व्यापारियों को जीएसटी से लाभ

7. जीएसटी लागू होने के बाद 1 जुलाई से दुकानों, प्रतिष्ठानों, कार्यालयों या फैक्ट्रियों में नया बोर्ड लगवाना होगा. इन पर पर फर्म और कंपनी के नाम के साथ जीएसटीआई नंबर लिखना होगा.
जीएसटी में एकल विवरणी दाखिल का प्रावधान संभव
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की समस्याओं के समाधान की दिशा में सरकार गंभीर है और इस संबंध में व्यापारियों और जनता के सुझावों व शिकायतों की लगातार समीक्षा करते हुए उसके सरलीकरण की कोशिश कर रही है। वाराणसी आए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने बिजऩेस स्टैंडर्ड से बातचीत में यह बात कही। व्यापारियों को जीएसटी से लाभ उन्होंने बताया कि जीएसटी में पंजीकरण की सीमा भी बढ़ाई जा सकती है। व्यापारियों की असुविधा को ध्यान में रखते हुए अब एकल विवरणी दाखिल करने की सुविधा पर विचार किया जा रहा है और संभव है कि जल्द ही व्यापारियों कारोबारियों को सरकार जीएसटी के सिंगल रिटर्न दाखिल करने के प्रावधान की घोषणा कर सकती है।
प्रधानमंत्री के वाराणसी दौरे के पूर्व व्यापारियों की नाराजगी दूर करने आए वित्त राज्यमंत्री ने व्यापारियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं का स्थानीय स्तर पर निदान करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सिंगापुर जैसे छोटे देश में जीएसटी लागू करने में सात वर्ष का समय लग गया। भारत विशाल देश है, यहां पर इसे लागू हुए केवल एक ही वर्ष हुआ है। कुछ समय बाद इसका लाभ व्यापारियों को जीएसटी से लाभ हर वर्ग के लोगों को मिलने लगेगा। राज्यमंत्री के सामने व्यापारियों, उद्यमियों ने जीएसटी से जुड़ी दिक्कतों को रखा और व्यावहारिक समाधान निकालने की मांग की। मंत्री ने कहा कि अगले माह जनवरी में वाराणसी के व्यापारियों के साथ इस मुद्दे पर एक महत्त्वपूर्ण बैठक होगी।
कपड़ों पर 12% GST के विरोध में व्यापारी, दिल्ली में 1 लाख दुकानें बंद, अलीगढ़, काशी, लुधियाना में भी प्रदर्शन
प्रदर्शन करते व्यापारी
gnttv.com
- नई दिल्ली ,
- 30 दिसंबर 2021,
- (Updated 30 दिसंबर 2021, 8:57 AM IST)
दिल्ली में बंद रहेंगी एक लाख दुकानें
एक तरफ सरकार और प्रशासन के सामने ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को टालने का दबाव है तो दूसरी तरफ और कोई बड़े मुद्दे खड़े हुए हैं. डॉक्टरों के आंदोलन से पहले ही परेशानी बढ़ी हुई है. वहीं अब दिल्ली में कपड़ा व्यापारी भी सड़कों पर आंदोलन के लिए उतर आये हैं.
बुधवार को चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के नेतृत्व में कनॉट प्लेस में दिल्ली के बड़े बाज़ारों के कपड़ा, रेडीमेड गारमेंट्स, साड़ी सूट से जुड़े व्यापारी व्यापारियों को जीएसटी से लाभ संगठनों ने जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया. दरअसल, जीएसटी काउंसिल द्वारा प्रस्ताव दिया गया है कि 1 जनवरी से कपड़े पर जीएसटी को 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया जाए, अब इसका चारों तरफ व्यापारी विरोध कर रहे हैं.
दिल्ली में बंद रहेंगी एक लाख दुकानें:
प्रदर्शन कर रहे सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि 30 दिसंबर को दिल्ली में कपड़ों पर जीएसटी के विरोध में दिल्ली की 1 लाख दुकानें बंद रहेंगी. जिसमें प्रमुख बाजार चांदनी चौक, गांधी नगर, करोल बाग, ओखला, लाजपत नगर, रोहिणी, पीतमपुरा के बाज़ार शामिल हैं.
व्यापारी वर्ग डिजिटल बनने को उत्सुक, लेकिन विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां बड़ी बाधा
नई दिल्ली। भारत के बाजार (India market) में ई-कॉमर्स (e-commerce) का तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। बड़े से बड़े व्यापारियों को जीएसटी से लाभ इंटरनेशनल ब्रांड (big international brands) की चीजें आसानी से ऑनलाइन मिल रही हैं लेकिन भारत में तैयार और दुकानों पर मिलने वाला लोकल समान ऑनलाइन (local stuff online) मिलने में अभी मुश्किलें आ रही है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) की रिसर्च शाखा ने रविवार को अपने सर्वे रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है।
कैट के रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देशभर के व्यापारियों ने ई-कॉमर्स को व्यापार के व्यापारियों को जीएसटी से लाभ एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में अपनाने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन ज्यादातर व्यापारियों को लगता है कि ऑनलाइन माल बेचने के लिए विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की जारी कुप्रथाओं और नियमों के घोर उल्लंघन तथा ई-कॉमर्स पर व्यापार करने के लिए अनिवार्य जीएसटी पंजीकरण का होना एक बड़ी रुकावट है। दरअसल, वर्ष 2021 में भारत व्यापारियों को जीएसटी से लाभ में 55 बिलियन डॉलर का ई-कॉमर्स व्यापार हुआ, जिसका वर्ष 2026 तक 120 बिलियन डॉलर तथा वर्ष 2030 तक 350 बिलियन डॉलर होने की संभावना है।
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कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी ने हाल ही में देश के विभिन्न राज्यों के टियर-2 और टियर-3 जैसे 40 शहरों में एक ऑनलाइन सर्वे किया है। व्यापारियों को जीएसटी से लाभ इस सर्वे में करीब 5 हजार व्यापारियों को शामिल किया गया, जिसमें यह बात निकल कर सामने आई है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि ऑनलाइन सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक 78 फीसदी व्यापारियों ने कहा कि भारत में व्यापारियों के लिए अपने मौजूदा कारोबार के अलावा ई-कॉमर्स को भी व्यापार का एक अतिरिक्त तरीका बनाना जरूरी है, जबकि 80 फीसदी व्यापारियों का कहना है कि ई-कॉमर्स पर व्यापार करने के लिए जीएसटी पंजीकरण की अनिवार्यता छोटे व्यापारियों के लिए एक बड़ी बाधा है। वहीं, 92 फीसदी छोटे व्यापारियों ने कहा कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां ऑनलाइन कारोबार के जरिए देश के रिटेल व्यापार पर नियमों एवं कानूनों की खुली धज्जियां उड़ाते हुए ग्राहकों को भरमा रही हैं।
शिवराज सरकार ने GST रजिस्ट्रेशन पर लिया बड़ा फैसला, व्यापारियों को होगा लाभ
भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने व्यवसाइयों की परेशानियों को दूर करते हुए जीएसटी (GST) रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल किया है। मप्र वाणिज्यिक कर विभाग (MP Commercial Tax Department) ने आज इसे जारी कर दिया। इस मौके पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया (GST Registration Process) सरल होने से व्यापारी अर्थ व्यवस्था में अधिक योगदान से सकेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के निर्देशों का पालन करते हुए वाणिज्यिक कर विभाग ने जीएसटी पंजीयन प्रक्रिया को सरल बनाते हुए आदर्श प्रक्रिया स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) (GST Registration Model Process Standard Operating Procedure, SOP) जारी कर दी है। इससे व्यापार करना और ज्यादा सरल हो जाएगा। पूर्व में नए जीएसटी पंजीयन प्राप्त करने में व्यवसाइयों को समस्याएँ आ रही थी।
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ऐसे होगी आसानी
विभाग के अधिकारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन के आवेदन के साथ संलग्न किए जाने योग्य दस्तावेज, व्यवसाय की प्रकृति के अनुसार सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है। इन दस्तावेज का सत्यापन स्वयं अधिकारियों द्वारा अलग-अलग विभागों की वेबसाइट से किस प्रकार किया जाना चाहिए, इस संबंध में भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
व्यवसाइयों को अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा। इससे पंजीयन जारी करने की प्रक्रिया जल्दी पूरी हो सकेगी। नई आदर्श प्रक्रिया में अब सिर्फ आवेदक का पैन, आधार, व्यापारियों को जीएसटी से लाभ मोबाइल नम्बर, मेल आईडी एवं व्यवसायिक स्थल के प्रमाण के आधार पर ही जीएसटी पंजीयन जारी किया जायेगा।
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पंजीयन में एकरूपता
नई एसओपी अनुसार ही पंजीयन की कार्यवाही किए जाने के लिए अधिकारियों को लगातार निर्देशित किया जा रहा है। एसओपी जारी होने से जहाँ एक ओर प्रदेश के जीएसटी विभाग के समस्त कार्यालयों में पंजीयन की प्रक्रिया में एकरूपता सुनिश्चित होगी, वहीं दूसरी ओर व्यवसाइयों के पंजीयन के सत्यापन हेतु अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने की अनिवार्यता भी समाप्त होगी।
विभिन्न व्यवसायिक संगठन एवं विधिक संगठन लंबे समय से ऐसी व्यवस्था की मांग करते आ रहे थे। नई एसओपी से जहाँ एक ओर बोगस पंजीयन में रोक लगेगी। वास्तविक व्यवसाइयों को अनावश्यक दस्तावेज की मांग से मुक्ति मिलेगी और पंजीयन प्राप्त करने की प्रक्रिया में शीघ्रता आएगी। इस एसओपी को बनाने में उपायुक्त मनोज चौबे, सहायक आयुक्त श्रीमती प्रीति जौहरी, वाणिज्यिक कर अधिकारी हरीश जैन तथा अतुल त्रिपाठी का महत्वपूर्ण योगदान है।
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जीएसटी से संबंधित 10 खास बातें
1. जीएसटी को 1950 के दशक में व्यापारियों को जीएसटी से लाभ इनकम टैक्स के विकल्प के रुप में लाया गया था. इसे 1954 में सबसे पहले फ्रांस में लागू किया गया था. न्यूजीलैंड का जीएसटी दुनिया भर में सबसे बेहतरीन माना जाता है. वहां यह 1986 में लागू हुआ था. अब तक 140 से ज्यादा देश जीएसटी लागू कर चुके हैं.
2. जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर यानी इंडायरेक्ट टैक्स है. इसके तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान टैक्स लगाया जाता है. अब से वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स, सेल्स टैक्स, इंटरटेनमेंट टैक्स जैसे 20 से ज्यादा अप्रत्यक्ष करों की जगह सिर्फ एक ही कर जीएसटी लगेगा.
3. जीएसटी के लिए चार स्लैब बनाए गए हैं. इसके अंतर्गत विभिन्न वस्तुओं पर 5%, 12%, 18% और 28% की दर से टैक्स लगेगा. इनमें कुछ वस्तुओं को टैक्स मुक्त भी रखा गया है. फिलहाल ये टैक्स इतने ही हैं लेकिन बिल व्यापारियों को जीएसटी से लाभ में प्रावधान है कि जरूरत पड़ने पर इन्हें 40% तक बढ़ाया जा सकता है.