रिवर्स निवेश

aise harr baar kaise dil jeet lete ho, SKY? Watch the #TeamIndia in action in the 3rd #NZvIND ODI, LIVE & रिवर्स निवेश EXCLUSIVE - Nov 30, 6 AM on Prime Video.#NZvINDonPrime #CricketOnPrime pic.twitter.com/J07CMFd1y6 — prime video IN (@PrimeVideoIN) November 27, 2022
Investment: लिक्विड फंड के निवेशकों की मुश्किलें बढ़ीं, शॉर्ट टर्म मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स का हाल बुरा
शॉर्ट टर्म मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स की ब्याज दरें रिवर्स रेपो रेट से भी नीचे चली गई हैं. इस वजह से इनमें निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड हाउस के लिक्विड फंड आकर्षक नहीं रह गए हैं.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 07 Dec 2020 01:10 PM (IST)
Concept of Investment. Investing in Mutual Funds. Investment portfolio on the desk with eye glasses, calculator, mobile phone and pen.
कॉमर्शियल पेपर, ट्रेजरी बिल और दूसरे तरह के शॉर्ट टर्म मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स की ब्याज दरें कम होने की वजह से लिक्विड फंड निवेशकों की मुश्किल बढ़ गई हैं. शॉर्ट टर्म मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स की ब्याज दरें रिवर्स रेपो रेट से भी नीचे चली गई हैं. इस वजह से इनमें निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड हाउस के लिक्विड फंड आकर्षक नहीं रह गए हैं.
छोटी अवधि में पैसा लगा कर मुनाफा कमाना मुश्किल
फंड हाउस का कहना है कि छोटी अवधि में पैसा लगा कर मुनाफा कमाना मुश्किल होता जा रहा है. क्रेडिट स्प्रेड लगातार सिकुड़ता जा रहा है. यह स्थिति आरबीआई के लगातार घटते रिवर्स रेपो रेट की वजह से आई है. फंड हाउस मैनेजरों का कहना है कि जब आरबीआई मार्केट में स्थिरता लाने वाली स्कीमें, मसलन बॉन्ड, ट्रेजरी बिल आदि जारी करने लगे तो कॉमर्शियल पेपर जैसे इंस्ट्रूमेंट्स के जरिये लिक्विडिटी पैदा करने के ऑप्शन सिकुड़ने लगते हैं. आरबीआई की ओर जारी होने वाली मनी मार्केट स्कीमें सिस्टम में मौजूद जरूरत से ज्यादा लिक्विडिटी को सोख लेती हैं. इस वक्त बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी की भरमार है. सिस्टम में 8.04 लाख रुपये का सरप्लस है.
लिक्विड फंड का रिटर्न बेहद कम
News Reels
पिछले तीन महीनों के दौरान डेट आधारित लिक्विड फंड ने सिर्फ 0.76 फीसदी रिटर्न दिया है. फंड मैनेजरों को लिक्विड प्लान के तहत लॉन्ग टर्म पेपर्स में निवेश करने की इजाजत नहीं होती है. इस वक्त लगभग सभी लिक्विड फंड काफी कम रिटर्न दे रहे हैं. एसबीआई का शॉर्ट टर्म डिपोजिट ( 46 से 179 फीसदी) 3.9 फीसदी ब्याज दे रहा है. आदित्य बिड़ला फाइनेंस कॉरपोरेशन का कॉमर्शियल पेपर पर 3.25 से लेकर 3.32 फीसदी तक ब्याज दे रहा है. ऐसे में लिक्वड प्लान में निवेशकों का रुझान तेजी से कम हो रहा है.
Published at : 07 Dec 2020 12:48 PM (IST) Tags: Money market liquid funds ipo Mutual Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
क्या बच्चों के लिए प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं? जान लें इसके फायदे और नुकसान
ज्यादातर पैरेंट्स की फाइनेंशियल प्लानिंग में बच्चों की शिक्षा और शादी सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक होते हैं. जिनके पास ज्यादा पैसा है, उनमें बच्चों को विरासत में कुछ और भी छोड़कर जाने की इच्छा रहती है. फिर यह प्रॉपर्टी हो सकती है या सोने-चांदी के जेवरात. यह दूसरा मील का पत्थर होता है. बच्चों के लिए घर खरीदना निजी निर्णय है. यह किसी की आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है. पर, क्या यह वाकई में किसी को विरासत में कुछ छोड़ जाने का व्यावहारिक तरीका है? कहीं घर बच्चे की समस्या बढ़ा तो नहीं देता है या इससे बाद में उनके वित्तीय जीवन में आसानी होती है? आइए, जानते हैं कि बच्चे के लिए प्रॉपर्टी खरीदने के फायदे और नुकसान क्या हैं.
एक अध्ययन के अनुसार, देश के सभी दीवानी मामलों में से लगभग 66 फीसदी भूमि या प्रॉपर्टी के विवाद से जुड़े हैं. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने जितने मामलों में फैसला सुनाया है, उनमें 25 फीसदी भूमि विवाद संबंधी हैं. लिहाजा, बच्चों के लिए अगर घर खरीद रहे हैं, लेकिन बगैर वसीयत के मौत हो जाती है, तो प्रॉपर्टी भाई-बहन के बीच मतभेद पैदा कर सकती है. यह आशंका तब ज्यादा रहती है जब प्रॉपर्टी एक हो और उसे कई वारिसों के बीच में बंटना हो. यहां तक कि अगर आप वसीयत तैयार भी कर दें तो विवाद पैदा होने पर इसे निपटने में सालों साल लग जाते हैं. इसमें काफी पैसा भी खर्च होता है.
अगर बच्चे संपन्न हैं और विदेश में बस गए हैं या देश के अलग-अलग शहरों में रहते हैं, तो यह संभव नहीं है कि उन्हें निजी उपयोग के लिए घर की आवश्यकता होगी. यदि वे रिटायरमेंट के बाद प्रॉपर्टी में रहने के लिए इसे बनाए रखते हैं, तो इसके लिए काफी मरम्मत की आवश्यकता होगी. यानी उन्हें न केवल बड़ी रकम खर्च करनी होगी, बल्कि इसकी देखरेख के लिए शारीरिक रूप से भी मौजूद रहना पड़ेगा. यदि आपने इसे उनके लिए निवेश के रूप में खरीदा है, तो इसे बेचना बच्चों के लिए एक रिवर्स निवेश जटिल काम हो सकता है.
अगर पैरेंट्स की असमय मौत हो जाती है तो मुमकिन है कि बच्चा उस समय नाबालिग हो. उस रिवर्स निवेश स्थिति में प्रॉपर्टी को संभालने में वह असमर्थ होगा. वसीयत न होने पर यह प्रॉपर्टी किसी गलत हाथ में पड़ सकती है. इसलिए अगर आप बच्चों के लिए प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं और उस समय वे नाबालिग हैं तो अच्छा होगा कि उसी वक्त वसीयत तैयार कर दें. इसमें साफ होना चाहिए कि अभिभावक की अचानक मौत होने पर यह किसे ट्रांसफर होगी.
यदि आप इसलिए प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं कि बच्चे निवेश के रूप में उसका इस्तेमाल कर सकें यानी इसका व्यावसायिक या निजी इस्तेमाल न हो, तो अच्छा होगा कि वसीयत के माध्यम से इसे ट्रांसफर न करें. विवादों से बचने के लिए अपने जीवनकाल के दौरान ही इसे निपटा दें. इस बिक्री से मिले धन को बांट दें. आप इसी तरह के रिटर्न वाले अन्य निवेश विकल्पों पर भी गौर कर सकते हैं जो इतने पेचीदा नहीं हैं.
अगर आप उस प्रॉपर्टी को विरासत में देकर जाना चाहते हैं जिसमें आप अभी रह रहे हैं. लेकिन, यह महसूस करते हैं कि बच्चों को इसकी आवश्यकता नहीं है. या फिर बुढ़ापे के दिनों में रिवर्स निवेश पैसे की किल्लत महसूस करते हैं तो आप रिवर्स मॉर्गेज का विकल्प चुन सकते हैं. यह व्यक्ति के जीवित रहते हुए न केवल अतिरिक्त इनकम जेनरेट करने में मदद कर सकता है, बल्कि निधन के बाद प्रॉपर्टी की बिक्री का भी अच्छा तरीका प्रदान करता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि उधार देने वाला संस्थान व्यक्ति की मौत के बाद संपत्ति बेच देगा. इसमें बच्चों की माथापच्ची नहीं रहेगी. हालांकि, वे अगर पैरेंट्स की मौत के बाद इस प्रॉपर्टी को बनाए रखना चाहते हैं तो उन्हें इस बात के रिवर्स निवेश लिए तैयार रहना चाहिए कि वे लोन का भुगतान कर प्रॉपर्टी का पजेशन अपने हाथ में ले लें.
Watch: दाएं हाथ के सूर्या ने लेफ्ट हैंडर बनकर खेला हैरतअंगेज रिवर्स स्वीप शॉट, गेंदबाज के उड़ गए होश
IND vs NZ: टीम इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में एक ऐसा हैरतअंगेज शॉट खेला, जो शायद ही इंटरनेशनल लेवल पर किसी भारतीय बल्लेबाज ने खेला हो. भारत और न्यूजीलैंड के बीच हेमिल्टन में दूसरा वनडे मैच बारिश के कारण बेनतीजा रहा, लेकिन सूर्यकुमार यादव के इस अद्भुत शॉट ने हर किसी को हैरान कर दिया.
5
5
5
5
Suryakumar Yadav Reverse Sweep: टीम इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में एक ऐसा हैरतअंगेज शॉट खेला, जो शायद ही इंटरनेशनल लेवल पर किसी भारतीय बल्लेबाज ने खेला हो. भारत और न्यूजीलैंड के बीच हेमिल्टन में दूसरा वनडे मैच बारिश के कारण बेनतीजा रहा, लेकिन सूर्यकुमार यादव के इस अद्भुत शॉट ने हर किसी को हैरान कर दिया.
दाएं हाथ के सूर्या ने लेफ्ट हैंडर बनकर खेला हैरतअंगेज रिवर्स स्वीप शॉट
भारत के स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में भारतीय पारी के 12वें ओवर में कीवी स्पिनर माइकल ब्रेसवेल की गेंद पर एक ऐसा शॉट खेला, जिसने खूब चर्चा लूटी. भारतीय पारी के 12वें ओवर की चौथी गेंद पर सूर्यकुमार यादव ने माइकल ब्रेसवेल को रिवर्स स्वीप पर जबरदस्त छक्का जड़ दिया. सूर्यकुमार यादव रिवर्स निवेश ने जैसा शॉट खेला, इससे पहले शायद ही किसी भारतीय बल्लेबाज ने ऐसा शॉट मारा हो.
aise harr baar kaise dil jeet lete ho, SKY?
Watch the #TeamIndia in action in the 3rd #NZvIND ODI, LIVE & EXCLUSIVE - Nov 30, 6 AM on Prime Video.#NZvINDonPrime #CricketOnPrime pic.twitter.com/J07CMFd1y6
— prime video IN (@PrimeVideoIN) November 27, 2022
ये कोई दूसरा एबी डिविलियर्स नहीं है, बल्कि पहला सूर्यकुमार यादव है।
ये वो शॉट्स खेलता है जो क्रिकेट के इतिहास में ही नहीं खेले गए। pic.twitter.com/JKyEfBF92W
— Jaiky Yadav (@JaikyYadav16) November 27, 2022
सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा वीडियो
दाएं हाथ के सूर्यकुमार यादव ने लेफ्ट हैंडर बनकर ये हैरतअंगेज शॉट खेला, जिससे हर कोई दंग रह गया. सूर्यकुमार यादव के इस रिवर्स स्वीप शॉट पर छक्के का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. बता दें कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरा वनडे बारिश के कारण रद्द हो गया. बारिश होने से पहले केवल 12.5 ओवर फेंके गए. न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी और भारत को बल्लेबाजी के लिए मैदान में भेजा था.
सूर्यकुमार यादव ने दर्शकों का मनोरंजन किया
शुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव ने कुछ शानदार स्ट्रोक-प्ले से दर्शकों का मनोरंजन किया. सूर्यकुमार ने अपनी नाबाद 25 गेंदों में 34 रन की पारी में तीन छक्के लगाए, जबकि गिल 42 गेंदों पर नाबाद 45 रन पर थे. वहीं, न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज मैट हेनरी ने कप्तान शिखर धवन को सिर्फ तीन रन पर आउट कर दिया, जब बारिश के बाद मैच को 29 ओवरों का कर दिया गया. तीन मैचों की वनडे सीरीज में न्यूजीलैंड 1-0 से आगे है. इसका मतलब यह भी है कि भारत अब यह सीरीज नहीं जीत सकता. (With IANS Inputs)
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं
बैंकिंग: आरबीआई के रिवर्स रेपो रेट घटाने से कम हो सकता है एफडी पर मिलने वाला ब्याज, लेकिन लोन मिलने में होगी आसानी
आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे 4% से घटाकर 3.75% कर दिया है। रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती इसीलिए की गई है ताकि लोगों को कर्ज मिलने में आसानी हो। हालांकि इससे आपकी फिक्स्ड इनकम (एफडी) पर विपरीत असर पड़ेगा। एफडी में निवेश करने वालों को यह समझना चाहिए कि इससे ब्याज आय घट सकती है। इससे आपके निवेश पर आपको कम रिटर्न मिलेगा। इससे पहले 27 मार्च को कर्ज सस्ते करने के लिए रेपो रेट 0.75% घटाया था।
बैंक घटा सकते हैं अपना मार्जिन
- बैंकिंग एक्सपर्ट और अर्थशास्त्री डॉ. गणेश कावड़िया (स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स,देवी अहिल्या विवि इंदौर के पूर्व विभागाध्यक्ष) अनुसार रिवर्स रेपो रेट में कटौती के एलान के बाद बैंक अपने मार्जिन मनी को घटा सकते हैं। वैसे तो ब्याज दरों पर इसका सीधा असर नहीं पड़ेगा। लेकिन, बैंक ग्राहकों को ज्यादा कर्ज देने के लिए अपने मार्जिन को कम कर सकते हैं। हालांकि इसमें कितनी कमी होगी यह कहना अभी मुश्किल है।
- रिवर्स रेपो रेट में कटौती के बाद बैंक आरबीआई के पास इस पैसे को जमा करने के बजाय कहीं और लगाएंगे। इसके चलते बैंक ज्यादा कर्ज देने के लिए ब्याज दरों पर अपने मार्जिन को घटा सकते हैं।
- 50 हजार करोड़ रुपए टारगेटेड लॉन्गर टर्म रिफाइनेंसिंग ऑपरेशंंस यानी TLTRO के लिए दिए गए हैं। इससे नकदी संकट कम होगा। TLTRO के जरिए बैंकों को आरबीआई से 1 से 3 साल के लिए रेपो रेट पर कर्ज मिल जाता है। इससे बैंकों को कर्ज बांटने में आसानी होती है।
क्या होती है मार्जिन मनी?
बैंक से लोन लेने में, जितनी रकम के लिए आपने आवेदन किया है, उसका कुछ प्रतिशत, पहले आपको खुद ही अपनी जेब से बैंक में जमा करना पडता है। इसे मार्जिन मनी कहते हैं। बैंक अलग-अलग तरह के लोन पर 10 से 20 प्रतिशत तक की मार्जिन मनी लेता है।
घट सकती हैं एफडी की दरें
RBI के इस कदम के बाद फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर 0.25 से 0.50 फीसदी तक घट सकती हैं। ऐसे में आपके निवेश पर रिटर्न घाट सकता है। ज्यादा रिटर्न के लिए आप कहीं और निवेश करने के बारे सकते हैं। लेकिन इस बात का रखें की आप पैसा भी सुरक्षित रहे। देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई फिलहाल 7 दिन से लेकर 10 साल तक की एफडी पर 4 से लेकर 6.4 प्रतिशत सालाना ब्याज की पेशकश कर रहा है।
रिवर्स रेपो रेट क्या है ?
बैंकों के पास जब दिनभर के कामकाज के बाद रकम बची रह जाती है, तो वे उस रकम को RBI में रख देते हैं। इस रकम पर आरबीआई उन्हें ब्याज देता है. केंद्रीय बैंक इस रकम पर जिस दर से बैंकों को ब्याज देता है, उसे 'रिवर्स रेपो रेट' कहते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है?
फिक्स्ड डिपॉजिट, बैंकों और गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों द्वारा प्रदान किया जाने वाला इन्वेस्टमेंट साधन है, जिसमें आप बचत सेविंग अकाउंट की तुलना में अधिक ब्याज़ दर पाने के लिए पैसा डिपॉजिट कर सकते हैं। आप फिक्स्ड डिपॉजिट में एक निश्चित अवधि के लिए लंपसम पैसा डिपॉजिट कर सकते हैं, जो हर फाइनेंसर के लिए अलग-अलग होता है। आमतौर पर, FD के तय मानदंड के अनुसार पैसा मेच्योरिटी से पहले निकाला नहीं जा सकता है, लेकिन आप जुर्माने का भुगतान करने के बाद इसे निकाल सकते हैं।