स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने?

swing trading kya hai in hindi-स्विंग ट्रेडिंग क्या है | स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें | स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने
swing trading kya hai in hindi-स्विंग ट्रेडिंग क्या है | स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें | स्विंग ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग स्टाइल है | जिसमें शेयर के प्राइस में होने वाले शॉर्ट टर्म मोमेंट से प्रॉफिट बनाने की कोशिश की जाती है| इसमें शेयर को 1 महीने से लेकर कुछ हफ्तों के लिए होल्ड किया जाता है और इसमें खरीदने और बेचने के आर्डर जादतर टेक्निकल बेस होते हैं| परंतु बहुत से ट्रेडर इसमें फंडामेंटल एनालिसिस पर भी स्विंग ट्रेडिंग करते हैं स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग से बिल्कुल ही अलग होता है| इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेड को उसी दिन बुक कर लिया जाता है यानी उसी दिन खरीदा जाता है| और उसी दिन बेच दिया जाता है शेयर को परंतु स्विंग ट्रेडिंग में किसी भी शहर को एक सप्ताह से लेकर कई महीनों तक होल्ड किया जा सकता है |स्विंग ट्रेडिंग में यह बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है कि हम शेयर को कहां पर खरीदते हैं| और उसको कहां तक होल्ड करते हैं |जितना ज्यादा आप इसको होल्ड करते हैं अपनी डायरेक्शन में उतना ज्यादा आपका मुनाफा होता है |
उदाहरण के लिए एक कंपनी का शेयर प्राइस ₹140 कुछ हफ्तों में ₹210 हो जाता है और फिर वापस ₹140 पर आ जाता है तो यहां पर ₹140 से लेकर ₹210 तक ₹70 का मुनाफा हुआ इस मूवमेंट को ही हम शेयर प्राइस कहते हैं |इसी को ट्रेनिंग कहा जाता है यह शेयर प्राइस उपर नीचे होता रहता है यहां पर मुनाफा हमारे इस पर निर्भर करता है| कि हमने ट्रेड कहां पर लिया था यह कोई जरूरी नहीं है| कि आप सारा का सारा मोमेंट का प्रॉफिट कर पाए आप यहां पर एक नियमित रूप से जितना आपने सोचा है |या फिर अपने रिस्क रिवार्ड के हिसाब से आप अपना मुनाफा कमा सकते हैं |
दोस्तों स्विंग ट्रेडिंग को करने के लिए सबसे पहले एक ट्रेडर को अपना एक शेर सुनिश्चित करना पड़ता है| और उस को चुनने के बाद उसकी सारी जानकारी निकालनी होती है कि वह कंपनी कैसा काम कर रही है |और उसका भविष्य में क्या संभावनाएं हैं |कि वह और अच्छा काम करेगी दोस्तों किसी भी शेयर को चुनने के बाद ही उसमें ट्रेड लिया जाता है |जब शेयर सुनिश्चित कर लिया जाता है| उसके बाद उस में आने वाली गतिविधियों को लिखा जाता है| उदाहरण के लिए किसी कंपनी का शेयर ₹100 से लेकर ₹200 के बीच गतिशील रहता है| इसमें आप 1 सप्ताह का समय भी लगा सकते हैं |या फिर आप 1 महीने के लिए भी होल्ड कर सकते हैं अब इन शेयर के प्राइस में यानी की कीमत में जो गतिविधि होती है| उसके बीच ही एक ट्रेडर उसमें अपना ट्रेड खरीदता या फिर बेचता है |मान के चलो कि आप सो रुपए पर यह शेयर खरीद लेते हैं |और यह आगे चलकर ₹180 का हो जाता है| तो आपने यहां पर यदि ₹180 तक इंतजार किया है| तो यह आपका शुद्ध मुनाफा गिना जाएगा परंतु आपको यहां पर इसको होल्ड करना पड़ता है |इसी को स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है |इसमें आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने? चाहे 1 सप्ताह से लेकर या 1 महीने तक अपने शेयर को होल्ड कर सकते हैं |
स्विंग ट्रेडिंग में शेयर को सेल कैसे किया जाए जैसा कि आप सभी को पता चल ही गया है |कि स्विंग ट्रेडिंग कैसे की जाती है उदाहरण के लिए मैं यहां पर आपको फिर से बताना चाहूंगा मान लीजिए आप किसी कंपनी का एक शेयर ₹100 पर खरीद लेते हैं| और वह शेयर ₹100 से लेकर ₹200 के बीच में अपनी गतिशील क्रियाएं करता रहता है यह क्रियाएं 1 सप्ताह से लेकर 1 महीने के बीच होती रहती हैं| मान लीजिए आप ने जब यह शेयर ₹200 का था तब आपने इस को बेच दिया कहने का मतलब यह है कि यहां पर आप पहले शेयर को बेच देते हैं |उसके बाद उसी को खरीद लेते हैं| उदाहरण के लिए आपने ₹200 पर यह शेयर बेच दिया था और जब यह घटकर यानी कि इसकी कीमत घटकर ₹180 रह गई तो आपने इसको खरीद लिया यानी कि यहां पर आपने ₹20 का मुनाफा कमा लिया कहने का मतलब है कि यहां पर पहले आप को बेचना होता है| बाद में उसी को खरीदना होता है इसी को स्विंग ट्रेडिंग में सेल करना कहा जाता है| या फिर शॉट करना कहा जाता है|
स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर कैसे चुने
दोस्तों यदि आपको स्विंग ट्रेडिंग करनी है| तो आपको एक अच्छा शेयर सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है |यहां पर मैं आपको बताऊंगा कैसे आप एक अच्छा शेयर चुन सकते हैं|
1. सबसे पहले आपको यह देखना है| कि आप जो शेयर चुन रहे हैं उसमें खरीदने वाले और बेचने वाले मौजूद होने चाहिए इसको इंग्लिश में वॉल्यूम कहा जाता है जी हां दोस्तों आपको ज्यादा वॉल्यूम वाला ही शेयर चुनना है|
2. आपको यह ध्यान देना है| कि जो आप शेयर चल रहे हैं |वह कोई छोटा शेयर नहीं होना चाहिए कहने का मतलब है| कि वह सो रुपए की कीमत से कम का नहीं होना चाहिए वैसे आप सो रुपए की कम की कीमत वाले भी शेयर ले सकते हैं| परंतु अक्सर देखा जाता है |जो शेयर ज्यादा महंगा या फिर अच्छा होता है| वह तो 500 से लेकर 1000 के बीच होता है| तो आपको ध्यान देना है| आपको छोटे-मोटे शेयर में पैसा नहीं लगाना
3. तीसरी महत्वपूर्ण बात आपको कोई भी शेयर चुनने से पहले उसमें ध्यान देना है |कि वह कंपनी क्या काम कर रही है $क्या वह भविष्य में और अच्छा काम करेगी या नहीं यह भी आपको ध्यान देना है|
क्या स्विंग ट्रेडिंग में रिस्क होता है
अक्सर देखा जाता है कि बहुत से लोगों को स्विंग ट्रेडिंग में भी नुकसान का सामना करना पड़ता है $यहां पर दोस्तों मैं आपको बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहूंगा जब आप किसी भी शेयर को चुन रहे होते हैं $तो आपको बहुत ज्यादा जानकारी हासिल करके ही यह काम करना है| क्योंकि यदि आपने किसी गलत या जिसकी खास उपयोगिता बाजार में नहीं देखने को मिलती है| ऐसे शेयर को यदि आप खरीद लेते हैं |लंबे समय के लिए तो आप इस शहर में फंस भी जाते हैं जी हां वह तो अक्सर देखा जाता है |मान लीजिए उदाहरण के लिए आप किसी शहर को हजार रुपए पर खरीद लेते हैं |और वह शेर धीरे-धीरे कीमत घटकर उसकी 500 या 400 रह जाती है तो ऐसे में आपको ध्यान देना है |कि बहुत से लोग यहां पर गलत शेयर को भी चुन लेते हैं| जो लंबे समय के लिए डाउनट्रेंड में चले जाते हैं |कहने का मतलब है कि उनमें जो है| गिरावट आनी शुरू हो जाती है |और स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने? यह गिरावट बहुत लंबे समय तक चलती जाती है| इसलिए आपको ध्यान देना है| जो शेयर आपने चुना है| उसे देख लेना है| कि उसकी मार्केट में भविष्य में क्या डिमांड हो सकती है| ताकि वह भविष्य में तेजी की तरह ही जाना चाहिए ना की नुकसान की तरफ से आपको ध्यान देना है|
निष्कर्ष
दोस्तों यहां पर निष्कर्ष यह मैं आपको देना चाहूंगा कि आप स्विंग ट्रेडिंग करें या कोई भी ट्रेनिंग करें यहां पर आपको ध्यान देना है |कि जब तक आप एक उचित जानकारी हासिल ना कर ले तब तक कोई भी आपको जहां पर धन की हानि उठानी है| कहने का मतलब यह है कि जब तक आपके पास पूरी पर्याप्त जानकारी ना हो तब तक आप किसी भी शेयर में पैसा ना लगाएं खासकर आपको स्विंग ट्रेडिंग में जानकारी के बाद ही पैसा निवेश करना है |क्योंकि यहां आप एक लंबे समय के लिए अपना पैसा लगा रहे हैं इसमें आपको लाभ या हानि दोनों हो सकती हैं |इसलिए आप अपने किसी भी एडवाइजर से सलाह लेकर ही पैसों का निवेश करना है| धन्यवाद
rsi indicator in hindi – RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे।
rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai
नमस्ते दोस्तों। आज हम समझने वाले है की rsi indicator in hindi में क्या होता है। और इसका ट्रेडिंग में का महत्त्व है। क्या हम rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग में अच्छे खासे पैसे कमा सकते है। और आखिर rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करते कैसे है। इन सब के बारे में हम आज विस्तार में जानने वाले है।
rsi indicator एक leading indicator है। जो की स्टॉक के ट्रेंड चेंज होने के पहले ही सिग्नल दे देता है। की स्टॉक ऊपर जानेवाला है या फिर निचे। इसीलिए इसे लीडिंग इंडिकेटर भी बोलते है। अगर आपको leading indicators के बारे में नहीं पता तो आप हमारी पिछली पोस्ट पढ़ सकते है। उसमे हमने leading indicators के बारे में विस्तार में बताया है।
rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai
rsi indicator in hindi
rsi का full फॉर्म होता है relative strength index .यानि की ये इंडिकेटर स्टॉक की strength यानि की ताकद बताता है। की स्टॉक ऊपर जा सकता है की निचे। अगर interday trading में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंडिकेटर हे तो वो rsi indicator है।
rsi indicator स्टॉक्स के चार्ट में होने वाले मोमेंटम का ट्रेंड को दर्शाता है। और इसे oscillator भी कहा जाता है। क्युकी ये इंडिकेटर ० ते १०० के बिच में घूमता रहता है। और स्टॉक overbought हे या फिर oversold है। ये दर्शाने का काम rsi indicator करता है।
स्टॉक में उसके टाइम फ्रेम के हिसाब से मार्केट में strength हे या weakness है। ये rsi indicator दर्शाता है। उसेही rsi indicator कहा जाता है ,अभी हमने जाना की rsi indicator क्या होता है (rsi indicator in hindi).अभी हम जानेंगे की rsi indicator काम कैसे करता है।
rsi indicator कैसे काम करता है
rsi indicator ० ते १०० के बिच में ट्रेंड दिखने के कारन ये कभी ० के निचे और १०० के ऊपर नही जाता। इसके में तीन स्तर होते है। जैसे की ३०,५०,और ७० ये इसके महत्वपूर्ण स्तर है। इनका मतलब होता है की। अगर rsi अगर ५० से १०० के बिच है मतलब स्टॉक का मोमेंटम अभी पॉजिटिव यानि की बुलिश है। और अगर rsi का स्तर ० से लेकर ५० के बिच होता है तो इसका मतलब स्टॉक का मोमेंटम नेगेटिव यानि की बेयरिश है।
rsi indicaor १४ दिनों का average निकाल के आपको स्टॉक की strength बताता है। हलाकि हम उसका average चेंज भी कर सकते है। जाइए की हम 20 दिनों का भी average निकल सकते है। या आप अपने हिसाब से इसका average निकल सकते है। लेकिन डिफ़ॉल्ट १४ दिनों का average निकलने ये सही होता है। ये इंडिकेटर ज्यादातर technical analysis में इस्तेमाल किया जाता है।
अगर rsi ५० के ऊपर जा रहा है इसका मतलब शेयर में तेजी आने की संभवना होती है। या स्टॉक की प्राइज भी ऊपर जाने लगाती है। लेकिन अगर rsi ५०के निचे अपना ट्रेंड बना रहा होता है ,यानि की शेयर में बिकवाली होना शुरू हुआ है ,यानि स्टॉक निचे जाने की संभावना होती है।
RSI indicator के फायदे
ये एक मोमेंटम indicator होने के कारन ये आपको स्टॉक के चार्ट का मोमेंटम बताता है। और अगर मार्केटover bought (औसत से ज्यादा खरीद ) हे तो ये आपको outbought का सिग्नल पहले ही दे देता है। इससे आप पहल की स्टॉक का रिवर्सल पता करके के स्टॉक में short selling भी कर सकते है। आपको अच्छ मुनाफा कमाने का मौका ये इंडिकेटर देता है।
और अगर मार्केट over sold यानि की औसत से ज्यादा बिकवाली स्टॉक में है तो ये इंडिकेटर आपको over sold का सिग्नल पहले ही दे देता है। और ऐसा मन जाता है की स्टॉक जब भी over bought होता है। या फिर over sold होता है। तो मार्केट में रिवर्सल जरूर आता है। तो इसी रिवर्सल को पहलेही पहनके आप इसमें अच्छा मुनाफा काम सकते है।
निष्कर्ष
rsi indicator एक ऐसा इंडिकेटर हे जो आपको मार्किट की ताकत बुलिश है या फिर बेयरिश है ये दर्शाता है। फिर उसके हिसाब से आप अपना ट्रेड ले सकते है। लेकिन इसे समझने के लिए आपको इसे candle stick chart पर लगाना जरुरी है। उससे ही आपको इसका अंदाजा हो जायेगा की ये काम कैसे करता है।
ऐसा नहीं हे की rsi indicator हमेशा ही आपको सही सिग्नल दिखायेगा। आपको सिर्फ एक ही इंडिकेटर पर डिपेंड नहीं रहना आपको rsi indicatorके साथ साथ prize action और candle stick chart pattern ,ये भी देखना होता है।
टिप ; किसीभी इंडीकेटर्स को समझने के लिए आपको उन्हें अच्छे से समझना होगा। और ये मुमकिन हे आपके अनुभव से। कोई भी इंडीकेटर्स एक्यूरेट सिग्नल नहीं दिखता। ये आपको आपके अनुभव से पता चलेगा की कोनसा इंडीकेटर्स किस तरीके से काम करता है।
आज हमने क्या सीखा
आज हमने सीखा की rsi indicator in hindi में क्या होता है। rsi indicator कैसे काम करता है। rsi indicator in hindi के फायदे क्या है। इन सब के बारे में हमने आज जाना। और rsi indicator का सही से इस्तेमाल हम ट्रेडिंग में करेंगे।
यकीं है की आपको rsi indicator in hindi में क्या होता है। समझ आगया होगा। और साथ ही आपके ये हमरा आर्टिकल काफी फायदेमंद भी साबित रहा होगा। और अगर आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आये तो कृपया इसे अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजियेगा।
और अगर आपको ऐसेही शेयर बाजार के विषय में कोई जानकारी चाहिए हो तो आप हमें कमेंट बोस में क्यूमेंट करके पूछ सकते है। और अगर आपको इस आर्टिकल के सम्भंधि कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट में भेज सकते है। हम जरूर आपको सावल का जवाब देने की कोशिश करेंगे। धन्यवाद !
१. इंडिकेटर क्या है?
इंडिकेटर का मतलब होता है शेयर मार्किट के चार्ट पर लगाया जाने वाला एक सिग्नल होता है। जैसे की RSI (rsi indicator in hindi)ये किसी भी स्टॉक के चार्ट पर लगा कर आप उसके ट्रेंड का पता कर सकते है। उसेही इंडिकेटर कहा जाता है।
२. शेयर मार्केट में आर एस आई क्या होता है?
RSI (rsi indicator in hindi)ये एक शेयर मार्किट का लीडिंग इंडिकेटर होता है। इससे आप किसी भी स्टॉक का ट्रेंड पता कर सकते है। और आप इस इंडिकेटर की सहायता से ट्रेडिंग कर सकते है। जो आप स्टॉक में आ रही गिरावट या तेजी के बारे में पूर्व सूचना देता है।
३.RSI सूचक का उपयोग कैसे करे ?
RSI (rsi indicator in hindi) इंडिकेटर में अगर rsi ३० के निचे हे इसका मतलब मार्किट में मंडी कहल रही है ऐसा होता है।और अगर rsi ७० के ऊपर कहल रहा होता है तो मार्किट में तेजी चल रही है ऐसा कहा जाता है। और अगर rsi ५० चला रहा है तो मार्किट sideways चला रहा होता है।
Intraday trading क्या है? Intraday में स्टॉक सिलेक्शन कैसे करें? (2022)
बहुत सारे लोगों को ऐसा विश्वास होता है कि स्टॉक मार्केट में पैसा तभी बनाया जा सकता है जब आप long term investment करते हो पर क्या यह सही है,जी नहीं, बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो विभिन्न रणनीतियों के तहत बाजार से पैसा कमाते हैं।
स्टॉक मार्केट में पैसा बनाने के लिए बहुत प्रकार की ट्रेडिंग की जाती है। Intraday trading उन्हीं में से एक है। यह एक ऐसी टेक्निक है।जिसकी सहायता से आप दिन के भीतर अच्छा पैसा बना सकते हैं। यह ट्रेडिंग अन्य प्रकार की ट्रेडिंग से बिल्कुल अलग होती है। क्योंकि Intraday trading में सफल होने के लिए ट्रेडर्स को बाजार की परिस्थिति का सटीक रूप से ज्ञान होना आवश्यक है जिसकी सहायता से वह जल्दी से जल्दी निर्णय ले सकें।
तो चलिए जानते ही हैं कि Intraday trading क्या होती है। तथा इसमें आप किस तरीके से ट्रेडिंग कर सकते हैं।
Table of Contents
Intraday trading क्या है?
Intraday trading एक ऐसा ट्रेडिंग का प्रकार है,जिसमें आपको किसी शेयर या कमोडिटी में दिन के भीतर ही खरीदी -बिक्री का कार्य करना पड़ता है। क्योंकि शेयर बाजार व अन्य बाजार दिन में कुछ ही घंटे के लिए खुलते हैं इसलिए ट्रेडिंग का कार्य बाजार खुलने से लेकर बंद होने तक किया जाता है।
Intraday trading को किसी शेयर में निवेश के उद्देश्य से नहीं अपितु लाभ कमाने के उद्देश्य से खरीदा बेचा जाता है। शेयर बाजार में प्रतिदिन उतार चढ़ाव होते रहते हैं। Intraday traders इन्हीं उतार-चढ़ाव के माध्यम से आपस में व्यापार करके लाभ कमाने का प्रयत्न करते हैं।
- यह ट्रेडिंग किसी शेयर के साथ साथ इंडेक्स में भी की जाती है जहां पर डेरिवेटिव के माध्यम से ट्रेड किया जाता है।
Intraday trading को टेक्निकल एनालिसिस की सहायता से किया जाता है।जिसमें बहुत सारे Indicators तथा tools होते हैं जो मार्केट के विभिन्न प्रकार के संकेत देते हैं। जो आपको Intraday trading में लाभ कमाने हेतु सहायता कर सकते हैं।
यदि आप दिन में किसी स्टॉक को खरीदते हैं तो आपको मार्केट बंद होने से पहले उसे बेचना पड़ेगा। और यदि आप किसी स्टॉक को बेचते हैं तो आपको बाजार बंद होने से पहले उसे खरीदना पड़ेगा। चाहे आप को लाभ हो या हानि अन्यथा आपका ब्रोकर आपकी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ कर देगा।
Intraday trading की शुरुआत कैसे करें?
इंट्राडे ट्रेडिंग दिन में किसी फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को खरीदने व बेचने की प्रक्रिया को कहते हैं।
यह Investing से बिल्कुल अलग होती है क्योंकि इन्वेस्टिंग में किसी शेयर को एक से अधिक दिनों के लिए रखना पड़ता है।परंतु Intraday trading को एक दिन में ही पूरा किया जा सकता है।
Intraday trading बहुत जोखिम भरी होती है परंतु इसमें आप आकर्षक लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए आपको अपने दिमाग में इंट्राडे ट्रेडिंग की शुरुआत करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।
कम पैसों से शुरुआत करें।
इंट्राडे ट्रेडिंग में कभी-कभी लाभ प्राप्त किया जा सकता है।परंतु एक सफल intraday trader बनने के लिए आपको निरंतर रूप से लाभ प्राप्त करने होंगे। जिसके लिए आपको सीखने पर ज्यादा ध्यान देना होगा। इसलिए आप जब भी Intraday trading की शुरुआत करें कम पैसों के साथ करें ।
जोखिम का प्रबंधन।
Intraday trading स्विंग ट्रेडिंग की तुलना में अधिक जोखिम भरी होती है जिससे आप अपने पैसों को गवां सकते हैं। इसलिए आपको जोखिम के प्रबंधन की आवश्यकता होगी जिसके लिए आप स्टॉप लॉस का उपयोग कर सकते हैं।
सही शेयरों का चयन।
Intraday trading में लगातार रूप से लाभ प्राप्त करने हेतु आपको सटीकता से शेयरों का चयन करना आवश्यक होगा । इसलिए हमेशा उच्च लिक्विडिटी तथा हाई वैल्यूएशन वाली कंपनियों में ट्रेड करना स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने? चाहिए।
टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग।
टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग में बहुतायत से किया जाता है क्योंकि यह शॉर्ट टर्म में लाभ प्रदान करने हेतु महत्वपूर्ण होता है टेक्निकल एनालिसिस में आप इंडिकेटर मूविंग एवरेज टाइम फ्रेम तथा अन्य टूल्स का उपयोग करके मार्केट में खरीदने तथा बेचने के संकेतों को आसानी से पहचान सकते हैं।
इसलिए आपको टेक्निकल एनालिसिस को अच्छी तरह से सीखना होगा।
Intraday trading कैसे कार्य करती है?
Intraday trading उच्च जोखिम के साथ ही उच्च लाभ वाली टेक्निक है जिसमें व्यक्ति किसी शेयर या कमोडिटी स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने? मैं होने वाले उतार-चढ़ाव पर दांव लगाकर लाभ प्राप्त करने का प्रयत्न करता है।
इसमें ट्रेडर शेयरों के उतार-चढ़ाव के आधार पर बाजार में अपनी स्थिति बनाता है तथा बाजार बंद होने से पहले उसे अपनी पोजीशन को बंद करना पड़ता है। अन्यथा उसकी पोजीशन अपने आप स्क्वायर ऑफ हो जाती है।
Intraday trading कम समय में लाभ प्राप्त करने हेतु कारगर विकल्प है। क्योंकि इसमें पोजीशन को स्विंग ट्रेडिंग की भांति 1 दिन से अधिक के लिए नहीं रखना पड़ता इसलिए रातों-रात होने वाले बदलावों का जोखिम नहीं होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग को विभिन्न प्रकार की परिस्थितियां प्रभावित करती हैं जिनके आधार पर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं।
Intraday trading में स्टॉक का सिलेक्शन कैसे करें?
किसी Intraday trading को शेयर बाजार में लाभ प्राप्त करने के लिए अच्छे स्टॉक का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।इसके आधार पर आप उच्च लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
अच्छे शेयरों का चयन करने हेतु निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
लिक्विडिटी
शेयर बाजारमैं किसी स्टॉक मैं ट्रेडिंग करने हेतु लिक्विडिटी बहुत आवश्यक है। इसके आधार पर आप अच्छे शेयरों का चुनाव कर सकते हैं।
इसके लिए किसी शेयर या कमोडिटी में उच्च लिक्विडिटी का होना स्टॉक को Intraday trading हेतु लाभकारी बनाता है। हाई लिक्विड स्टॉक उच्च वॉल्यूम वाले होते हैं जहां बहुत अधिक संख्या में शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं।जिसके कारण ट्रेडर बड़ी संख्या में शेयरों की खरीदी बिक्री का कार्य उसके स्थैतिक मूल्य के परिवर्तन कर सकता है। कम लिक्विडिटी वाले शेयरों Intraday trading को लाभ कमाने हेतु मौके उपलब्ध नहीं होते हैं परंतु उच्च लिक्विडिटी वाले शेयरों में उसके अनेक मौके होते हैं।
Volatility
Volatility किसी शेयर में Intraday trading हेतु अत्यंत आवश्यक होती है।किसी भी शेयर या कमोडिटी की volatility मध्यम या उच्च होनी चाहिए। इसमें Intraday traders को तभी लाभ होता है। जब बाजार उनकी इच्छा अनुसार ऊपर या नीचे की ओर जाता है यदि बाजार में उनकी इच्छा अनुसार उतार-चढ़ाव नहीं होता या वह consolidation की अवस्था में होता है तो ट्रेडर को नुकसान झेलना पड़ सकता है। यदि किसी शेयर या कमोडिटी की volatility उच्च होती है तो आप इसका फायदा उठाकर दिन में बहुत से Intraday trading ऑर्डर लगा सकते हैं जिससे आपके लाभ होने के विकल्प बढ़ जाते हैं।
इसलिए आपको ऐसे शेयरों का चुनाव करना चाहिए जिसकी volatility 3-5%तक हो।
मार्केट ट्रेंड्स
शेयर बाजार तथा कमोडिटी बाजार को विभिन्न प्रकार की परिस्थितियां प्रभावित करती हैं। जिनमें महामारी, प्राकृतिक आपदाएं, आर्थिक संकट, युद्ध, बजट तथा अन्य राजनीतिक कारण इत्यादि हो सकते हैं।
जिसके कारण बाजार में उतार चढ़ाव होते हैं। इसके फलस्वरूप विभिन्न सेक्टरों की कंपनियों मैं भी वृद्धि या गिरावट देखने को मिलती है।
जैसे यदि बाजार में वृद्धि होगी तो शेयर का मूल्य भी बढ़ सकता है। और यदि बाजार गिरेगा तो शेयर की कीमत भी घटती जाएगी। इसलिए Intraday trader को मार्केट ट्रेंड को समझकर ही शेयरों का चुनाव करना चाहिए।
मार्केट ट्रेंड को आप विभिन्न एक्सचेंजों के इंडेक्सों के माध्यम से जान सकते हैं।
सेक्टर का विश्लेषण।
शेयर बाजार में विभिन्न प्रकार की कंपनियां लिस्टेड होती हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत होती हैं जिनमें टेक्नोलॉजी, फार्मास्युटिकल्स, एफएमसीजी(FMCG) रियल स्टेट,बैंकिंग(BANKING) तथा मेटल सेक्टर इत्यादि होते हैं
Intraday trading को स्टॉक का चयन करते समय विभिन्न प्रकार के सेक्टरों के विश्लेषण के आधार पर उनमें उपस्थित कंपनियों की तुलना करके अच्छे शेयर का चयन कर सकते हैं।
शेयरों का तकनीकी विश्लेषण
Intraday trading में टेक्निकल एनालिसिस की आवश्यकता होती है जिसके आधार पर आप शेयरों के मूवमेंट को समझ कर स्टॉक का चयन कर सकते हैं।
इसमें ऐसी बहुत सी रणनीतियां होती हैं जिनके आधार पर Intraday trading में खरीदने और बेचने के संकेतों को पहचान सकते हैं। टेक्निकल एनालिसिस में ऐसे बहुत सारे इंडिकेटर्स व टूल्स होते हैं जिसकी सहायता से आप आसानी से अच्छे शेयर का चयन कर सकते हैं।
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Intraday Trading: शेयर बाजार की बात आती है तो अमूमन यही खयाल आता है कि बाजार में पैसा लगाकर लंबा इंतजार करना होगा. तभी बेहतर मुनाफा हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है. बाजार निवेशकों को 1 दिन में भी बंपर मुनाफा कमाने का मौका देता है. बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें सुबह पैसा लगाकर दोपहर तक अच्छी कमाई की जा सकती है. यहां शेयर खरीदा तो जाता है लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. ध्यान रहे कि इसमें जरूरी नहीं है कि आपको फायदा ही हो.
कैसे कर सकते हैं Intraday ट्रेड
अगर शेयर बाजार में डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है. इस अकाउंट में आप या तो ब्रोकर को फोन पर ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं या ऑनलाइन भी खुद स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने? से ट्रेडिंग कर सकते हैं.
कैसे चुनें सही स्टॉक
#सिर्फ लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करें, 2 या 3 ऐसे स्टॉक चुन सकते हैं.
#वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहें
#अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों में करें खरीददारी
#शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देख लें, मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं.
#रिसर्च के बाद जिन शेयरों को लेकर कांफिडेंट हैं, उनमें निवेश करें
#शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
#जैसे ही लक्ष्य पूरा हो, प्रॉफिट बुकिंग करें.
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कितने पैसों की पड़ती है जरूरत
इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हें. शेयर बाजार में नियम है कि जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उस दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के तहत जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद पूरा भुगतान करना होता है. फिर भी आपको शेयर के भाव का शुरू में 30 फीसदी रकम निवेश करना होता है.
कैसे मिलता है फायदा
इसका उदाहरण 6 मार्च 2019 यानी बुधवार को शेयर बाजार में होने वाली ट्रेडिंग से ले सकते हैं. दीवान हाउसिंग फाइनेेंस कॉरपोरेशन (DHFL) के शेयरों में निवेश करने वालों के लिए बुधवार का दिन बेहतर साबित हुआ. बुधवार को पॉजिटिव सेंटीमेंट जुड़ने के बाद कंपनी के शेयर में 20 फीसदी तक तेजी आई है.
DHFL का शेयर मंगलवार को 134 रुपये के भाव पर बंद हुआ था. वहीं बुधवार को यह 147.40 के भाव पर खुला और कुछ देर में ही 160 रुपये के भाव पर पहुंच गया. यानी प्रति शेयर 26 रुपये का फायदा हुआ. इस लिहाज से अगर किसी ने 50 हजार रुपये लगाए होंगे तो उसकी रकम बढ़कर 60 हजार रुपये हो गई. कुछ घंटों में ही 10 हजार रुपये का फायदा.
जानकारों की राय
एक्सपर्ट के अनुसार हालांकि शेयर बाजार का अधिकांश कारोबार डे ट्रेडिंग का ही होता है, लेकिन फिर भी सावधानी के साथ कारोबार करना चाहिए. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देखना चाहिए. मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं. शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने? किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
(Discliamer: हम यहां इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, न कि निवेश की सलाह. शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने? सलाह जरूर लें.)
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