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समाप्ति से पहले वायदा कारोबार बंद करना

समाप्ति से पहले वायदा कारोबार बंद करना
वाशिंगटन, 31 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिकी राज्य लुसियाना में सप्ताहांत में श्रेणी 4 के तूफान के रूप में पहुंचने वाले इडा ने खाड़ी तट के साथ देश के अधिकांश गैसोलीन शोधन और तेल उत्पादन को रोक दिया है।

त्योहारी मांग सरसों तेल में सुधार, निर्यात मांग समाप्त होने से मूंगफली में गिरावट

नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) निर्यात की मांग खत्म होने तथा सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले महंगा होने के कारण बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मूंगफली दाना (तिलहन) और तेल कीमतों में गिरावट को छोड़कर लगभग सभी तेल-तिलहन समाप्ति से पहले वायदा कारोबार बंद करना कीमतों में सुधार का रुख देखने को मिला।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह त्योहारी मांग होने के कारण सरसों दाना एवं सरसों तेल कीमतों में सुधार के अलावा सोयाबीन तेल तिलहन, पाम एवं पामोलीन कीमतों में सुधार आया। सस्ते आयातित तेलों की मांग होने से बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) की कीमत पिछले सप्ताहांत 30 रुपये की हानि के साथ बंद हुई।

सूत्रों ने कहा कि मूंगफली की निर्यात मांग खत्म होने तथा सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले भाव महंगा होने से समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली के दाम में भारी गिरावट देखने को मिली।

उन्होंने कहा कि दूसरी ओर त्योहारी मांग बढ़ने के बीच बाजार में स्टॉक कम होने से सरसों दाना और इसके तेल की कीमतों में सुधार आया। कोविड-19 महामारी की वजह से किसान अप्रैल-मई के महीने में मंडी में बिक्री के लिए स्टॉक नहीं लाये जिससे व्यापारियों और तेल मिलों के पास सरसों का कोई स्टॉक नहीं है। सरकार की ओर से सहकारी संस्था नाफेड ने किसानों से सरसों की खरीद की जिसके कारण सरसों का सीमित स्टॉक या तो नाफेड के पास या फिर किसानों के पास रह गया है।

सूत्रों ने कहा कि सर्दी के मौसम और त्योहारों में सरसों तेल की मांग बढ़ती है। फिलहाल स्टॉक की कमी है। उन्होंने कहा कि नाफेड को जून-जुलाई में सरसों बिक्री के बजाय सरसों की बिजाई के बाद अक्टूबर-नवंबर में सरसों की बिक्री करनी चाहिये थी। इससे किसानों को फायदा होता और सरसों की भी इतनी कमी नहीं होती।

उन्होंने कहा कि हालांकि यह स्थिति भविष्य में सरसों के लिए बेहतर साबित समाप्ति से पहले वायदा कारोबार बंद करना होगी क्योंकि मौजूदा वर्ष में सरसों की अच्छी कीमत मिलने से किसान उत्साहित हैं और आगे इसके उत्पादन की मात्रा बढ़ सकती है।

साल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने भी सरकार को पत्र लिखकर तेल उद्योग की चिंतायें बताई हैं और इस बात को रेखांकित किया है कि अन्य जिंसों के मुकाबले तेल कीमतों में अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई है। उसने तेल कीमतों में वृद्धि की वकालत की है और कहा है कि इस वृद्धि का घरों के बजट पर विशेष असर नहीं होगा क्योंकि घरेलू बजट का मामूली हिस्सा खाद्य तेल का होता है।

सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में सूरजमुखी बीज उत्पादकों को उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। इस ओर ध्यान दिये जाने की जरूरत है।

सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में तेजी का रुख होने तथा हल्के तेलों में सरसों, मूंगफली, तिल इत्यादि के मुकाबले लगभग 25 प्रतिशत सस्ता होने के कारण सोयाबीन तेलों की मांग बढ़ी है। सर्दियों के मौसम और त्योहारों की वजह से घरेलू खपत के लिए मांग बढ़ने के साथ-साथ देश में ’ब्लेंडिंग’ के लिए भी सोयाबीन डीगम की मांग है। इन परिस्थितियों में समीक्षाधीन सप्ताहांत में समाप्ति से पहले वायदा कारोबार बंद करना सोयाबीन दाना सहित इसके तेल की कीमतों में सुधार दर्ज हुआ।

बाकी तेलों के मुकाबले सबसे सस्ता होने, ब्लेंडिंग की मांग बढ़ने के साथ-साथ त्योहारी मांग बढ़ने से समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोयाबीन दाना और लूज की कीमतें क्रमश: 50 रुपये और 45 रुपये सुधरकर क्रमश: 4,समाप्ति से पहले वायदा कारोबार बंद करना 345-4,395 रुपये और 4,215-4,245 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं। सोयाबीन दिल्ली के भाव पूर्ववत रहे जबकि सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 150 रुपये और 30 रुपये सुधरकर क्रमश: 10,350 रुपये और 9,350 रुपये क्विन्टल समाप्ति से पहले वायदा कारोबार बंद करना पर बंद हुए।

सूत्रों ने कहा कि नाफेड हरियाणा, राजस्थान में सरसों दाना की सीमित मात्रा में बिकवाली कर रहा है लेकिन सट्टेबाज नाफेड से कम कीमत पर खरीद करने का दबाव बनाने के लिए वायदा कारोबार में भाव पहले से नीचा चलाने लगते हैं। हालांकि, नाफेड कम कीमत वाली बोली को निरस्त भी कर रहा है।

आलोच्य सप्ताह के दौरान घरेलू तेल-तिलहन बाजार में सरसों दाना (तिलहन फसल) पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 300 रुपये का सुधार दर्शाता 6,200-6,250 रुपये और सरसों तेल (दादरी) 280 रुपये के सुधार के साथ 12,280 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। जबकि सरसों पक्की घानी और सरसों कच्ची घानी की कीमतें 40-40 रुपये सुधरकर क्रमश: 1,855-2,005 रुपये और 1,975-2,085 रुपये प्रति टिन पर बंद हुईं।

उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को तिलहनों का भी बफर स्टॉक बनाना चाहिये तथा देशी स्तर पर तिलहन उत्पादन बढ़ाने के साथ सस्ते आयातित तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाना चाहिये ताकि हमारे तिलहन उत्पाद आयातित तेलों की प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकें। उन्होंने कहा कि बफर स्टॉक के कारण देशी तिलहन पूरा का पूरा बाजार में खप जायेगा और किसानों को इससे फायदा होगा।

मूंगफली की निर्यात मांग खत्म होने से पिछले सप्ताहांत के मुकाबले मूंगफली दाना 200 रुपये की गिरावट के साथ 5,275-5,325 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। इसके अलावा मूंगफली तेल गुजरात 650 रुपये की हानि दर्शाता 13,100 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ, जबकि मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड 90 रुपये की गिरावट दर्शाता 2,030-2,090 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

मांग न होने के बीच बेपड़ता कारोबार के कारण समीक्षाधीन सप्ताहांत में सीपीओ, पामोलीन दिल्ली और पामोलीन एक्स-कांडला की कीमतें क्रमश: 320 रुपये, 100 रुपये और 50 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 8,350 रुपये, 9,600 रुपये और 8,750 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं।

सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले मांग प्रभावित होने से बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) का भाव 30 रुपये की हानि दर्शाता समीक्षाधीन सप्ताहांत में 9,250 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ।

जरुरी जानकारी | वायदा-विकल्प अनुबंधों की समाप्ति पर मामूली गिरावट के साथ बंद हुए घरेलू शेयर बाजार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. वायदा एवं विकल्प के मासिक अनुबंधों की समयसीमा के समाप्त होने पर बृहस्पतिवार को उथल-पुथल भरे सत्र के बाद घरेलू शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक बाजारों से प्राप्त नकारात्मक संकेतों ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।

जरुरी जानकारी | वायदा-विकल्प अनुबंधों की समाप्ति पर मामूली गिरावट के साथ बंद हुए घरेलू शेयर बाजार

मुंबई, 25 जून वायदा एवं विकल्प के मासिक अनुबंधों की समयसीमा के समाप्त होने पर बृहस्पतिवार को उथल-पुथल भरे सत्र के बाद घरेलू शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक बाजारों समाप्ति से पहले वायदा कारोबार बंद करना से प्राप्त नकारात्मक संकेतों ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।

बीएसई के 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में कारोबार के दौरान 581.83 अंकों का उतार-चढ़ाव देखा गया। यह कारोबार के दौरान 35,081.61 अंक के उच्चतम स्तर और 34,499.78 अंक के निचले स्तर के दायरे में रहा। अंतत: यह 26.88 अंक यानी 0.08 प्रतिशत गिरकर 34,842.10 अंक पर बंद हुआ।

इसी तरह, एनएसई का निफ्टी भी 16.40 अंक या 0.16 प्रतिशत फिसलकर 10,288.90 अंक पर बंद हुआ। दिवस के दौरान यह 10,361.80 अंक के उच्च स्तर और 10,194.50 अंक के निचले स्तर पर रहा।

सेंसेक्स की कंपनियों में एशियन पेंट्स में सर्वाधिक तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट रही। इसके बाद इंफोसिस, एचसीएल टेक, एमएंडएम, ओएनजीसी, एनटीपीसी, इंडसइंड बैंक और टीसीएस में भी गिरावट रही। दूसरी ओर, आईटीसी, बजाज फाइनेंस, कोटक बैंक और एचयूएल के शेयरों में तेजी रही।

आनंद राठी के प्रमुख- इक्विटी रिसर्च (फंडामेंटल) नरेंद्र सोलंकी के अनुसार, बाजार ने अमेरिकी बाजारों से मिले कल रात के नकारात्मक संकेतों और एशियाई बाजारों की सुस्ती के कारण कारेाबार की शुरुआत गिरावट में रही।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि के अनुमानों को संशोधित किया और बुधवार को इसमें अतिरिक्त कटौती की। उसने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में इस साल 4.9 फीसदी की गिरावट आ सकती है। इससे पहले उसने अप्रैल में अपनी पिछली रिपोर्ट में तीन फीसदी गिरावट की आशंका व्यक्त की थी।

सोलंकी ने कहा कि मासिक वायदा और विकल्प (एफएंडओ) की समयसीमा समाप्त होने के कारण भी बाजार में उतार-चढ़ाव को बल मिला।

कारोबारियों ने बताया कि इसके अलावा दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या अर्थव्यवस्थाओं को फिर से खोलने से उत्पन्न आशावाद पर लगाम लगा रही है।

एशियाई बाजारों में जापान के निक्की और दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 2.27 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी। चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग सार्वजनिक अवकाश के कारण बंद रहे।

यूरोपीय शेयर बाजार शुरुआती सौदों में मिश्रित कारोबार कर रहे थे।

दुनिया भर में कोविड-19 मामलों की संख्या 94.08 लाख को पार कर गयी है और इस महामारी से मरने वालों की संख्या भी 4.82 लाख तक पहुंच गयी है। भारत में संक्रमण के कुल मामले 4,73,105 हो गये हैं, जबकि इसके कारण मरने वालों की संख्या 14,894 हो गयी है।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ‘ब्रेंट क्रूड’ का वायदा 0.42 प्रतिशत फिसलकर 40.14 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

प्रारंभिक आंकड़ों समाप्ति से पहले वायदा कारोबार बंद करना के अनुसार, रुपया डॉलर के मुकाबले सात पैसे गिरकर 76.65 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

सोने और चांदी की कीमतें: सोने की कीमतें 52,980 रुपये, चांदी 61,400 रुपये !

बिजनेस न्यूज डेस्क . घरेलू बाजारों में मंगलवार को सोने की कीमतें 52,980 रुपये के समान स्तर के आसपास मँडरा रही थीं, क्योंकि व्यापारी चीन की अपनी कोविड नीतियों को लेकर मौजूदा नागरिक अशांति से समाप्ति से पहले वायदा कारोबार बंद करना समाप्ति से पहले वायदा कारोबार बंद करना असहज हैं। 29 नवंबर मंगलवार को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 52,980 रुपए थी। 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत औसतन 48,560 रुपए रही। चांदी की कीमत 61,400 रुपये तक लुढ़क गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, पीली धातु पांच सत्रों में पहली बार निचले स्तर पर बंद होने से पहले सोमवार को एक सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंच गई। पिछले सत्र में लगभग 1 प्रतिशत की गिरावट के बाद मंगलवार को शुरुआती एशियाई कारोबार में सोने की कीमतें सपाट थीं, क्योंकि यूएस फेड रिजर्व ने कहा था कि मुद्रास्फीति को कम करने के लिए ब्याज दरें फिर से वापस आ सकती हैं। हाजिर सोना 0007 जीएमटी के अनुसार 1,741.13 डॉलर प्रति औंस पर सपाट था। अमेरिकी सोना वायदा 1,739.60 डॉलर पर थोड़ा बदला हुआ था।

“पिछले सत्र में 0.78 प्रतिशत की गिरावट के बाद सोना संभलने की कोशिश कर रहा है क्योंकि फेड अधिकारियों के तेजतर्रार बयानों के बाद अमेरिकी डॉलर और ट्रेजरी यील्ड में सुधार हुआ है। फेड अधिकारियों जेम्स बुलार्ड और जॉन विलियम्स ने कहा कि फेड को मुद्रास्फीति से निपटने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है और संकेत दिया है कि यह दर 2024 तक अधिक हो सकती है। यूएस डॉलर इंडेक्स और ट्रेजरी यील्ड के कारण नॉन-यील्डिंग बुलियन पर असर पड़ा। फोकस अब आज निर्धारित यूएस कंज्यूमर कॉन्फिडेंस डेटा पर होगा। कमजोर डेटा संकेतक अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने के कारण बुलियन रैली का समर्थन कर सकते हैं, ”रवींद्र वी. राव, सीएमटी, ईपीएटी वीपी-हेड कमोडिटी रिसर्च कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड ने कहा।

“सोमवार को, सोने और चांदी की कीमतें अपने दिन के निचले स्तर के पास समाप्त हो गईं। धातु की कीमतों में बिकवाली का दबाव देखा गया क्योंकि रात भर व्यापार करने के बाद अमेरिकी डॉलर सूचकांक में तेजी आई। चीन में अशांति के बीच धातुओं की वैश्विक मांग को लेकर भी चिंताएं थीं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों और ईसीबी अध्यक्ष के तेजतर्रार संकेत के कारण सोने और चांदी में गिरावट आई, जिससे संकेत मिलता है कि मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ब्याज दरें ऊंची रहेंगी।'

केरल समाप्ति से पहले वायदा कारोबार बंद करना को छोड़कर, मुद्रा विनिमय दर, उत्पाद शुल्क, राज्य करों और ज्वैलर्स के मेकिंग चार्ज के कारण सभी राज्यों में सोने की कीमतें प्रतिदिन बदलती हैं। मंगलवार को मुंबई और कोलकाता में 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 52,980 रुपये में खरीदा और बेचा जा सकता है। दिल्ली में इतना ही सोना 53,140 रुपये में खरीदा जा सकता है, जबकि चेन्नई में इसे 53,970 रुपये में खरीदा जा सकता है, जो सभी महानगरों में सबसे ज्यादा है।

समाप्ति से पहले वायदा कारोबार बंद करना

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तूफान ईडा ने अमेरिकी ऊर्जा उत्पादन को किया प्रभावित

तूफान ईडा ने अमेरिकी ऊर्जा उत्पादन को किया प्रभावित

वाशिंगटन, 31 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिकी राज्य लुसियाना में सप्ताहांत में श्रेणी 4 के तूफान के रूप में पहुंचने वाले इडा ने खाड़ी तट के साथ देश के अधिकांश गैसोलीन शोधन और तेल उत्पादन को रोक दिया है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दिनों में देश में गैस की कीमतें बढ़ सकती हैं। ऊर्जा विशेषज्ञों ने कहा कि संभावित बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है जो पहले से ही अमेरिकी उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचा रही है।

अमेरिकन ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के अनुसार, देश में नियमित ईंधन के एक गैलन की औसत कीमत सोमवार को 3.15 डॉलर थी, जो एक हफ्ते पहले की तुलना में 1 प्रतिशत कम है, लेकिन एक साल पहले की तुलना में 92 सेंट अधिक है।

हालांकि, सोमवार के शुरूआती कारोबार में थोक पेट्रोल वायदा लगभग 5 सेंट अधिक था।

ईंधन-बचत ऐप गैसबडी के पेट्रोलियम विश्लेषण के प्रमुख पैट्रिक डी हान ने स्थानीय मीडिया को बताया, हमने कीमतों में तीन सप्ताह की गिरावट देखी है, लेकिन शायद यह इस सप्ताह समाप्त हो जाएगी।

यूएस ब्यूरो ऑफ सेफ्टी एंड एनवायर्नमेंटल एनफोर्समेंट के अनुसार, रविवार को तूफान इडा के लैंडफॉल से पहले मैक्सिको की खाड़ी में अपतटीय प्लेटफार्मों और रिगों पर 95 प्रतिशत से ज्यादा तेल उत्पादन बंद कर दिया गया था।

स्थानीय विशेषज्ञों ने कहा कि भूस्खलन, बाढ़ या लंबे समय तक बिजली की कटौती के बाद भी रिफाइनरियों और पाइपलाइनों को कई दिनों तक ऑफलाइन रखा जा सकता है।

एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, लुइसियाना देश की सात सबसे बड़ी रिफाइनरियों में से तीन का घर है, जो इसकी 15 रिफाइनरियों में यूएस की कुल रिफाइनिंग क्षमता का 17.5 प्रतिशत है।

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