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हेजिंग टूल्स

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जिंस वायदा बाजार नियामक 'वायदा बाजार आयोग' (एफएमसी) को और अधिक अधिकार प्रदान करने के लिए फॉर्वर्ड कॉन्ट्रैक्ट्ïस (रेग्युलेशन) ऐक्ट में संशोधन से जुड़े विधेयक को गुरुवार को मंजूरी दे दी। हालांकि इस विधेयक को संसद में पास किया जाना अभी बाकी है और यह आसान कार्य नहीं होगा। जब यह विधेयक पारित हो जाएगा तो यह इंडेक्स आधारित ट्रेडिंग और ऑप्शन ट्रेडिंग जैसे निवेश विकल्पों के लिए रास्ता प्रशस्त करेगा। इससे पहले कैबिनेट ने कई बार विधेयक को मंजूरी प्रदान की थी। पहला उदाहरण पांच साल पहले का है, लेकिन हालात अस्थिर हो गए थे और दो संसदीय स्थायी समितियों और योजना आयोग के सदस्य प्रो. अभिजीत सेन की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति ने इस विधेयक की मंजूरी के लिए अपनी रिपोर्ट दी थीं और संशोधन के लिए एक अध्यादेश भी जारी कर दिय गया था, लेकिन संसद में इस विधेयक को पारित कराने में कामयाबी नहीं मिल पाई थी। हालांकि बाजार इसे लेकर आश्वस्त है कि इस बार इस विधेयक को संसद में मंजूरी मिल जाएगी। एफएमसी के चेयरमैन रमेश अभिषेक ने भी कहा है, 'बाजार को लेकर लोगों की धारणा में इस बार काफी सुधार आया है।' माना जा रहा है कि इस बार सरकार इस विधेयक को संसद में पास कराने के लिए भरपूर कोशिश करेगी। इसे ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि जिंस वायदा बाजार विकास की एक नई राह पर चलने के लिए तैयार है। एमसीएक्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी श्रीकांत जवलगेकर ने कहा, 'यह विधेयक पारित हो जाता है तो यह नई हेजिंग एवं कीमत जोखिम प्रबंधन व्यवस्था को शुरू करने का रास्ता प्रशस्त करेगा जिससे उन जिंसों के लिए भारतीय बेंचमार्क कीमतें तैयार करने में मदद मिलेगी जिनका भारत में व्यापक तौर पर उत्पादन होता है या खपत होती है। ऑप्शन एवं इंडेक्स जैसे नए हेजिंग टूल पेश किए जा सकेंगे जिनकी भारतीय जिंस बाजार के कारोबारियों को जरूरत है। (BS Hindi)

वित्त मंत्री 14 जनवरी को लॉन्च करेंगे एनसीडीईएक्स पर एग्री-ऑप्शंस

कृषि उत्पादों का देश में सबसे बड़ा वायदा बाजार, नेशनल कमोडिटी और डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) हेजिंग टूल हेजिंग टूल्स एनसीडीईएक्स ग्वार बीज ऑप्शंस लाने जा रहा है. मकर संक्रांति के मौके पर 14 जनवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली इस हेजिंग टूल को लांच करेंगे. एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक व सीईओ समीर शाह ने कहा, ‘इस नए हेजिंग टूल को लॉन्च करने की अनुमति देने के लिए हम सेबी के आभारी हैं, जिसकी मदद से किसानों के लिए जोखिम का स्तर कम होगा और उन्हें अपने उत्पाद के लिए बेहतर कीमत मिल सकेगी.’

ऊंचे भाव पर उत्पाद बेचने में मदद मिलेगी
समीर शाह के मुताबिक, यह ऑप्शंस कीमतों में गिरावट के दौरान किसानों को बचाने के साथ-साथ कीमतों में बढ़ोतरी के दौरान उन्हें ऊंचे भाव पर अपने उत्पाद बेचने का अवसर प्रदान करेगा. इस तरह कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद यह टूल किसानों के लिए हर लिहाज से फायदेमंद रहेगा.

यह लॉन्च इस तथ्य से काफी हद तक प्रेरित है कि ग्वार बीज एनसीडीईएक्स प्लेटफॉर्म पर सबसे अधिक तरल अनुबंधों में से एक है और राजस्थान के कुछ समुदायों में बड़ी संख्या में अनौपचारिक व्यापार केंद्र के साथ पहले से ही अनौपचारिक ऑप्शंस ट्रेडिंग के किसी रूप में शामिल है.

इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनोमिक रिलेशंस (आईसीआरआईईआर) के एग्रीकल्चर चेयर प्रोफेसर डॉ अशोक गुलाटी ने कहा- ‘एग्री ऑप्शंस की शुरुआत के साथ भारत में कमोडिटी बाजार एक नई उड़ान भरने के लिए तैयार है. यह एक मजबूत विपणन उपकरण है जो कृषि पारिस्थितिक तंत्र को और मजबूत करेगा.’ फरवरी 2018, मार्च 2018 और अप्रैल 2018 के महीनों में समाप्त होने वाले विकल्प अनुबंध व्यापार 14 जनवरी, 2018 से ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे.

जेटली ने लांच किया देश का पहला एग्री ऑप्शंस…

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी और डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) के किसानों के लिए कृषि-अर्थव्यवस्था को अधिक कुशल बनाने और उन्हें उनकी पैदावार को बेहतर मूल्य दिलाने के प्रयास में ग्वार बीज में देश के पहले एग्री कमोडिटी ऑप्शंस की शुरुआत किया।

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी और डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) के किसानों के लिए कृषि-अर्थव्यवस्था को अधिक कुशल बनाने और उन्हें उनकी पैदावार को बेहतर मूल्य दिलाने के प्रयास में ग्वार बीज में देश के पहले एग्री कमोडिटी ऑप्शंस की शुरुआत किया।

जेटली ने मकर संक्रांति के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम ग्वार उत्पादक किसानों की मौजूदगी में घंटी बाजार कर इसकी शुरूआत की जो एक हेजिंग टूल है। इसके किसान ग्वार बीज की कीमत की हेजिंग कर सकेंगे जिससे इस कृषि उत्पाद की कीमतों में गिरावट आने पर उन्हे नुकसान नहीं होगा और कीमत के हेजिंग मूल्य से अधिक होने पर किसानों को लाभ होगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र है और सरकार की कोशिश आर्थिक लाभों को हेजिंग टूल्स समाज के सभी तबकों विशेषकर किसानों तक पहुंचाने की है। उन्होंने इसे किसानों के लिए गेम चेंजर बताते हुये हेजिंग टूल्स कहा कि इस अनूठे हेजिंग टूल से किसानों को कीमतों की जोखिम से निपटने और कीमतें बढऩे पर अधिक लाभ कमाने में मदद मिलेगी।

इस अवसर पर जेटली ने एक मोबाइल ऐप भी लाँच किया जिससे किसानों को एग्री ऑप्शंस के बारे में जानने में मदद मिलेगी। इस मौके पर देशभर के विभिन्न राज्यों विशेषकर राजस्थान, गुजरात और आंध्र प्रदेश से आए किसानों और एफपीओ भी मौजूद थे। एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी समीर शाह ने कहा कि ग्वार बीज ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हेजिंग टूल है। एग्री कमोडिटी मार्केट के लिए इसकी अहमियत को देखते हुए इस नए साधन को मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर लॉन्च किया गया है, जो कि देशभर में फसल से जुडे एक प्रमुख उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

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English Summary: Jaitley launches country's first agri options . Published on: 15 January 2018, 03:37 IST

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बीएसई ने किया विदर्भ चैंबर के साथ करार

Opportunity India Desk

भारत के प्रमुख एक्सचेंज बीएसई ने भारत में कमोडिटी बाजारों को गहरा करने के लिए अकोला, महाराष्ट्र में स्थित विदर्भ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। ये विदर्भ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री क्रमशः 1,700 से अधिक सदस्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो व्यापार, पेशे, सेवा और उद्योग के सभी क्षेत्रों में लगे हुए हैं। इसे महाराष्ट्र राज्य में सबसे सक्रिय संघों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। एमओयू का उद्देश्य बीएसई और भौतिक बाजारों के बीच ज्ञान साझा करने, शिक्षा और प्रशिक्षण, ईवेंट के साथ-साथ पारस्परिक हित के सभी क्षेत्रों का पता लगाने जैसे क्षेत्रों में सहयोग की सुविधा प्रदान करना है।

बीएसई के मुख्य व्यवसाय अधिकारी (सीबीओ) समीर पाटिल ने कहा, “सरकार औपचारिक वित्तीय साधनों को बढ़ावा देने और औपचारिक अर्थव्यवस्था का एक संपूर्ण इकोसिस्टम को बनाने का प्रयास कर रही है। वित्तीय साक्षरता को देश के सबसे दूर के हिस्से में ले जाने से हेजिंग टूल्स उद्योग के प्रतिभागियों को औपचारिक अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद मिलेगी। यह समझौता ज्ञापन भौतिक बाजार हेजिंग टूल्स सहभागियों को एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर लाने और हमारे निरंतर अभियान को जारी रखने के हमारे प्रयासों की पुष्टि और मान्यता देता है।

बीएसई का उद्देश्य निर्माताओं, किसानों, व्यापारियों और जौहरियों के लिए मूल्य जोखिम प्रबंधन पर सेमिनार और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना और उन्हें व्यापार के अधिक संगठित रूपों में जाने में मदद करना है।एक अस्थिर बाजार का सामना करने के लिए वायदा और 'वस्तुओं में विकल्प' सहित डेरिवेटिव अनुबंधों जैसे प्रभावी हेजिंग टूल के बारे में जागरूकता भी प्रदान की जाएगी। बीएसई भारत का पहला सार्वभौमिक एक्सचेंज है। इक्विटी, ऋण, मुद्रा, ब्याज दरों और वस्तुओं सहित परिसंपत्ति वर्गों की एक विस्तृत श्रृंखला में व्यापार प्रदान करता है।

विदर्भ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष निकेश गुप्ता ने कहा, "विदर्भ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री को संरक्षण देने के लिए हम बीएसई के बहुत आभारी हैं, और हमारी एजीएम में बीएसई द्वारा आयोजित सत्र बहुत जानकारीपूर्ण और सफल रहा। हमने बीएसई के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और हम निश्चित रूप से भविष्य में एक साथ और अधिक उपक्रमों की उम्मीद कर रहे हैं।

विदर्भ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष नितिन खंडेलवाल ने कहा हम बीएसई के साथ नियमित जागरूकता सत्र आयोजित करते हैं, और हमे खुशी है कि हमारा सहयोग अब एक समझौता ज्ञापन में समाप्त हो गया है, जिससे हमें उद्योगों के विकास के लिए विदर्भ क्षेत्र हेजिंग टूल्स में मिलकर काम करने की सुविधा मिलती है।

बीएसई के बारे में

वर्ष 1875 में स्थापित बीएसई (पूर्व में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) एशिया का पहला और अब 6 माइक्रोसेकंड की गति के साथ दुनिया का सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज है।बीएसई भारत का अग्रणी एक्सचेंज ग्रुप है और इसने भारतीय पूंजी बाजार को विकसित करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। बीएसई एक व्यापक शेयरधारक आधार के साथ एक निगमीकृत और डीम्युचुअलाइज्ड इकाई है जिसमें प्रमुख वैश्विक एक्सचेंज शामिल हैं-

डॉयचे बोर्स, एक रणनीतिक भागीदार के रूप में है। बीएसई इक्विटी, डेट इंस्ट्रूमेंट्स, इक्विटी डेरिवेटिव्स, करेंसी डेरिवेटिव्स, कमोडिटी डेरिवेटिव्स, इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स, म्यूचुअल फंड्स और स्टॉक लेंडिंग और उधार में ट्रेडिंग के लिए एक कुशल और पारदर्शी बाजार प्रदान करता है।

वित्त मंत्री 14 जनवरी को लांच करेंगे एनसीडीईएक्स पर एग्री-ऑप्शंस

नईदिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)| कृषि उत्पादों का देश में सबसे बड़ा वायदा बाजार, नेशनल कमोडिटी और डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) हेजिंग टूल एनसीडीईएक्स ग्वार बीज ऑप्शंस लाने जा रहा है। मकर संक्रांति के मौके पर 14 जनवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली इस हेजिंग टूल को लांच करेंगे। एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक व सीईओ समीर शाह ने कहा, इस नए हेजिंग टूल को लांच करने की अनुमति देने के लिए हम सेबी के आभारी हैं, जिसकी मदद से किसानों के लिए जोखिम का स्तर कम होगा और उन्हें अपने उत्पाद के लिए बेहतर कीमत मिल सकेगी।

समीर शाह के मुताबिक, यह ऑप्शंस कीमतों में गिरावट के दौरान किसानों को बचाने के साथ-साथ कीमतों में बढ़ोतरी के दौरान उन्हें ऊंचे भाव पर अपने उत्पाद बेचने का अवसर प्रदान करेगा। इस तरह कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद यह टूल किसानों के लिए हर लिहाज से फायदेमंद रहेगा।

यह लांच इस तथ्य से काफी हद तक प्रेरित है कि ग्वार बीज एनसीडीईएक्स प्लेटफॉर्म पर सबसे अधिक तरल अनुबंधों में से एक है और राजस्थान के कुछ समुदायों में बड़ी संख्या में अनौपचारिक व्यापार केंद्र के साथ पहले से ही अनौपचारिक ऑप्शंस ट्रेडिंग के किसी रूप में शामिल है।

इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनोमिक रिलेशंस (आईसीआरआईईआर) के एग्रीकल्चर चेयर प्रोफेसर डॉ अशोक गुलाटी ने कहा-एग्री ऑप्शंस की शुरुआत के साथ भारत में कमोडिटी बाजार एक नई उड़ान भरने के लिए तैयार है। यह एक मजबूत विपणन उपकरण है जो कृषि पारिस्थितिक तंत्र को और मजबूत करेगा।

फरवरी 2018, मार्च 2018 और अप्रैल 2018 के महीनों में समाप्त होने वाले विकल्प अनुबंध व्यापार 14 जनवरी, 2018 से ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे।

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