चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर

बैलेंस्ड म्युचुअल फंड
यहाँ भारत में शीर्ष प्रदर्शन करने वाली संतुलित धनराशि / हाइब्रिड म्यूचुअल फ़ंड योजनाएँ हैं:
बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड नाम | 3 साल का रिटर्न | 5 साल का रिटर्न |
---|---|---|
एचडीएफसी हाइब्रिड इक्विटी फंड | 13.46% | 15.49% |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इक्विटी और डेट फंड | 13.01% | 15.31% |
एसबीआई इक्विटी हाइब्रिड फंड | 12.88% | 16.32% |
रिलायंस इक्विटी हाइब्रिड फंड | 12.82% | 15.85% |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ इक्विटी हाइब्रिड ’95 | 13.54% | 15.69% |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड | 10.58% | 12.41% |
* गण फंडों की रैंकिंग का संकेत नहीं देता है।
बैलेंस्ड फंड क्या हैं?
म्यूचुअल फंड में निवेश सभी विभिन्न वित्तीय साधनों के लिए योगदान के विविध पोर्टफोलियो के बारे में हैं। बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड जिसे हाइब्रिड म्यूचुअल फंड के रूप में भी जाना जाता है, उन म्यूचुअल फंड योजनाओं में से एक है, जो आपको पोर्टफोलियो विविधीकरण करने में मदद करते हैं। इस प्रकार की म्युचुअल फंड स्कीम में जोखिम कम करने के अलावा पूँजी की प्रशंसा, आमदनी का जरिया होता है। अपने मूल सार में बैलेंस्ड फंड अस्थिर और अप्रत्याशित बाजार उतार-चढ़ाव से निवेश को बचाने के लिए पूंजी उत्पन्न करना चाहते हैं।
इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स, साथ ही डेट इंस्ट्रूमेंट्स के मिश्रण में निवेश के माध्यम से एक-स्टॉप निवेश डायवर्सिफिकेशन प्रदान करने के लिए बैलेंस्ड / हाइब्रिड फंड्स को टाल दिया गया है। भारत में सबसे अच्छा हाइब्रिड फंड आमतौर पर इक्विटी स्कीमों में 50-70% निवेश और शेष बॉन्ड और डेट मार्केट जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में होते हैं। इस प्रकार, उन्हें आमतौर पर इक्विटी हाइब्रिड फंड के रूप में भी जाना जाता है। यह फंड उन निवेशकों के लिए आदर्श है जिनके पास कम-मध्यम जोखिम वाली भूख है, लेकिन वे महत्वपूर्ण रिटर्न की ओर भी देख रहे हैं।
कई मायनों में, सबसे अच्छा संतुलित म्युचुअल फंड आय फंडों से मिलता-जुलता है, केवल इस तथ्य में भिन्न है कि इन योजनाओं को कई गैर-ऋण साधनों जैसे कि आम स्टॉक, पसंदीदा स्टॉक में निवेश किया जाता है, कुछ समय में अचल संपत्ति में भी विस्तारित होता है। आमतौर पर, प्रकृति में कुछ हद तक रूढ़िवादी होने के बाद भी, संतुलित / हाइब्रिड चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर म्यूचुअल फंड ने बाजार में कुछ अधिक रूढ़िवादी साधनों की तुलना में वापसी की उच्च दर दिखाई है जैसे कि बांड फंड, मनी मार्केट आदि।
क्या मुझे हाइब्रिड फंड में निवेश करना चाहिए?
किसी विशेष योजना या फंड में निवेश करने के लिए, आपको यह पता लगाना चाहिए कि उस प्रकार की म्यूचुअल फंड स्कीम आपके लिए सबसे उपयुक्त होगी या नहीं। यहाँ कुछ संकेत दिए गए हैं, जिनके लिए सभी एक संतुलित / संकर योजना म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
नए निवेशक
यदि आप अपने पहले म्यूचुअल फंड निवेश के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको कर कटौती और निवेशक को मिलने वाले लाभों के कारण इन इक्विटी-लिंक्ड योजनाओं (ईएलएसएस) पर विचार करना चाहिए। इन योजनाओं के कर लाभ के अलावा, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड पहली बार निवेशकों के लिए पोर्टफोलियो विविधीकरण का सही विकल्प प्रस्तुत करते हैं। इसका अनिवार्य रूप से अर्थ है कि निवेशक समय के साथ अपने निवेश की वृद्धि को देख सकते हैं, जबकि उनकी मूल राशि को योजना के प्रावधानों द्वारा संरक्षित रखा जाता चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर है।
रूढ़िवादी निवेशक
हाइब्रिड / संतुलित म्यूचुअल फंड उन लोगों के लिए सबसे स्थिर और सुरक्षित निवेश स्थानों में से एक है, जो सेवानिवृत्त लोगों के लिए दीर्घकालिक सुरक्षित हेवन इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स बनाना चाहते हैं। रूढ़िवादी निवेशक संतुलित धनराशि को अपनी प्रोफ़ाइल के लिए सबसे उपयुक्त पाते हैं क्योंकि वे एक संतुलित रणनीति में निवेश की अनुमति देते हैं जिससे उन्हें बाजार की स्थिति के बावजूद वांछनीय आउटपुट प्राप्त करने में मदद मिलती है।
डेट मार्केट से बेहतर रिटर्न चाहने वाले निवेशक
डेट म्यूचुअल फंड औसतन लगभग 10% का रिटर्न प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। कुछ निवेशक जिन्होंने पहले से ही डेट फंड्स में निवेश किया हुआ है, वे अब जोखिम से चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर ग्रस्त नहीं हैं और उच्च रिटर्न हासिल करना चाहते हैं, इन फंडों के लिए जा सकते हैं।
कोरोना वायरस: बाजार में पैसे लगाने से लग रहा है डर! म्यूचुअल चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर फंड निवेशक क्या करें?
Mutual Fund Strategy: एक्सपर्ट का कहना है कि मौजूदा दौर में एसेट अलोकेशन स्ट्रैटेजी के अलावा बैलेंस एडवांटेज फंड बेहतर विकल्प हैं.
Mutual Fund Strategy: एक्सपर्ट का कहना है कि मौजूदा दौर में एसेट अलोकेशन स्ट्रैटेजी के अलावा बैलेंस एडवांटेज फंड बेहतर विकल्प हैं.
Best Strategy to Invest in Mutual Funds: शेयर बाजार में इन दिनों जमकर उतार चढ़ाव बना हुआ है. देश में कोरोना वायरस के मामले बेकाबू हो गए हैं. एक दिन में 3.5 लाख से भी ज्यादा चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर नए मामले भारत में दर्ज हो रहे हैं. ऐसे में देश के कई राज्य लॉकडाउन जैसी सख्ती कर रहे हैं. फिलहाल इन सबके बीच कैपिटल मार्केट में पैसे लगाने को लेकर निवेशक या तो डर रहे हैं या कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है. खासतौर से इक्विटी में पैसे लगाने को लेकर डर ज्यादा है. एक्सपर्ट का कहना है कि मौजूदा दौर में एसेट अलोकेशन स्ट्रैटेजी के अलावा बैलेंस एडवांटेज फंड बेहतर विकल्प हैं. वहीं डेट कटेगिरी की बात करें तो अल्ट्रा शॉर्ट टर्म, शॉर्ट टर्म और मिड डयूरेशन फंडों का चुनाव कर सकते हैं.
बता दें कि देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेहद खतरनाक दिख रही है. एक दिन में 3.चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर 5 लाख के करीब मामले आने लगे हैं. इससे एक्सपर्ट बाजार आगे वोलेटाइल रहने की बात कह रहे हैं. वहीं दूसरी ओर रेटिंग एजेंसियां एक बार फिर ग्रोथ अनुमान घटाने लगी हैं. यह बाजार सेंटीमेंट पर असर डाल सकती हैं. निवेशकों को लॉकडाउन का भी डर सता रहा है, ऐसे में इक्विटी का रिटर्न शॉर्ट टर्म में बिगड सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि मौजूदा दौर में निवेशक सीधे इक्विटी में पैसा लगाने की बजाए म्यूचुअल फंड का रास्ता चुन सकते हैं. उनका यह भी कहना है कि लॉर्जकैप या मिडकैप में पैसे लगाने को लेकर अभी इंतजार करना चाहिए.
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ऐसा फंड है जो इक्विटी और डेट के सेगमेंट में बैलेंस तरीके से अलोकेशन को मैनेज करता है. यह लॉन्ग टर्म में पैसे बनाने के लिए ‘निचले स्तर पर खरीदो और ऊंचे स्तर पर बेचो’ मॉडल को अपनाता है. इससे टैक्स बचत करते हुए इक्विटी और फिक्स्ड इनकम के बीच बैलेंस करने में मदद मिलती है. हालांकि बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश करते समय किसी निवेशक को जोखिम, रिटर्न, लागत, निवेश सीमा, वित्तीय लक्ष्य, रिटर्न पर टैक्स आदि का ध्यान रखना चाहिए. इसके कुछ फायदे ऐसे हैं……
क्या होता है हाइब्रिड फंड, जानिए इसमें निवेश के फायदे?
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना सबसे सही और सुरक्षित विकल्प माना जाता है. कई तरह के अच्छे म्यूचुअल फंड बाजार में मौजूद हैं, जिनके जरिए हम अपना पैसा निवेश कर सकते हैं. उनमें से एक है हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds). जब से शेयर बाजार में तेजी का रुख लौटा है तो चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर ऐसे में हाइब्रिड फंड्स में लोगों का निवेश भी दोबारा से लौट आया है.
सरबजीत कौर
- नई दिल्ली,
- 10 नवंबर 2021,
- (अपडेटेड 10 नवंबर 2021, 10:36 PM IST)
- हाइब्रिड फंड के जरिये इक्विटी और डेट दोनों में निवेश
- कई बार फंड का पैसा सोना में भी लगाया जाता है
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना सबसे सही और सुरक्षित विकल्प माना जाता है. कई तरह के अच्छे म्यूचुअल फंड बाजार में मौजूद हैं, जिनके जरिए हम अपना पैसा निवेश कर सकते हैं. उनमें से एक है हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds). जब से शेयर बाजार में तेजी का रुख लौटा है तो ऐसे में हाइब्रिड फंड्स में लोगों का निवेश भी दोबारा से लौट आया है. निवेशकों के बीच हमेशा से पसंदीदा रहने वाला फंड माना जाता है, तो हम आपको बताएंगे कि क्या होता है हाइब्रिड फंड्स और कैसे इसे बाकी म्यूचुअल फंड्स से अलग माना जाता है? साथ ही किसे हाइब्रिड फंड में निवेश करना चाहिए?
हाइब्रिड फंड क्या है?
हाइब्रिड फंड वो म्यूचुअल फंड स्कीम है जो इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती है. या फिर कहें तो एक ही फंड है जो कई तरह के एसेट क्लास में निवेश चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर करता है. अगर बाजार में रिस्क कम लेना चाहते हैं तो आपके लिए हाइब्रिड फंड में निवेश करना एक बेहतर विकल्प है. क्योंकि, इनमें रिस्क से कम के साथ-साथ रिटर्न भी ज्यादा मिलता है. फिलहाल कोरोना की वजह से बाजार में काफी कुछ अभी भी संभला नहीं. तीसरी लहर का डर अभी भी कहीं न कहीं लोगों में मौजूद है. तो ऐसे में निवेशकों के लिए कम रिस्क के फंड यानी की हाइब्रिड फंड में निवेश करना सही माना जा रहा है.
राइट रिसर्च की को-फाउंडर-सोनम श्रीवास्तव के मुताबिक- 'जैसा कि शब्द से पता चलता है, एक हाइब्रिड फंड जोखिम सहनशीलता के विभिन्न स्तरों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कई परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करता है. आमतौर पर, निवेश इक्विटी और निश्चित आय के साधनों के मिश्रण में किया जाता है. जहां इंडेक्स फंड मुख्य रूप से इक्विटी और इक्विटी से संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं और डेट फंड फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज और अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, वहीं हाइब्रिड फंड इक्विटी और डेट से जुड़े चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर इंस्ट्रूमेंट्स दोनों में निवेश करते हैं. इसलिए इन्हें बैलेंस्ड फंड भी कहा जाता है.'
क्यों बेहतर है हाइब्रिड फंड?
हाइब्रिड फंड की खासियत यह है कि फंड का पैसा इक्विटी के साथ डेट एसेट में भी लगाया जाता है. कई बार फंड का पैसा सोना में भी लगाया जाता है. अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश के कारण इसमें निवेश से डाइवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है. मान लीजिए अगर इक्विटी में लगा पैसा कम होता है या बाजार के माहौल के मुताबिक बिगड़ता है तो डेट और सोने में लगे पैसे के जरिए फंड बैलेंस हो जाता है. ठीक अगर सोने में कमजोरी से फंड में रिटर्न कम होता है तो डेट और इक्विटी के जरिए बैलेंस हो जाता है. यानी की अलग-अलग एसेट क्लास यानी की डाइवर्सिफिकेशन से में निवेश करने से फंड को फायदा होता है.
कितने प्रकार के होते हैं हाइब्रिड फंड?
हाइब्रिड फंड 6 मुख्य प्रकार के होते हैं. जिनके जरिए डेट, इक्विटी या फिर सोने में पैसा निवेश किया जाता है.
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड:
इक्विटी में 60 से 80 फीसदी निवेश
20 से 30 फीसदी का निवेश डेट में
पांच साल की अवधि के लिए निवेश सही
कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड:
10 से 25 फीसदी निवेश इक्विटी में
बाकी बची रकम का डेट एसेट में इस्तेमाल
स्थिर या नियमित आय के लिए फायदेमंद
डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड:
फंड का इस्तेमाल डायनेमिक तरीके से एसेट क्लास में किया जाता है
100 फीसदी निवेश इक्विटी या डेट में किया जाता है
मल्टी एसेट एलोकेशन फंड:
इक्विटी, गोल्ड और डेट तीनों एसेट क्लास में निवेश होता है
65 फीसदी निवेश इक्विटी में
20 से 30 फीसदी निवेश डेट एसेट में
10 से 15 फीसदी निवेश गोल्ड में होता है
आर्बिट्राज फंड्स:
कुल एसेट का कम से कम 65 फीसदी इक्विटी से जुड़े साधनों में निवेश
इक्विटी सेविंग्स फंड:
इक्विटी, डेट और आर्बिट्राज में होता है निवेश
कुल एसेट का 65 फीसदी निवेश शेयरों में जरूरी
10 फीसदी निवेश डेट में करना अनिवार्य
रिटर्न कैसा मिलता है?
जानकारों की मानें तो हाइब्रिड फंड हमेशा अच्छे रिटर्न्स देने के लिए माने जाते रहे हैं. हाइब्रिड फंड्स जब डेट सिक्योरिटीज के की सुरक्षा के कारण शेयर बाजार अस्थिर होता है तो अच्छा परफॉर्म करते हैं. बाजार के उतार-चढ़ाव का सामना करने की क्षमता होती है. फंड को चुनने से पहले अपने जोखिम, निवेश करने के लक्ष्य को जरूर समझें. 5 से 7 साल तक के निवेश से 20 से 30 फीसदी तक का रिटर्न संभव.
माई वेल्थ डॉट कॉम के को-फाउंडर-हर्षद चेतनवाला के मुताबिक-'वह निवेशक जो इक्विटी से कम जोखिम और डेब्ट फंड्स से थोड़ा अधिक रिटर्न्स चाहते हैं वह हाइब्रिड फंड्स में निवेश कर सकते है. इस फंड में फंड मैनेजर बाजार और अर्थव्यवस्था की स्थिति के अनुसार इक्विटी इक्विटी और डेब्ट का एक संतुलित पोर्टफोलियो बनाते है.'
जाने टैक्स से जुड़ी बातें:
अगर आप निवेश किसी भी फंड में निवेश करना चाहते हैं लेकिन कर नहीं सही फंड चुन नहीं पा रहे हैं तो आपके लिए हाइब्रिड फंड सबसे सही विकल्प है. लेकिन इसमें टैक्स भी लगता है. LTCG यानी की लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स पर बिना इंडेक्सेशन के 10 फीसदी टैक्स और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) पर 15 फीसदी टैक्स लगता है. साथ ही, हाइब्रिड फंड के डेट कंपोनेंट पर किसी भी अन्य डेट म्यूचुअल फंड की तरह टैक्स लगाया जाता है. इसके अलावा, डेट कंपोनेंट से एलटीसीजी टैक्स 20% पोस्ट इंडेक्सेशन और 10% बिना इंडेक्सेशन पर टैक्स लगता है.
किसे करना चाहिए निवेश:
अगर कोई भी व्यक्ति मोटा मुनाफा चाहता है तो उसे हमेशा 5 से 7 साल तक के समय सीमा के लिए हाइब्रिड फंड में निवेश करना चाहिए. म्यूचुअल फंड में नए निवेशकों के लिए ये काफी अच्छा फंड माना जाता है. डाइवर्सिफिकेशन और एसेट एलोकेशन वाले फंड में निवेश की वजह से भी ये फंड काफी सही माना जाता है. कम जोखिम उठाने वालों से लेकर एग्रेसिव निवेशक भी हाइब्रिड फंड में पैसा लगा सकते हैं.
सही हाइब्रिड फंड कैसे चुनें?
किसी भी हाइब्रिड फंड में निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है जैसे आपकी जोखिम लेने की क्षमता, कब तक निवेश किया जा सकता है, खर्चे की दर और फंड का प्रदर्शन सभी को ध्यान में रखकर निवेश करें.
इंडिया के कुछ टॉप हाइब्रिड फंड हैं:
(SOURCE: Sonam Gupta, Co-Founder, Wright Research)
1. Quant Absolute Fund
2. ICICI Prudential Thematic Advantage Fund (FOF)
3. BNP Paribas Substantial Equity Hybrid Fund
4. Canara Robeco Equity Hybrid Fund
ऊपर दिए गए सभी फंड्स का सालाना रिटर्न 20 से 30 फीसदी के बीच रहा है
(डिस्क्लेमर: किसी भी तरह के फंड में निवेश से पहले अपने फंड मैनेजर से सलाह जरूर लें.)
उतार-चढ़ाव वाले बाजार में बैलेंस्ड एडवॉन्टेज फंड में करें निवेश
वैल्थ मैनेजर्स का मानना है कि साल 2018 बाजार के लिए काफी अस्थिर रहने वाला है. वे डायनेमिक फंड्स या बैलेंस्ड फंड्स में निवेश की सलाह दे रहे हैं.
इन फंड्स में इक्विटी हिस्सेदारी 30 से 80 फीसदी तक की हो सकती है. यदि बेहद ही कम कीमत पर शेयर मिले, तो यह हिस्सेदारी 100 फीसदी तक भी पहुंच सकती है. ये फंड्स कम से कम 65 फीसदी हिस्सा इक्विटी में रखने की कोशिश करते हैं, ताकि इन्हें टैक्स में फायदा मिले.
प्लान रुपी इंवेस्टमेंट्स के संस्थापक अमोल जोशी ने कहा, " डायनेमिक फंड्स या बैलेंस्ड फंड्स वैल्यूएशन के आधार पर अपना इक्विटी निवेश तय करते हैं. यह अस्थिरता से लड़ने का अच्छा विकल्प साबित हो सकता हैं." ईटी लेकर आया है इसी तरह के पांच फंड्स, जिनमें आप भी कर सकते हैं निवेश:
1. एडलवाइज बैलेंस्ड एडवॉन्टेज फंड
एसेट अंडर मैनेजमेंट: 742 करोड़ रुपये
फंड मैनेजर्स: भारत लाहोटी/भावेश जैन/गौतम कौल
प्रमुख निवेश: एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज
1 साल का रिटर्न: 7.98 फीसदी
यह फंड तकनीकी मानकों, स्थिरता और बाजार के मूल सिद्धांतों के आधार पर इक्विटी हिस्सेदारी का प्रबंधन करता है. नेट इक्विटी निवेश 30 से 80 फीसदी के बीच रहता है. 2018 में औसत इक्विटी निवेश 50 फीसदी रहा है. अन्य फंड्स के उलट, यह फंड कमजोर बाजार में इक्विटी में निवेश कम करता है.
2. मोतीलाल ओसवाल डायनेमिक फंड
एसेट अंडर मैनेजमेंट: 1,745 करोड़ रुपये
फंड मैनेजर्स: गौतम सिन्हा रॉय
प्रमुख निवेश: एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस और मारुति सुजुकी
1 साल का रिटर्न: 8.12 फीसदी
यह फंड प्राइस/अर्निंग, प्राइस/बुक और निफ्टी 50 इंडेक्स के डिविडेंड यील्ड के आधार पर इक्विटी हिस्सेदारी तय करता है. बाजार की स्थिति के अनुसार, यह फंड 30 से 100 फीसदी निवेश इक्विटी में कर सकता है. इसका मौजूदा इक्विटी निवेश 40 से 45 फीसदी तक का है. यह मल्टीकैप नीति अपनाता है.
3. आईसीआईसीआई चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर प्रूडेंशियल बैलेंस्ड एडवॉन्टेज फंड
एसेट अंडर मैनेजमेंट: 27,123 करोड़ रुपये
फंड मैनेजर्स: इहाब दलवाई/मनीष बांठिया/रजत चांडक/शंकर नरेन
प्रमुख निवेश: एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस और एचडीएफसी
1 साल का रिटर्न: 7.91 फीसदी
एयूएम के आधार पर यह फंड इस श्रेणी में सबसे बड़ा है. यह फंड प्राइस/बुक वैल्यू के अधार पर निवेश करता है. अप्रैल अंत तक इस फंड की इक्विटी हिस्सेदारी 42 फीसदी थी, जबकि फंड हाउस 30 से 80 फीसदी तक इक्विटी निवेश कर सकता है. यह फंड मुख्यत: लार्जकैप शेयरों में निवेश करता है.
4. आदित्य बिड़ला सन लाइफ बैलेंस्ड एडवॉन्टेज फंड
एसेट अंडर मैनेजमेंट: 3,421 करोड़ रुपये
फंड मैनेजर्स: मोहित शर्मा/विनीत मालू
प्रमुख निवेश: आईटीसी, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक
1 साल का रिटर्न: 2.32 फीसदी
यह फंड काफी रक्षात्मक फंड है, जो इक्विटी निवेश के लिए कई अनुपातों का इस्तेमाल करता है. पिछले एक साल में चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर इसकी इक्विटी हिस्सेदारी 32 से 37 फीसदी के बीच रही है. इक्विटी बाजार चढ़ने के बावजूद फंड मैनेजर्स बीते साल असफल रहे हैं. इस फंड ने कई दिग्गज शेयरों में अपना निवेश घटाया है.
5. आईडीएफसी डायनेमिक इक्विटी फंड
एसेट अंडर मैनेजमेंट: 865 करोड़ रुपये
फंड मैनेजर्स: अर्पित कपूर/अरविंद सुब्रह्मण्यन/सुमित अग्रवाल
प्रमुख निवेश: एचडीएफसी बैंक, मारुति सुजुकी और अंबुजा सीमेंट्स
1 साल का रिटर्न: 9.4 फीसदी
यह फंड इक्विटी और डेट निवेश के लिए क्वालिटेटिव मॉडल का इस्तेमाल करता है. इस फंड का झुकाव लार्जकैप शेयरों की ओर अधिक है. बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, इस फंड ने इक्विटी निवेश 54 फीसदी पर रखा है. इसमें से दो-तिहाई हिस्सा लार्जकैप कंपनियों में है.
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