सामूहिक निवेश क्या है

निवेश करते समय ये 5 बड़ी गलतियां करते हैं नए निवेशक, बेहतर लाभ के लिए इनसे बचना है जरूरी
युवा और नए निवेशक कई बार निवेश करते समय हड़बड़ी में या जानकारी के अभाव में गलत फैसले कर लेते हैं, बेहतर और सुरक्षित रिटर्न के लिए इन गलतियों से बचना जरूरी है.
निवेश की शुरुआत जितनी कम उम्र में की जाए आगे चलकर उतना ही लाभ होता है. निवेश सलाहकार भी हमेशा यही कहते हैं
निवेश की शुरुआत जितनी कम उम्र में की जाए आगे चलकर उतना ही लाभ होता है. निवेश सलाहकार भी हमेशा यही कहते हैं कि रेगुलर इनवेस्टमेंट जितनी जल्दी शुरू करेंगे उतना ही बेहतर होगा. लेकिन लेकिन नए निवेशक कई बार ऐसे फैसले कर बैठते हैं, जिससे उन्हें फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ सकता है. यहां हम आपको उन पांच गलतियों के साथ-साथ उनसे बचने के उपाय भी बता रहे हैं, जिन पर अमल करके नए और युवा निवेशक भी अपने इनवेस्टमेंट पर बेहतर और सुरक्षित रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
फाइनेंशियल लिटरेसी की कमी
फाइनेंशियल लिटरेसी पर ध्यान न देना बहुत बड़ी गलती है. कई बार नए और युवा निवेशक इस मामले में चूक कर जाते हैं. उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती कि उन्हें अपनी आमदनी का कितना हिस्सा कैसे और कहां निवेश करना चाहिए. उन्हें कंपाउंडिंग रिटर्न की खूबियों और निवेश में मौजूद रिस्क को बारे में पता नहीं होता है. इस जानकारी के अभाव में वे कई बार अपना बड़ा नुकसान कर बैठते हैं. अगर निवेश का फैसला करने से पहले आप पर्सनल फाइनेंस और निवेश की बारीकियों को अच्छी तरह से समझ लेंगे तो इस नुकसान से बचा जा सकता है. इसके लिए निवेश के बारे में जानकारी देने वाली किताबें पढ़ सकते हैं या फिर ऑनलाइन या ऑफलाइन सलाह देने वाले विशेषज्ञों की मदद ली जा सकती है.
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वित्तीय लक्ष्य और निवेश का प्लान तय न होना
इनवेस्टमेंट के बारे में फैसला करते समय युवा निवेशक दूसरी बड़ी गलती तब करते हैे, जब उनके सामने निवेश का लक्ष्य और उसे हासिल करने का पूरा रोडमैप नहीं होता है. अगर निवेश का टार्गेट ही तय नहीं है, तो बेहतर नतीजे मिलने की उम्मीद भी नहीं की जा सकती. अगर आप अपने निवेश करने को लेकर सीरियस हैं तो उसकी प्लानिंग अच्छी तरह से करें. समय देकर रिसर्च करें और तय करें कि आपके निवेश का लक्ष्य क्या है? निवेश एक स्ट्रैटेजी के तहत करें और अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए एसेट जुटाएं.
रातों-रात मुनाफा कमाने के लालच से बचें
शार्ट-टर्म गेन यानी कम से कम समय में मुनाफा हो जाए तो सबको अच्छा लगेगा. लेकिन हकीकत में ऐसा कम ही होता है. कई बार नौजवान किसी मशहूर शख्सियत या अपने किसी परिचित व्यक्ति के बेहद कम समय में अचानक हुई तरक्की को देखकर सोच लेते हैं कि वे भी निवेश करके रातों-रात अमीर हो जाएंगे. लेकिन बिना सोचे समय हड़बड़ी में उठाया गया कदम उनके लिए नुकसानदेह साबिक हो सकता है. युवाओं के लिए ये समझना बेहद जरूरी है कि निवेश एक लांग-टर्म डील है. इसके लिए संयम बहुत जरुरी है. जब आप किसी स्कीम में निवेश करते हैं तो प्रॉफिट मिलने में वक्त लगता है. आपका ध्यान फौरन मुनाफे कमाने पर नहीं, बल्कि बेहतर स्कीम में निवेश करने पर होना चाहिए, जो समय के साथ ग्रो करे और आपके भविष्य के लिए फाइनेंशियल सिक्योरिटी यानी वित्तीय सुरक्षा भी मुहैया कराए.
निवेश में डायवर्सिफिकेश का ध्यान रखें
आपको अपनी सारी बचत किसी एक ही स्कीम में निवेश करने से बचना चाहिए. अगर आप अपनी पूंजी को अलग-अलग योजनाओं और इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, तो पैसे डूबने या खराब रिटर्न मिलने का रिस्क घटता है. मान लीजिए कोई एक स्कीम फेल भी हो जाए या उसका परफार्मेंस उम्मीद से कम हो, तो उसके नुकसान की भरपाई दूसरी जगह किए गए निवेश से की जा सकती है.
भावनाओं में बहकर न करें निवेश का फैसला
वित्तीय निवेश के मामलों में भावनाओं से काम न लें. जब भी आप निवेश करने की सोचे उससे जुड़ी जानकारियां जुटाएं. निवेश संबंधी रिसर्च करें और अपडेटेड रहें. इसके लिए फाइनेंशियल टर्म्स और कंसेप्ट्स की बुनियादी जानकारी होना बेहद जरुरी है. निवेश के बारे में कोई भी फैसला करने से पहले इकॉनमी, शेयर मार्केट या ग्लोबल मार्केट में हो रहे उतार-चढ़ावों और रुझानों को समझना भी जरूरी है.
मोटी कमाई के लिए रहें तैयार! आज खुलेगा इस सरकारी कंपनी सामूहिक निवेश क्या है का IPO, शेयर का भाव 99-100 रु, जानें सबकुछ
कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग NSE और BSE दोनों पर होगी.
PowerGrid InvIT IPO: पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के मालिकाना हक वाली पावर ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : April 29, 2021, 08:44 IST
नई दिल्ली. अगर आप पहले आए दिग्गज कंपनियों के IPO से मोटी कमाई का मौका चूक गए हैं तो आपको एक और मौका मिल रहा है. आज 29 अप्रैल को एक सरकारी कंपनी का IPO आ रहा है जहां आप निवेश करके अच्छी कमाई कर सकते हैं. दरअसल, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के मालिकाना हक वाली पावर ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (PowerGrid Infrastructure Investment Trust) 29 अप्रैल को अपना IPO लाॅन्च करने को तैयार है, जो किसी पीएसयू कंपनी द्वारा जारी किया जाने वाला अब तक पहला Invit (infrastructure investment trust) IPO होगा. यह इश्यू निवेश के लिए 29 अप्रैल को खुलेगा और 3 मई 2021 को बंद होगा. अगर आप इसमें निवेश करना चाहते हैं तो जानिए ये 10 जरूरी बातें-
1. IPO dates
यह आईपीओ 29 अप्रैल को बोली लगाने के लिए खुलेगा. प्रस्ताव के लिए अंतिम दिन 3 मई 2021 है. शेयर अलॉटमेंट की तारीख 10 मई 2021 है. डीमैट अकाउंट में शेयर 11 मई 2021 को आएगा. IPO लिस्टिंग डेट 17 मई 2021 है. इस इश्यू का एंकर बुक बिडिंग के लिए 28 अप्रैल को खुला था.
2. शेयर प्राइस
कंपनी ने अपने आईपीओ के लिए शेयर की कीमत 99-100 तय किया है. आईपीओ का साइज 7734 करोड़ है. PowerGrid InvIT IPO में 4,993.48 करोड़ रुपए का फ्रेश इश्यू और यूनिट होल्डर्स की तरफ से रखा जाने वाला 2,741.51 करोड़ रुपए का ऑफर फॉर सेल शामिल है.
3. प्राइस बैंड
ऑफर का प्राइस बैंड (Price Band) 99-100 रुपये प्रति यूनिट तय किया गया है.
4. न्यूनतम बोली 1100 यूनिट के लिए लगा सकेंगे
समान्य निवेशक इस आईपीओ में कम से कम 1100 यूनिट के लिए बोली लगा सकेंगे. 100 रुपये के प्राइस बैंड से देखें तो कम से कम इस आईपीओ में 1.1 लाख रुपये लगाने होंगे. इसके बाद 1,100 के गुणांक में बोली लगाई जा सकेगी.
5. फंड का कहां होगा इस्तेमाल
IPO से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कंपनी द्वारा कर्ज के रिपेमेंट के लिए लोन देने के अलावा जनरल कॉरपोरेट के कामों में भी किया जाएगा. प्रस्ताव का लगभग 75 प्रतिशत institutional investors के लिए आरक्षित है, जिसमें से 60 प्रतिशत हिस्सा anchor investors के लिए आरक्षित है. प्रस्ताव का शेष 25 हिस्सा गैर-संस्थागत निवेशकों (non-institutional investors) के लिए आनुपातिक आधार पर आवंटन के लिए उपलब्ध है.
6. विनिवेश लक्ष्य 175 लाख करोड़ रुपये
पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन का यह फैसला ऐसे समय आया है जब सरकार ने वित्त वर्ष 2022 के लिए अपना विनिवेश लक्ष्य 175 लाख करोड़ रुपये रखा है. इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार एलआईसी और एयर इंडिया के आईपीओ की तैयारी में है. बता दें कि इनविट एक सामूहिक निवेश स्कीम की तहत होती है जो म्युचुअल फंड की तरह काम करती है. इसमें व्यक्तिगत संस्थागत निवेशक किसी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में सीधा निवेश कर सकते हैं और उस प्रोजेक्ट्स की आय से रिटर्न के तौर पर कमाई कर सकते हैं.
7. बुक रनिंग लीड मैनेजर
ICICI सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल, इडेलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज और HSBC सिक्योरिटीज और कैपिटल मार्केट (India) इस ऑफर के बुक रनिंग लीड मैनेजर के रूप में काम कर रहे हैं.
8. क्रेडिट रेटिंग
>> ICRA: AAA/Stable
>> CARE: AAA/Stable
>> CRISIL : AAA/Stable
9. कंपनी का कारोबार
बता दें कि पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन का यह फैसला ऐसे समय आया है जब सरकार ने वित्त वर्ष 2022 के लिए अपना विनिवेश लक्ष्य 175 लाख करोड़ रुपये रखा है. InvIT एक सामूहिक निवेश स्कीम की तहत होती है जो म्युचुअल फंड की तरह काम करती है. इसमें व्यक्तिगत संस्थागत निवेशक किसी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में सीधा निवेश कर सकते हैं और उस प्रोजेक्ट्स की आय से रिटर्न के तौर पर कमाई कर सकते हैं.
10. जानें क्या है invIT?
बता दें कि इनविट एक सामूहिक निवेश स्कीम की तहत होती है जो म्युचुअल फंड की तरह काम करती है. इसमें व्यक्तिगत संस्थागत निवेशक किसी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में सीधा निवेश कर सकते हैं और उस प्रोजेक्ट्स की आय से रिटर्न के तौर पर कमाई कर सकते हैं.
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बचत और निवेश के समय जरूरी है नॉमिनी! जानें क्या है नियम
सभी तरह के बचत खातों और निवेश के लिए नॉमिनेशन करना बहुत जरूरी हो गया है.
अक्सर देखने में आया है कि नॉमिनी के बारे में गलत जानकारी होने के चलते भी बहुत से लोग नॉमिनी का उल्लेख करने से कतराते है . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : March 22, 2022, 07:00 IST
What is Nominee: बैंक में बचत खाता खोलते समय, बीमा पॉलिसी लेते समय या फिर निवेश के समय नॉमिनी की जरूरत होती है. कुछ मामलों में तो नॉमिनी का उल्लेख करना जरूरी कर दिया है. अगर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं आपको अपने डिमैट अकाउंट में नॉमिनी का नाम शामिल करना जरूरी है. अगर आपने कोई नॉमिनी नहीं बनाया है तो 31 मार्च से पहले नॉमिनी जरुर बना दें. क्योंकि 31 मार्च के बाद डिमैट ट्रेडिंग अकाउंट निष्क्रिय हो जाएगा. इसी तरह पीएफ अकाउंट (PF Account) में नॉमिनी के नाम का उल्लेख करना जरूरी है.
ज्यादातर लोगों को बैंक खाते या फिर निवेश में नॉमिनी के महत्व के बारे में पता नहीं होता है. निवेशक या खाताधारक की मृत्यु के बाद उसके परिजनों को पैसा निकालने में बहुत ज्यादा दिक्कतों को सामना करना पड़ता है. बहुत से मामलों में तो यह भी देखने में आया है कि नॉमिनी के अभाव में निवेशक का सारा पैसा संस्था के खाते में चला जाता है.
अक्सर देखने में आया है कि नॉमिनी के बारे में गलत जानकारी होने के चलते भी बहुत से लोग नॉमिनी का उल्लेख करने से कतराते हैं. काफी लोग सोचते हैं कि नॉमिनी का नाम दर्ज कराते ही उनकी संपत्ति या बचत का हकदार वह हो जाएगा. जबकि ऐसा नहीं है. दरअसल, नॉमिनी सिर्फ पैसे या संपत्ति का देखभाल करने वाला होता है न कि हकदार. निवेशक की मृत्यु के बाद नॉमिनी को निवेशक के कानूनी वारिस को पैसा या संपत्ति सौंपना जरूरी होता है. हालांकि नॉमिनी और कानूनी वारिस एक भी हो सकता है.
जरूरी है नॉमिनी
सभी तरह के बचत खातों और निवेश के लिए नॉमिनेशन करना बहुत जरूरी हो गया है ताकि खाताधारक की मृत्यु के बाद उसके सामूहिक निवेश क्या है खाते में मौजूद सारी रकम उसके नॉमिनी को दी जा सके. निवेशक अपना नॉमनी अपने जीवन साथी, अपने बच्चे, माता-पिता, परिवार का कोई और सदस्य या फिर अपने किसी दोस्त को बना सकते हैं.
कहां जरूरत होती है नॉमिनी की
हमें नॉमिनी की जरूरत कई जगहों पर पड़ती है जैसे- लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी लेते समय, बैंक खाता खुलवाते समय या फिर निवेश करते समय नॉमिनी की जरूरत होती है. जीवन बीमा पॉलिसी में आप एक से ज्यादा नॉमिनी रख सकते हैं. बेहतर होगा कि माता-पिता, पत्नी या बच्चे को ही इंश्योरेंस पॉलिसी में अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करें.
बैंक अकाउंट खोलते समय आप रिश्तेदार या दोस्त को भी नॉमिनी बना सकते हैं. निवेश करते समय एक व्यक्ति को ही नॉमिनी बना सकते हैं.
ई- नॉमिनेशन
एम्पलॉइज प्रॉविडेंट फंड (EPF) में नॉमिनेशन जरूरी है. यहां आप ई-नॉमिनेशन दाखिल कर सकते हैं. ई-नॉमिनेशन के लिए खाताधारक सिर्फ अपने परिवार के सदस्यों को ही नॉमिनी बना सकता है. ई-नॉमिनेशन के लिए आपको आधार नंबर, एड्रेस, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट और नॉमिनी के स्कैन की हुई फोटो पोर्टल पर अपलोड करनी होंगी.
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सामूहिक निवेश क्या है
आंध्रप्रदेश के गांव मुलिगोडा में किसान पटि्टका सुलोचना का खेत। फोटो: सीएसई
आपने 10 से अधिक वर्षों तक सामूहिक खेती का अध्ययन किया है। यह क्या लाभ दे सकता है?
सामूहिक खेती में स्वेच्छा से भूमि, श्रम और पूंजी को एकत्रित करना और खेती करना शामिल है। इससे छोटे किसानों को अपनी उत्पादन बाधाओं को दूर करने में मदद मिल सकती है। अधिकांश भारतीय खेत बहुत छोटे हैं, जो आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है। करीब 86 फीसदी किसान 2 हेक्टेयर से कम जमीन के टुकड़ों पर खेती करते हैं। अधिकांश के पास सिंचाई की सुविधा नहीं है। बैंक ऋण, प्रौद्योगिकियां और सूचना और बाजारों में सौदेबाजी की शक्ति नहीं है। बड़ी संख्या में महिलाएं हैं। समूह खेती एक संस्थागत समाधान प्रदान कर सकती है। किसान बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं का आनंद लेंगे तो अधिक निवेश आ सकता है। धन और कौशल, इनपुट लागत को कम करना और जलवायु परिवर्तन से निपटना जरूरी है। महिलाएं किसान के रूप में स्वतंत्र पहचान हासिल कर सकती हैं। मेरे अनुसंधान, जिसने भारत और नेपाल में नए प्रयोगों को भी उत्प्रेरित किया है, यह प्रदर्शित करता है। 2020 के कोविड-19 राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान अधिकांश समूह आर्थिक रूप से सक्षम रहे, जबकि अधिकांश व्यक्तिगत किसानों को नुकसान हुआ।
क्या इसे पट्टे की भूमि पर भी किया जा सकता है?
बिल्कुल। केरल में, सामूहिक खेती बड़े पैमाने पर भूमि पट्टे पर आधारित है। 2000 के दशक की शुरुआत में राज्य सरकार ने अपने गरीबी उन्मूलन मिशन, कुदुम्बश्री के तहत समूह फार्म के जरिये महिलाओं को बढ़ावा देना शुरू किया। आज ऐसे 68,000 सामूहिक निवेश क्या है से अधिक फार्म हैं। तेलंगाना में, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा 500 समूह फार्म बनाने के लिए एक छोटा प्रयोग किया गया था। इसे 2001 में केंद्र के सहयोग से और एक एनजीओ, आंध्र प्रदेश महिला समथा सोसाइटी (एपीएमएसएस) द्वारा कार्यान्वित किया गया। यहां भी महिला समूह मुख्य रूप से पट्टे की भूमि पर निर्भर थीं, क्योंकि कुछ ही महिलाओं के पास जमीन है। हालांकि, बिहार और उत्तरी बंगाल में आप मिश्रित-लिंग समूह पाते हैं। आमतौर पर पुरुष जमीन की व्यवस्था खुद ही करते हैं।
आपने केरल और तेलंगाना में सामूहिक खेती का गहन अध्ययन किया। आपने क्या पाया?
मैंने 2012-13 में पूरे एक साल के लिए हर इनपुट और आउटपुट, फसल और प्लॉट के लिए साप्ताहिक डेटा का एक सावधानीपूर्वक कलेक्शन किया। डेटा ने केरल के दो जिलों में 250 समूह और व्यक्तिगत खेतों और तेलंगाना के तीन जिलों में 763 खेतों को कवर किया। केरल में मैंने पाया कि समूह खेतों ने व्यक्तिगत खेतों (जिनमें से 95 प्रतिशत पुरुष प्रबंधित थे) के सापेक्ष प्रति हेक्टेयर उत्पादन के वार्षिक मूल्य का 1.8 गुना और 5 गुना शुद्ध रिटर्न हासिल किया था। तेलंगाना में समूह खेती ने उत्पादकता के मामले में व्यक्तिगत खेतों से भी बदतर प्रदर्शन किया लेकिन शुद्ध रिटर्न अच्छा रहा, क्योंकि उन्होंने किराए के श्रम पर बचत की। दोनों राज्यों में सामूहिक खेती ने महिलाओं को सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाया।
केरल ने बेहतर प्रदर्शन क्यों किया?
केरल के समूहों को कुदुम्बश्री मिशन से तकनीकी प्रशिक्षण और समर्थन प्राप्त हुआ। वे पंजीकृत पंचायत-स्तरीय सामुदायिक विकास समितियों के माध्यम से जुड़े हुए थे, जिन्होंने उन्हें स्थानीय स्तर पर मोलतोल की शक्ति प्रदान की। 5-6 महिलाओं के छोटे समूह सहयोग के लिए और नाबार्ड से रियायती ऋण प्राप्त करने के लिए उपयुक्त हैं। सदस्य साक्षर हैं और जातीय विविधता उनके सामाजिक नेटवर्क और पट्टे पर दी गई भूमि तक पहुंच को बढ़ाती है और व्यावसायिक फसल से लाभ में सुधार होता है। 2005 में यूएनडीपी परियोजना समाप्त होने के बाद तेलंगाना के समूहों को राज्य के समर्थन की कमी थी। हालांकि एपीएमएसएस से समर्थन मिलना जारी रहा। समूह बहुत बड़े थे (औसतन 22 सदस्य) और अधिकांश सदस्य अनुसूचित जाति के थे, जिसने उनकी सामाजिक सामूहिक निवेश क्या है पहुंच और भूमि पहुंच को सीमित कर दिया। सिंचाई के बिना पैदावार कम हुई। मूलरूप से, तेलंगाना ने मौजूदा सामाजिक सशक्तिकरण कार्यक्रम के रूप में समूह खेती को देखा, जबकि केरल ने आजीविका में वृद्धि के लिए इसे डिजाइन किया।
बिहार और पश्चिम बंगाल में सामूहिक खेती का प्रदर्शन कैसा रहा है?
यहां सामूहिक खेती मेरे लेखन से प्रभावित थी। अलग-अलग लिंग संरचना के साथ रोमांचक मॉडल सामने आए हैं। कुछ साल भर सामूहिक रूप से खेती करते हैं, अन्य एक मौसम या फसल के लिए। किसान सटे हुए भूखंडों को पूल करते हैं जो कुशल सिंचाई को सक्षम करते हैं। सभी समूह व्यक्तिगत खेतों की तुलना में अधिक फसल पैदावार रिपोर्ट करते हैं। बिहार में, जमीन को पट्टे पर देने वालों ने शक्तिशाली जमींदारों से कम किराए के लिए मोलतोल किया। यह समूह खेती सामंती संदर्भों में काम कर सकती है जो मूल मॉडल की प्रतिकृति को प्रदर्शित करती है।
क्या उपाय इस मॉडल को व्यापक बना सकते हैं?
किसानों को सरकार से तकनीकी सहायता और प्रदर्शन प्रोत्साहन की आवश्यकता है। शुरुआत में एक लोकल एनजीओ से उन्हें मार्गदर्शन मिलना चाहिए। समूह का आकार छोटा हो। सदस्यों के बीच जातीय विविधता हो। वाणिज्यिक फसलों सहित स्थानीय पारिस्थितिकी के अनुकूल फसलें उगाई जाए।
क्या किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) समूह खेती से अलग हैं?
एफपीओ मुख्य रूप से आउटपुट का संयुक्त विपणन और कभी-कभी थोक इनपुट खरीद करते हैं। वे शायद ही कभी संयुक्त खेती करते हैं या किसानों के साथ भूमि और श्रम की पूलिंग करते हैं। हालांकि, समूह फार्म और एफपीओ पूरक कार्य कर सकते हैं, यदि एफपीओ समूह फार्म बनाते हैं।
समूह खेती को बढ़ावा देने में सरकार क्यों हिचक रही है?
सबसे पहले, वह कृषि विपणन में व्यस्त है। सरकार उत्पादन बाधाओं पर कम ध्यान दे रही है, जिसका सामना छोटे किसान कर रहे हैं। दूसरा, 1960 के दशक में समूह खेती के असफल प्रयोगों के कारण सरकार संशयपूर्ण स्थिति में है। हालांकि, सरकार ने ये विश्लेषण नहीं किया कि वे विफल क्यों हुए। मूलरूप से उन्होंने एक त्रुटिपूर्ण मॉडल का उपयोग किया, जो छोटे और बड़े किसानों को आपसी सहायता के लिए आगे करता है (जिनके परस्पर विरोधी हित हैं)। संस्थागत डिजाइन की बहुत कम समझ थी। आज के समूह कृषि कार्यक्रमों ने सफल स्व-सहायता समूह मॉडल को अपनाया है, जिसने बचत और ऋण के लिए बेहतर काम किया है। यह स्वैच्छिकता, छोटे समूह के आकार और समतावादी संबंधों के सिद्धांतों पर आधारित है। अगर सरकार सामूहिक खेती का गंभीरता से समर्थन करती तो यह संस्थागत रूप से भारतीय कृषि और किसानों की आजीविका को बदल देती।
PACL के 12 लाख निवेशकों को वापस मिला पैसा, 429 करोड़ रुपए से अधिक का हुआ भुगतान
सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में कंपनियों को 2019- 20 वित्त वर्ष की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) करने के लिए 31 दिसंबर 2020 तक का समय दे दिया।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 09, 2020 9:27 IST
Photo:ZEE BUSINESS
Over 12 lakh PACL investors get their money back: Sebi
नई दिल्ली। बाजार विनियामक सेबी ने मंगलवार को कहा कि घोटालों में घिरी निवेश कंपनी पीएसीएल के 12 लाख निवेशकों को 429 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। इनमें ज्यादातर छोटे निवेशक हैं, जिनका कंपनी पर दस हजार रुपए तक का दावा था। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जांच में पाया है कि पीएसीएल लिमिटेड ने कृषि और अचल संपत्ति परियोजनाओं में निवेश के नाम पर निवेशकों से गैर-कानूनी सामूहिक निवेश योजनाओं के जरिये 60,000 करोड़ रुपए जुटाए थे।
पीएसीएल के निवेशकों के समूह ने सेबी प्रमुख से की मुलाकात, धन वापसी प्रक्रिया में तेजी लाने का किया आग्रह
Sebi ने पीएसीएल समूह की संपत्तियों के लिए जवाबी बोलियां मांगीं, 60000 करोड़ रुपए की वसूली का है ये मामला
PACL Case : निवेशकों की पैसों की वसूली के लिए पर्ल्स ग्रुप के लग्जरी वाहनों की नीलामी करेगा सेबी
कंपनी का यह गोरखधंधा 18 वर्ष तक चलता रहा था। सेबी ने एक बयान में कहा कि आज की तिथि तक 12,48,344 पात्र आवेदकों के दावों के निस्तारण के तहत कुल 429.13 करोड़ रुपए लौटाए गए हैं। इन आवेदकों के दावे अधिकतम दस हजार रुपए तक के थे। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरएम लोढा की आध्यक्षता में बिठाई गई एक समिति ने निवेशकों के धन-वापसी के आवेदनों को चरणबद्ध तरीके से निपटने की प्रक्रिया शुरू की है।
कंपनियों को वार्षिक आम बैठक करने के लिए दिसंबर तक का समय
सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में कंपनियों को 2019- 20 वित्त वर्ष की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) करने के लिए 31 दिसंबर 2020 तक का समय दे दिया। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक मंत्रालय ने इस बारे में कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) को आदेश जारी करने को कहा है। आरओसी से कहा गया है कि वह इस संबंध में औपचारिक तौर पर आवेदन करने और फीस का भुगतान किए बिना ही एजीएम करने की समय सीमा विस्तार का आदेश जारी करे।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस संबंध में चाहे आवेदन पहले दिया जा चुका है और उसे मंजूरी नहीं मिली है अथवा खारिज किया गया है, ऐसे आवेदन भी राहत पाने के दायरे में होंगे। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का काम कंपनी कानून के अमल पर ध्यान देना है। मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति सामूहिक निवेश क्या है में कहा गया है, करीब 12 लाख कंपनियों को बड़ी राहत दी गई है। कंपनियों को उनकी वार्षिक आम बैठक आयोजित करने की समय सीमा को 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दिया गया है। कंपनियों को यह राहत कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए दी गई है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि विभिन्न संघों और संगठनों ने कंपनियों के लिए एजीएम करने की समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी।