दिन के कारोबार के लिए एक परिचय

ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है

ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है
Blockchain Technology

आ रहा डिजिटल रुपया, हर ट्रांजैक्शन पर रहेगी ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी की 'नजर'

डिजिटल करेंसी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अहम घोषणा की है। उन्होंने कहा कि साल 2022-23 में भारत में डिजिटल करेंसी आ जाएगी। खास बात यह है कि इसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी.

आ रहा डिजिटल रुपया, हर ट्रांजैक्शन पर रहेगी ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी की 'नजर'

डिजिटल करेंसी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अहम घोषणा की है। उन्होंने कहा कि साल 2022-23 में भारत में डिजिटल करेंसी आ जाएगी। खास बात यह है कि इसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करेगा। डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी पर आधारित होगा। ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी पर आधारित ट्रांजैक्शन्स में कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती और इनका पूरा रिकॉर्ड भी सेव रहता है।आइए डीटेल में समझते हैं कि आखिर ये ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी है क्या और क्यों यह आज के समय में काफी महत्वपूर्ण बनती जा रही है।

क्या है ब्लॉकचेन?
ब्लॉकचेन किसी भी डिजिटल ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड को बेहद सुरक्षित रखता है। ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी की मदद से किए गए ट्रांजैक्शन में छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। यह टेक्नॉलजी बिजनस नेटवर्क में किए असेट्स के ट्रांजैक्शन के पूरे ट्रैक रिकॉर्ड को सेव रखने का काम करती है। आसान भाषा में समझें तो ब्लॉकचेन नेटवर्क पर सभी ट्रांजैक्शन को वर्चुअली ट्रैक किया जा सकता है और इससे ऑनलाइन फ्रॉड को भी रोकने में मदद मिलती है।

इसलिए जरूरी बन जाती है ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी
किसी भी तरह का बिजनस सही जानकारी पर काफी निर्भर करता है। जानकारी जितनी सटीक होगी बिजनस को उतना ही फायदा होगा। ब्लॉकचेन की अहमियत यहीं पर काफी बढ़ जाती है। ब्लॉकचेन बिजनस के लिए जरूरी जानकारी को तुरंत उपलब्ध कराता है। खास बात है कि ब्लॉकचेन पर शेयर की गई जानकारी ट्रांसपैरंट होती है और इसपर स्टोर हुए रिकॉर्ड को बदला भी नहीं जा सकता। ब्लॉकचेन नेटवर्क ऑर्डर, पेमेंट और अकाउंट के अलावा दूसरी चीजों को भी ट्रैक कर सकता है। ब्लॉकचेन नेटवर्क के जरिए मेंबर एंड-टू-एंड ट्रांजैक्शन की डीटेल को भी चेक कर सकते हैं, जो बिजनस के लिए काफी अच्छी बात है।

ऐसे काम करता है ब्लॉकचेन
ब्लॉकचेन नेटवर्क पर किए गए ट्रांजैक्शन डेटा के ब्लॉक के तौर पर रिकॉर्ड होते हैं। डेटा ब्लॉक कौन, क्या, कब, कहां और कितना जैसे इन्फर्मेशन के रिकॉर्ड्स को बखूबी सेव रखता है। ये ब्लॉक्स डेटा की एक कड़ी बना देते हैं और इससे असेट्स के मूवमेंट का भी पता चलता है कि वह कब और कहां पहुंचा और इस वक्त वह किसके पास है।

ब्लॉक्स ट्रांजैक्शन के सीक्वेंस और सही समय को कन्फर्म करते हैं। यही ब्लॉक्स आपस में एक-दूसरे से ऐसे जुड़ जाते हैं ताकि इनके बीच किसी और ब्लॉक को एंटर नहीं किया जा सकता। यह इसकी सिक्यॉरिटी को काफी मजबूत बना देता है। हर अडिशनल ब्लॉक पूरे ब्लॉकचेन के साथ ही पहले के ब्लॉक्स के वेरिफिकेशन को मजबूत बनाता है।

क्रिप्टोकरेंसी - ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है?

बिना किसी वित्तीय मध्यस्थता के आधार पर वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड रखने वाला एक डेटाबेस

क्रिप्टोकरेंसी शब्द आज के वक्त में बहुत ज्यादा पॉपुलर हो गया है, इसके पीछे ब्लॉकचैन टेक्नॉलजी का ही हाथ है।क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता वित्त में ब्लॉकचेन की उपयोगिता को साबित कर रही है। यह बिना किसी वित्तीय मध्यस्थता के आधार पर वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड रखने वाला एक डेटाबेस है। यह एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें जानकारी को रिकॉर्ड करके रखने में मदद मिलती है। इस सिस्टम में जानकारी कुछ इस प्रकार रिकॉर्ड की जाती है कि न तो इसे कोई हैक कर सकता है और न ही इसमे कोई बदलाव कर सकता है। ब्लॉकचेन एक स्पेसिफिक टाइप का डेटाबेस है जो हर ट्रांजैक्शन को स्टोर रखता है, ब्लॉकचेन में जो ब्लॉक होते हैं वह मॉनिटरी ट्रांजैक्शंस के डाटा को स्टोर करते हैं!

आखिर इसको ब्लॉकचैन का नाम क्यों दिया गया? : जिस ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है प्रकार हजारों-लाखों कंप्यूटरों को आपस में एक साथ जोड़कर इंटरनेट की शुरुआत हुई , ठीक उसी प्रकार से डाटा ब्लॉकों को जोड़कर ब्लॉकचैन की शुरूआत हुई। इस टेक्नोलॉजी में डाटा ब्लॉक में स्टोर किया जाता है जो एक तरीके का डेटा का चेन बनाते हैं, और ये ब्लॉक्स एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। इसी लिए इसे ब्लॉकचेन का नाम दिया गया है।

ब्लॉकचैन कितना ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है सुरक्षित है? : ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक विकेन्द्रीयकरण (de-centralized) प्रणाली पर काम करती है। विकेन्द्रीयकरण (de-centralized) प्रणाली का मतलब यह है कि इस पर किसी व्यक्ति या विशेष का कंट्रोल नहीं होता। क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम लेन-देन को अपरिवर्तनीय बनाता है – जिसमें किसी तरह का बदलाव नहीं हो सकता है। जब कोई ट्रांससेशन होता है तो उसकी कॉपी पूरे नेटवर्क के पास उपलब्ध होती हे, हर ब्लॉक अपने से पीछे वाले ब्लॉक की हेश आईडी रखता है। यदि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के एक हिस्से को हैक कर लिया जाए तो इससे दूसरे हिस्से प्रभावित नहीं होते! दूसरे शब्दों में, एक बार श्रृंखला पर बनाए गए ब्लॉक को बदला नहीं जा सकता है। दुनिया भर में इसके लाखों नोड हैं जो सिस्टम पर होने वाले सभी ट्रांजैक्शन का ट्रैक रिकॉर्ड रखते हैं। इसका उदाहरण नीचे देखा जा सकता है।

बैंकिंग क्षेत्र - ब्लॉकचेन तकनीक भुगतान भेजने का एक सुरक्षित और सस्ता तरीका प्रदान करती है जो तीसरे पक्ष से सत्यापन की आवश्यकता को कम करती है और पारंपरिक बैंक हस्तांतरण के लिए प्रसंस्करण समय को मात देती है। ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के जरिये देश या विदेश में कुछ ही मिनटों में पैसा भेजा जा सकता है। ब्लॉकचेन बैंकिंग और उधार सेवाओं को सरल कर सकता है, प्रतिपक्ष जोखिम को कम कर सकता है। प्रमाणित दस्तावेज और केवाईसी/एएमएल डेटा, परिचालन जोखिमों को कम करने और वित्तीय दस्तावेजों के वास्तविक समय सत्यापन की पिरक्रिया में बहुत तेजी ला सकता है।

वोटिंग के लिए - चुनावों में वोट देने और उनकी गणना के लिए ब्लॉकचैन लागू किया जा सकता है। इसी साल अमेरिका के चुनावों की गणना में एक हफ्ते का समय लग गया था। ब्लॉकचैन टेक्नॉलजी के माध्यम से इस प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है। भविष्य में ब्लॉकचेन तकनीक का प्रयोग कर इन सब को और मजबूती देना संभव हो सकता है। लेकिन इसके लिये सही दिशा में सही समय पर सही कदम उठाना जरूरी होगा।

नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) : NFT एक तरीके के डिजिटल ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है टोकन होते हैं, जिन्हें असली चीजों यानी कि किसी पेंटिंग, गेम, म्यूजिक, मीम, कार्ड्स वगैरह चीजों से असाइन किया जाता है। कोई भी क्रिएटिव शख्स अपनी NFT बना कर बेच सकता हैं। हाल ही में सलमान खान ने अपनी खुद की NFT को बाजार में बेचना सुरु किया है।

शिक्षा (Education) : शिक्षा के क्षेत्र में भी ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है। कोई भी यूनिवर्सिटी अपने विद्यार्थियों के सारे रिकॉर्ड ब्लॉकचैन के ऊपर स्टोर कर सकती है। हाल ही में CBSE बोर्ड ने ब्लॉकचैन का उपयोग किया है। ऐसे में ब्लॉकचैन का इस्तेमाल करके फर्जी कागजातों और डिग्रियों को रोका जा सकता है।

अर्थव्यवस्था और गवर्नेंस में ब्लॉकचेन : भारत के प्रधानमंत्री ने हमेशा डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कई बार ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के बारे में ट्वीट भी किये हैं। अर्थव्यवस्था में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का उपयोग हो सकता है।

पुष्पेंद्र सिंह SmartViewAi.com के संस्थापक हैं जो भारत में क्रिप्टो और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के प्रति अपने यूट्यूब चैनल (PUSHPENDRA SINGH DIGITAL) के जरिये लोगों को जागरूक कर रहे हैं। आईटी की दुनिया से आने वाले पुष्पेंद्र सिंह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी/डेफी के महत्व को समझते हैं और इससे परिचित हैं। उन्हें ब्लॉकचैन और क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार से लेकर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का 10 से अधिक वर्षों का अनुभव है। अपने खाली समय में, उन्हें ब्लॉकचैन जागरूकता YouTube लाइव वीडियो हिंदी में बनाने में मज़ा आता है। उनके चैनल को हर महीने लाखों में व्यूज मिलते हैं।

ब्लॉकचेन तकनीक क्या है: भारत का पहला ब्लॉकचेन जिला

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Blockchain Technology

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ब्लॉकचेन तकनीक की खोज किसने की ?

Blockchain की खोज Satoshi Nakamoto ने 2008 में की ओर इसका यूज़ करने के लिये उन्होंने बिटकॉइन बनाया। ऐसा माना जाता रहा है कि Satoshi Nakamoto एक काल्पनिक नाम है

क्योकि इसका को कोई वजूद नही मिला साथ ही ये भी कहा जाता है। कि 2011 में यह व्यक्ति अचानक गयाब हो गया। इसी लिये इसे एक काल्पनिक नाम कहा जाता है।

ब्लॉकचेन तकनीक कैसे काम करती है ?

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी Distributed Ledger Technology (DLT) के सिद्धांत पर काम करती है।

इसमे ऑनलाइन लेजर में यूजर्स की इन्फॉर्मेशन स्टोर की जाती है। इसका एक सीधा सा सिद्धान्त यह है की किसी भी इन्फॉर्मेशन को Decentralization विकेंद्रीकरण करना आज के वक़्त डेटा लोकल स्टोरेज में स्टोर किया जाता है जैसे Mysql डेटाबेस इन डेटा बेस को कोई भी आसानी से चेंज कर कसता है। पर हम Blockchain की बात करे तो ये data एक कंप्यूटर की जगह लाखो कंप्यूटर्स में स्टोर होता है और इसे किसी को चेंज करना हो तो सब कंप्यूटर्स में चेंज करना होगा।

इसी लिये ब्लॉकचैन एक कारगर तकनीक है।

ब्लॉकचैन की नींव ट्रस्ट पर आधारित है।

What is Blockchain technology in simple words and how it works यही हम आसान भाषा में समझे तो यह एक ऐसा सिस्टम है जोकि किसी एक संस्थान, व्यक्ति, साकार द्वारा नही चलाके हर उस शक़्स के जरिये चलाया जाता है जोकि इस सिस्टम से जुड़ा हुआ है इमसें किसी भी ट्रांसक्शन या इन्फॉर्मेशन को कई लोगो द्वारा सत्यापित किया जाता है।

ब्लॉकचेन तकनीक के यूज़ क्या है

ब्लॉकचैन का यूज़ फाइनेंसियल ट्रांसक्शन, एडुकेशन, हेल्थ, टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर, बैंकिंग सेक्टर आदि में किया जाता है। इन सभी सेक्टर्स में ब्लॉकचैन एक पारदर्शिता का काम करेगा जिससे किसी को भी पता रहेगा कि कोनसा transaction किसे किया और कब किया किया, साथ ही साथ इनका रिकॉर्ड रखना और भी आसान होगा।

बैंकिंग सेक्टर में ब्लॉकचेन तकनीक

बैंकिंग सेक्टर में ब्लॉकचैन का यूज़ किसी सिंगल transaction पर देखने को मिलेगा। जैसे अभी हम किसी को भी पैसा ट्रांसफर करते है तो उसकी प्रॉसेसिंग में समय लगता है और इसके चार्जेज भी चुकाने पड़ते है जोकि RBI के सेंट्रल सिस्टम से जुड़े होते है। पर यही बैंकिंग सेक्टर में ब्लॉकचैन का यूज़ किया जाए तो इसमे लगने वाला समय कम हो जाएगा और इसके चार्जेज भी काफी कम होंगे क्योकि यह transaction decentralize विकेंद्रीकरण transaction होगा इसमे एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को सीधे transaction कर सकता है। और इसका रिकॉर्ड DTL ledger में रहेगा इसमे लगेने वाला समय और कॉस्ट काफी कम हो जाएगी।

कृषि में ब्लॉकचेन तकनीक

ब्लॉकचैन किशानो के लिये भी काफी फायदेमंद होगी। भारत में 12 करोड़ किसान है उनसभी को सुविधाएं नही मिलने की वजह से उनको परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कल्पना कीजिए कि 10 किसानो के बीच एक ट्रेक्टर रहेगा सभी किसान उस एक ट्रैक्टर के मालिक होंगे और अपनी अपनी जरूरत के हिसाब से उसका यूज़ करेंगे और इसका डेटा ब्लॉकचैन के लेजर में स्टोर रहेगा। ब्लॉकचैन से किसानो को कृषि संसाधनों और उनको मिलने वाले लाभ उन किसानो को भी समान रूप से मिलेगा जो इनसे वंचित रह जाते है।

स्वास्थ्य सेवा में ब्लॉकचेन तकनीक का यूज़

स्वस्थ्य सेवाओं में ब्लॉकचैन का एक बड़ा योगदान है इसमे किसी भी व्यक्ति से सम्बंधित बीमारी का लेख जोखा डॉक्टरों के पास आसानी से उपलब्ध होगा। साथ ही इसमे होने वाले ख़र्च ओर मेडिसन का रिकॉर्ड ऑनलाइन ब्लॉकचैन के माध्यम से रखा जा सकेगा।

भारत का पहला ब्लॉकचेन जिला हैदराबाद है ब्लॉकचेन जिला क्या है? हैदराबाद ओर तेलंगाना के बीच ब्लॉकचैन सिस्टम से भूमि का लेखा जोखा रखा जाता है। क्योकि भूमि का रिकॉर्ड कागजो ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है में होंना सुरक्षित नही है हर कागज का एक जीवन चक्र होता है वो कभी भी खराब हो सकता है। साथ ही उसे किसी के भी जरिये चुराया या उसमे बदलाव किए जा सकते है। इसी लिये भूमि का रिकॉर्ड ब्लॉकचैन के माध्यम से ऑनलाइन लेजर में स्टोर किया गया ताकि यह डेटा पब्लिक डोमेन में रहे और सुरक्षित भी रहे।

ब्लॉकचैन से भविष्य में होने वाले बदलाव

कल्पना कीजिये कि जैसे इंटरनेट ने कितनी चीज़े आसान करदी ठीक वैसे ही ब्लॉकचैन हर सेक्टर में उसे होने से आप किसी भी पेट्रोल पंप पर बिना किस व्यक्ति के पेट्रोल ले सकते है इसमे मशीन से मशीन के बीच ट्रांसक्शन होगा ठीक ऐसे ही कई जगह व्यक्ति विशेष का होना अनिवार्य नही होगा ब्लॉकचैन के माध्यम से सारे काम आसान हो जाएंगे।

क्या ब्लॉकचैन सुरक्षित है?

जी हां ब्लॉकचैन एकदम सूरक्षित है क्योकि इसको हैक करने पाना लगभग नामुमकिन है। साथ है इसमे स्टोर डेटा को किसी दूसरे व्यक्ति के जरिए बदल पाना मुश्किल है। इसमे स्टोर डेटा वो वही बदल सकता है जिसका वो डेटा है। और इसमे पूरी पारदर्शिता रखी जाती है।

सारांश:

इसमे आपने जाना कि ब्लॉकचैन क्या है और यह कैसे काम करता है। इससे आमजन को होने वाले फायदे और साथ ही इसका यूज़ किन किन क्षेत्रों में किया जा सकता है। भारत में जैसे UPI ट्रांसक्शन की वजह से बहुतसी चीज़े आसान हुई है ठीक उसी तरह ब्लॉकचैन से भविष्य में डिजिटल ट्रांसक्शन में एक क्रांति आने वाली है। ओर हर ट्रांसक्शन में पारदर्शिता होगी।

ब्लॉकचेन क्या है? | What Is Blockchain In Hindi

What Is Blockchain?

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को एक डिसेंट्रलाइज़्ड, और एक डिस्ट्रिब्यूटेड टेक्नोलॉजी के रूप में जाना जाता है, जो एक डिजिटल असेट्स के ट्रांजेक्शन को रिकॉर्ड करता है | बिल्ट-इन डिज़ाइन द्वारा, ब्लॉकचेन पर डेटा को संशोधित नहीं किया जा सकता है, जो इसे ट्रांसफर करने, पेमेंट करने, साइबर सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे उद्योगों के लिए एक बेहतर साधन बन सकता है, आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से विस्तार से बताएंगे कि ब्लॉकचेन क्या है, और कैसे काम करता है |

What Is Blockchain?

ब्लॉकचेन जिसे कभी-कभी डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) के रूप में जाना जाता है, जो डिसेंट्रलाइज़ेशन और क्रिप्टोग्राफ़ी हैशिंग का उपयोग करके किसी भी डिजिटल असेट्स के स्टोर डाटा को अपरिवर्तनीय और पारदर्शी बनाया जाता है |

प्रमुख रूप से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग इनफार्मेशन रिकॉर्ड और डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए किया जाता है, ब्लॉकचेन ट्रांजेक्शन का एक ऐसा रिकॉर्ड है, जिसे बदला, हटाया या नष्ट नहीं किया जा सकता है, ब्लॉकचेन पहली बार 1991 में एक रिसर्च प्रोजेक्ट के रूप में आया था लेकिन वर्ष 2009 में बिटकॉइन में इसका इस्तेमाल किया गया | अब धीरे-धीरे विभिन्न सेक्टर्स में भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है |

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को समझने के लिए आप “Google डॉक” का उदाहरण ले सकते है, जिसमे जब हम कोई डॉक्यूमेंट बनाते है, और उसे ग्रुप के बीच डिस्ट्रीब्यूट कर देते ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है है, तो डॉक्यूमेंट को transferred ट्रांसफर करने के बजाये डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है, साथ ही साथ ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में सभी डॉक्यूमेंट में सभी संशोधन रीयल-टाइम में रिकॉर्ड किए जाते है, जिससे परिवर्तन पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से कार्य करता है |

  • एक ब्लॉकचेन एक डेटाबेस है, जो डेटा एन्क्रिप्टेड ब्लॉक को स्टोर करता है, और फिर डेटा के सभी ब्लॉक को एक ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है साथ जोड़ता है |

“ब्लॉक का उपयोग ब्लॉकचेन पर एक विशेष ब्लॉक के पहचान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, एक ब्लॉकचेन में विभिन्न ब्लॉकों की एक सीरीज होती है, जिसमे ब्लॉकचेन नेटवर्क पर हुए ट्रांजेक्शन की जानकारी स्टोर की जाती है, ब्लॉकचेन में उपस्थित प्रत्येक ब्लॉक का एक यूनिक हेडर होता है, और हेडर हैश द्वारा ही प्रत्येक ब्लॉक की पहचान की जाती है |”

  • ब्लॉकचेन में सभी ब्लॉक हैश के माध्यम से जुड़े हुए होते है |
  • ब्लॉक एक बाइनरी डेटा संरचनाओं के रूप में कार्य करता है, और एक ब्लॉक के दो भाग होते हैं, ट्रांजेक्शन ब्लॉक और ब्लॉक हेडर |

जैसे -: ब्लॉक-1(H-0), ब्लॉक-2(H-1), ब्लॉक-3(H-2) …… ब्लॉक-X(HX-1)

ब्लॉक हेडर आमतौर पर बिटकॉइन डेवलपर डॉक्यूमेंटेशन में उपयोग किए जाते हैं, और मल्टीपल ट्रांजेक्शन को जल्दी और आसानी से रिकॉर्ड करने में मदद करते हैं, क्योकि ब्लॉक हेडर के वजह से ही ब्लॉकचेन में प्रत्येक ब्लॉक को यूनिक आइडेंटिटी मिलती है, और ब्लॉक को आसानी से पहचाना जा सकता है, ब्लॉकचेन में उपस्थित ब्लॉक्स लेयर के रूप में उपस्थित होते है, पहला ब्लॉक नींव होता है, जिसे “जेनेसिस ब्लॉक” के नाम से जाना जाता है, ब्लॉकचेन का यही खास फंक्शन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को इतना सुरक्षित बनाता है |

  • प्रत्येक ब्लॉक में प्रोटोकॉल की ट्रैकिंग के लिए भी ब्लॉक हेडर का उपयोग किया जाता है, जिन्हें नोड्स के रूप में जाना जाता है, जिसमे सभी मेटाडेटा और ट्रांजेक्शन का मर्केल रुट शामिल रहता है |

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को एक डिसेंट्रलाइज़्ड, और एक डिस्ट्रिब्यूटेड टेक्नोलॉजी के रूप में जाना जाता है, जो एक डिजिटल असेट्स के ट्रांजेक्शन को रिकॉर्ड करता है, बिल्ट-इन डिज़ाइन द्वारा, ब्लॉकचेन पर डेटा को संशोधित नहीं किया जा सकता है, जो इसे ट्रांसफर करने, पेमेंट करने, साइबर सुरक्षा ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है और स्वास्थ्य सेवा जैसे उद्योगों के लिए एक बेहतर साधन बन सकता है, आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से विस्तार से बताएंगे कि ब्लॉकचेन क्या है, और कैसे काम करता है |

Blockchain कैसे कार्य करता है?

ब्लॉकचेन दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला ब्लॉक (Block) और दूसरा चेन (Chain) | ब्लॉक का मतलब ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में बहुत सारे डेटा ब्लॉक से है, मतलब इन ब्लॉक्स में ही डेटा रखा जाता है, और ये एक-दूसरे जुड़े होते हैं, डेटा की एक लंबी चेन बनती जाती है, जैसे ही नया डेटा आता है, उसे एक नए ब्लॉक में दर्ज किया जाता है, ब्लॉक के भरने पर इसे नए डेटा से जोड़ दिया जाता है, इसी तरह सारे ब्लॉक्स एक-दूसरे जुड़े रहते हैं |

ब्लॉकचेन क्या है? | What Is Blockchain In Hindi

ब्लॉक का उपयोग ब्लॉकचेन पर एक विशेष ब्लॉक के पहचान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, एक ब्लॉकचेन में विभिन्न ब्लॉकों की एक सीरीज होती है, जिसमे ब्लॉकचेन नेटवर्क पर हुए ट्रांजेक्शन की जानकारी स्टोर की ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है जाती है, ब्लॉकचेन में उपस्थित प्रत्येक ब्लॉक का एक यूनिक हेडर होता है, और हेडर हैश द्वारा ही प्रत्येक ब्लॉक की पहचान की जाती है |

  • ब्लॉकचेन में सभी ब्लॉक हैश के माध्यम से जुड़े हुए होते है |
  • ब्लॉक एक बाइनरी डेटा संरचनाओं के रूप में कार्य करता है, और एक ब्लॉक के दो भाग होते हैं, ट्रांजेक्शन ब्लॉक और ब्लॉक हेडर |

जैसे -: ब्लॉक-1(H-0), ब्लॉक-2(H-1), ब्लॉक-3(H-2) …… ब्लॉक-X(HX-1)

ब्लॉकचेन क्या है? | What Is Blockchain In Hindi

ब्लॉक हेडर आमतौर पर बिटकॉइन डेवलपर डॉक्यूमेंटेशन में उपयोग किए जाते हैं, और मल्टीपल ट्रांजेक्शन को जल्दी और आसानी से रिकॉर्ड करने में मदद करते हैं, क्योकि ब्लॉक हेडर के वजह से ही ब्लॉकचेन में प्रत्येक ब्लॉक को यूनिक आइडेंटिटी मिलती है, और ब्लॉक को आसानी से पहचाना जा सकता है, ब्लॉकचेन में उपस्थित ब्लॉक्स लेयर के रूप में उपस्थित होते है, पहला ब्लॉक नींव होता है, जिसे “जेनेसिस ब्लॉक” के नाम से जाना जाता है, ब्लॉकचेन का यही खास फंक्शन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को इतना सुरक्षित बनाता है |

  • प्रत्येक ब्लॉक में प्रोटोकॉल की ट्रैकिंग के लिए भी ब्लॉक हेडर का उपयोग किया जाता है, जिन्हें नोड्स के रूप में जाना जाता है, जिसमे सभी मेटाडेटा और ट्रांजेक्शन का मर्केल रुट शामिल रहता है |
  • मेटाडेटा जिसमें अन्य डेटा के इनफार्मेशन शामिल होती है | जैसे-: किसी पर्टिकुलर क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन के बारे में |
  • मार्केल रुट डेटा स्ट्रक्चर के रूप में कार्य करता है, जो विभिन्न ब्लॉक में हैश पावर के मदद से ट्रांजेक्शन को सुरक्षित तरीके से स्टोर व ऑर्गनाइज़्ड करने में मदद करता है, मार्केल रुट को ब्लॉक हेडर में स्टोर किया जाता है |

ब्लॉक हेडर माइनिंग प्रक्रिया के लिए भी बहुत उपयोगी होते है, जो इसको अत्यधिक उपयोगी बनाता है वो है इसका छोटा अकार स्मार्टफोन जैसे उपकरणों की जानकारी स्टोर करने के लिए बिटकॉइन ब्लॉकचेन बहुत बड़ा है |

जैसे -: यदि सीरीज में 100,000 ब्लॉक है, जो 100GB स्पेस की खपत करेगा लेकिन उन्हीं ब्लॉकों के लिए केवल ब्लॉक हेडर के साथ, केवल “0.008GB”, या “8MB” स्पेस ही लेगा |

Disclaimer: क्रिप्टो प्रोडक्ट और [नॉन -फंजीबल टोकन] अनियमित हैं, और ये अत्यधिक जोखिम भरे हो सकते हैं, content.fufi.info ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है वेबसाइट पर दी गई जानकारी सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन से जुड़ी जानकारी को उपलब्ध कराना है, निवेश करने से पहले उचित जाँच व अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेकर ही निवेश करे |

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