2008 को आधार वर्ष लेकर अचल आधार की रीति
(2) परंपरित आधार की रीति से और
(3) वर्ष 2009 और 2010 के चीनी के मूल्य की औसत को आधार वर्ष के मूल्य लेकर चीनी के मूल्य का सूचकांक की गणना कीजिए ।
उत्तर :
प्रश्न 3.
किसी एक शहर के थोक बाजार में से गेहूँ, चावल, चीनी के वार्षिक औसत मूल्य की सूचना निम्नलिखित मिली है । उस पर से वर्ष 2011 को आधार वर्ष लेकर अचल आधार और परम्परित आधार का तीनों वस्तुओं का मूल्य का सामान्य सूचकांक की गणना कीजिए ।
उत्तर :
(1) अचल आधार की रीति से
(2) परम्परित आधार की विधि
प्रश्न 4. _0>\right)><\mathrm प्रश्न 12. सूचकांकों की सीमा बताइये। उत्तर- (i) माध्यों की सीमाएँ- सूचकांकों की रचनाओं में जिस माध्य का यथा समान्तर माध्य, गुणोत्तर माध्य तथा माध्यिका आदि का प्रयोग होता है। उनकी अपनी सीमाओं का प्रभाव भी सूचकांक पर पड़ता है। (ii) सापेक्ष परिवर्तनों के अनुमान मात्र- सूचकांक विभिन्न घटनाओं में होने वाले सापेक्षिक परिवर्तनों के केवल मात्र या सन्निकटतः संकेतक ही होते हैं। (iii) प्रतिदर्श के कारण अत्यधिक शुद्धता की कमी। (iv) उद्देश्य तथा विधि का अन्त। (v) गुणात्मक परिवर्तनों की उपेक्षा। (vi) अन्य सीमाएँ- आधार वर्ष और प्रतिनिधि वस्तुओं के चयन में पक्षपात होने के कारण भी कभी-कभी सूचकांकों से भ्रामक निष्कर्ष निकलते हैं। धारा 48 के लिए नई धारा का प्रतिस्थापन. प्र 24 आयकर अधिनियम की धारा 48 के लिए, निम्न अनुभाग अर्थात् सूचकांक विधि 1 अप्रैल दिन, 1993, से प्रभावी, प्रतिस्थापित किया जाएगा: - '48. . सिर'' पूंजी gain9 तहत अभिकलन की विधि आय प्रभार्य "प्राप्त विचार का पूरा मूल्य से घटाने या पूंजी परिसंपत्ति का हस्तांतरण का एक परिणाम के रूप में निम्नलिखित मात्रा में एकत्रित द्वारा, गणना की जाएगी: - (मैं) खर्च इस तरह के हस्तांतरण के संबंध में पूर्ण और विशेष सूचकांक विधि रूप से किए गए; (Ii) संपत्ति और किसी भी सुधार बहां की लागत के अधिग्रहण की लागत; एक निर्धारिती के मामले में, एक अनिवासी जो किया जाता है. में एक पूंजी परिसंपत्ति जा रहा है शेयरों के हस्तांतरण, या के डिबेंचरों से उत्पन्न होने वाले पूंजीगत लाभ, एक भारतीय कंपनी इस तरह के हस्तांतरण और का पूरा मूल्य के संबंध में पूर्ण और विशेष रूप से किए गए अधिग्रहण, व्यय की लागत परिवर्तित द्वारा गणना की जाएगी. ध्यान, प्राप्त या शुरू में शेयरों या डिबेंचरों की खरीद में उपयोग किया गया था, और इसलिए इस तरह के विदेशी मुद्रा में गणना पूंजीगत लाभ भारतीय मुद्रा में reconverted किया जाएगा के रूप में ही विदेशी मुद्रा में पूंजी परिसंपत्ति का हस्तांतरण का सूचकांक विधि एक परिणाम के रूप में एकत्रित तो, हालांकि, पूंजीगत लाभ की गणना के उपरोक्त तरीके से, उसके बाद में एकत्रित या हर पुनर्निवेश से उत्पन्न होने वाले पूंजीगत लाभ का सम्मान, और की बिक्री में लागू होगा कि में शेयर, या एक भारतीय कंपनी के डिबेंचर: आगे लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ की, या डिबेंचरों में शेयरों के हस्तांतरण से एक अनिवासी करने के लिए उत्पन्न होने वाले पूंजीगत लाभ के अलावा और एक दीर्घकालिक पूंजी परिसंपत्ति के स्थानांतरण से पैदा होती है जहां, बशर्ते कि एक भारतीय कंपनी पहले में करने के लिए भेजा शब्दों "अधिग्रहण की अनुक्रमित लागत" और "किसी भी सुधार की अनुक्रमित लागत" क्रमशः प्रतिस्थापित किया गया था शब्द "अधिग्रहण की लागत" और "किसी भी सुधार की लागत" के लिए सूचकांक विधि के रूप में यदि परंतुक, खंड के प्रावधानों (द्वितीय) प्रभावी होंगे . स्पष्टीकरण -. इस खंड के प्रयोजनों के लिए, - (मैं) "विदेशी मुद्रा" और "भारतीय मुद्रा" क्रमशः विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 की धारा 2 में उन्हें सौंपा अर्थ होगा; (1973 का 46) (Ii) विदेशी मुद्रा और भारतीय मुद्रा में विदेशी मुद्रा की पुनः परिवर्तन में भारतीय मुद्रा के रूपांतरण इस संबंध में निर्धारित विनिमय की दर से होगा; (Iii) "अधिग्रहण की अनुक्रमित लागत" अधिग्रहण की लागत को संपत्ति संपत्ति थी जो पहले साल के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के लिए भालू सौंप दिया है, जिसमें वर्ष के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के रूप में एक ही अनुपात भालू जो एक राशि का मतलब निर्धारिती द्वारा या जो भी बाद में अप्रैल, 1981, के 1 दिन पर शुरुआत साल के लिए आयोजित; (Iv) "किसी भी सुधार की अनुक्रमित लागत" सुधार की लागत की संपत्ति वर्ष के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के लिए भालू सौंप दिया है, जिसमें वर्ष के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के रूप में एक ही अनुपात भालू जो एक राशि का मतलब सुधार के लिए जो में परिसंपत्ति जगह ले ली; (V) किसी भी वर्ष के लिए "मूल्य मुद्रास्फीति सूचकांक", अधिसूचना में सूचकांक विधि से, जो साल के लिए शहरी गैर मैनुअल कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में औसत वृद्धि प्रतिशत के प्रति पचहत्तर सूचकांक विधि को ध्यान में रखते सकता है केन्द्र सरकार के रूप में इस तरह के सूचकांक का मतलब सरकारी राजपत्र, इस संबंध में निर्दिष्ट करें. '. अध्याय 12. सूचकांक या निर्देशांक सूचकांक एक सांख्यिकीय माप या विधि है जो किसी दिए गए चरों या चरों के समूह में होने वाले परिवर्तन को दर्शाता है | सूचकांकों की विशेषताएँ : (i) परिवर्तनों के सापेक्ष माप : सूचकांकों की सहायता से विभिन्न समय में चर या चरों के सापेक्ष या प्रतिशत परिवर्तनों का माप किया जाता है | इसका अर्थ यह है की सापेक्ष माप किसी वस्तु की कीमत में आधार वर्ष की तुलना में वर्त्तमान वर्ष सूचकांक विधि में कीमतों में परिवर्तन का माप होता है | उदाहरण: (ii) संख्यात्मक रूप में व्यक्त : सूचकांकों को संख्यात्मक रूप में व्यक्त किया जाता है | (iii) औसत: सूचकांकों को औसत के रूप में व्यक्त किया जाता है | सूचकांकों की रचना में कठिनाईयाँ या समस्याएँ : (i) सूचकांक अलग-अलग उदेश्यों कि पूर्ति करते हैं अत: सूचकांक ज्ञात करने से पहले यह निर्धारित करना पड़ता है कि सूचकांक किस उदेश्य से बनाया जा रहा है | एक सूचकांक सभी उदेश्यों कि पूर्ति नहीं करते हैं | (ii) सूचकांक ज्ञात करने के लिए दूसरा कार्य है आधार वर्ष का चुनाव जिससे वर्त्तमान वर्ष की तुलना की जानी हैं | (iii) उसके बाद वस्तुओं एवं सेवाओं का चुनाव करना होता है, सूचकांक विधि क्योंकि सूचकांक बनाते समय सभी वस्तुओं एवं सेवाओं को शामिल नहीं किया जाता है | अत: हमें उन्हीं वस्तुओं या सेवाओं का चुनाव करना होता है जिसका हमें सूचकांक ज्ञात करना है | (iv) वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों का चुनाव, सूचकांक विधि इसमें यह देखा जाता है की हमें सूचकांक थोक कीमत के लिए ज्ञात करना है या फुटकर कीमत के लिए ज्ञात करना है | (v) सूचकांक ज्ञात करने के लिए कीमतों का औसत ज्ञात करना होता है | (vi) सूचकांक ज्ञात करने के लिए चरों को महत्व दिया जाता है जिसे भारांकन कहा जाता है | इसके लिए भारांकन विधि का चुनाव किया जाता है | (vii) सूत्र का चुनाव | सूचकांकों के लाभ अथवा उपयोग : (i) कीमत स्तर या मुद्रा के माप के मूल्य को बताता है | (ii) सूचकांकों कि सहायता से समाज में जीवन-स्तर में परिवर्तन का ज्ञान प्राप्त होता है | चूँकि जीवन-स्तर में परिवर्तन व्यक्ति के आय पर निर्भर है | जीवन निर्वाह खर्च बढ़ जाने से लोगो का जीवन स्तर गिर जाता है | (iii) यह व्यापारी या व्यवसायी वर्गों के लिए उपयोगी होता है | (iv) किसी देश में दिए जा रहे वेतन एवं भत्ते में सामंजस्य बिठाने के लिए सूचकांकों कि सहायता ली जाती है | (v) सरकारी नीतियों की आलोचना करने के लिए राजनीतिज्ञ वर्ग सूचकांकों का उपयोग करते है | (vi) सरकार सूचकांकों की सहायता से ही अपनी मौद्रिक तथा राजकोषीय नीति का निर्धारण करती है | सूचकांकों की सीमाएँ (कमियाँ) : (i) सुचाकांके पूर्ण सत्य नहीं होती है | ये केवल गणितीय परिवर्तन कि प्रवृति को ही व्यक्त करते है | (ii) सूचकांकों का आधार अलग-अलग देशों में अलग-अलग होता है जिससे अंतर्राष्ट्रीय तुलना संभव नहीं है | (iii) स्थान एवं समय परिवर्तन होने पर सूचकांकों कि सहायता से तुलना करना कठिन हो जाता है | (iv) सूचकांकों को भार देने का कोई वैज्ञानिक तरीका नहीं है अत: भार देने में दोष होने की संभावना रहती है | (v) अधिकतर सूचकांक थोक कीमतों पर बनाए जाते हैं | फुटकर कीमतों का आभाव होता है जबकि वास्तविक जीवन में फुटकर कीमतों का अधिक महत्त्व है | सरल समूल विधि- यह सूचकांक के निर्माण की सरलतम रीति है। इसके अनुसार वर्तमान वर्ष के विभिन्न वस्तुओं के मूल्यों के जोड़ को आधार वर्ष के मूल्यों के जोड़ से भाग देकर 100 से गुणा कर दिया जाता है। N= मदों की संख्या उदाहरण– साधारण मूल्यानुपातों की माध्य विधि द्वारा ऑकड़ों से मूल्य सूचकांक का निर्माण कीजिए। Describe in brief what is ALM (asset management liability)And also describe the types of tools used for asset liability management. 1.If you were to set up a business venture, what would be your personal purpose for doing so? What type of business would you set up? What would be th … e mission of this enterprise? Craft a personal and an enterprise mission statement.2.What is your compelling business concept? What would be your vision for your business five years after setting it up?3.What name would you give to your business venture? What is the significance of that name? Would it project the image you desire for your business?4.If you were to invite investors to your business, who would they be and why? What are the possible sources of financing for your business venture?
ईंधन समूह की पाँच वस्तुओं का वर्ष 2012 और 2014 का मूल्य (रु.) में निम्नानुसार है । वर्ष 2012 को आधार वर्ष लेकर ईंधन समूह की पाँचों वस्तुओं का मूल्य का सामान्य सूचकांक की गणना कीजिए और ईंधन की वस्तुओं के मूल्य में कितनी वृद्धि हुई है यह बताइए ।
उत्तर :
यहाँ आधार वर्ष 2012 लेकर चालू वर्ष 2015 के लिए मूल्य का सामान्य सूचकांक ज्ञात करना है । आधार वर्ष के मूल्य को p0 और चालू वर्ष के मूल्य को p1 से दर्शाकर मूल्य सापेक्ष \(\) प्राप्त करेंगे । गणना निम्नानुसार करेंगे ।
लकड़ी किग्रा योग ईंधन समूह की पाँच वस्तुओं का सामान्य सूचकांक
I = \(\frac<\Sigma\left(\frac
= \(\frac\) × 100
I = 126.44
∴ ईंधन समूह का सूचकांक I = 126.44 प्राप्त होगा ।
∴ वर्ष 2012 की अपेक्षा वर्ष 2014 में ईंधन समूह के मूल्य में (126.44 – 100) = 26.44 % जितनी वृद्धि हुई है ।सूचकांक विधि
सूचकांक विधि
CBSE NOTES for class 11 th
12. सूचकांक या निर्देशांक : Economics class 11 th:Hindi Medium NCERT Book Solutions
CBSE Notes ⇒ Class 11th ⇒ Economics ⇒ Chapter 12. सूचकांक या निर्देशांक:
NCERT Books Subjects for class 11th Hindi Medium
12. सूचकांक या निर्देशांक
3. औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक (निर्देशांक) बनाने की विधि स्पष्ट कीजिए।
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