सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में

बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में आ सकती है 20% की गिरावट, क्या है वजह?
क्रिप्टो मार्केट कैपिटलाइजेशन में जल्द ही बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है. यह 1 ट्रिलियन डॉलर से नीचे गिर सकता है. हालांकि इंवेस्टर्स को 1.2 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर जाते हुए इसकी रिकवरी की उम्मीद थी, जो आखिरी बार 10 जून को देखी गयी थी. Cointelegraph की एक रिपोर्ट में गिरावट की आशंका जताई जा रही है.
इतना ही नहीं क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की भी हालत नाजुक है. 22 अगस्त को, WTI oil की वैल्यू में 3.6% की गिरावट आई. यह 8 जून को अपने $ 122 के शीर्ष से 28% नीचे गिर गया. US Treasuries पर 5 साल की उपज ने अपनी प्रवृत्ति को उलट दिया और वर्तमान में 1 अगस्त के 2.61% से निचले स्तर पर पहुंचने के बाद 3.16% पर कारोबार कर रहा है. इन सभी से संकेत मिलता सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में है कि निवेशकों का केंद्रीय बैंक के इस तरह के ऋण साधनों को रखने के लिए अधिक धन मांगने की प्रथाओं में विश्वास खो रहा है.
गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) के मुख्य अमेरिकी इक्विटी रणनीतिकार डेविड कोस्टिन के अनुसार, S&P 500 का जोखिम-इनाम अनुपात वर्तमान में जून के मध्य से 17% की वृद्धि के बाद नीचे की ओर गिरा है. कॉस्टिन ने एक क्लाइंट नोट लिखा है कि अगर मुद्रास्फीति ऊपर की ओर आश्चर्यचकित करती है, तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व को अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती से कसना होगा, जिसका मूल्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
इस बीच, चीन में COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए कथित तौर पर लंबे समय तक लॉकडाउन और संपत्ति ऋण के मुद्दों ने PBOC को 21 अगस्त को 4.45% से अपनी पांच साल की प्राइम लेंडिंग रेट को 4.30% तक कम करने के लिए प्रेरित किया. चीनी केंद्रीय बैंक द्वारा अप्रत्याशित रूप से ब्याज दरों में कमी करने के एक हफ्ते बाद ये हुआ है.
बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण जोखिम-बंद मानसिकता के परिणामस्वरूप निवेशकों को अधिक ब्याज दर बढ़ने की उम्मीद है, जो अंततः विकास शेयरों, वस्तुओं और क्रिप्टोकरेंसी के लिए निवेशकों के उत्साह में गिरावट का कारण बनेगी. Cointelegraph के अनुसार, परिणामस्वरूप, अस्पष्टता के समय में ट्रेडर अमेरिकी डॉलर और मुद्रास्फीति-संरक्षित बॉन्ड में सुरक्षा प्राप्त करने के इच्छुक हैं.
21 अगस्त को, Fear and Greed Index ने 27/100 का आंकड़ा दर्ज किया, जो इस डेटा-संचालित इमोशन मीटर के लिए पिछले 30 दिनों में सबसे कम मूल्य है. इससे पता चलता है कि निवेशकों की राय 16 अगस्त को 44/100 रीडिंग से बदल गई थी और ट्रेडर अब क्रिप्टोकरेंसी बाजार में होने वाली छोटी अवधि की हलचल से अधिक सावधान हैं.
क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार पूंजीकरण 12.6% गिरकर 1.04 ट्रिलियन डॉलर हो गया है. जबकि बिटकॉइन (BTC) ने 12% की गिरावट देखी, मध्य-पूंजीकरण वाले कुछ ऑल्टकॉइन्स ने 23% या उससे अधिक की गिरावट देखी.
EOS में 34.4% की वृद्धि हुई क्योंकि इसके समुदाय ने सितंबर में आगामी "Mandel" हार्ड फोर्क के बारे में उम्मीद जताई है. अपडेट के परिणामस्वरूप Block.one के साथ संबंध पूरी तरह से समाप्त होने की उम्मीद है. बार्सिलोना फुटबॉल क्लब के नए डिजिटल और मनोरंजन डिविजन में Socios.com ने 25% शेयर के लिए $100 मिलियन की खरीद के बाद, Chiliz (CHZ) में 2.6% की वृद्धि देखी गई.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2022
वर्ष 2018 में, वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा नहीं मानती है और क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग को खत्म करने के लिए सभी उपाय किए जाएंगे। इसके तुरंत बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी किया जिसमें कहा गया कि सभी बैंकों और सरकारी संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े सभी पक्षों को किसी भी तरह की सेवाएं प्रदान करना बंद कर देना चाहिए।
2020 में, क्रिप्टोक्यूरेंसी के उपयोग की वृद्धि और उन्नति के साथ, इस परिपत्र को भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वापस ले लिया गया था, जिससे बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े पक्षों के साथ अपने लेनदेन को फिर से शुरू करने की अनुमति मिली। NASSCOM ने इस फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया और जल्द ही भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग को बढ़ावा मिला।
भारत में सर्वश्रेष्ठ क्रिप्टोकरेंसी:
इन विशेषताओं को देखते हुए बिटकॉइन में वृद्धि की स्पष्ट संभावना है। बेशक, पारंपरिक मुद्राओं की तरह आभासी मुद्राओं का भी मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, संभावनाएं भौतिक दुनिया के समान हैं। जब हम क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा करते हैं तो सबसे पहला नाम बिटकॉइन का आता है। हालाँकि, कुछ और आभासी मुद्राएँ हैं जैसे Ethereum (ETH), Litecoin (LTC), Cardano (ADA), Polkadot (DOT), Stellar (XLM), Dogecoin (DOGE) आदि।
बिटकॉइन का इतिहास:
वर्ष 2009 में एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा उपनाम सतोशी नकामोतो का उपयोग करके बनाया गया था। बिटकॉइन को अब तक विकसित पहली क्रिप्टोक्यूरेंसी माना जाता है और वर्तमान में, प्रचलन में 18.5 मिलियन से अधिक बिटकॉइन सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में टोकन हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदना:
भारत में क्रिप्टोकुरेंसी खरीदने के लिए, एक निवेशक को पहले क्रिप्टो एक्सचेंज खोजने के साथ-साथ क्रिप्टो (जैसे बिटकॉइन) के लिए एक तीसरे पक्ष के माध्यम से एक ऑनलाइन स्टोरेज विकल्प बनाना होगा। एक्सचेंज में निवेशक को एक्सचेंज सर्विस के जरिए एक्सचेंज अकाउंट बनाना होगा।
भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज:
विदेशी निवेशकों की तरह, भारतीय साथियों ने भी डिजिटल सिक्कों में अरबों डॉलर डाले हैं, क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों की उपस्थिति के कारण, जो देश में क्रिप्टो उद्योग को फिर से आकार देने का लक्ष्य रखते हैं।
इनमें से कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म या ऐप, जो अपने ग्राहकों को क्रिप्टोकरेंसी में आसानी से व्यापार करने की अनुमति देते हैं, पिछले कुछ वर्षों में सामने आए हैं। उनमें से कुछ ने अब भारत में डिजिटल संपत्ति की लोकप्रियता का संकेत देते हुए, मंच पर व्यापार करने वाले लाखों से अधिक ग्राहक प्राप्त कर लिए हैं।
Frequently Asked Questions
Ques: क्या भारत में क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी है?
Ans: भारतीय रिजर्व बैंक और भारत सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी को भारत में कानूनी निविदा के रूप में मान्यता नहीं देते हैं। हालाँकि, सरकार Cryptocurrency के लिए एक बिल पर काम कर रही है, लेकिन तब तक यह देश में वैध नहीं है।
Ques: भारत में कौन सी क्रिप्टोकरेंसी सबसे अच्छी है?
Ans: कोई सबसे अच्छी क्रिप्टोकरेंसी नहीं है, क्योंकि यह पूरी तरह से बाजार पूंजीकरण पर निर्भर करता है कि कौन सबसे अच्छा रिटर्न देगा। लेकिन कुछ शीर्ष प्रदर्शन करने वाली क्रिप्टोकरेंसी हैं, जैसे Bitcoin, Ethereum, Solana, Cardano, Tether, आदि।
Ques: भारत में कितनी क्रिप्टोकरेंसी हैं?
Ans: क्रिप्टोकरंसी के सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में व्यापार और बिक्री के लिए सभी 15 घरेलू एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं। भारत में अब दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो ऑनर हैं।
Ques: क्या भारत में क्रिप्टो प्रतिबंधित है?
Ans: मार्च 2020 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 में भारत सरकार द्वारा लगाए गए क्रिप्टो मुद्राओं पर प्रतिबंध हटा दिया।
सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में
‘‘ये महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।’’
क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते गुरुवार, 18 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया की ओर से आयोजित ‘‘सिडनी संवाद’’ में ये बातें कहीं थी। पीएम मोदी ने सभी लोकतांत्रिक देशों से साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि वे क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में ना जाने दें, अन्यथा युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है। उन्होंने डिजिटल क्रांति से उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए समान सोच वाले सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में देशों के एकजुट होने की आवश्यकता पर भी बल दिया था। पीएम मोदी के इस भाषण के बाद देश में क्रिप्टोकरंसी के भविष्य को लेकर बहस एक बार फिर तेज़ हो गई थी।
दरअसल, देश में बीते कुछ समय से क्रिप्टोकरंसी को लेकर संशय का माहौल बना हुआ है। कई लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या भारत सरकार निजी क्रिप्टोकरंसी को बैन कर देगी। अब इसी कश्मक्श के बीच मंगलवार को लोकसभा ने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के लिए तैयार की गई अपनी विधायी कार्य योजना की जानकारी सार्वजनिक सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में की। जिसमें क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल मुद्रा पर क़ानून बनाने का बिल भी दर्ज है। इस बिल को क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 नाम दिया गया है।
देश में सभी डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी पर लग सकता है प्रतिबंध?
लोकसभा की कार्य योजना के मुताबिक इस बिल को लाने का उद्देश्य भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक व्यवस्था तैयार करना और देश में सभी डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना है।
बता दें कि 2018 में आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन मार्च 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आरबीआई के प्रतिबंध के ख़िलाफ़ फ़ैसला सुनाते हुए कहा था कि सरकार को 'कोई निर्णय लेते हुए इस मामले पर क़ानून बनाना चाहिए।' जिसके बाद पिछले एक साल में देश के भीतर क्रिप्टोकरंसी का बाजार बहुत ज्यादा बढ़ा है। भारत क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध का ऐलान करने वाली दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है। इससे पहले सितंबर में चीन ने क्रिप्टोकरंसी में हर तरह के लेनदेन को अवैध करार दे दिया था।
क्या है पूरा मामला?
क्रिप्टोकरेंसी को अगर आसान भाषा में समझेें तो ये किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन मुद्रा है और व्यापार के रूप में बिना किसी नियमों के इसके ज़रिए व्यापार होता है। इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है। यही कारण है कि इसकी सुरक्षा हमेशा सवालों के घेरे में रही है। केंद्रीय रिज़र्व बैंक ने इस साल फिर से डिजिटल करेंसी के कारण साइबर धोखाधड़ी के मुद्दे को उठाया है।
आरबीआई जारी करेगा अपनी डिजिटल करेंसी!
मीडिया में आई खबरों की मानें तो आरबीआई काफ़ी समय से अपनी डिजिटल करेंसी जारी करने की दिशा सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में में सोच रहा है, लेकिन यह अभी तक तय नहीं है कि इसका पायलट प्रॉजेक्ट कब तक शुरू होगा। अभी तक इस बिल की सटीक रूपरेखा सार्वजनिक नहीं की गई है और न ही इस पर कोई सार्वजनिक तौर पर विचार-विमर्श हुआ है।
वित्त मंत्रालय काफ़ी समय से इस बिल पर कुछ नहीं बोल रहा है और ऐसा माना जा रहा है सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में कि यह बिल अगस्त से ही मंत्रिमंडल की अनुमति के लिए तैयार है। इस बिल को लेकर काफ़ी सवाल जुड़े हुए हैं क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी में काफ़ी लोगों का निवेश है। अगर सरकार सभी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित कर देती है, तो उन लोगों का क्या होगा जिन्होंने निवेश किया हुआ है।
'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक़ बीती 13 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी पर नियम बनाने को लेकर एक बैठक की थी, जिसमें केंद्रीय बैंक, गृह और वित्त मंत्रालय के आला अधिकारी शामिल हुए थे। इस बैठक के दौरान यह सहमति बनी है कि 'बड़े-बड़े वादों और ग़ैर-पारदर्शी विज्ञापनों से युवाओं को गुमराह करने की कोशिशों' को रोका जाए। इसी दौरान यह भी पाया गया कि अनियंत्रित क्रिप्टो मार्केट मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फ़ंडिंग के लिए इस्तेमाल हो सकती है। इसी कारण सरकार इस क्षेत्र के लिए तेज़ी से क़दम उठाने को दृढ़ संकल्प है।
मालूम हो कि इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है कि कितने भारतीयों के पास क्रिप्टोकरेंसी है या कितने लोग इसमें व्यापार करते हैं, लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि करोड़ों लोग डिजिटल करेंसी में निवेश कर रहे हैं और महामारी के दौरान इसमें बढ़ोतरी हुई है। चेनालिसिस नामक संस्था के मुताबिक पिछले एक साल में देश के भीतर क्रिप्टोकरंसी में निवेश करीब 600 प्रतिशत बढ़ा है।
करोड़ों निवेशकों के भविष्य खतरे में?
एक अनुमान के मुताबिक एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में क्रिप्टोकरंसी धारकों की संख्या डेढ़ से दस करोड़ के बीच हो सकती है। इसकी कीमत अरबों डॉलर में आंकी गई है। भारत सरकार के इस आदेश ने इन लोगों के निवेश को खतरे में डाल दिया है। ससंदीय बुलेटिन के मुताबिक नए लोकसभा सत्र में लाए जाने वाले बिल में अपवाद के तौर पर कुछ विकल्प भी होंगे ताकि क्रिप्टो तकनीक को बढ़ावा दिया जाए। लेकिन इस बिल के बारे में कोई और जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है।
गौरतलब है कि भारत में 2013 में क्रिप्टोकरंसी की शुरुआत हुई थी, लेकिन तब भी से इसे लेकर संदेह जाहिर किए जाते रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा विवादास्पद नोटबंदी करने के बाद क्रिप्टोकरंसी के जरिए लेनदेन में धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। बीते कुछ महीनों में भारत में क्रिप्टोकरंसी के विज्ञापनों की बाढ़ आ गई थी। कॉइनस्विचकूबर, कॉइनडीसीएक् और अन्य घरेलू क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज टीवी चैनलों, वेबसाइटों और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों पर जमकर विज्ञापन दे रहे थे। माना जा रहा है कि सरकार ने इन सभी को ध्यान में रखते हुए इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में सदन के पटल पर रखने का फैसला लिया है। ऐसे में अब ये बिल निवेशकों को कितनी राहत देगा या उन्हें कितना नुकसान देगा ये देखना होगा।
अभिषेक तैलंग के साथ Tech Talk: एक्सपर्ट से जानिए बेस्ट-3 क्रिप्टो वॉलेट के बारे में; इनमें सेफ, सिक्योर और फ्री एक्सेस मिलेगा
क्रिप्टोकरेंसी पूरे दुनिया में बहुत ही तेजी से पॉपुलर हुई है और ज्यादातर देशों में इसमें इन्वेस्ट करने की होड़ लगी हुई है। कई लोग तरह-तरह की डिजिटल करेंसी को ही फ्यूचर बता रहे हैं। लेकिन, क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने से पहले सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपके पास एक सिक्योर और सेफ क्रिप्टो वॉलेट होना चाहिए। तो आज के इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे ही बेस्ट क्रिप्टो वॉलेट के बारे में जानेंगे जो एक सीखने वाले से लेकर सीख चुके लोगों तक सभी के बहुत काम के हैं।
बिनांस (Binance)
बिनांस एक काफी सिक्योर और बढ़िया क्रिप्टो वॉलेट है और खास कर तब जब आप एक ऐसे क्रिप्टो वॉलेट की तलाश में है जो ना सिर्फ आपकी क्रिप्टोकरेंसी को सेव कर के रखेगा, बल्कि उसी वॉलेट से आप ट्रेडिंग भी कर सकेंगे। बिनांस में आपको करीब 1000 अलग-अलग क्रिप्टो करेंसी का एक्सेस मिल जाता है, चाहे फिर वो छोटी क्रिप्टोकरेंसी हो या कोई बड़ी क्रिप्टोकरेंसी हो, आप सभी पर आसानी से इन्वेस्ट कर पाएंगे। बिनांस से सिक्योर एंड सेफ ट्रेडिंग करने के लिए आपको सिर्फ 0.10% कमीशन देना होगा। बिनांस क्रिप्टो वॉलेट iOS और एंड्रॉयड दोनों ही प्लेटफॉर्म पर अवेलेबल है और इसे फ्री भी डाउनलोड कर सकते हैं।
वजीर एक्स (WazirX)
अब आपको बताते हैं एक ऐसा वॉलेट जो सेफ और भरोसेमंद भी है साथ ही सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में आपको कई अलग-अलग तरह की क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करने का मौका भी देता है। वजीर एक काफी बढ़िया ऑप्शन है। वजीर एक्स से आप 100 से भी ज्यादा तरह की सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं। ये UPI, NEFT, IMPS जैसे सभी ट्रांजैक्शन को सपोर्ट करता है और आपको किसी भी तरह का विड्रॉवल चार्ज भी नहीं देना पड़ता। वजीर एक्स काफी सिक्योर है और साथ ही ये iOS और एड्रॉयड दोनों ही प्लेटफॉर्म पर अवेलबल है।
कॉइनबेस
अब अगर अपने अभी क्रिप्टो पर इन्वेस्ट करना नया नया शुरू किया है मतलब अभी आप एक नौसिखिया हैं और चाहते हैं एक ऐसा वॉलेट जो बेस्ट और सिक्योर भी हो। जो आपका पैसा संभाल कर रख सके तो कॉइनबेस आपके लिए एक बढ़िया ऑप्शन होगा। कॉइनबेस का यूजर इंटरफेस बहुत ही आसान सा है और ये 100 % सेफ एंड सिक्योर भी है। सिक्योरिटी के लिए इसमें 2 फैक्टर ऑथेंटिकेशन मिलता है। कॉइनबेस में 98% डाटा ऑफलाइन सेव होता है। मतलब कि इसमें किसी तरह का ऑनलाइन खतरा भी बहुत कम है। कॉइनबेस आपको iOS और एंड्रॉयड दोनों ही प्लेटफॉर्म पर मिल जाएगा।
इन्वेस्टमेंट के लिए कौन सी क्रिप्टोकरेंसी है सही? यहां है आपके काम की जानकारी
इस समय मार्केट में 11,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं. कोई भी कॉइन के स्ट्रॉन्ग कम्युनिटी ट्रांजेक्शन के आधार पर फेक कॉइन की पहचान कर सकता है.
- Teena Jain Kaushal
- Publish Date - September 8, 2021 / 12:36 PM IST
एक्सचेंजों के अनुसार लगभग 105 मिलियन भारतीय क्रिप्टो संपत्ति रखते हैं और व्यापारियों की संख्या लगभग 1 मिलियन है.
आज हर तरफ क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा है. युवाओं से लेकर निवेशकों तक, सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं. हालांकि स्मार्टफोन की मदद से इसे खरीदना और बेचना बेहद आसान हो गया है, लेकिन एक बात जो अभी भी ज्यादातर लोगों को परेशान करती है कि उन्हें कहां निवेश करना चाहिए, खासकर उस समय जब मार्केट में 11,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं. क्या किसी को केवल बिटकॉइन और इथेरियम जैसे बड़े नामों के साथ रहना चाहिए और जिन क्रिप्टो का ज्यादा नाम नहीं सुना उनसे दूर रहना चाहिए? जब मार्केट नकली क्रिप्टोकरेंसी से भरा हो तो क्या नजरिया होना चाहिए? सही क्रिप्टो की पहचान कैसे करें?
Bitbns के CEO और को-फाउंडर गौरव दहाके ने कहा, कोई भी उस कॉइन के स्ट्रॉन्ग कम्युनिटी ट्रांजेक्शन के आधार पर फेक कॉइन की पहचान कर सकता है. फेक कॉइन की पहचान करते समय एक और फेक्टर को ध्यान में रखना चाहिए कि उस से जुड़ी क्वेरी और इश्यू का जवाब कौन दे रहा है.
इसके अलावा, कोई यह चेक कर सकता है कि क्या वो उस रोडमैप सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में और प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जिसका वादा किया गया था. आमतौर पर निवेश करने के लिए बेहद सतर्क रुख अपनाना चाहिए, खासकर नए टोकन में. लेजिटीमेट एक्सचेंजों पर इसकी लिस्टिंग को क्रॉस-चेक करके कॉइन के बारे में जाना जा सकता है कि वो फेक हैं कि नहीं. Bitbns जैसे एक्सचेंजों की एक अलग टीम है, जो कॉइन को लिस्ट करने से पहले उसे वेरीफाई करती हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को वाइट पेपर पढ़ना चाहिए – वाइट पेपर एक आधिकारिक रिपोर्ट या गाइड होती है जो अक्सर इश्यू को एड्रेस करती है और कैसे उन्हें हल किया जा सकता है.
जियोटस क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के को-फाउंडर और CEO विक्रम सुब्बुराज ने कहा, एक बार जब ये आयडिया एक स्ट्रॉन्ग वायबिल फ्यूचर के रूप में रेसोनेट हो जाता है, तो इन्वेस्टर्स को ये इवेलुएट करना होगा कि क्या टोकन के पीछे की टीम सुझाव के अनुसार रोडमैप को एक्जिक्यूट करने में सक्षम है.
ये इंटरव्यू, पार्टनरशिप, न्यूज, रिव्यू आदि से अनुमान लगाया जा सकता है. किसी बड़ी फर्म द्वारा सपोर्ट भी रोडमैप की मजबूती का संकेत दे सकता है.
निवेशकों की ओर से ड्यू डिलिजेंस भी उतना ही महत्वपूर्ण है. निवेश करने से पहले क्रिप्टो के पीछे के प्रोजेक्ट को समझने के लिए रिसर्च की जानी चाहिए.
सुब्बुराज बताते हैं कि ज्यादातर रग पुल (जब प्रमोटर रोडमैप दिए बिना जुटाई गई पूंजी को छीन लेते हैं) निवेशकों की ओर से ड्यू डिलिजेंस की कमी के कारण होते हैं. हर कोई जल्दी पैसा कमाना चाहता है, लेकिन बहुत से लोग निवेश करने से पहले किसी पर्टिकुलर टोकन पर रिसर्च करने के लिए समय नहीं लगाते हैं.
यदि निवेशकों को विश्वास नहीं है कि वो एक टोकन को इवेलुएट करने में सक्षम हैं तो वो स्टेब्लिश हाई से मिडकैप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना बेहतर समझते हैं और इनीशियल कॉइन ऑफरिंग (ICO) और IEO में पार्टिसिपेट नहीं करते हैं.