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अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है

अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है
नवभारत टाइम्स 5 दिन पहले

International Trade Fair 2022: दिल्ली में व्यापार मेला शुरू, इन दिन से मिलेगी आम लोगों को एंट्री, जानें- मेले का समय और टिकट के दाम

Delhi International Trade Fair 2022: 14 से लेकर 27 नवंबर तक दिल्ली में लगने वाले भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में 14 से 18 तारीख तक बिजनेस चेंज होंगे. इसमें आम आदमी को जाने की अनुमति नहीं होगी.

By: ABP Live | Updated at : 14 Nov 2022 12:42 PM (IST)

(अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2022, फाइल फोटो: पीटीआई)

Delhi International Trade Fair 2022: दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवंबर के बीच 41वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 शुरू हो गया है. व्यापार मेले का समय सुबह 10 से शाम साढ़े सात बजे तक है. कोरोना महामारी की वजह से 2 साल बाद इस मेले को लेकर आयोजकों के साथ-साथ आम लोगों में भी खासा उत्साह है. व्यापार मेले में गेट संख्या 10 (सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन के नजदीक) और भैरव मार्ग गेट नंबर-4 अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है से एंट्री मिलेगी.

इस बार के व्यापार मेले की सबसे बड़ी बात यही है कि 40 साल बाद यानी 1979 के बाद मेला परिसर का क्षेत्रफल सबसे ज्यादा होगा. जानकारी के मुताबिक तकरीबन 75,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में मेले का आयोजन हो रहा है. व्यापार मेले से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक 14 नवंबर से शुरू होने वाले मेले के अंतिम दिन यानी 27 नवंबर को दर्शकों को मेले में दोपहर 2 बजे तक ही प्रवेश मिलेगा. इसके साथ ही इस अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है दिन 4 बजे तक ही मेला देखने की अनुमति होगी. व्यापार मेले में आने वाले लोग भैरों मार्ग पर बनी पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर सकते हैं.

14 से 18 तारीख के बीच व्यापार मेले में नहीं जा सकेंगे आम लोग
14 से लेकर 27 नवंबर तक लगने वाले व्यापार मेले में 14 से 18 तारीख तक बिजनेस चेंज होंगे. इसमें आम आदमी की जाने को अनुमति नहीं होगी. इसका मकसद यह है कि बिजनेस से जुड़े लोगों को आम जनता की वजह से दिक्कत पेश नहीं आए. 14 से 19 नवंबर तक आइआइटीएफ के मुताबिक व्यस्क के लिए टिकट का 500 रुपये होगा, जबकि बच्चों का टिकट सिर्फ 150 रखा गया है.

व्यापार मेले में जाने के लिए लगेंगे इतने रुपये
आम आदमी को ट्रेड फेयर में 19 नवंबर से प्रवेश मिलेगा. इसमें टिकट और पास के जरिये ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है प्रवेश मिलेगा. 19 तारीख से लेकर 27 तारीख तक व्यस्क को मेले में जाने के लिए टिकट के दाम 80 रुपये चुकाने होंगे, वहीं बच्चों के लिए टिकट का दाम सिर्फ 40 रुपये रखा गया है. सप्ताहंत व्यस्क को 150 और बच्चों के लिए 60 रुपये का टिकट लेना होगा. टाइमिंग सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक रखी गई है.

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व्यापार मेले के लिए यहां से ले सकते हैं टिकट
व्यापार मेले के लिए दिल्ली मेट्रो की सभी 10 लाइनों (रेड, यलो, ब्लू, मजेंटा, ग्रीन, वॉयलेट, ग्रे,ऑरेंज, पिंक और एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन) पर टिकटों के लिए काउंटर लगाए हैं, जहां से आप टिकट ले सकेंगे. इस बार दिल्ली मेट्रो 67 मेट्रो स्टेशनों पर ट्रेड फेयर की टिकट बेचेगी. इसके अलावा लोग आइटीपीओ की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी टिकट खरीद सकेंगे. टिकट सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मिल सकेंगे.

  • रेड लाइन: शहीद भगत सिंह बस अड्डा, मोहन नगर, दिलशाद गार्डन, शाहदरा, सीलमपुर, इंद्रलोक, नेताजी सुभाष प्लेस, रोहिणी वेस्ट, रिठाला
  • यलो लाइन : गुरु तेग बहादुर नगर, विश्वविद्यालय, राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय, दिल्ली हाट, आFएनइ, साकेत, सिकंदरपुर और हुडा सिटी सेंटर, समय पुर बादली, जहांगीरपुरी, आजादपुर

ट्रैफिक पुलिस की अपील- प्रगति मैदान के आस-पास आने से बचें
इस बार व्यापार मेले में बड़ी संख्या में लोगों के आने की संभावना है, जिसको देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मेले के अंदर 14 दिनों के अंदर 10 लाख से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना है. ट्रैफिक पुलिस ने इसे लेकर व्यापक इंतजाम किए हैं. साथ ही लोगों से अपील की है कि वह 14 से 27 नवंबर तक जाम से बचने के लिए प्रगति मैदान के आसपास आने से बचें. ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि मथुरा रोड, भैरों मार्ग, रिंग रोड, शेरशाह रोड और पुराना किला रोड पर जाम लगने की आशंका है.

जानिए कहां से मिलेगी व्यापार मेले में एंट्री
ट्रैफिक पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा, ''द्वार संख्या पांच-ए और पांच-बी से आगंतुकों को प्रवेश नहीं मिलेगा. द्वार संख्या एक, चार, 10, 11 और क्राफ्ट म्यूजियम द्वार से प्रवेश मिलेगा. द्वार संख्या चार और 10 से मीडियाकर्मियों को प्रवेश मिलेगा. आईटीपीओ अधिकारियों को द्वार संख्या चार और 10 से प्रवेश मिलेगा. शाम छह बजे के बाद व्यापार मेले में प्रवेश नहीं मिलेगा.

Published at : 14 Nov 2022 12:42 PM (IST) Tags: Pragati Maidan Delhi International Trade Fair 2022 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

अंतरराष्ट्रीय व्यापार, निवेश कानून के क्षेत्र में सहयोग संबंधी एमओयू को मंत्रिमंडल की मंजूरी

नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विश्व व्यापार संगठन में भारत के स्थायी मिशन (पीएमआई), भारतीय विदेश व्यापार संस्थान के व्यापार एवं निवेश कानून केंद्र (सीटीआईएल) और द ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एंड डेवलपमेंट स्टडीज, जिनेवा के तहत आने वाले सेंटर फॉर ट्रेड एंड इकोनॉमिक इंटिग्रेशन (सीटीईआई) के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर को बुधवार को मंजूरी प्रदान की । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । यह समझौता ज्ञापन तीन साल तक लागू रहेगा। सरकारी बयान के अनुसार, द ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । यह समझौता ज्ञापन तीन साल तक लागू रहेगा।

सरकारी बयान के अनुसार, द ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एंड डेवलपमेंट स्टडीज एवं सीटीईआई के बीच समझौता ज्ञापन से सीटीआईएल और वाणिज्य विभाग के कर्मचारियों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व निवेश कानून के क्षेत्र में शैक्षणिक एवं अनुसंधान के अवसर उपलब्ध होंगे।

इसमें कहा गया है कि समझौता ज्ञापन के तहत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के समकालीन मुद्दों पर वाणिज्य विभाग के अधिकारियों, सीटीआईएल शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों की समझ बढ़ाने के लिए क्षमता विकास कार्यक्रम एवं अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है गतिविधियां चलायी जाएंगी। इससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वार्ता और विवाद समाधान से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भारत की स्थिति को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी ।

बयान में कहा गया है कि इससे भारत, स्विट्जरलैंड और अन्य देशों के शिक्षाविदों, विधिवेत्ताओं, नीति-निर्माताओं और विद्यार्थियों के बीच भागीदारी से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं निवेश कानून से संबंधित उभरते हुए और नए क्षेत्रों के बारे में तकनीकी और बारीक समझ विकसित करने में सहायता मिलेगी।

व्यापार से आप क्या समझते हैं

राज्य और देशों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान व्यापार कहलाता है।
एक देश में दो स्थानों पर वस्तुओं का आदान-प्रदान स्थानीय व्यापार कहलाता है अर्थात् देश की सीमा के भीतर किया गया व्यापार स्थानीय व्यापार के अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है अंतर्गत आता है। ये नगरों और गॉंवों के बीच होता है। जबकि दो देशों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है अर्थात् देश की सीमा में रहकर देश से बाहर किया गया व्यापार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अंतर्गत आता है।

व्यापार (Trade) का अर्थ है क्रय और विक्रय। दूसरे शब्दों में, एक व्यक्ति (या संस्था) से दूसरे व्यक्ति (या संस्था) को सामानों का स्वामित्व अन्तरण एवं मूल्य के बदले सेवा प्रदान करना व्यापार कहलाता है। स्वामित्व का अन्तरण सामान, सेवा या मुद्रा के बदले किया जाता है। जिस नेटवर्क (संरचना) में व्यापार किया जाता है उसे ‘बाजार’ कहते हैं।

एक ही स्थान पर बैैैठेे हुए इंटरनेट के माध्यम से व्यापार करना E-commerce ई कॉमर्स कहलाता है।

मोबाईल के माध्यम से व्यापार करना M Commerce एम कॉमर्स कहलाता है।

आरम्भ में व्यापार एक सामान के बदले दूसरा सामान लेकर (वस्तु-विनिमय या बार्टर) किया जाता था। बाद में अधिकांश वस्तुओं के बदले धातुएँ, मूल्यवान धातुएँ, सिक्के, हुण्डी (bill) अथवा पत्र-मुद्रा से हुईँ। आजकल अधिकांश क्रय-विक्रय मुद्रा (मनी) द्वारा होता है। मुद्रा के आविष्कार (तथा बाद में क्रेडिट, पत्र-मुद्रा, अभौतिक मुद्रा आदि) से व्यापार में बहुत सरलता और सुविधा आ गयी।

व्यापार के प्रकार

भारत के व्यापार को दो भागों में बांटा अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है गया हैं।

  • आंतरिक व्यापार
  • विदेशी व्यापार।

आंतरिक व्यापार – जब दो या दो से अधिक व्यक्ति फर्म संगठन या संगठन राज्य देश की सीमा के भीतर वस्तुओ का आदान प्रदान करते हैं तो उसे आंतरिक व्यापार कहते हैं। जैसे जूट पश्चिम बंगाल मे कपास महाराष्ट्र और गुजरात में गन्ना संकेद्रित हैं। अत: अन्य राज्यों की अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये दूसरे उत्पादक राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता हैं।

विदेशी व्यापार – जब दो या दो से अधिक राष्ट्रों के मध्य परस्पर वस्तुओं का आदान प्रदान होता हैं। तो उसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार कहते हैं। इसके तीन महत्वपूर्ण घटक हैं-

  • आयात व्यापार- देश के भीतर जब किसी वस्तु का अभाव होता हैं और उसकी पूर्ति दूसरें देशों से मांगकर की जाती हैं। उसे आयात व्यापार कहते हैं।
  • निर्यात व्यापार- देश के भीतर जब किसी वस्तु की अधिकता हो जाती हैं तो उस वस्तु को आवश्यकता वाले देश में भेज दिया जाता हैं इसे निर्यात व्यापार कहते हैं।
  • पुन: निर्यात व्यापार- जब विदेशों से आयातित वस्तुओं को पुन: दूसरे देशों को निर्यात कर दिया जाता हैं तो इसे पुन: निर्यात व्यापार कहते हैं।

व्यापार योजना का अर्थ क्या है

व्यापार योजना यह एक प्रबंधन उपकरण है जो एक उद्यम, एक विपणन कार्रवाई या एक व्यावसायिक इकाई के विस्तार की योजना बनाने के लिए एक गाइड के रूप में काम करता है। यह उद्देश्यों को पूरा करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों, अनिश्चितताओं को कम करने और योजना की व्यवहार्यता बढ़ाने में मदद करता है।

इस पोस्ट में आपको व्यापार से आप क्या समझते हैं ? स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अंतर स्पष्ट करें।Vyapar Se Aap Kya Samajhte Hain स्थानीय व्यापार किसे कहते हैं? विदेशी व्यापार से आप क्या समझते व्यापार कितने प्रकार के होते हैं Vyapar Kise Kehte Hain व्यापार कितने प्रकार के होते हैं? देसी व्यापार कितने प्रकार का होता है? विदेशी व्यापार कितने प्रकार के होते हैं? राष्ट्रीय व्यापार और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में क्या अंतर है? व्यापार क्या है परिभाषा से संबंधित काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.

आर्थिक संवृद्धि और विकास में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का महत्व

प्रश्न: आर्थिक विकास की द्रुत गति को हासिल करने में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की भूमिका को बखूबी मान्यता प्राप्त है। भारत जैसे विकासशील राष्ट्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्या लाभ हैं? विश्व व्यापार में अपनी भागीदारी बढ़ाने में भारत द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालिए।

दृष्टिकोण

  • आर्थिक संवृद्धि और विकास में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  • भारत पर ध्यान केंद्रित करते हुए विकासशील देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभों का आकलन कीजिए।
  • वैश्विक व्यापार में अपनी भागीदारी को बेहतर करने में भारत के समक्ष आने वाली चुनौतियों का परीक्षण कीजिए।
  • उत्तर के अंत में इस सम्बन्ध में सुझाव दीजिए।

उत्तर

2030 एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट के तहत अंतरराष्ट्रीय व्यापार को समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ाने एवं निर्धनता में कमी हेतु एक प्रमुख कारक के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। भारत की विदेश व्यापार नीति में 2019-20 तक देश की वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात को 900 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार इसकी कुल GDP का लगभग 20% है

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभ

  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विकासशील देशों को उनकी आगतों की लागत में कमी करने तथा निवेश के माध्यम से वित्त प्राप्त करने में सहायता प्रदान करके उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाता है।
  • यह विकासशील देशों को नए बाजारों और नई सामग्रियों तक पहुँच की अनुमति प्रदान कर निर्यात विविधीकरण को सुगम बनाता है जो नई उत्पादन संभावनाओं हेतु मार्ग प्रशस्त करता है।
  • यह अनुसंधान एवं विकास में निवेश (FDI के माध्यम से भी), प्रौद्योगिकी और व्यावहारिक ज्ञान के विनिमय में सहायता प्रदान कर नवाचार को प्रोत्साहित करता है।
  • व्यापार में खुलापन; नए बाजारों की स्थापना, अनावश्यक बाधाओं की समाप्ति और निर्यात के सरलीकरण द्वारा स्थानीय कंपनियों के लिए व्यापारिक अवसरों का विस्तार करता है।
  • व्यापार आर्थिक क्षेत्रकों को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसरों का सृजन करता है। इससे नौकरियों में स्थायित्व तथा अधिकतम आय प्राप्त होती है जिसके परिमाणस्वरूप जीवन स्तर में वृद्धि होती है।
  • व्यापार शांतिपूर्ण एवं परस्पर लाभकारी विनिमय के माध्यम से लोगों को एक साथ लाकर राष्ट्रों के मध्य परस्पर संबंधों को सुदृढ़ता प्रदान करते हुए शांति व स्थिरता में योगदान देता है।

विकास अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का एक अत्यधिक महत्वपूर्ण पहलू है। केवल आंतरिक उपभोग द्वारा संचालित विकास सीमित होता है जो शीघ्र ही अपनी अधिकतम सीमा तक पहुँच कर संतृप्त हो जाता है। किसी भी देश के लिए विकास के क्रम अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है में अपनी सीमाओं के बाहर के आर्थिक अभिकर्ताओं के साथ व्यापार करना आवश्यक है। इससे दोनों व्यापारिक साझेदार लाभान्वित होते हैं (यद्यपि अल्पावधि के लिए असमान रूप से)। इसलिए कम प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था अधिक लाभ प्रदान करती है।

चुनौतियाँ

  • विदेश व्यापार नीति 2015-20 के अंतर्गत यह स्वीकार किया गया है कि भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता के समक्ष सबसे बड़ी बाधाएँ घरेलू स्तर पर विद्यमान हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • अवसंरचना संबंधी बाधाएँ,
  • लेन-देन की उच्च लागत,
  • जटिल प्रक्रियाएँ जैसे – अनेक व्यापार बाधाएँ, कोटा आदि।
  • व्यापार सूचना प्रणाली की अपर्याप्तता एवं संस्थागत जड़ता।
  • विकासशील देश सामान्यतः प्राथमिक उत्पादों जैसे कृषिगत वस्तुओं (जिनके मूल्य एवं मांग में लोचशीलता नहीं रहती है) का निर्यात करते हैं।
  • पश्चिम में संरक्षणवाद के उद्भव के परिणामस्वरूप टैरिफ तथा नॉन-टैरिफ अवरोधों में वृद्धि हुई है।
  • विकसित देशों द्वारा प्रदान की जाने वाली निर्यात सब्सिडी, प्राप्तकर्ताओं को अनुचित रूप से प्रतिस्पर्धी लाभ प्रदान करती है।
  • क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और द्विपक्षीय समूहों में देशों के मध्य सहयोग की कमी अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है से विकासशील देशों की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भागीदारी प्रभावित होती है।
  • WTO जैसे मंचों पर विकसित देशों द्वारा की जाने वाली लॉबिंग ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा विनियमों से सम्बंधित) को बाधित किया है, जिसके कारण विकासशील देशों के साथ चल रही वार्ता प्रभावित हुई है।

अनुशंसाएँ :

  • टैरिफ संरचना को तर्कसंगत बनाने के साथ तकनीकी, स्वच्छता और फाइटोसेनेटरी मानकों के अनुपालन में वृद्धि करने वाली एक प्रगतिशील व्यापार नीति की आवश्यकता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीति को अपने व्यापार प्रोत्साहन लाभों को पुनर्संरचित करना चाहिए और इन्हें वित्तीय छूट प्रदान करने के स्थान पर निर्यातकों को प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायक होना चाहिए।
  • विशिष्ट क्षेत्र आधारित फोकस, जैसे- ‘राष्ट्रीय कृषि निर्यात नीति’ लाने का प्रयास जिसका प्रस्तावित लक्ष्य वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के साथ कृषि निर्यात की वर्तमान भागीदारी को 30 अरब अमेरिकी डॉलर से 60 अरब अमेरिकी डॉलर करना है।
  • WTO के ट्रेड फैसिलिटेशन एग्रीमेंट (TFA) का त्वरित कार्यान्वयन किया जाना चाहिए।

इसके अतिरिक्त, एकीकृत विश्व (ग्लोबलाइज़्ड वर्ल्ड) द्वारा प्रदत्त अवसरों का पूर्ण लाभ उठाने के लिए भारत को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के खंडित संस्करण के विपरीत बहुपक्षीय संस्करण का सक्रिय रूप से समर्थन करना चाहिए। यह दीर्घावधिक समावेशी आर्थिक विकास में योगदान करने में सहायक होगा।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के टिकट 67 दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध होंगे

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नवभारत टाइम्स 5 दिन पहले

नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) दिल्ली के प्रगति मैदान में 14-27 नवंबर तक होने वाले भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के लिए प्रवेश टिकट डीएमआरसी के 67 मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध होंगे। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

प्रगति मैदान में इस 14 दिवसीय व्यापार मेले में लगभग 2,500 घरेलू और विदेशी प्रदर्शक अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगायेंगे। इनमें ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित कई देशों के प्रदर्शक भी शामिल होंगे।

व्यापार मेले का आयोजन करने वाली वाणिज्य मंत्रालय की इकाई इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (आईटीपीओ) ने कहा कि इस साल बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र 'भागीदार राज्य' हैं जबकि उत्तर प्रदेश और केरल 'फोकस राज्य' हैं।

विदेशी भागीदारी अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बहरीन, बेलारूस, ईरान, नेपाल, थाईलैंड, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन सहित 12 देशों से है।

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने एक बयान में कहा कि वह 14 नवंबर से 'व्यावसायिक दिवस' (14-18 नवंबर) के लिए और 19 नवंबर से 'आम सार्वजनिक दिवस' (19-27 नवंबर) के लिए आईआईटीएफ प्रवेश टिकटों की बिक्री शुरू करेगी।

आईआईटीएफ के प्रवेश टिकट केवल 67 चुनिंदा मेट्रो स्टेशनों पर ही उपलब्ध होंगे। इनमें शहीद स्थल न्यू बस अड्डा, दिलशाद गार्डन, शाहदरा, सीलमपुर, इंद्रलोक, नेताजी सुभाष प्लेस, रोहिणी वेस्ट, रिठाला, नोएडा सिटी सेंटर, मंडी हाउस और बाराखंबा स्टेशन प्रमुख रूप से शामिल हैं। हालांकि प्रगति मैदान से सटे सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन पर आईआईटीएफ के टिकटों की बिक्री नहीं होगी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि व्यापार मेले के दौरान आने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त मेट्रो टोकन काउंटर, गार्ड, अधिकारी और कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन और अन्य स्टेशनों पर भी जरूरत के हिसाब से तैनात किए जाएंगे।

इस व्यापार मेले को पहली बार 1979 में आयोजित किया गया था। कोविड-19 महामारी के कारण मेला 2020 में आयोजित नहीं किया गया था। इतिहास में यह दूसरी बार था जब मेले का आयोजन नहीं किया गया था। ऐसा पहली बार 1980 में हुआ था।

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