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प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन

प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन

नगरीय निकाय रिसाली स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का समापन

नगरीय निकाय रिसाली स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का समापन

RO No. 12200/36

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-जिला स्तर पर पहुंचने खिलाड़ियों ने दिखाया दम
रिसाली। नगर पालिक निगम स्तर पर रिसाली में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन छोटा दशहरा मैदान में किया गया। प्रतियोगिता का उद्घाटन 100 मीटर रेस से किया गया। प्रदेश महामंत्री जितेंद्र साहू, महापौर शशि सिन्हा व शिक्षा खेलकूद एवं युवा कल्याण विभाग प्रभारी सनीर साहू ने खिलाड़ी परिचय लेकर दौड़ के लिए हरी झंडी दिखाई।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है जब परंपरागत खेलों को लेकर सरकार आयोजन करा रही है। प्रतिभाओं को तराशने रिसाली निगम क्षेत्र में पहले वार्ड स्तर पर, प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन जोन स्तर पर और आज निगम स्तर पर आयोजन किया गया। खुशी है कि पहली बार इस क्षेत्र के खिलाड़ी जिला स्तर पर खेलेंगे वह भी परंपरागत खेल। खिलाड़ियों से परिचय लेते हुए महापौर शशि सिन्हा ने प्रतिभागियों को खेल भावना के साथ प्रतियोगिता में शामिल होने की बात कहते हुए बधाई दी। इस अवसर पर सभापति केशव बंछोर, महापौर परिषद के सदस्य विलास राव बोरकर, चंद्रभान ठाकुर, अनूप डे, गोविंद चतुर्वेदी, सोनिया देवांगन, ईश्वरी साहू, पार्षद डाॅ. सीमा साहू, जमुना ठाकुर, शीला नारखेड़े, सारिका साहू, जहीर अब्बास, अनिल देशमुख, रेखा देवी, सरिता देवांगन, एल्डरमेन संध्या वर्मा प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन आदि उपस्थित थे।

विजेता खिलाड़ियों को किया जाएगा पुरस्कृत
आयुक्त आशीष देवांगन ने समापन अवसर पर जिला स्तर के चयनित खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि निगम स्तर पर हुए प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत कर प्रमाण पत्र दिया जाएगा। आयुक्त ने सभी खिलाड़ियों और प्रतियोगिता संपन्न कराने शिक्षा विभाग से आए 13 सदस्यी पीटीआई टीम का आभार व्यक्त किया।

चोरों ने घर में घुसकर लाखों के जेवरात, नगदी व लेपटॉप चोरी कर हुए फरार

जानकारी के अनुसार हापुड़ के मोहल्ला पंचशील कालोनी निवासी जितेंद्र गोयल के मकान से चोर दिन में ही घुस आएं। घटना के साथ जितेंद्र ड्यूटी पर गए थे। पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य भी किसी काम से घर से बाहर गए थे। चोर ताला तोड़कर अंदर घुस गए और घर से 40 हजार रुपये, एक लैपटाप, सोने का हार, कंठी, मंगलसूत्र, चेन, कंगन और चांदी की दो जोड़ी पाजेब समेत अन्य सामान चोरी कर फरार हो गए ।

नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश स्तर के उच्चस्तरीय पदाधिकारियों ने अपने 48 मांगो को लेकर शिक्षा मंत्री श्री चन्द्रशेखर के साथ कि बैठक , थोड़ी देर पहले बैठक हुई सम्पन्न , शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों के इन मांगों को पूरा करने का दीया वचन

नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश स्तर के उच्चस्तरीय पदाधिकारियों ने अपने 48 मांगो को लेकर शिक्षा मंत्री श्री चन्द्रशेखर के साथ कि बैठक , थोड़ी देर पहले बैठक हुई सम्पन्न , शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों के इन मांगों को पूरा करने का दीया प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन वचन

बिहार पटना….परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश संयोजक प्रणय कुमार के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री के बुलावे पर विकास भवन स्थित मदन मोहन झा स्मृति सभागार पहुंचा।

शिक्षा मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों के साथ सभी शिक्षक संगठन की बैठक हुई सम्पन्न

पुराने शिक्षकों की भांति वेतनमान,सेवा शर्त,राज्यकर्मी का दर्जा,पुरानी पेंशन योजना समेत 4 दर्जन मांगो को शिक्षा मंत्री के समक्ष रखा।

बैठक में शिक्षा मंत्री के समक्ष नियोजित शिक्षकों के संगठन प्रदेशस्तरीय पदाधिकारियों के द्वारा पुराने शिक्षकों की भांति पूर्ण वेतनमान, पुराने शिक्षकों की सेवा शर्त, राज्य कर्मी का दर्जा, पुरानी पेंशन योजना सहित सामान्य भविष्य निधि, 300 दिनों का संचयी अर्जित अवकाश, उपादान, ग्रुप बीमा, पुरुष शिक्षकों को भी ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ, भूतलक्षी प्रभाव से सेवा निरंतरता का लाभ, स्नातक ग्रेड एवं प्रधानाध्यापक के पदों को प्रोन्नति से भरा जाना,सभी प्रकार का बकाया अंतर वेतन भुगतान, ग्रेड पे के मामले में 2 वर्षों की सेवा बाध्यता की समाप्ति, 10, 20 एवं 30 वर्ष की कालबद्ध प्रोन्नति,नव प्रशिक्षित शिक्षकों के वेतन निर्धारण में index3 की बाध्यता की समाप्ति,
सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों को एक वेतन वृद्धि देकर वेतन विसंगति दूर करना, प्रत्येक माह की 1 तारीख को वेतन भुगतान, गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति, उच्च शिक्षा हेतु सवैतनिक अध्ययन अवकाश, प्रधान शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा में बेसिक ग्रेड के शिक्षकों हेतु 8 वर्ष एवं स्नातक ग्रेड के शिक्षकों हेतु सेवा संपुष्टि की बाध्यता की समाप्ति, नेगेटिव मार्किंग की समाप्ति, B.Ed योग्यता धारी प्राथमिक शिक्षकों हेतु ब्रिज कोर्स का आयोजन, छठे चरण में नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से ग्रेड पे का लाभ, स्नातक योग्यता धारी 8 वर्षों की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षकों को स्नातक ग्रेड में समायोजन, शारीरिक शिक्षकों को भी स्नातक ग्रेड एवं प्रधानाध्यापक में प्रोन्नति, जनप्रतिनिधियों के अनावश्यक हस्तक्षेप पर रोक ,प्रारंभिक शिक्षकों को शिक्षक निर्वाचन में मताधिकार के प्रयोग की अनुमति, शिक्षकों के सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष के स्थान 65 वर्ष करने,31 मार्च 2019 के बाद अप्रशिक्षित रहे शिक्षकों के लिए पूरक परीक्षा आयोजित करने एवं सेवा में बहाल रखने समेत कई मांगों को रखा।

Meltwater Chess Tour 2022: अर्जुन एरिगेसी को मिली जीत, आर प्रज्ञानानंदा हारे

आर प्रज्ञानानंदा को मिली शिकस्त. (International Chess Federation Twitter)

Meltwater Chess Tour 2022: भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगेसी ने लगातार तीन हार के बाद मेल्टवाटर चैंपियन्स टूर फाइनल्स शतरंज टूर्नामेंट के चौथे दौर में पहली जीत दर्ज की जबकि पिछले मुकाबले में जीत का स्वाद चखने वाले उनके हमवतन आर प्रज्ञानानंदा को हार का सामना करना पड़ा है.

  • भाषा
  • Last Updated : November 18, 2022, 11:54 IST

हाइलाइट्स

अर्जुन एरिगेसी को मिली पहली जीत
आर प्रज्ञानानंदा को मिली शिकस्त
मैग्नस कार्लसन को भी मिली जीत

नई दिल्ली. भारतीय ग्रैंडमास्टर (जीएम) अर्जुन एरिगेसी (Arjun Erigaisi) ने लगातार तीन हार के बाद शुक्रवार को यहां मेल्टवाटर चैंपियन्स टूर फाइनल्स शतरंज टूर्नामेंट के चौथे दौर में पहली जीत दर्ज की जबकि पिछले मुकाबले में जीत का स्वाद चखने वाले उनके हमवतन आर प्रज्ञानानंदा (R Praggnanandhaa) को हार का सामना करना पड़ा. एरिगेसी ने अजरबैजान के शाखरियार मामेदयारोव को प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन 3-1 से हराया, तो वहीं प्रज्ञानानंदा को अमेरिका के जीएम वेस्ली सो से 1-2 से हार का सामना करना प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन पड़ा.

इस बीच, नॉर्वे के दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन ने नीदरलैंड के जीएम अनीश गिरी को 3-0 से हराया, जबकि वियतनाम के क्वांग लीम ले ने पोलैंड के जीएम जान-क्रिज्सस्टोफ डूडा के विजयी अभियान को रोका. क्वांग ने 3-1 से जीत दर्ज की.

अब तक खराब लय से जूझ रहे एरिगेसी ने अपने खेल के स्तर को सुधार करते हुए अनुभवी मामेदयारोव के खिलाफ पहला मुकाबला ड्रॉ खेलने के बाद दूसरे मुकाबले को 58 चाल में अपने नाम किया. इन दोनों के बीच तीसरा मुकाबला फिर से ड्रॉ रहा जबकि भारतीय खिलाड़ी ने चौथे मुकाबले को 71 चाल में अपने नाम किया.

प्रज्ञानानंदा और सो के शुरुआती दोनों मुकाबले बराबरी पर छूटे. अमेरिका के खिलाड़ी ने इसके बाद तीसरा और चौथा मुकाबला अपने नाम कर शानदार जीत दर्ज की. शनिवार को पांचवें दौर में, एरिगेसी के सामने गिरी जबकि प्रज्ञानानंदा के सामने डूडा की चुनौती होगी.

यह टूर्नामेंट राउंड रोबिन आधार पर खेला जा रहा है. सबसे अधिक अंक जुटाने वाला खिलाड़ी विजेता बनेगा. मेल्टवाटर चैंपियन्स टूर में कई प्रतियोगिताओं की श्रृंखला के बाद आठ शीर्ष खिलाड़ियों ने फाइनल्स में जगह बनाई. टूर फाइल्स की कुल इनामी राशि दो लाख 10 हजार डॉलर है. राउंड रोबिन में प्रत्येक जीत के लिए 7500 डॉलर मिलेंगे.

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शिक्षकों के अध्यापन संबंधी डीयू ने नई गाइडलाइंस जारी की , फोरम ने विरोध जताया ।

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दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने सभी डीन , विभागों के अध्यक्षों व कॉलेजों के प्राचार्यो को एक अधिसूचना जारी की है जिसमें स्नातक पाठ्यक्रमों व स्नातकोत्तर शिक्षण के लिए नई गाइडलाइंस लागू करने को कहा है । नई गाइडलाइंस में व्याख्यान, ट्यूटोरियल और लैब प्रेक्टिकल के लिए ग्रुप ( समूह ) के आकार को परिभाषित किया गया है । फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शिक्षकों के अध्यापन संबंधी जारी अधिसूचना को हास्यास्पद और इसे शिक्षक विरोधी बताया है । उन्होंने बताया है कि नई गाइडलाइंस भविष्य में 50 फीसदी शिक्षकों का वर्कलोड कम कर देगी । क्योंकि यह एलओसीएफ कोर्सवर्क के हिस्से के रूप में अकादमिक परिषद द्वारा अपनाए गए मानदंडों का पूरी तरह से उल्लंघन करती है । डॉ. सुमन ने बताया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा भेजी गई अधिसूचना के अनुसार कक्षा में छात्रों की संख्या व उसका साइज स्नातक स्तर पर -- 60 छात्रों पर लेक्चर , ट्यूटोरियल ---30 छात्रों की संख्या , प्रेक्टिकल --25 छात्रों की संख्या , इसी तरह स्नातकोत्तर स्तर पर --50 छात्र पर लेक्चर , ट्यूटोरियल --25 छात्रों की संख्या , प्रेक्टिकल --15 --20 छात्रों की संख्या हो । उन्होंने बताया है कि यह अधिसूचना जो शिक्षक -शिक्षण वातावरण को फिर से परिभाषित करेगी । इसे वैधानिक निकायों में बिना किसी विचार-विमर्श के जारी किया गया है। उन्होंने कुलपति से मांग की है कि 22 नवंबर 2022 को अकादमिक परिषद की हो रही बैठक में इस अधिसूचना पर एकेडमिक काउंसिल में चर्चा कराएं और सदस्यों से पास होने के बाद ही इसे लागू करें ।

डॉ. सुमन का कहना है कि 2019 में विश्वविद्यालय द्वारा अपनाए गए एलओसीएफ (LoCF ) पाठ्यक्रम में स्पष्ट रूप से 8-10 छात्रों को ट्यूटोरियल समूहों के प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन आदर्श आकार के रूप में रखा गया है ताकि विभिन्न प्रकार के छात्रों की अलग-अलग ज़रूरतों को पूरा किया जा सके। इसी तरह, LoCF बहुत स्पष्ट रूप से बताता है कि लैब (व्यावहारिक) छात्रों के समूह का आकार प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन 12 छात्रों का होना चाहिए। डीयू प्रशासन इन सुविचारित मानदंडों को कम क्यों करना चाहता है जो कई दशकों के अकादमिक कामकाज के माध्यम से सिद्ध हुए हैं ? उनका कहना है कि नई नीति पूरी तरह से शिक्षक विरोधी है जो वर्तमान में लगे एडहॉक शिक्षकों की छटनी करना चाहती है । उन्होंने 30 छात्रों का एक ट्यूटोरियल आकार एक उपहास बताया है। यह शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया के शैक्षणिक और कार्यभार दोनों आयामों के संदर्भ में एक ट्यूटोरियल प्रणाली होने के आधार को पूरी तरह से कमजोर करता है । डॉ.सुमन का यह भी कहना है कि यह अधिसूचना इस वर्ष लागू किए गए चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के चौथे वर्ष के लिए शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाने की तरह है । यह पूरी तरह से विश्वविद्यालय द्वारा एक हताश कार्य की तरह दिखता है । यह सब इसलिए किया जा रहा है क्योंकि सरकार अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क (यूजीसीएफ) संरचना को लागू करना चाहती प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन है लेकिन वह विश्वविद्यालय व कॉलेजों को अतिरिक्त अनुदान और शिक्षण पदों पर चुप है जो कई और विकल्प और अध्ययन के चौथे वर्ष की पेशकश करता है। उनका कहना है कि पिछले एक दशक से कॉलेजों में स्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया न होने से 60 से 70 फीसदी शिक्षक एडहॉक लगे हुए है और अब नई अधिसूचना जारी होने के बाद तो अपने आप ही शिक्षकों की छटनी हो जाएगी ।जो शिक्षक लंबे समय से पढ़ा रहे हैं वे इस नए सिस्टम के आने से बाहर हो जाएंगे । डॉ.सुमन का यह भी कहना है कि यह अधिसूचना शिक्षकों की बढ़ती आवश्यकता और सीखने की गहराई की उपेक्षा करती है क्योंकि यूजीसीएफ का उद्देश्य स्नातक स्तर पर रिसर्च को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनुसंधान को बड़े पैमाने पर शुरू करना है । यदि शिक्षण अधिगम के वर्तमान समूह के आकार को व्याख्यान, ट्यूटोरियल और प्रेक्टिकल के लिए अस्वीकार कर दिया जाता है तो यह यूजीसीजी के पत्र और उसकी भावना के साथ असंगत होगा। आखिरकार यूजीसीएफ (UGCF) संरचना को वास्तव में चार वर्षों में प्रत्येक चरण में एक विस्तारित पैमाने पर शिक्षकों द्वारा परामर्श की आवश्यकता होती है। उनका यह भी कहना है यदि इन कार्यभार मानदंडों को लागू किया जाता है तो यह शिक्षण-अधिगम की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। इसका परिणाम कई शिक्षकों को सरप्लस बनाने में भी हो सकता है । ये गैर-शैक्षणिक मानदंड शिक्षकों और छात्रों के लिए अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कुलपति से इस अधिसूचना को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की है । विश्वविद्यालय प्रशासन को शिक्षण अधिगम प्रक्रिया की अखंडता की रक्षा करना शिक्षकों की सामूहिक जिम्मेदारी बताया है ।

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