आप विदेशी मुद्रा का व्यापार कहां कर सकते हैं

विदेशी मुद्रा विनिमय
विदेशी मुद्रा बाजार मुद्राओं के व्यापार के लिए एक वैश्विक विकेन्द्रीकृत या ओवर-द-काउंटर बाजार है। यह बाजार विदेशी मुद्रा दर निर्धारित करता है। इसमें वर्तमान या निर्धारित कीमतों पर मुद्राओं को खरीदने, बेचने और विनिमय करने के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है
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Bharat me liye base jyada bedesi mudra job admit keys h
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क्या विदेशी मुद्रा भंडार का 17% फूंक देगा RBI?
आरबीआई 100 अरब डालर खर्च करके रुपये के दाम को स्थिर करने की कोशिश कर रही है
• इस साल जनवरी से अब तक रुपया सात फीसदी टूट चुका है
• पिछले साल सितंबर में विदेशी मुद्रा का भंडार 642 अरब डालर था . अब ये गिरकर 580 अरब डालर हो गया
• यानी साठ अरब डालर विदेशी मुद्रा का आप विदेशी मुद्रा का व्यापार कहां कर सकते हैं भंडार वैसे ही कम हो गया है.
• उपर से क्रूड आयल के इम्पोर्ट पर अंधाधुंध डालर खर्च हो रहा है.
• एक क्वाटर में ही 47 अरब डालर के क्रूड आयल का निर्यात बढ़ चुका है. भी
• क्रूड आयल का इम्पोर्ट 89 परसेंट बढ़ गया है.
• इसका मतलब है कि चार आप विदेशी मुद्रा का व्यापार कहां कर सकते हैं महीने में डालर को ऊपर लाने के लिए आप 100 अरब खर्च करेंगे और अतिरिक्त पेट्रोल खरीदने पर ही मुद्राबाजार में चार महीने में इसका आधा खर्च हो जाएगा यानी मेहनत गई पानी में
• एक क्वाटर में इतनी बढ़ोतरी हुई है
• इसके अलावा पेट्रोलियम प्रोडक्ट भी दस दशमलव सात प्रतिशत इम्पोर्ट हुए हैं
• यानी घरेलू जरूरतों के लिए आपको पेट्रोल बाहर से मंगाना पड़ा है
• दशा ये है कि कच्चे तेल का दाम आसमान छूने वाला है . एक आशंका जताई गई है कि रूसी कच्चे तेल पर अहर
• प्रतिबंध लगते हैं तो वो 200 डालर प्रति बैरल बढ़ जएगा यानी दाम होगा डबल से ज्यादा
• उस हालत में होने वाला है ये ऊंट के मुंह में जीरा
• 580 डालर विदेशी मुद्रा भंडार है
• 100 अरब डालर चार महीने में खर्च किया जा सकता है
• 47 अरब डालर तो एक तिमाही में ही क्रूड इम्पोर्ट का खर्च बढ़ गया.
• अब अगर दाम दो सौ डालर जाता है तो ये संख्या एक तिमाही में ही 100 अरब डालर पार कर जाएगी
• यानी इम्पोर्ट इतने का बढ़ेगा.
• हम किस ओर बढ़ रहे हैं
• भारत का व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है यानी आब इम्पोर्ट करने के मुकाबले एक्सपोर्ट ज्यादा कर रहेहैं.
• ये दुगुना हो गया है. 2020 में ये 51000 करोड़ था जो 2021 में एक लाख बारह हजार करोड़ हो गया.
• डालर में ही व्यापारहोता है. जितना ज्यादा व्यपार घाटा उतना डालर का बोझ
• आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक15 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 7.541 अरब डॉलर घटकर 572.712 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले के सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.252 अरब डॉलर रह गया था। स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 83 करोड़ डॉलर घटकर 38.356 अरब डॉलर रह गया।
• कर्ज चुकाने के लिए भी डालर की जरूरत होती है. जितना विदेशी कर्ज होगा उतने ज्यादा डालर नियमित खर्च होंगे
Dollar vs Rupee: सबके लिए घाटे का सौदा नहीं होता गिरता रुपया, इन भारतीयों को हो रहा है मोटा फायदा!
Dollar vs Rupee: डॉलर ने यूरोप से लेकर अमेरिकी महाद्वीप की कई बड़ी अर्थव्यवस्था वाली करेंसी को भी गहरी चोट पहुंचाई है. लेकिन भारतीय रुपये की गिरती कीमत कुछ लोगों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 17 जुलाई 2022,
- (अपडेटेड 17 जुलाई 2022, 2:04 PM IST)
- एक्सपोर्टरों को भी मिलता है गिरते रुपये का फायदा
- इंपोर्ट के लिए खर्च करनी पड़ती है अधिक रकम
डॉलर (Dollar) के मुकाबले भारतीय रुपया (Indian Currency) इन दिनों अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. रुपया डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर लुढ़क चुका है. गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 79.99 पर बंद हुआ था. हालांकि, ऐसा नहीं है कि डॉलर के मुकाबले सिर्फ भारतीय करेंसी ही कमजोर हुई है. डॉलर ने यूरोप से लेकर अमेरिकी महाद्वीप की कई बड़ी अर्थव्यवस्था वाली करेंसी को भी गहरी चोट पहुंचाई है. लेकिन भारतीय रुपये की गिरती कीमत कुछ लोगों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.
कैसे मिल रहा है फायदा
मान लीजिए कि आपके घर का कोई व्यक्ति अमेरिका (USA) में किसी सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी करता है. चूंकि अमेरिका की करेंसी डॉलर है, तो उसे भी सैलरी इसी करेंसी में मिलती है. इसके बाद वो अपनी सैलरी भारत में आपके पास भेजता है. डॉलर में भेजी गई रकम आपको एक्सचेंज (Currency Exchange) के बाद भारतीय रुपये में मिलती है. ऐसे में अगर आज के समय में एक डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू करीब 80 रुपये हो गई है, तो आपके लिए डॉलर में भेजी गई रकम भी इसी अनुपात में मिलेगी.
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अगर 100 डॉलर आपके लिए किसी ने भेजा है, तो आज के समय भारतीय करेंसी (Indian Currency) में ये लगभग 8000 रुपये होगी. वहीं, अगर डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की वैल्यू 70 रुपये होती, तो आपको 7000 रुपये मिलते. यानी 1000 रुपये आपको कम प्राप्त होते. इस तरह रुपये की गिरती वैल्यू के बीच भी कई लोगों को तगड़ा फायदा मिल रहा है.
कितना आता है विदेशों से पैसा
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत में विदेशों से साल 2020 में 83 अरब डॉलर से अधिक धन भेजा गया था. वहीं, 2021 में 87 अरब डॉलर की रकम भारत आई थी. विदेशों में नौकरी कर रहे भारतीय भारी मात्रा में पैसा देश में अपने परिवारों के पास भेजते हैं. इससे देश के विदेशी मुद्रा कोष को फायदा होता है.
एक्सपोर्टरों के लिए भी फायदे का सौदा
जब भी डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू गिरती है, तो एक्सपोर्टर फायदे में रहते हैं. सॉफ्टवेयर कंपनियां और फार्मा कंपनियां इसका अधिक फायदा उठाती हैं. क्योंकि उन्हें पेमेंट का भुगतान डॉलर में मिलता है, जिसकी वैल्यू भारत में आकर बढ़ जाती है. इस वजह उन्हें रुपये में आई गिरावट का फायदा मिलता है.
हालांकि, कुछ एक्सपोर्टर अधिक महंगाई दर की वजह से इसका फायदा नहीं उठा पाते हैं, क्योंकि उनके प्रोडक्ट की लागत बढ़ जाती है. पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, मशीनरी सामान बनाने वाली कंपनियों की प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ जाती है.
भारत अधिक इंपोर्ट करने वाला देश
भारत एक्सपोर्ट के मुकाबले अधिक इम्पोर्ट करने वाला देश है. यानी ऐसी बहुत सी वस्तुएं हैं जिनके लिए हम विदेशों से आयात पर निर्भर करते हैं. पेट्रोलियम उत्पाद के साथ-साथ खाद्य तेल और इलेक्ट्रॉनिक सामान महत्वपूर्ण है. ऐसे में अब जब डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 80 रुपये के स्तर तक पहुंच गया है. इस वजह हमें अब आयात के लिए अधिक पैसा खर्च करना पडे़गा.
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक तेजी कई अंतरराष्ट्रीय कारणों की वजह से रुपये में लगातार गिरावट देखी जा रही है. इस बीच देश के विदेशी मुद्रा भंडार (India's Forex Reserve) में तेजी से गिरावट आई है. देश का व्यापार घाटा भी बढ़ा है. जून में देश का व्यापार घाटा 26.18 अरब डॉलर रहा है. रुपये को संभालने के लिए आरबीआई ने खुले मार्केट में डॉलर की बिक्री भी की है, लेकिन अभी तक इसका असर दिख नहीं रहा है.
मुद्रा विनिमय
एक मुद्रा विनिमय एक लाइसेंस प्राप्त व्यवसाय है जो अपने ग्राहकों के लिए एक मुद्रा का दूसरे के लिए विनिमय करने का कानूनी अधिकार है। भौतिक मुद्रा (सिक्के और कागज के बिल) का मुद्रा विनिमय, आमतौर पर टेलर स्टेशन पर एक काउंटर पर किया जाता है। ये अक्सर हवाई अड्डों और कॉल के अन्य विदेशी बंदरगाहों पर स्थित होते हैं। बैंक, होटल और रिसॉर्ट भी मुद्रा-बदलने वाली सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। मुद्रा विनिमय मामूली शुल्क लगाकर और मुद्रा में फैल बोली-पूछ के माध्यम से पैसा बनाते हैं ।
ब्यूरो डे बदलाव या कासा डे कैंबियो के रूप में भी जाना जाता है, एक मुद्रा विनिमय विदेशी मुद्रा (विदेशी मुद्रा) बाजार के लिए भ्रमित नहीं होना चाहिए जहां व्यापारी और वित्तीय संस्थान मुद्राओं में लेनदेन करते हैं।
चाबी छीन लेना
- मुद्रा विनिमय ऐसे व्यवसाय हैं जो ग्राहकों को एक मुद्रा को दूसरे के लिए स्वैप करने की अनुमति देते हैं।
- मुद्रा विनिमय भौतिक स्थानों में पाया जा सकता है, जैसे कि बैंकों या हवाई अड्डों पर, लेकिन ऑनलाइन तेजी से बढ़ रहे हैं।
- मुद्रा विनिमय शुल्क इतना भिन्न होता है कि क्रेडिट कार्ड शुल्क समायोजित विनिमय दरों के माध्यम से भुगतान की गई फीस से कम हो सकता है।
मुद्रा विनिमय कैसे काम करता है
मुद्रा विनिमय व्यवसाय, दोनों भौतिक और ऑनलाइन, आप खरीद और बिक्री को निष्पादित करके एक देश की मुद्रा को दूसरे के लिए विनिमय करने की अनुमति देते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास अमेरिकी डॉलर हैं और आप उन्हें ऑस्ट्रेलियाई डॉलर के लिए स्पॉट रेट आप विदेशी मुद्रा का व्यापार कहां कर सकते हैं पर निर्भर होगी, जो मूल रूप से बैंकों के नेटवर्क द्वारा एक दैनिक परिवर्तन मूल्य है, जो व्यापार मुद्राएं हैं।
मुद्रा विनिमय स्टोर एक निश्चित प्रतिशत द्वारा दर को संशोधित करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह लेनदेन पर लाभ कमाता है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि अमेरिकी डॉलर को ऑस्ट्रेलियाई डॉलर में बदलने के लिए स्पॉट रेट को दिन के लिए 1.2500 के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इसका मतलब है कि खर्च किए गए प्रत्येक अमेरिकी डॉलर के लिए, आप स्पॉट रेट पर कारोबार करने पर 1.25 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर खरीद सकते हैं। लेकिन मुद्रा विनिमय स्टोर इस दर को 1.20 तक संशोधित कर सकता है, जिसका अर्थ है कि आप 1 अमेरिकी डॉलर में 1.20 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर खरीद सकते हैं। इस काल्पनिक दर परिवर्तन के साथ, उनकी फीस प्रभावी रूप से डॉलर पर 5 सेंट होगी।
क्योंकि लेन-देन एटीएम या क्रेडिट कार्ड की फीस को कम करना महंगा है, बजाय इसके कि आगे एक्सचेंज सेवाओं का उपयोग करें समय। यात्रियों को यह अनुमान लगाने की सलाह दी जाती है कि वे यात्रा पर कितना पैसा खर्च करेंगे और विशिष्ट लेनदेन के माध्यम से बचाई गई राशियों की तुलना करेंगे।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुद्रा परिवर्तनीयता आवश्यक है और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य और वित्त के लिए महत्वपूर्ण है। एक मुद्रा जो असाध्य है, व्यापार, विदेशी निवेश और पर्यटन के लिए बड़ी बाधाएं खड़ी करती है।
मुद्रा विनिमय कहां खोजें
मुद्रा विनिमय व्यवसाय जो इस तरह के लेनदेन का संचालन करते हैं, उन्हें विभिन्न रूपों और स्थानों में पाया जा सकता है। यह एक स्टैंड-अलोन हो सकता है, एकल कार्यालय से बाहर संचालित होने वाला छोटा व्यवसाय, या हवाई अड्डों पर छोटे विनिमय-सेवा बूथों की एक बड़ी श्रृंखला हो सकती है, या यह अपने टेलर स्टेशनों पर मुद्रा विनिमय सेवाओं की पेशकश करने वाला एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय बैंक हो सकता है।
मुद्रा विनिमय के लिए हवाई अड्डे आम हैं जहां यात्री अपने यात्रा गंतव्य की मुद्रा खरीदते हैं या अपनी वापसी पर किसी भी अतिरिक्त धन को अपनी स्थानीय मुद्रा में वापस करते हैं। क्योंकि हवाई अड्डों को कॉल के अंतिम बंदरगाह के रूप में देखा जाता है, हवाई अड्डे के एक्सचेंजों में दरें, सामान्य रूप से प्रस्थान के शहर में एक बैंक की तुलना में अधिक महंगी होंगी।
कैशलेस होना अधिक आम होता जा रहा है क्योंकि कुछ बैंक कार्ड प्रदान करते हैं जो उन पर कई मुद्राओं को कम या बिना किसी शुल्क के लोड कर सकते हैं। इसके अलावा, अपतटीय एटीएम वैश्विक बैंक के साथ उन बैंकिंग के लिए एक व्यवहार्य विकल्प हैं। उदाहरण के लिए, एचएसबीसी एटीएम न्यूयॉर्क, लंदन और अधिकांश बड़े एशियाई शहरों में प्रचलित हैं।
मुद्रा विनिमय सेवाओं को उन व्यवसायों के माध्यम से भी पाया जा सकता है जो इन सेवाओं को ऑनलाइन प्रदान करते हैं। यह एक बैंक, विदेशी मुद्रा दलाल या अन्य वित्तीय संस्थान द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के हिस्से के रूप में पेश किया जा सकता है । एक मुद्रा विनिमय व्यापार लाभ अपनी सेवाओं से विनिमय दर या चार्ज फीस या दोनों को समायोजित करके ।
अपने देश के बाहर यात्रा करते समय, देश-विशिष्ट शुल्क देखें। उदाहरण के लिए, क्यूबा जाने वाले अमेरिकी यात्रियों को संभवतः वहां जाने से पहले यूरो या कनाडाई डॉलर के लिए अपने अमेरिकी डॉलर का आदान-प्रदान करना फायदेमंद होगा क्योंकि क्यूबा अमेरिकी डॉलर के साथ क्यूबा परिवर्तनीय पीसो (CUC) खरीदने वाले पर्यटकों पर 10 प्रतिशत कर लगाता है।
खुदरा विदेशी मुद्रा बाजार में बोली-पूछें फैलता है
मुद्रा विनिमय ग्राहकों को उनकी सेवाओं के लिए शुल्क लगाकर अपना पैसा कमाते हैं, लेकिन मुद्रा में फैल बोली-पूछ का लाभ उठाकर भी। बोली मूल्य क्या डीलर एक मुद्रा के लिए भुगतान करने के इच्छुक है, जबकि है पूछना कीमत दर, जिस पर एक डीलर एक ही मुद्रा बेच देंगे है।
उदाहरण के लिए, एलेन यूरोप जाने वाला एक अमेरिकी यात्री है। हवाई अड्डे पर यूरो खरीदने की लागत को निम्नानुसार उद्धृत किया जा सकता है:
उच्च मूल्य (USD 1.40) प्रत्येक यूरो खरीदने की लागत है। एलेन EUR 5,000 खरीदना चाहता है, इसलिए उसे डीलर को 7,000 USD का भुगतान करना होगा।
यह भी मान लें कि लाइन में अगला यात्री अभी अपनी यूरोपीय छुट्टी से लौटा है और यूरो को बेचना चाहता है जिसे उसने छोड़ दिया है। Katelyn को बेचने के लिए EUR 5,000 है। वह यूरो को 1.30 डॉलर (कम कीमत) की बोली मूल्य पर बेच सकती है और उसे यूरो के बदले में 6,500 अमरीकी डालर प्राप्त होंगे।
बोली-पूछने के प्रसार के कारण, कियोस्क डीलर इस लेनदेन से USD 500 का लाभ कमाने में सक्षम है (USD 7,000 और USD 6,500 के बीच का अंतर)।
जब एक मानक बोली का सामना करना पड़ता है और एक मुद्रा के लिए मूल्य पूछना होता है, तो उच्च कीमत वह है जो आप मुद्रा खरीदने के लिए भुगतान करेंगे और कम कीमत वह है जो आप मुद्रा को बेचने के लिए प्राप्त करेंगे।
शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 519 अंक और टूटा
नवभारत टाइम्स 6 घंटे पहले
मुंबई, 21 नवंबर (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में भी जारी रहा। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच बीएसई सेंसेक्स 518 अंक से अधिक टूट गया।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 518.64 अंक यानी 0.84 प्रतिशत टूटकर 61,144.84 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 604.15 अंक तक नीचे चला गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 147.70 अंक यानी 0.81 प्रतिशत टूटकर 18,159.95 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, विप्रो और टाटा स्टील प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में भारती एयरटेल, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर और पावरग्रिड शामिल हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट घरेलू अर्थव्यवस्था के लिये काफी सकारात्मक है। हालांकि, वैश्विक बाजारों में चुनौतियों के कारण बाजार में स्थिति अनुकूल नहीं रही। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का मौद्रिक नीति के स्तर पर कड़ा रुख जारी रहने की आशंका और चीन में कोविड महामारी को लेकर पाबंदियों से अंतरराष्ट्रीय बाजार पर असर पड़ा है।’’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘‘निफ्टी लगातार तीसरे दिन नुकसान में रहा। वैश्विक स्तर पर निवेशक चीन में कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये नई पाबंदियों के आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।’’
बीएसई ‘मिडकैप’ और ‘स्मॉलकैप’ क्रमश: 0.15 प्रतिशत और 0.01 प्रतिशत नुकसान में रहे।
एशिया के आप विदेशी मुद्रा का व्यापार कहां कर सकते हैं अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में, जबकि जापान का निक्की लाभ में रहा।
यूरोप में बाजार शुरुआती कारोबार में नुकसान में रहे। अमेरिका में वॉल स्ट्रीट शुक्रवार को बढ़त में रहा था।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.91 प्रतिशत की गिरावट के साथ 86.82 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 751.20 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।