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ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें?

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भारत में लघु उद्योग के फायदे और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया | What Is Laghu Udyog, Benefits & Registration

MSME की बात करें तो माइक्रो स्मॉल मध्यम इंटरप्राइजेज होता है जिसका दायरा काफी बड़ा है और अगर आप कोई ऐसा उद्योग शुरू करने का विचार कर रहे हैं तो निश्चित रूप से इस लेख से आपको काफी मदद मिलेगी क्योंकि हमने ना सिर्फ लघु उद्योगों के बारे में बताया है बल्कि उससे जुड़ी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और फायदे ऐसे सारे बिंदु आप यहाँ पढ़ सकेंगे।

वैसे तो भारत में लघु उद्योग वह है जहाँ निवेश न्यूनतम 25 लाख रूपये और अधिकतम 5 करोड़ रूपये होता है, मध्यम उद्योग वह है जहाँ निवेश न्यूनतम पाँच करोड़ रूपये और अधिकतम 10 करोड़ रूपये होता है।

लघु उद्योग क्या है? | Laghu Udyog Kya Hai?

नाम से अगर देखा जाए तो लगभग लोग भारत में ऐसे समझते हैं कि यह कोई छोटा-मोटा बिज़नेस होगा लेकिन जैसा की हमने बताया है कि लघु उद्योग का दायरा काफी बड़ा होता है।

साधारण रूप में आप समझिए यह उद्योग वह होता है जो आसानी से घर से भी शुरू किया जा सके, जिसमें कम से कम रजिस्ट्रेशन का टेंशन हो और सरकार की ओर से मदद भी काफी मिले। अगर बड़े रूप से बात करें तो यह उद्योग MSME का एक अंग है, MSME भी हमने ऊपर समझाया हुआ है क्या होता है।

लघु उद्योग अगर सही मायने में देखा जाए तो यह सबसे ज्यादा रोज़गार और आत्मनिर्भरता के अवसर पैदा करता है, यह उद्योग वैसे तो हर क्षेत्र की मांग के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं।

कुछ सामान्य उद्योग हैं जो भारत के लगभग हर क्षेत्र के लिए उपयोगी हैं जैसे साबुन बनाना, जूते-चप्पल का काम, पेन-पेंसिल उद्योग, कॉपी-पेपर, मुर्गी पालन, गुड़ का निर्माण, मोमबत्ती उद्योग, सिलाई-कढ़ाई उद्योग इत्यादि।

भारत में देखा जाए तो बड़े-बड़े उद्योगों के मुकाबले ये लघु और मध्यम उद्योग रोज़गार के ज्यादा अवसर ला रहे हैं जबकि अति सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे उद्योग के लिए दिशा ना मिलने और अगर दिशा मिल जाये तो उतना ऋण ना मिल पाना या ऋण की ब्याज़ दरें फिर कच्चा माल खरीदने और इसे रखने का टेंशन।

इतनी सारी समस्याओं के बाद भी भारत में लघु उद्योग सबसे ज्यादा चर्चित है और सरकारें भी इन उद्योगों के प्रोत्साहन में तमाम योजनाएं भी लाती हैं। नीचे हमने बताया है कि ये उद्योग कितने प्रकार के होते हैं और ये भारत में कैसे उपयोगी हैं।

Logistics Business क्या है, Transport business कैसे शुरू करें?

Logistics Business का मतलब Transport Business से होता है. मतलब आपका बिजनेस चीजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करेगा. जैसे किसी व्यक्ति को अपने घर का सामान एक ही शहर में किसी जगह ले जाना है या फिर एक शहर से दूसरे शहर ले जाना है तो इस तरह का काम Logistics Business यानी ट्रांसपोर्ट बिजनेस में किया जाता है.

By इंडिया रिव्यूज डेस्क On May 31, 2021 6,450 0

Logistics business in hindi

Logistics Business के बारे में आपने कम ही सुना होगा लेकिन इसका उपयोग हम सभी बहुत ज्यादा करते हैं. वर्तमान समय में ये बहुत ज्यादा चलने वाला बिजनेस है और इसमें कमाई भी अच्छी है. अगर आप Logistics Business करना चाहते हैं तो इस लेख में आपको Logistics Business से जुड़े कई सारे सवालों के जवाब मिलेंगे.

Logistics Business क्या है? (Meaning of Logistics business in Hindi )

Logistics Business का मतलब Transport Business से होता है. मतलब आपका बिजनेस चीजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करेगा. जैसे किसी व्यक्ति को अपने घर का सामान एक ही शहर में किसी जगह ले जाना है या फिर एक शहर से दूसरे शहर ले जाना है तो इस तरह का काम Logistics Business ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? यानी ट्रांसपोर्ट बिजनेस में किया जाता है. इसमें काफी अच्छी कमाई होती है. यही कारण है कि काफी सारे लोग इसमें अपना पैसा लगाए हुए हैं और सरकार भी इसे करने के लिए बढ़ावा दे रही है.

Transport Company कैसे शुरू करें? (How to start a logistics business?)

Logistics के बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको खुद की एक Logistics Company या Transport company शुरू करनी होगी. कंपनी को शुरू करने के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखें.

> ट्रांसपोर्ट कंपनी का रजिस्ट्रेशन

सबसे पहले आपको अपनी कंपनी का एक अच्छा सा नाम रखकर अपनी कंपनी को रजिस्टर कराना होगा. कंपनी शुरू करने के लिए आपको जीएसटी नंबर, शॉप एक्ट लाइसेंस, उद्योग आधार पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. करीब 10 से 15 हजार रुपये के खर्च के साथ आपकी कंपनी का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा.

> Investment कहाँ से लाएँ?

ट्रांसपोर्ट ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? बिजनेस को शुरू करने के लिए आपके पास इन्वेस्टमेंट है तो अच्छी बात है. अगर आपके पास इन्वेस्टमेंट नहीं है तो आप किसी बैंक के जरिये लोन भी ले सकते हैं. बैंक आपको 80 प्रतिशत तक का लोन दे देती है. जिससे आप 10 वाहन तक खरीद सकते हैं.

> Driver और helper

इस बिजनेस में दो लोग काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है. एक तो ड्राइवर जो गाड़ी चलाएगा और दूसरा हेल्पर जो सामान को यहाँ से वहाँ रखेगा. इन दोनों की नियुक्ति आपको करनी ही पड़ेगी. इसलिए इन दोनों की सैलरी का बजट तैयार रखें.

Logistics का काम कैसे शुरू करें?

आपने कंपनी शुरू कर ली ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? लेकिन समस्या तब आती है जब कंपनी शुरू करने के बाद भी काम न मिल रहा हो. इसके लिए आपको थोड़ा सा दिमाग लगाना होगा और ये पता करना होगा कि आपने जहां पर अपनी कंपनी शुरू की है वहाँ पर ट्रांसपोर्ट का काम किस जगह पर होता है और कितनी दूरी के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? होता ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? है. उस हिसाब से आप अपना काम शुरू कर सकते हैं. जैसे :

– अपने शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में जाएँ और वहाँ पर ट्रांसपोर्ट के बारे में पड़ताल करें. उन्हें अपने ऑफर के बारे में बताएं.

– आप रोजाना गांव से शहर आने वाली चीजों को लाने ले जाने का काम कर सकते हैं. जैसे दूध, सब्जियां, फल आदि.

– आप ट्रेवल्स वालों का सामान शहर में ही किसी दूसरी जगह पर पहुंचाने का काम कर सकते हैं.

– आप बड़े-बड़े शोरूम में जो प्रॉडक्ट आते हैं उनकी डिलिवरी करने का ऑर्डर ले सकते हैं क्योंकि उनमें बड़ी मात्रा में सामान आता है और इसके लिए बड़ी गाड़ी की जरूरत पड़ती है.

Logistics Business को शुरू करने से पहले यदि आपके पास Contacts हैं तो बहुत अच्छी बात है क्योंकि फिर आपका काम तेजी से चल पड़ेगा और आप बहुत जल्दी ग्रो भी कर जाएंगे. लेकिन यदि आपके पास पहले काम की ही कमी है तो आपको ग्रो होने में थोड़ा वक़्त लग सकता है.

Transport Business की लागत (Transport Business Cost)

इस बिजनेस की लागत फिक्स नहीं है. ये पूरी तरह आपके द्वारा खरीदी गई गाड़ियों पर निर्भर करती है. जैसे आप ट्रांसपोर्ट के लिए छोटी गाड़ी खरीदेंगे तो आपका काम 10 लाख रुपये में भी हो जाएगा लेकिन यदि आप ट्रांसपोर्ट के लिए ट्रक खरीदेंगे तो फिर उसके हिसाब से लागत लगेगी.

Logistics Business एक ऐसा बिजनेस है जो हमेशा आपको कमा कर देगा. आने वाले कई सालों तक ऐसा कुछ भीं नहीं होने वाला है जो Logistics business या transport business को खत्म कर सके. इसलिए यदि आपको Transport business की जानकारी है तो आप Logistics Business start कर सकते हैं.

आईपीओ (IPO) क्या है

शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते है परन्तु नॉलेज के आभाव के कारण इन्वेस्ट (Invest) नहीं कर पाते है | यदि पता भी होता है तो फिर भी पूरे नियम नहीं पता होते है | जिस कारण उन्हें कभी नुकसान का भी सामना करना पड़ता है | बहुत सी बड़ी कंपनियां अपनी कम्पनी में इन्वेस्टर्स को बढ़ाने के लिए आईपीओ (IPO) का इस्तेमाल करके मदद लेती रही है

| प्रसिद्द एवं लाभ कमाने वाली कंपनियों के आईपीओ (IPO), शेयर बाजार में बिजनेस करने ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? वालों के लिए बड़ा आकर्षण केंद्र होता हैं। अगर शेयर बाजार की बात की जाये तो बाजार की चाल कुछ ही समय में कुछ और होती है तो दूसरे ही समय बाद स्टॉक मार्केट को समझना थोड़ा कठिन हो जाता है | यदि आप भी आईपीओ (IPO) क्या है, IPO का फुल फॉर्म, IPO में ऑनलाइन निवेश कैसे करे, इसके विषय में जानना चाहते है तो यहाँ पर पूरी जानकारी दी जा रही है |

हमे आशा है कि इस लेख को पढने के बाद आपको आईपीओ से सम्बंधित सारी जानकारी आसान शब्दों में प्राप्त हो जायेगी व आप इसका लाभ उठाकर शेयर मार्किट से लाभ प्राप्त कर सकेगे |

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आईपीओ (IPO) का फुल फॉर्म

आईपीओ (IPO) का फुल फॉर्म “Initial Public Offering” होता है, इसका हिंदी में उच्चारण “इनिशियल ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? पब्लिक ऑफरिंग्स” होता है | इसका हिंदी में अर्थ “प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव” होता है | जिसका प्रयोग शेयर ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? बाजार में प्रमुख भूमिका होती है |

आईपीओ का क्या मतलब है

आईपीओ (IPO), वह प्रक्रिया है, जब कोई कंपनी, फर्स्ट टाइम अपने शेयरों को पब्लिक या सामान्य जनता के समक्ष खरीदने की पेशकश रखता है। इसी वजह से इसे प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (Initial Public Offering) कहते है। यही प्रक्रिया IPO होती हैं।

साधारणत: प्राइवेट कंपनियां या कॉर्पोरेशन कंपनियां, कम्पनी के लिए बडी मात्रा में पूंजी एकत्र करने के लिए आईपीओ की सुविधा पेश की जाती हैं। कई क्षेत्रों में सरकारी कंपनियां भी विनिवेश (disinvestment) के द्वारा पूंजी एकत्रित करने के लिए आईपीओ (IPO) लाती हैं। विनिवेश के प्रोसेस में, शेयर मार्केट के द्वारा, कोई – कोई सरकारी कम्पनिया अपनी कुछ हिस्सेदारी, लोगों को भी बेचती है | कंपनी बाज़ार से पूँजी इक्कठा कर अपने बिज़नेस में एक्सपेंशन करती है और ज्यादा मुनाफा कमाकर अपने शेयर धारको के बीच बाटती है | इससे कंपनी और कंपनी में निवेश करने वाले निवेशक को भी लाभ मिलता है |

जब भी कोई कंपनी आईपीओ (IPO) की सुविधा का प्रयोग करती है तो इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए दो चीजें तय करनी होती हैं-

  • Underwriter or underwriters: इसके द्वारा कंपनी के शेयरों को बेचने की रूपरेखा तैयार की जाती है |
  • Stock exchange: स्टॉक एक्सचेंज द्वारा शेयर बेचे जाते हैं, जहाँ पर खुद को सूचीबद्ध (listed) कराना होता है |

आईपीओ (IPO) की कीमत तय की प्रक्रिया

  • प्राइस बैंड (Price Band) |
  • दूसरा फिक्स्ड प्राइस इश्यू (Fixed price Issue)।

प्राइस बैंड (Price Band)

जिन कंपनियों को आईपीओ (IPO) लाने की अनुमति प्राप्त हो जाती है तो उसे अपने सभी शेयरों की कीमत तय करने का अधिकार होता हैं | इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफा कैसे शुरू करें? और कुछ अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सेबी (SEBI) और बैंकों को रिजर्व बैंक (RBI) से अनुमति लेना जरूरी होता है | भारत में 20 फीसदी प्राइस बैंड की ही अनुमति प्रदान की गई है |

फिक्स्ड प्राइस इश्यू (Fixed price Issue) यानि की अंतिम मूल्य

बैंड प्राइस तय होने के बाद किसी भी कीमत के लिए बोली लगाईं जा सकती है | इसमें व्यक्ति कटऑफ बोली भी लगा सकता है | कंपनी इसमें एक ऐसा मूल्य तय करती है, जहां पर उसे अंदाजा होता है कि उसके पुरे शेयर बिक जाएंगे |

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